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Sahitya Arpan - Gita Parihar
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Gita Parihar

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  • Genre wise ranking

    Section Genre Rank
    कविता हाइकु First
    कहानी सामाजिक First
    कहानी ऐतिहासिक First
    कहानी प्रेरणादायक First
    कहानी अन्य First
    कहानी हॉरर Second
    कहानी संस्मरण Second
    कहानी बाल कहानी Second
    लेख आलेख Second
    लेख अन्य Second
    कहानी सस्पेंस और थ्रिलर Third
    कहानी एकांकी Third
    कहानी लघुकथा 4th

    लेखआलेख

    हरियाली तीज

    • Added 8 months ago
    Read Now
    • 29
    • 7 Mins Read

    #साहित्य अर्पण
    १७/०८/२०२३
    #विषय: हरियाली तीज
    #विधा: आलेख

    हरियाली तीज श्रावण मास में शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इसे श्रावणी तीज, सिंधारा तीज व छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है।नाथद्वारा
    Read More

    हरियाली तीज ,<span>आलेख</span>
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    कविताअन्य

    धर्म के प्रति उदासीनता

    • Added 11 months ago
    Read Now
    • 77
    • 16 Mins Read

    #साहित्य अर्पण मंच
    #पुस्तक वाला आयोजन- २
    #दिनांक:०१/०६/२०२३
    #विषय:मुक्त(धर्म के प्रति उदासीनता)
    #विधा: मुक्त(परिचर्चा)

    स्थान:राधे कृष्णा संस्थान सामूहिक भवन
    सदस्य:श्री श्रवन मित्र,संस्थान प्रमुख
    Read More

    धर्म के प्रति उदासीनता ,<span>अन्य</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 11 months ago

    बहुत बढ़िया रचना गीता जी

    कविताहाइकु

    सपना

    • Edited 1 year ago
    Read Now
    • 63
    • 2 Mins Read

    सपना

    -(हाइकु)

    स्वप्न अधूरे
    कब होते हैं पूरे
    अरमानों से।

    आए चुपके
    दबे पांव स्वप्न में
    तड़के गुम।

    महल सपनों
    के चूरचूर हुए
    ज्यों आंख खुली।

    कुछ पल का
    सपना दिखा सनम
    जुदाई दे दी।

    मिली जुदाई
    सपने
    Read More

    सपना ,<span>हाइकु</span>
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    कविताअन्य

    बुद्ध पूर्णिमा

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 197
    • 6 Mins Read

    बुद्धपूर्णिमा
    १.
    वैशाख
    दिवस पूर्णिमा
    लुंबिनी वर्तमान नेपाल
    कपिलवस्तु शाक्य वंश में
    गण प्रमुख शुद्धोधन के घर
    माता माया देवी की कोख से
    सिद्धार्थ ने लिया था पुण्य रुप अवतार
    माता को खो दिया मात्र
    Read More

    बुद्ध पूर्णिमा,<span>अन्य</span>
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    लेखआलेख

    कुंभलगढ़ की दीवार

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 309
    • 13 Mins Read

    कुंभलगढ़ की दीवार
    करीब 36 किलोमीटर लंबी दीवार जहां से अरावली पर्वत श्रृंखला 10 किलोमीटर दूर तक दिखाई देती ,13 पहाड़ियों से
    घिरी हुई, समुद्र की सतह से 1,914 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की दूसरी सबसे
    Read More

    कुंभलगढ़ की दीवार,<span>आलेख</span>
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    कविताअन्य

    कह मुकरी-गर्मी

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 145
    • 3 Mins Read

    गर्मी
    १.
    चमन के फूल मुरझाए
    घाम सताए,चलें गर्म हवाएं
    सबेरा जल्दी उजास फैलाए
    जाने कौन चैन दिलाए
    ऐ सखि साजन?न सखि सावन।

    २.कोयल की सुन मीठी तान
    जिया मेरा भूला सब भान
    मधुर आम्ररस का करुं पान
    उठा बवंडर
    Read More

    कह मुकरी-गर्मी,<span>अन्य</span>
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    लेखआलेख

    ऑनलाइन शॉपिंग

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 215
    • 17 Mins Read

    ऑनलाइन शॉपिंग
    कुछ साल पहले,ऑनलाइन शॉपिंग लोकप्रिय नहीं थी,लेकिन आजकल ऑनलाइन शॉपिंग खरीदारी के लिए सबसे अच्छी और बेहद सुविधाजनक विधि है। जिसमें ग्राहक को वस्तु लेने नहीं जाना पड़ता बल्कि वस्तु
    Read More

    ऑनलाइन शॉपिंग,<span>आलेख</span>
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    कविताअन्य

    हॉकी

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 213
    • 3 Mins Read

    हॉकी
    १.

