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Competition | Rank | Certificate |
---|---|---|
चित्राक्षरी आयोजन फरवरी 2021 | Certificate |
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Reader Points 5140
Section | Genre | Rank |
---|---|---|
कविता | हाइकु | |
कहानी | सामाजिक | |
कहानी | ऐतिहासिक | |
कहानी | प्रेरणादायक | |
कहानी | अन्य | |
कहानी | हॉरर | |
कहानी | संस्मरण | |
कहानी | बाल कहानी | |
लेख | आलेख | |
लेख | अन्य | |
कहानी | सस्पेंस और थ्रिलर | |
कहानी | एकांकी | |
कहानी | लघुकथा | 4th |
London is the capital city of England.
लेखआलेख
#साहित्य अर्पण
१७/०८/२०२३
#विषय: हरियाली तीज
#विधा: आलेख
हरियाली तीज श्रावण मास में शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इसे श्रावणी तीज, सिंधारा तीज व छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है।नाथद्वारा
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कविताअन्य
#साहित्य अर्पण मंच
#पुस्तक वाला आयोजन- २
#दिनांक:०१/०६/२०२३
#विषय:मुक्त(धर्म के प्रति उदासीनता)
#विधा: मुक्त(परिचर्चा)
स्थान:राधे कृष्णा संस्थान सामूहिक भवन
सदस्य:श्री श्रवन मित्र,संस्थान प्रमुख
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कविताअन्य
बुद्धपूर्णिमा
१.
वैशाख
दिवस पूर्णिमा
लुंबिनी वर्तमान नेपाल
कपिलवस्तु शाक्य वंश में
गण प्रमुख शुद्धोधन के घर
माता माया देवी की कोख से
सिद्धार्थ ने लिया था पुण्य रुप अवतार
माता को खो दिया मात्र
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लेखआलेख
कुंभलगढ़ की दीवार
करीब 36 किलोमीटर लंबी दीवार जहां से अरावली पर्वत श्रृंखला 10 किलोमीटर दूर तक दिखाई देती ,13 पहाड़ियों से
घिरी हुई, समुद्र की सतह से 1,914 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की दूसरी सबसे
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कविताअन्य
गर्मी
१.
चमन के फूल मुरझाए
घाम सताए,चलें गर्म हवाएं
सबेरा जल्दी उजास फैलाए
जाने कौन चैन दिलाए
ऐ सखि साजन?न सखि सावन।
२.कोयल की सुन मीठी तान
जिया मेरा भूला सब भान
मधुर आम्ररस का करुं पान
उठा बवंडर
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लेखआलेख
ऑनलाइन शॉपिंग
कुछ साल पहले,ऑनलाइन शॉपिंग लोकप्रिय नहीं थी,लेकिन आजकल ऑनलाइन शॉपिंग खरीदारी के लिए सबसे अच्छी और बेहद सुविधाजनक विधि है। जिसमें ग्राहक को वस्तु लेने नहीं जाना पड़ता बल्कि वस्तु
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लेखआलेख
साहित्य समाज की पुनर्सृष्टि है।
"हितेन सहितम्" अर्थात जो हित का साधन करता है,वह साहित्य है। साहित्य में सहित का भाव होता है ,साथ का भाव होता है।मनुष्य का मनुष्य से, अतीत का वर्तमान से, शब्द का अर्थ
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जी. बहुत सुन्दरता से आपने साहित्य और समाज के सम्बन्ध की व्याख्या की है.. 🙏
जी, आपका हार्दिक आभार
लेखआलेख
महामारी के बीच भारत
भारत महामारी से उभरती चुनौतियों से साथ ही अंतरराष्ट्रीय कूटनीति से निपटने के लिए तैयारी कर रहा है। घरेलू तौर पर भारत ने देशव्यापी तालाबंदी लागू की। मालदीव, श्रीलंका, नेपाल,
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लेखआलेख
स्वयं स्वस्थ जनता स्वस्थ
कोरोना से बचाव के लिए योग के आसान रामबाण सा काम करते हैं।इनको करने से शरीर स्वस्थ रहता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है,इससे साथ ही श्वसनतंत्र मजबूत होता है।योग
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लेखआलेख
"बाबा,बाबा,अभी रेडियो आकाशवाणी से, 'स्वस्थ हम, स्वस्थ समाज' कार्यक्रम का प्रसारण होने जा रहा है। विष्णु चाचा ने कहा है कि सभी इस प्रसारण को ध्यान से सुनें, बहुत काम की बातें बताई जाएंगी।"
"अच्छा कब
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लेखआलेख
समस्या और समाधान
नन्ही ईरा दौड़ती हुई दादी के कमरे में आई। कल रात से आ रही कोरोना की खबरों से मम्मी- पापा को चिंतातुर देखकर दादी से ही कुछ समाधान निकलेगा ऐसा सोचते कमरे में बहुत वेग से घुसी।
उसे
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कविताअतुकांत कविता
बुखार, थकान के लक्षण आवें
सूखी खांसी गर सताए
स्वाद,सुगंध का फ़र्क भुलावे
पखवाड़ा भर ताप सताए
समझो कोविड - उन्नीस दबाए
मधुमेह,दिल और अस्थमा रोगी
सावधानी रखेगी निरोगी
विश्व त्रस्त आतंकी सूक्ष्म
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
विषय:महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र
विधा: पत्र लेखन
हे ईश्वर,
शत- शत नमन
प्रभु, आप तो अंतर्यामी हैं घट -घट में बसे हैं।आप जानते हैं,पिछला वर्ष किसी तरह बीता,सोचा था ,अब कोरोना से निजात मिलेगी।
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
विषय:महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र
विधा: पत्र लेखन
हे ईश्वर,
शत- शत नमन
प्रभु, आप तो अंतर्यामी हैं घट -घट में बसे हैं।आप जानते हैं,पिछला वर्ष किसी तरह बीता,सोचा था ,अब कोरोना से निजात मिलेगी।
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, बाल कहानी
अनोखी रामलीला
"बच्चो, आज हम बात करेंगे एक रामलीला कमेटी की जिसमें सभी कलाकार महिलाएं हैं।"
"वाह! महिला सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण या कि महिलाओं का ही वर्चस्व हो उसका उदाहरण?"मोहन ने हंसते हुए कहा।
"
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कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, बाल कहानी
ब्रह्मनाद ऊँ
जय नदी जय हिंद
(चाचाजी आजकल परिवार के बच्चों को नई - नई जानकारी देते रहते हैं। बच्चो का समय भी कट जाता है और ज्ञान वर्धन भी हो रहा है)।
"बच्चों आज बात करेंगे उस ब्रह्म नाद की जिसे हजारों
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कहानीऐतिहासिक, बाल कहानी
"नमस्कार बच्चो, आज हम पांडवों और कौरवों से जुड़ी तमाम घटनाओं के साक्षी हस्तिनापुर की बात करेंगे।आज यह जैन धर्म का बड़ा केंद्र बन चुका है।जैन धर्म के कुल 24 में से 16वें,17वें तथा 18वें तीर्थंकर शांतिनाथ,
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कहानीसामाजिक, लघुकथा, बाल कहानी
अनोखा दशहरा
"मां, आज दशहरा है, दशहरा.. आज मेला नहीं लगेगा, रावण वध नहीं होगा ?"
"बेटा,यह साल तो ऐसे ही चला जाएगा, होली से अब तक बस ऐसे ही चल रहा है।अब तो न रामलीला होगी ,न दिवाली का धूम धड़ाका!"
"रामलीला भी
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लेखआलेख
नवरात्रि का महत्व और तैयारी
नवरात्रि को माँ-दुर्गा की अवधारणा भक्ति और परमात्मा की शक्ति और परम रचनात्मक ऊर्जा की पूजा की सबसे शुभ और अनोखी अवधि माना जाता है। नवरात्रि पूजन वैदिक युग से पहले, प्रागैतिहासिक
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लेखआलेख
नव संवत्सर
त्योहार भारतीय संस्कृति के जनक हैं। त्योहार हमारे सांस्कृतिक इतिहास की रचना हैं।भारतीय जनजीवन में त्योहारों और उत्सवों का आदिकाल से ही काफी महत्त्व रहा है। हमारे त्योहार मानवीय
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👌🏻
जी, धन्यवाद
आपका हार्दिक धन्यवाद
लेखआलेख
गणेश चतुर्थी के अवसर पर
विघ्नहर्ता मंगलकर्ता
रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं।भक्त उन्हें विघ्नहर्ता मंगलकर्ता कहते हैं। गणपति
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कहानीसामाजिक, लघुकथा
एक अजनबी दोस्त
मैने नंबर मिलाया, दूसरी तरफ से रिंग हो इससे पूर्व ही मुझे अहसास हो गया कि गलत नंबर लग चुका था।बहरहाल, रिंग जा रही थी,थोड़ी देर बाद किसी ने उठाया, "रोंग नंबर ।"रूखी सी आवाज़ थी। फोन काट
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कहानीसामाजिक, लघुकथा, बाल कहानी
कान्हा जी की छठ्ठी
"मां,इस बार हम बुआ के घर की कान्हा की छठी की धूमधाम नहीं देख पाएंगे,न ?" नन्हें कौस्तुभ ने मृणालिनी का आंचल खिंचते हुए पूछा।
मृणालिनी भी कल से यही सोच- सोच कर उदास थी। अपने घर मना
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सुन्दर निर्णय..!
हार्दिक आभार
धन्यवाद
कहानीसंस्मरण
पिता की सीख
बालपन कोरा कागज़ होता है, जिस पर परिवार के लोग जैसी इबारत लिखते हैं,वह ताउम्र उस पर प्रभाव डालती है।क्योंकि बच्चे की पहली पाठशाला उसका घर होता है और पहले गुरु माता- पिता।बच्चों का कोमल
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बहुत सुन्दर स्मृतियाँ..!
जी, आपका हार्दिक आभार
लेखआलेख
नैतिक मूल्यों का पतन, जिम्मेदार कौन?
नैतिक मूल्य क्या हैं,पहले इसे परिभाषित करते हैं।मेरी राय में वे गुण जो व्यक्ति के स्वयं के सर्वांगीण विकास और कल्याण में योगदान देने के साथ-साथ किसी अन्य के
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आदरणीय रचना एडिट कर प्रतियोगिता वाला ऑप्शन पर क्लिक कर प्रतियोगिता का चुनाव किजियेएगा। अभी रचना ऐड नही हुई है प्रतियोगिता में
लेखआलेख
क्या स्कूल अभी खुलने चाहिए?
देश में एक बार फिर से संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे वक़्त में स्कूल खोलने के क्या ख़तरे होंगे और क्या ये कदम कोरोना वायरस के प्रकोप को और बढ़ाने का काम करेगा,यह
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आपने बहुत बारीकी से. स्कूल खोलने में आने वाली सारी समस्याओं की चर्चा आपने विस्तार से की है.
जी, कोशिश की है। धन्यवाद
लेखआलेख
बदलती भारतीय संस्कृति का प्रभाव हमारी सोच पर, हमारे सामाजिक ढांचे पर, हमारी पारिवारिक संरचना पर देखा जा सकता है। बदलाव का कारण जो भी हो ,आधुनिकता हो अथवा उससे आगे बढ़कर उत्तर-आधुनिकता हो, अथवा अन्य
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एक ज्वलंत सच्चाई का आपने बहुत अच्छी तरह से सही मूल्यांकन किया है.👌👍🙏🙏
कविताअतुकांत कविता
नदी की वेदना
आग हूं जिससे ढुलकते बिंदु हिम जल के
धारा सूखी, सूखी धरा बिन वन जीवन के
गिरी पत्तियां ,टूटी डाली, उजड़े नीड़ चिरैया के
पनघट,नदिया,ताल- तलैया कहां गये सब बचपन के?
देख तुम्हारी वेदना
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लेखआलेख
आस्था का प्रतीक हमारी नदियां
भारत दुनिया का एक मात्र ऐसा देश हैं, जहां नदियों को देवी का दर्जा दिया गया हैं।भारत में कई नदिया है इसलिए भारत को नदियों का देश भी कहा गया है।हम नदियों को पतितपावनी,
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लेखआलेख
महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है।यह भगवान शिव का पर्व है जिसे फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ। पौराणिक
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लेखआलेख
माता सरस्वती ज्ञान और बुद्धि की देवी है। सृष्टि में जितने भी वेद पुराणों का ज्ञान है, सब उनसे है, समस्त संगीत और विद्या उनसे है।
मां सरस्वती को विद्या बुद्धि प्रदायिनी माना जाता है।
कहते है सृष्टि
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लेखआलेख
जया एकादशी
माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं. यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है, इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है. भगवान विष्णु
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लेखआलेख
हमारे देश के पास दुनियाँ की चौथी सबसे विशाल सेना हैं,जिन्हें तीन मुख्य भागों में बाटा गया है। जिनमें भारतीय नौसेना, भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना हैं।
शायद ही ऐसा कोई भारतीय होगा जो भारतीय
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कविताअन्य
विषय: बलिदान
विधा: तांका
ये
वीर
जवान
की दास्तान
कर्तव्य वेदी
पर बलिदान
अद्भुत अभिमान।
वो
शौर्य
कर्तव्य
स्वाभिमान
मातृभूमि को
अर्पित हों प्राण
यही है अरमान।
ये
देश
हमारा
है सम्मान
सौगंध
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लेखआलेख
साहित्य अर्पण
भारत का एक गांव, जहां मिलता है दही जमाने वाला चमत्कारी पत्थर
दही जमाने के लिए लोग अक्सर जामन ढूंढ़ते नजर आते हैं। लेकिन राजस्थान के जैसलमेर जिले के एक गांव में जामन की जरूरत नहीं
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कहानीसामाजिक
प्रतियोगिता हेतु
फेसबुकिया प्यार
१३/०२/२०२१
आधुनिक भारत की कल्पना हो और फेसबुक का नाम न आए!और फेसबुक का जिक्र हो और फेसबुकिया प्यार का नाम न आए,यह तो हो ही नहीं सकता।
आज की नौजवान पीढ़ी, बीते ज़माने
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कविताहाइकु
उपासना/पूजा/भक्ति
विधा:हाइकु
ईश्वर प्रेम
अनुरक्ति, सत्संग
है अलौकिक।
डाकू वाल्मीकि
मरा-मरा कहते
थे बन गए ऋषि।
थी मीराबाई
पूजा प्रेम दीवानी
ईश्वरोपासना में।
भक्त प्रह्लाद
माना सर्वव्यापी
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कविताअतुकांत कविता
निंदक नियरे राखिए
जहां हर कोई प्रशंसा का भूखा है
सच्ची / झूठी प्रशंसा का भूखा है
कान तरसते हैं प्रशंसा सुनने के लिए
प्रशंसक,चमचे,चाटुकार अहंकार को देते हवा
फिर लाख कहो, प्रशंसा से सावधान
प्रशंसा
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
विकास की बयार
"अरे, तुम अष्ट देवियां कहां चलीं?" रसोईघर से निकल कर पल्लू से हाथ पोंछती रुक्मणी ने ज्योति की सहेलियों से पूछा।
" चाची, हम सब जा रहे हैं ,कंप्यूटर सीखने।"अपनी लंबी चोटी घुमाते हुए प्रियंका
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लेखआलेख
सड़क हादसे
साल में अकेले यमुना एक्सप्रेस वे ने 400 से अधिक जाने ले लीं हैं। आंकड़ों से सड़कों की सुरक्षा की भयावह तस्वीर नज़र आती है।हर साल अकेले यू पी में 20,000 लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं।
गाड़ी
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लेखअन्य
बसंत ऋतु के नाम पत्र
प्रिय बसंत,
फेसबुक और व्हाट्सएप पर तुम्हारे आगमन का बहुत शोर है। आभासी दुनिया के कवि,लेखक और शहरी लोग इतना कुछ वर्णन कर रहे हैं।
मैंने गांव नहीं देखे, मगर सफर में आते -जाते सड़क
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लेखआलेख
#क्रोध,गुस्सा,नफरत,अहंकार...यह सब है धीमा जहर...
वैदिक धर्म में मनुष्य के चार शत्रु लिखे गए हैं।काम ,क्रोध,मद और लोभ। इनमें दो और जुड़ गए हैं।गुस्सा और नफरत यह धीमे जहर कहलाते हैं।
*क्रोध
क्रोध एक प्राकृतिक
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
साहित्य अर्पण
विषय:संवेदना
विधा: मुक्त
शीर्षक: संवेदनहीनता
मैं ठीक 10 बजे अपने क्लीनिक पहुंच जाता हूं।10 बजे से 2 बजे मरीजों से मिलने का समय है,मगर 2 बजे उठना कभी नहीं हो पाता,कभी - कभी तो 4 बज जाते हैं।इसलिए
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कविताअतुकांत कविता
देवभूमि में प्रकृति का कहर
ग्लैशियर का फटना
कहर का बरपना
क्यों कर हुई मौजूदा घटना? कहां?
देवभूमि में प्रकृति का कहर
सुनकर रोम -रोम गया सिहर
देव प्रसन्न तो आशीर्वाद,देव खफा!
अब होगा तांडव!
तापमान
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कहानीसामाजिक, लघुकथा
एक बूँद ओस की
कल रात कई बार नींद टूटी।कई घटनाएं चलचित्र की भांति दिमाग में चलने लगीं। याद आयी,वह किशोरी, जलता हुआ आग का शोला, हार न मानकर चलती जा रही,अंधे कानून से न्याय की आस में जब तक होशोहवास में
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लेखआलेख
रणछोड़ श्रीकृष्ण
मुरली मनोहर, कान्हा, कृष्ण मुरारी, नंद गोपाल, माखन चोर, देवकी नंदन जैसे कई नामों से पुकारे जाने वाले हैं श्री कृष्ण रणछोड़ क्यों
कहलाए ? भगवान श्री कृष्ण युग पुरुष लीला कला में
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लेखआलेख
माड़िया जनजाति
आजतक जिस जनजाति ने अपनी मूल परंपरा और संस्कृति को सहेज कर रखा है वह है अबूझमाड़ के अनगढ़ जंगलॊं की माड़िया जनजाति।इनको मुख्यतः दो उपजातियों में बांटा गया है, अबुझ माड़िया और बाईसन होर्न
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
जवानों की सहनशक्ति
विधा - परिचर्चा
(सिटीजंस वेलफेयर सोसाइटी में आज सभी सुबह का अखबार अपने हाथों में लेकर घर जाकर गरमा- गरम चाय की चुस्की के साथ खबरें पढ़ने के मूड में नहीं है बल्कि वहीं अखबार खोलकर
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कहानीसामाजिक
बुढापे का दर्द
विधा: परिचर्चा
स्थान:श्यामनाथ गोयनका सोसायटी का सामूहिक भवन
सेक्रेटरी: भुवन गुप्त
ट्रेसरार:मनु महादेव
सीनियर मेम्बर:रिटा.कर्नल हरप्रीत सिंह, शोभना दास, नुपुर बसु
भुवन गुप्त: नमस्कार
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लेखआलेख
आज़ाद भारत में एक राजा की फर्जी मुठभेड़
कहानी है भरतपुर रियासत के राजा मानसिंह की। इनका जन्म 1921 में हुआ था।बड़े भाई बृजेंद्र सिंह महाराज हुआ करते थे।मानसिंह बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे, उन्हें
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लेखआलेख
आज की जरूरत महात्मा गांधी
भारत हमेशा से आध्यात्म, योग, अहिंसा,सहिष्णुता की दिशा दुनिया को दिखाता आया है। लगभग डेढ़ शताब्दी पूर्व के गांधी के विचार ;मिल- जुल कर रहना, परस्पर सहयोग और एकता आज भी उतने
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लेखआलेख
प्रथम परमवीर
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में 31जनवरी 1923 में जन्मे सोमनाथ शर्मा ने 1942 में रॉयल मिलिट्री कॉलेज से स्नातक किया। पिता, दोनों भाई, दोनों बहने आर्मी में थे। खून में ही वीरता थी तो सोमनाथ
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कहानीसामाजिक
बुढापे का दर्द
विधा: परिचर्चा
स्थान:श्यामनाथ गोयनका सोसायटी का सामूहिक भवन
सेक्रेटरी: भुवन गुप्त
ट्रेसरार:मनु महादेव
सीनियर मेम्बर:रिटा.कर्नल हरप्रीत सिंह, शोभना दास, नुपुर बसु
भुवन गुप्त: नमस्कार
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कवितालयबद्ध कविता
फ़र्ज़ की पुकार
बिंधी तुम्हारी देह हो
लथपथ जिगर के खून से
धरा का रंग लाल हो
प्रहार पर रुके नहीं
सर कभी झुके नहीं
सीमा पर जब शत्रु हो
संकल्प अजातशत्रु हो
फ़र्ज़ की पुकार पर
तन ,मन सभी को वार कर
अरिहंत
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लेखआलेख
युवाा शक्ति का रचनात्मक कार्यों में नियोजन
कविताहाइकु
हाइकु
प्रेम का मोल
१.
प्रेम का मोल
लग न पाया कभी
है अनमोल।
२.
प्रेम बयार
भाये, बढ़ाए प्रेम
अपनापन।
३.
मोल प्रेम का
पहचान, बचा ले
ये सच्चे रिश्ते।
४.
हर पल हूं
प्रेम ऱंग दिवानी
जग न जानी
५.
आंखों का पानी
प्रेम
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लेखआलेख
देश के प्रति हमारे कर्तव्य
सुकन्या: दादाजी, हमें बताया गया है कि भारत के संविधान में दुनिया की प्रायः सभी विशुद्ध लोकतांत्रिक प्रणालियों का समावेश है।वह क्या है?
दादाजी:बेटा,भारत के संविधान में
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कवितालयबद्ध कविता
# एक दीया शहीदों के नाम 26/01/२०२१
सीमा प्रहरी
अमर शहीदों तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम
एक दीया हर अमर शहीद के नाम।
सजग सीमा प्रहरी तुम सम
हस -हस तजते घर द्वार।
राष्ट्र प्रेम की खातिर
झेल रहे हर वार।
तिरंगे
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कविताअन्य
विधा:तांका
शीर्षक:संरक्षण
१.
जल की कमी
प्रकृति का दोहन
ये प्रदूषण
मानव का अस्तित्व
अब असुरक्षित।
२.
पर्यावरण
चाहता संरक्षण
अत्यावश्यक
सीमित संसाधन
वैकल्पिक व्यवस्था।
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लेखआलेख
जागरुक मतदाता कैसा हो?
भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन भारत के प्रत्येक जागरुक नागरिक को अपने मताधिकार
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लेखआलेख
राष्ट्रीय बालिका दिवस
बालिका दिवस मनाने की शुरुआत 2009 से हुई।इसके लिए यही दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इंदिरा गांधी इसी दिन 1966 को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।आज 24 जनवरी है,आज भी हर वर्ष की
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लेखआलेख
अरुणाचल प्रदेश की जनजातियाँ
प्रदेश की जनसांख्यिकी का प्रमुख हिस्सा यहां की जनजातियां हैं।अरुणाचल उत्तर पूर्व के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। यहां लगभग 20 आदिवासी समूह रहते हैं।
इनमें
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लेखआलेख
सुभाष चंद्र बोस
आज से १२५ वर्ष पूर्व आज ही के दिन भारत देश की महान धरती पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसी महान विभूति ने जन्म लिया था।
भारत वर्ष का इतिहास अनेक महान विभूतियों से विभूषित है। उनमें
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
श्रीनगर की कानी शाल
"स्वागत है बच्चो, भारत चर्चा में आज हम श्रीनगर से करीब 16 किलोमीटर दूर बड़गांव जिले के गांव कनिहामा के बारे में जानने का प्रयास करेंगे।"
"चाचाजी,धरती के इस स्वर्ग का तो हर स्थान
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लेखआलेख
हमारे तीन अचूक शस्त्र - आस, प्रयास और विश्वास
हम सभी जीवन में सफलता की कामना करते हैं और उसकी प्राप्ति के लिए अपन- अपने तरीकों से प्रयास करते हैं।इन प्रयासों में समय, स्थान, परिस्थिति और संसाधन
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कवितालयबद्ध कविता
शीर्षक:मेरे देश में पौष का स्वागत
चलो चलें महाराष्ट्र पौष में खाएं पूरन पोली
झारखंड में लगा है मेला पौष पीठे की झोली
उत्तराखंड में आटे, गुड़ का बनता पुआ
उत्तरप्रदेश में देशी घी का नित खाते हैं हलुआ
गरमागरम
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कहानीलघुकथा
सूरज की फीकी गर्मी
हड़कंपउना जाड़ा है।पछियाँव बह रही है। कोयला जो सुलगाया था,बुझ चुका है।बस इतना ही मिन्नतें करके बुधनी भौजी से एक लोटा दूध के बदले लाई थी।टाट के पर्दे में इतने छेद हो चुके हैं कि
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कविताअतुकांत कविता
शीर्षक:जाड़े की धूप
भली लगे है धूप देखो जाड़े का प्रताप
लोग ठिठुरने हैं लगे,मांगे सूरज का ताप।
पक्षी नीड़ों को भागे,कुछ ने किया प्रवास
गौएँ गौशाला में दुबकीं राहत की न आस।
शीतलहर से ठिठुरते सूर्य
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कहानीसंस्मरण
जाड़े की यात्रा
यह 1991 की दशहरे की छुट्टियों की बात है। मैं अपने स्कूल की तरफ से बच्चों के एक समूह को लेकर कुल्लू मनाली ट्रैकिंग के लिए फैजाबाद से अपने तीन सहयोगी शिक्षकों के साथ गई थी।
हमने फैजाबाद
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कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक
जैसी करनी वैसी भरनी
दादी ने नाक मुंह सिकोड़ते हुए, चश्मा उपर चढ़ाते हुए पूछा," मैं कहती हूं यह कौन उल्टी गंगा बहा रहा है?
पीछे से मुँह बिचकाते मगर बेहद अदब से बहु ने कहा, "ऐसा कुछ नहीं है, मां जी।"
दादी
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कहानीऐतिहासिक, प्रेरणादायक
हमारा गौरवशाली इतिहास बालकथा के माध्यम से
" बच्चो,आज हम महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी हासिल करेंगे।
एक बार जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे । तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि,हिंदुस्तान
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लेखआलेख
भारत देश के त्योहार
अपने भारत देश के बारे में चर्चा करते हुए इतने दिन बीत गए,लेकिन लगता है अभी कुछ ही जाना है।क्यों,क्योंकि हमारा देश इतनी विविधताएं संजोए हुए है कि उनका बखान करने में वर्षों बित
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लेखआलेख
मूर्ति पूजन
अक्सर मन में यह सवाल उठता था कि भगवान के प्रति भाव की एकाग्रता और उनसे सहज संवाद के लिए मूर्ति पूजन की परंपरा का विकास कब हुआ होगा, कैसे हुआ होगा और क्यों हुआ होगा।तब अध्ययन करने पर
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कविताअतुकांत कविता
*मकर संक्रांति/लोहड़ी
लोहड़ी में सूरज ढलते ही
लकड़ी,उपले,कंडे, रेवड़ी
भांगड़ा, ढोल-नगाड़ों की धूम
गली- मोहल्ले गुलज़ार हुए
जहां पहली लोहड़ी की गूंज
मक्का, गजक ,तिल, गुड़, लावा ,रेवड़ी
नववधू घर- घर
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कवितालयबद्ध कविता
अधरों पर मुस्कान
करती हर संकट आसान
अधरों पर मुस्कान ।
न पीड़ित हों, ना पीड़ा दें
रखें सर्वजन सुखाय का ध्यान ।
और अधरों पर मुस्कान
न हो पर निंदा में रसमग्न।
न हो वहशीपन का जश्न
हो मानवता का सम्मान।
और
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लेखआलेख, अन्य
9 जनवरी ,शनिवार
विषय -मकर संक्रांति का महत्व
विधा -आलेख
इस दिन सूर्य धनु राशि छोड़कर -मकर राशि में प्रवेश करता है।यह पर्व जनवरी माह के १४वें या १५वें दिन पड़ता है।यही एकमात्र पर्व है जिसे समूचे भारत
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कवितालयबद्ध कविता
शीर्षक:मेरे देश में पौष का स्वागत
💐💐
चलो चलें महाराष्ट्र पौष में खाएं पूरन पोली
झारखंड में लगा है मेला पौष पीठे की झोली
उत्तराखंड में आटे, गुड़ का बनता पुआ
उत्तरप्रदेश में देशी घी का नित खाते हैं
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लेखआलेख
गुलाब को फूलों का राजा इसके बहुउपयोगी होने के कारण कहा जाता है। इसका उपयोग पूजा -अर्चना, भेंट मुलाकात और बालों और वस्त्रों पर टांकने के काम भी आता है ,इसके अलावा गुलाब का अर्क, परफ्यूम और गुलकंद
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य
चित्र आधारित कथा
प्रतियोगिता हेतु
06/01/2021
इरादों की तासीर
तब शिखर 5–6 साल का था। उसकी दादी सब्जी की टोकरी सिर पर उठाकर पूरे गाँव में घूम-घूम कर बेचती थी। अक्सर लोग उन्हें सब्जियों के बदले अनाज दे दिया
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कविताअन्य
विषय - #पृथ्वी
#विधा - #हाइकू
पृथ्वी बचाओ
वनीकरण कराओ
जल सहेजो।
पर्यावरण
संरक्षण प्रमुख
समझ जाओ।
आवश्यकता
3R तरीके जानो
संतुलन हो।
उत्सर्जित न
ग्रीन हाउस गैस
संभल जाओ।
साइकिल का
प्रयोग कम करता
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फैजाबाद के सम्बन्ध में अच्छी जानकारियां.
आपका हार्दिक आभार
कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य
और सूरज निकल आया
एक लड़की उस झुंड के साथ आई थी जो अंग्रेजी बोलती थी।मैं समझता तो नहीं था, मगर मानो मैं जानता था कि वह क्या कहती थी। मैंने भी उसकी आंखों में अपने लिए दबी- छिपी चाहत को पकड़ लिया था। चाहता
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कहानीसामाजिक, लघुकथा
एक कप कॉफी और तुम
आजकल आशिकों के इश्क़ में चाय का स्थान कॉफ़ी ले चुकी है।वो इसलिए कि कॉफी चाय से महँगी होती है, और इश्क़ कहाँ सस्ता रहा आजकल!
ये दिल भी अजीब है,कब किसपे आ जाए और क्यों फिदा हो जाए, कुछ
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कवितालयबद्ध कविता
नूतन वर्ष का अभिनंदन
आवाहन नववर्ष तुम्हारा
धर्म-द्वेष,वर्ग-द्वेष मिटाकर
नव उमंग संग अभिनंदन तुम्हारा।
प्रकृति का संवर्धन-संरक्षण
जीव-जगत की रक्षा धर्म हमारा
खुशहाली,सौहार्द का हो उजियारा।
नव
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कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक
वीर बाबूराव पुलेश्वर शेडमाके
बाबूराव पुलेश्वर शेडमाके का जन्म 12 मार्च 1833 को पुलायसर बापू और जुर्जा कुंवर के घर हुए था। पुलायर बापू महाराष्ट्र के चंडा ओपी और बेरार जिले के अंतर्गत आने वाले घोट
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कविताअतुकांत कविता
अलविदा 2020
वर्ष २०२० तुम्हारी विदाई
स्वागत २०२१ तुम्हारे आगाज का
हर बार की तरह वर्ष २०२०
किया था मैंने स्वागत तुम्हारा
तुमने की परिस्थितियाँ इतनी विकट
एक छोटे से वायरस से पूरा विश्व हिला दिया!
मानव
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लेखआलेख
विषय:नववर्ष का स्वागत
हमारी संस्कृति में हर शुभ कार्य का आरम्भ मन्दिर या घर में ही ईश्वर की उपासना एवं माता-पिता के आशीर्वाद से करने का विधान है।
नव वर्ष मे अधिकतर लोग पिछले वर्ष की गलतियां,द्वेष,मनमुटाव
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घर के बुजुर्गों के प्रति कर्तव्यपालन पहले है. बाद में बाहर की समाजसेवा..!
यही अपेक्षित है।
कवितालयबद्ध कविता
#insta
सांता क्लॉज आया है
बच्चों की खुशियां लाया है
उत्तरी ध्रुव से सांता क्लॉज आया है
सफ़ेद दाढ़ी,हंसमुख चितवन
सफ़ेद टोपी,कॉलर,लाल कोट पहरन
काले बूट,बेल्ट काली,सफेद दाढ़ी लम्बी
कंधे पर झोली टांगे,बेल
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गीता जी #इंस्टा add a tag wale option me likhiyega.
ओप्शन कहां है?
लेखआलेख, अन्य
महान वैज्ञानिक नंबी नारायणन मेरे पसंदीदा व्यक्तित्व हैं।वे आपके भी अवश्य पसंदीदा व्यक्तित्व होंगे, जब आप उनके संघर्ष की इस गाथा को जान पाएंगे।
वेे तब खबरों मे आये जब प्रख्यात अभिनेता आर. माधवन
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कविताअन्य
हाइकु
शीर्षक: किसान
1.
मैं हूं किसान
जज़्बातों, हालातों से
हूं पशेमान
2.
बंजर धरा
पसरी महामारी
लुटी फसल
3.
सूखी फसलें
राजनीतिक चालें
कैसी तबाही !
4.
हूं फटेहाल
संघर्ष है अनंत
सर्वस्व स्वाहा
5.
खेती के
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कहानीसामाजिक, सस्पेंस और थ्रिलर
अजानपुर में अमावस्या की रात भूतों का मेला लगता है।कहते हैं भूत नृत्य करते हैं। यह जिले का लिटपिटी गांव है। लोगों का विश्वास है कि पिछले 150 साल से यहां आत्माएं इकट्ठा होकर नाचती हैं।
आज अमावस्या
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कविताअतुकांत कविता
उसे गये पूरे चार दिन हो गए हैं।जाते हुए एक बार भी न ठिठका, न पीछे मुड कर देखा।मैने भी रोकने,टोकने, मनाने की कोशिश नहीं की।मै जानती थी कितना हठी स्वभाव है उसका ! सोचा था, गुस्सा ठंडा होने पर लौट आएगा।अब
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बेटी की बहुत अच्छी सलाह..! अपना दुख अपने तक
जी, धन्यवाद
लेखआलेख
उरांव जनजाति
उरांव स्वतंत्र रुप से दो हजार साल तक छोटा नागपुर में राज करते रहे। संत पंडरू ने अपनी किताब में लिखा है कि छोटा नागपुर क्षेत्र में बसने वाले उरांव जनजाति को न तो अंग्रेजी शासन और न ही
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लेखआलेख
21/12/2020/
विधा: आलेख
मेरा राज्य, मेरा गौरव
यूं तो हमारा दृढ़ विश्वास 'वसुधैव कुटुंबकम' में है। समस्त संसार ही हमारा है। फिर भी जब मैं उत्तर प्रदेश में पिछले 50 वर्षों से रह रही हूं, तो इस हिसाब से यह मेरा
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कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक
छल की स्वीकार्यता !
आजकल महाभारत धारावाहिक का प्रसारण हो रहा है।नानी शौर्य को पास ही बैठाती हैं, जिससे समय - समय पर उसकी शंका का समाधान कर सकें ,साथ ही देखती रहें कि वह रुचि ले रहा है अथवा नहीं।
आज
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कविताअतुकांत कविता
शीर्षक: शब्दों का संसार
शब्दों का अनोखा संसार है
शब्द ब्रह्म है, नाद ब्रह्म हैं
नाद ब्रह्म ही समस्त चराचर जगत है
सजता मधुर शब्दों से संसार है
अनन्त और अपरिमेय है शब्द
शब्द सृजनकर्ता है शब्द ही
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लेखआलेख, अन्य
पुस्तक परिचर्चा
विधा- सामुहिक
विषय: कुंवर नारायण: बहुमुखी प्रतिभा के धनी
नमस्कार,मैं मृणालिनी दुबे, आकाशवाणी अयोध्या से अपने युवा मंच के विशेष कार्यक्रम में अपने सभी श्रोताओं का स्वागत करती
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लेखआलेख
बच्चो,हमारा भारत देश अचरजों से भरा खजाना है।आओ,आज एक और रहस्य से पर्दा उठाते हैं।
कुंभलगढ़ की दीवार करीब 6400 किलोमीटर लंबी दीवार है,जो कि दुनिया की सबसे लंबी दीवार है।हम में से बहुत कम लोग भारत की
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लेखआलेख
प्रिय 2021
तुम्हारी दस्तक काफी नजदीक है।सोचकर उत्साहित हूं,मगर तुम्हारा स्वागत गत वर्षों की तरह नहीं कर पाऊंगी, सोचकर बेहद उदास हूं।
सोचती थी, कोरोना अब अंतिम चरण में चल रहा है,मगर बढ़ती सर्दियां
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कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, अन्य
और सूरज निकल आया
एक लड़की उस झुंड के साथ आई थी जो अंग्रेजी बोलती थी।मैं समझता तो नहीं था, मगर मानो मैं जानता था कि वह क्या कहती थी। मैंने भी उसकी आंखों में अपने लिए दबी- छिपी चाहत को पकड़ लिया था। चाहता
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य
क्योंकि लड़के रोते नहीं
निलांबरीजी,' लैंगिक भेदभाव और उसका समाज पर प्रभाव' पर श्रोताओं को संबोधित कर रही थीं। एसकेजी कॉन्फ्रेंस हॉल खचाखच भरा था। गणमान्य अतिथि, बुद्धिजीवी, पत्रकार, शैक्षिक
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बहुत स्वस्थ वाद विवाद.. लड़कों में भी सामान्य कोमल भावनाएं होती हैं.
लेखआलेख
बस्तर के आदिवासी खेल
मुर्गा लड़ाई बस्तर के आदिवासियों का खास शगल है। दिवानगी इतनी कि हर दांव में लाखों रुपए लगते हैं।बस्तर में मुर्गा लड़ाई का कोई खास अवसर नहीं होता, बल्कि गांवों में लगने वाले
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'' मुर्गा लड़ाई '' पर बहुत दिलचस्प, विस्तृत जानकारी..!! बहुत सुन्दर आलेख..!
जी, बहुत, बहुत धन्यवाद
लेखआलेख
देवी कृपा की अपेक्षा हर इंसान को रहती है,उस प्रयास में वह पूजन-अर्चन, व्रत-उपवास, क्या- क्या नहीं करता!उस श्रृंखला में कन्या पूजन भी है जो कि हमारी प्राचीन परंपरा है। दुर्गा पूजा और नवरात्र में देवी
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य
13दिसम्बर
एक गांव की कहानी
मिट्टी से तकदीर संवारी
जीतू सिंह लॉकडाउन में नौकरी गंवाने के बाद गांव लौटे, लेकिन उन्होंने परिस्थितियों के आगे घुटने नहीं टेके। उनके हाथ में हुनर था और उम्र का अनुभव
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कहानीऐतिहासिक, प्रेरणादायक, लघुकथा
"बच्चो, आज हम बात करेंगे भारतीय संगीत की। क्या आप जानते हैं इस संगीत का प्रारंभ वैदिक काल से भी पूर्व का है? और इस संगीत का मूल स्रोत वेदों को माना जाता है?"
"यह तो हमारे लिए एक आश्चर्य की जानकारी है!'योगेश
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लेखअन्य
मंदिर में दर्शन के बाद कुछ देर सीढ़ियों पर क्यों बैठा जाता है ?
हिंदू धर्म में एक परम्परा हैं कि किसी भी मंदिर में दर्शन के बाद बाहर आकर मंदिर की सीढ़ियों या अहाते में थोड़ी देर बैठना चाहिए और इस श्लोक
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रामायण से शिक्षा के बहुत सुन्दर उदाहरण..!
जी, आपका बहुत, बहुत धन्यवाद
कहानीएकांकी, प्रेरणादायक
एक कहानी जो जानवरों के बारे में हो
बोलती प्रकृति
पात्र परिचय:
नदी
तालाब
समुद्र
पेड़ - पौधे
पहाड़
जीव - जंतु
पशु-पक्षी
स्थान :एक ओर घना जंगल, दूसरी ओर लहराता समुद्र,सुदूर नयनाभिराम ऊंची-
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
जैसी दृष्टि...
इस दुनिया देखने का नजरिया हर व्यक्ति का अलग - अलग होता है।जैसी अच्छी या बुरी भावना हम उस वस्तु या व्यक्ति विशेष के प्रति रखते हैं,उसी दृष्टि से हम आस- पास का आंकलन करते हैैं,अपनी राय
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कहानीसस्पेंस और थ्रिलर, अन्य
विज्ञान कथा
एक अधूरी ख्वाहिश
बहुत दिनों से एक कहानी लिखना चाहता था। रोज़ाना यहीं समुद्र के किनारे एक ऊंची चट्टान पर आकर बैठ जाता।यह कहानी कई मायनों में हम से अलग होनी चाहिए।एक ऐसी काल्पनिक कहानी
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य, लघुकथा
बच्चो, आज मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं जो कहानी नहीं बल्कि जीवन में काम आने वाली सीख है।इस दुनिया को देखने का नजरिया हर व्यक्ति का अलग - अलग होता है।जैसी अच्छी या बुरी भावना हम उस वस्तु या व्यक्ति
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कहानीअन्य, लघुकथा
निराली दुनिया
स्वप्नों की दुनिया भी निराली होती है। आंखें बंद हैं मगर अचेतन में फिल्म चल रही है। कभी नींद खुलने पर सपने याद नहीं रहते तो कभी भुलाए नहीं भूलते।
मुझे अक्सर ही सपने आते हैं। कुछ लोगों
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रहस्यमय स्वप्न.! सपनों का संसार बड़ा विचित्र और रहस्यमय होता है, स्वप्न लेकिन कितनी भी कोशिश करें, याद नहीं रहते. सिगमन्ड फ्रायड ने स्वप्नों की अलग ही व्याख्या की है.
कहानीऐतिहासिक, प्रेरणादायक
एक और भारतीय वीरांगना
देशभक्ति के अनेकों उदाहरण से हमारे देश के स्वर्णिम इतिहास के पन्ने भरे हुए हैं किंतु यह अत्यंत दुःख की बात है कि हमारे देश का इतिहास दक्षिण भारत का इतिहास और उत्तर भारत का
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कहानीसस्पेंस और थ्रिलर
एक बार फिर
यह रहस्यमय बैक्टीरिया लैबोरेट्री से निकल भागा है।खतरा तो यह है कि यह कब्रों से मृतकों को उठा रहा है। यह मुर्दों को उठाकर करना क्या चाहता है?
"उठो, उठो अब तुम्हारा यहां से निकलकर मौज- मस्ती
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कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक, अन्य
भारत की सबसे लंबी दीवार
बच्चो,हमारा भारत देश अचरजों से भरा खजाना है।आओ,आज एक और रहस्ची से पर्दा उठाते हैं।
कुंभलगढ़ की दीवार करीब 6400 किलोमीटर लंबी दीवार है,जो कि दुनिया की सबसे लंबी दीवार है।हम
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कहानीसामाजिक, अन्य
वह ज़माना
मि.वासन बिलियर्ड के जबरदस्त शॉट लगाकर,अब अपने रिटायर्ड दोस्तों के बीच कॉफी का लुत्फ लेने लगे।उसी बीच कर्नल रंगराजन ने हंसते हुए कहा,"भाई एक जमाना हुआ करता था कि हमें घर एक नियत समय पर पहुंचने
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कहानीसामाजिक, सस्पेंस और थ्रिलर, प्रेरणादायक
धारावाहिक
नामुमकिन कुछ भी नहीं
भाग 4.
यूं भी इस समय वह बहस के मूड में नहीं था।अच्छा था कि सीमा सुन नहीं रही थी।
सीमा ने धीरे -धीरे लैंप को रगड़ना शुरू किया... सुयश मुस्कुरा दिया।
सीमा झेंप गई और अपनी
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य
कुछ जरूरी बातें
"बाबा,बाबा,अभी रेडियो आकाशवाणी से, 'स्वस्थ हम, स्वस्थ समाज' कार्यक्रम का प्रसारण होने जा रहा है। विष्णु चाचा ने कहा है कि सभी इस प्रसारण को ध्यान से सुनें, बहुत काम की बातें बताई जाएंगी।"
"अच्छा
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कहानीसामाजिक, सस्पेंस और थ्रिलर, प्रेरणादायक
नामुमकिन कुछ भी नहीं (धारावाहिक)
भाग 3.
रूटीन वर्क करते कब शाम हो गई ,यह थकान से ही महसूस हुआ।आज फिर थकी हुई लौटी। अपने बैग से सुबह की खरीदी हुई चीज़ों को निकाल कर डाइनिंग टेबल पर रखा और सोफे पर पसर
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कहानीसामाजिक, सस्पेंस और थ्रिलर, प्रेरणादायक
धारावाहिक... नामुमकिन कुछ भी नहीं
भाग 2.
उसने सीमा को नहीं जगाया...
बाहर आकर , कार स्टार्ट की,सोचा रास्ते में कुछ खा लेगा ,चाय की तलब हो रही थी।
घर पर एक निगाह डाली।कभी यह घर उसे अपने सपनों का महल लगा था।शहर
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कहानीसामाजिक, हास्य व्यंग्य, अन्य
तुम बच्चे भी!
(एक बालक से बातचीत का अंश)
मैं: तरुण,तुम कितने साल के हो ?
तरुण: 5 साल 3 महीने का।
मैं: तुम स्कूल जाते हो ?
तरुण: हां।
मैं: क्या तुम्हारे स्कूल में लड़के और लड़कियां दोनों
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कहानीसामाजिक, हास्य व्यंग्य, प्रेरणादायक, अन्य
नामुमकिन कुछ भी नहीं
धारावाहिक
भाग 1.
सुबह के छ बजे हैं।बेरहम अलार्म बजने लगा है ।आज सोमवार की सुबह है, इतवार नहीं, उठना ही होगा..अलार्म अभी भी बज रहा है।
सीमा ने करवट ले ली,उसे तो दोपहर की शिफ्ट में
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कहानीऐतिहासिक
बच्चो,आज हम महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी हासिल करेंगे।
एक बार जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे । तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि,हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए ? तब माँ
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कहानीसामाजिक, लघुकथा
बोया पेड़ बबूल का...
आज यहां इन अनजान, अपनों से उपेक्षित महिलाओं,जिनमें बहुत सी याददाश्त भी गंवा चुकी हैं,उन्हीं में गुमसुम बैठी सरना जी यादों के गलियारों में खो गई हैं।
उस दिन घर पर बहुत मनहूसियत
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कहानीसामाजिक, संस्मरण, अन्य
#किस्सा/कहानी
-हिंदी में बिंदी का महत्व
मुझे बचपन से ही हिंदी से बड़ा लगाव रहा है। लिखने में अशुद्ध हिंदी का प्रयोग -हिंदी में बिंदी का महत्व
मुझे बचपन से ही हिंदी से बड़ा लगाव रहा है। लिखने
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जीत हिंदी में लिख लीजिये क्योंकि अंग्रेजी मे भी स्पेलिंग मिस्टेक हो रही है। ?
जी, शुक्रिया
कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
नामुमकिन कुछ भी नहीं
सुबह के छ बजे हैं।बेरहम अलार्म बजने लगा है ।आज सोमवार की सुबह है, इतवार नहीं, उठना ही होगा..अलार्म अभी भी बज रहा है।
सीमा ने करवट ले ली,उसे तो दोपहर की शिफ्ट में जाना है।सुयश ने
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कविताअन्य
#चित्रकविता
दीया जला चहुं ओर प्रकाश कर गया
ज्ञान के प्रकाश से जीवन निखर गया।
जितना ही पढूं पिपासा मिटी नहीं कभी
ऐसा बारहा हुआ कि दीये से तेल चुक गया।
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लेखआलेख
सामाजिक जिम्मेदारी
"बच्चों ,पिछले कुछ दशकों से लगातार कुओं के हालात गंभीर होते जा रहे हैं।देश में कुओं के जलस्तर में 61% कमी आ चुकी है।"
"क्या भारत भर में यही दशा है,चाचाजी?"
"2008 से 2017 के बीच पंजाब और उत्तर
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कहानीसंस्मरण
#किस्सा/कहानी
संस्मरण
एक और इम्तिहान
ईश्वर ने जीवन में मेरी अनेक बार परीक्षा ली। मेरे चार मेजर ऑपरेशन हुए। पति का कोई रिश्तेदार नहीं है। देखभाल के नाम पर पति और बच्चे,इन्हीं लोगों ने मिलकर सेवा
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कहानीलघुकथा
कागज की नाव
यह 14 दिन नहीं, 14 साल लग रहे हैं, प्रभु राम ने वनवास कैसे काटा होगा, उसका सहज ही अनुमान लगा सकती हूं। उठते- बैठते, सोते- जागते बस परिणाम क्या होगा, इसी की उधेड़बुन में पल- पल पहाड़ के समान बीत
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आंसू न होते तो इन्सान पत्थर का हो जाता
जी,बेशक
कहानीसंस्मरण
यादें बचपन की
50 वर्ष पहले मैं लगभग डूब ही गई थी,यह तब का वाकया है जब हमारे मकान मालिक का परिवार वैष्णो देवी दर्शन के लिए जा रहा था। उनकी दो बेटियां थीं जो मेरी हम उम्र थीं, वे मुझे भी अपने साथ ले गईं।
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बहुत रोमांचक संस्मरण..! मुझे पानी से बचपन से कुछ डर लगता है.नदी में पानी के अन्दर के मनःस्थिति होगी, आपकी. सोच के ही भय लगता है..! अविस्मरणीय संस्मरण..! ???
जी,आज भी सिहरन हो जाती है।
बहुत सुन्दर और प्रेरणादायी रचना..!
आपका बहुत, बहुत धन्यवाद
लेखआलेख
"आज हम जानेंगे कि भारत में रविवार की छुट्टी किसने दिलाई, बच्चो,सोचो अगर रविवार को भी काम पर जाना होता, तो कैसा लगता ?"
"जीवन में काम के साथ -साथ आराम भी आवश्यक है।इसलिए अगर रविवार को भी काम पर जाना होता
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कहानीहॉरर
वह कौन थी?
आज के अत्याधुनिक युग,21सदी में कोई भूत -प्रेत, तंत्र- मंत्र अथवा अदृश्य शक्तियों की बात करेगा,तो कोई यक़ीन नहीं करेगा,बल्कि सब यही कहेंंगें, सब कपोल- कल्पना और बकवास है।
लेकिन आज मैं आपबीती
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रहस्यमय लघुकथा..!
धन्यवाद, आपका
धन्यवाद
कहानीप्रेम कहानियाँ
पहले पंखुड़ी ने ऐसा कभी रुमानी महसूस नहीं किया था। आसमान की ओर आंख उठाकर देखती है तो उससे सतरंगी इंद्रधनुष ही नजर आता है। दूर निगाह डालती है तो जमीन -आसमां के गले लगती दिखती है। वह खो जाती है, अपने
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बहुत सुंदर मेरा भी यही मानना है कि प्रेम और धर्म इन दोनों को अलग ही रहना चाहिये। यह हमारी इच्छा है कि हम क्या करें क्या नही काश की हर लड़की इतनी ही समझदार हो किसी से भी प्रेम करने के लिए।
जी, लड़कियों में समझदारी हो तब कानून बनाने की जरूरत ही नहीं होगी। अभिभावकों को भी बच्चों से हर नाज़ुक विषय पर बात करनी चाहिए।
कहानीप्रेम कहानियाँ
पहले पंखुड़ी ने ऐसा कभी रुमानी महसूस नहीं किया था। आसमान की ओर आंख उठाकर देखती है तो उससे सतरंगी इंद्रधनुष ही नजर आता है। दूर निगाह डालती है तो जमीन -आसमां के गले लगती दिखती है। वह खो जाती है, अपने
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कहानीप्रेम कहानियाँ
प्यार से बढ़कर कुछ नहीं
मैं मोबाइल पर बात कर रही थी,पीछे से,"एक्सक्यूज मी"सुनकर मुड़ी देखा,एक सुदर्शन व्यक्तित्व का लंबा,आकर्षक नौजवान आंखों पर काले चश्मे लगाए रास्ता मांग रहा था। मैं देर तक उसकी
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कहानीसंस्मरण
संस्मरण
ईश्वर ने जीवन में मेरी अनेक बार परीक्षा ली। मेरे चार मेजर ऑपरेशन हुए। पति का कोई रिश्तेदार नहीं है। देखभाल के नाम पर पति और बच्चे,इन्हीं लोगों ने मिलकर सेवा शुश्रूषा की।
शुरू से ही हम
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लेखआलेख
एक मंदिर जहां हनुमान को स्त्री रूप में पूजा जाता है।
बाल ब्रह्मचारी पवन पुत्र व राम भक्त हनुमान जिनकी मूर्ति को स्त्रियों को छूने से मना किया जाता है, ऐसे बाल ब्रह्मचारी को पुरुष नहीं बल्कि स्त्री
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लेखआलेख
मूर्ति पूजन
अक्सर मन में यह सवाल उठता था कि भगवान के प्रति भाव की एकाग्रता और उनसे सहज संवाद के लिए मूर्ति पूजन की परंपरा का विकास कब हुआ होगा, कैसे हुआ होगा और क्यों हुआ होगा।तब अध्ययन करने पर
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लेखआलेख
संताड़ी/संताल/सांथाल जनजाति
संताड़ी भाषा बोलने वाले को संताड़ी कहते हैं। किन्तु अन्य जातियां संताड़ी को अपने-अपने क्षेत्रीय भाषाओं के उच्चारण स्वरूप "संथाल, संताल, संवतल, संवतर" आदि के नाम से
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केवल दिखावा ही करते है जरूरत के समय कोई साथ नहीं देता
जी,सच कहा।
सच में सोशल मीडिया पर वीडियो डालते यही लोग जब जरूरत पड़ती है तो बिल्कुल मदद नही करते
मर्मस्पर्शी रचना..! समाज के एक कुत्सित रूप को उजागर करते..!
जी, धन्यवाद
लेखआलेख
भरोसे का बाज़ार
भरोसा हो तो कोई कीमत मायने नहीं रखती एक सिक्का भी लाख टके का हो जाता है। कबीर की नगरी संत कबीर नगर के नरायनपुर पशु बाज़ार में लाखों के कारोबार की गारंटी वाला यह सिक्का चलता है। यह
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कहानीलघुकथा
एक बुरा ख्वाब
सब सो रहे हैं, ये, वो, इधर- उधर सब सो रहे हैं,ये क्या हो रहा है ?
पूरा जगत सो रहा है ! मैं जगाना चाहता हूं।अरे बहरो, अंधो,गूंगो उठो। तुम्हें बताना चाहता हूं,वह जिसे तुमने इतनी आसानी से ख़तम
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कविताअतुकांत कविता
दौरे जिंदगी
साठ सावन बीते,क्या दौरे ज़िंदगी थी!
वह बचपन की सखियां,वह छुपम- छुपाई।
वो बड़ों की खटियों के नीचे छिपना - छिपाना
वो पकड़े जाने पर चिल्लाना,और बड़ों का गुस्साना !
हर पूर्णिमा को मां का कथा
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कवितालयबद्ध कविता
शरद पूर्णिमा की रात
आश्चिन मास ,शुक्ल पक्ष कौमुदी व्रत की बात
रास पूनम की रात ,पुनर्योवन,ऊर्जादात्री रात
पायस भरे घट पर अमृत वर्षा की रात
उज्ज्वल धवल है इंदु मनोरम,शरद पूनम की रात
नभ आलोकित पीयूष
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बहुत खूबसूरत मर्मान्तक रचना . सही है, हम बातें बहुत करते है, लेकिन फिर खुद का पल्ला झाड़ लेते है. जमीर की ऐसी की तैसी , स्वार्थ भला ये सोच ही बाकि रह जाती है
लेखआलेख
466 किलोग्राम सोने का था ताजमहल का कलश, तांबे में कैसे बदला, कौन ले गया सोना?
मुगल काल में शाहजहां के शासन काल को स्वर्ण युग कहा जाता है। शाहजहां ने सोने का तख्त-ए-ताउस (मयूर सिंहासन) बनवाया था, जिसमें
Read More
लेखआलेख
आपदा या उत्सव हम भारतीयों की उत्सवधर्मिता का परिचायक है।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार राम रावण युद्ध लगातार 84 दिन चला था।
मायावी रावण हर बार बच जाता।सफल ना होने पर प्रभु श्रीराम को शक्ति पूजा
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बहुत ही उम्दा और बहुत ही सटीक विषलेषण किया आपने
हृदय से आभार
कविताअतुकांत कविता
आज का रावण
हर वर्ष हम रावण को जलाते हैं।
वह रक्तबीज सा फिर जी उठता है।।
दुष्ट का विनाश अवश्यम्भावी है।
युग बीते दैत्यत्व के समूल नाश को !
असत्य पर सत्य की जीत हो चुकी।
किस दैत्य का विनाश अभी बाकी
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कहानीलघुकथा
आत्मसम्मान
"आत्मसम्मान की बात तुम कर रही हो ,पांचाली !तुम...!तुम जानती भी हो आत्मसम्मान की परिभाषा क्या है...हा,हा,हा?"विद्रूप से अट्टहास करते हुए दुर्योधन ने पूछा।
"मेरे स्वामी अर्जुन सर्वश्रेष्ठ
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लेखआलेख
वर्तमान समय में कन्या पूजन की सार्थकता
विषय बेहद रोचक है। इसका सपाट सा उत्तर नहीं है ;हां या ना में। पहले हम जानें कि इस परम्परा का प्रारम्भ कब और कैसे हुआ।
कन्या पूजन हमारी प्राचीन परंपरा है।
माता
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कहानीसामाजिक
अनेकता में एकता
"अहा,आज तो दोस्तों की महफ़िल जमी है, क्या बात है !"
"आओ ,आओ श्रेय,तुम्हारा ही इंतजार था।आज हम सब काव्य पाठ पर चर्चा करेंगे,वह भी ऐसा जो हमारी सांस्कृतिक अनेकता में एकता का उदाहरण हो
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लेखआलेख
क्या 1 लीटर पानी से पेड़ उगाया जा सकता है ?
एक 68 वर्षीय किसान ने 50 हजार पेड़ उगा कर यह कर दिखाया है। इससे भी अधिक सिकदर, राजस्थान के सुरेंद्र वर्मा ने 7 लाख लीटर वर्षा जल संचयन कुछ ही दिनों में कर दिखाया
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कहानीप्रेरणादायक
विद्वान और विद्यावान
प्रतिवर्ष शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी रामलखन क्वार - कार्तिक मास में रामचरित मानस का आयोजन करते थे।जाने - माने पंडित पुरुषोत्तम जी कथा सुनाते।बहुत सुरीला कंठ था पंडितजी
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बहुत सुंदर
हार्दिक आभार
धन्यवाद
रचना अच्छी है परन्तु नई पंक्ति कहाँ शुरू होगी कहाँ खत्म हुई थोड़ा कंफ्यूज़न है चेक किजियेगा। और सही कर लीजियेगा। ???
सुझाव के लिए हृदय से आभार
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Ok
लेखआलेख
#हिंदी दिवस
हिंदी और हम
हिंदी का एक दौर था जब महाकाव्यों और गद्य खंडो की रचना की गई। इस स्वर्णमय काल में कई महान विभूतियों ने इसे संरक्षित, पोषित, पल्लवित, कुसुमित और फलित भी किया।फिर एक दौर आया
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gita ji plz update your profile we are unable to find you on facebook
Ok,thanks,dear
बढ़िया
बहुत, बहुत आभार
आभार