    ये
    हॉकी
    का खेल
    प्रचलित
    फारस देश
    दो हजार वर्ष
    पूर्व ईसा था हुआ
    यूनान ओलंपिक
    में धाक जमाई
    सदी उन्नीस
    युद्धप्रिय
    सैनिकों
    बीच
    था।
    २.
    था
    प्रिय
    बलिष्ठ
    मेहनती
    पंजाबियों का
    विभाजन-पूर्व
    सैनिकों
    Read More

    हॉकी,<span>अन्य</span>
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    कविताहाइकु

    घर

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 126
    • 2 Mins Read

    घर
    १.
    अपने दूर
    एकल परिवार
    छोटे घर।
    २.
    बेरोजगारी
    जरुरतें अधूरी
    घर में फांकें।
    ३.
    घर-चौबारे
    सुनसान पड़े हैं
    श्मसान नहीं।
    ४.
    चारों तरफ
    महामारी-कहर
    घर में रहो।
    ५.
    सबसे अच्छा
    हरदम अपना
    है प्यारा घर।
    ६.
    घर
    Read More

    घर,<span>हाइकु</span>
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    लेखआलेख

    साहित्य समाज की पुनर्सृष्टी है

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 399
    • 11 Mins Read

    साहित्य समाज की पुनर्सृष्टि है।
    "हितेन सहितम्" अर्थात जो हित का साधन करता है,वह साहित्य है। साहित्य में सहित का भाव होता है ,साथ का भाव होता है।मनुष्य का मनुष्य से, अतीत का वर्तमान से, शब्द का अर्थ
    Read More

    साहित्य समाज की पुनर्सृष्टी है,<span>आलेख</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    जी. बहुत सुन्दरता से आपने साहित्य और समाज के सम्बन्ध की व्याख्या की है.. 🙏

    Gita Parihar2 years ago

    जी, आपका हार्दिक आभार

    लेखआलेख

    महामारी के बीच भारत

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 216
    • 24 Mins Read

    महामारी के बीच भारत
    भारत महामारी से उभरती चुनौतियों से साथ ही अंतरराष्ट्रीय कूटनीति से निपटने के लिए तैयारी कर रहा है। घरेलू तौर पर भारत ने देशव्यापी तालाबंदी लागू की। मालदीव, श्रीलंका, नेपाल,
    Read More

    महामारी के बीच भारत,<span>आलेख</span>
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    कविताहाइकु

    मातृदिवस

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 126
    • 3 Mins Read

    मातृदिवस
    हाइकु

    माँ की ममता
    कड़कती धूप में
    शीतल छाया।

    किलकारी से
    बच्चे की खिल जाता
    मां का हृदय।

    मां क्या होती है?
    सुखद अनुभूति
    परिभाषा से परे।

    न पड़ने दे
    तकलीफ की तपिश
    मां कहलाती।

    शब्दों की सीमा
    उपमाओं
    Read More

    मातृदिवस,<span>हाइकु</span>
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    लेखआलेख

    स्वयं स्वस्थ ,जनता स्वस्थ

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 128
    • 8 Mins Read

    स्वयं स्वस्थ जनता स्वस्थ
    कोरोना से बचाव के लिए योग के आसान रामबाण सा काम करते हैं।इनको करने से शरीर स्वस्थ रहता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है,इससे साथ ही श्वसनतंत्र मजबूत होता है।योग
    Read More

    स्वयं स्वस्थ ,जनता स्वस्थ,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    स्वस्थ हम, स्वस्थ समाज

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 185
    • 16 Mins Read

    "बाबा,बाबा,अभी रेडियो आकाशवाणी से, 'स्वस्थ हम, स्वस्थ समाज' कार्यक्रम का प्रसारण होने जा रहा है। विष्णु चाचा ने कहा है कि सभी इस प्रसारण को ध्यान से सुनें, बहुत काम की बातें बताई जाएंगी।"
    "अच्छा कब
    Read More

    स्वस्थ हम, स्वस्थ समाज,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    समस्या और समाधान

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 182
    • 14 Mins Read

    समस्या और समाधान

    नन्ही ईरा दौड़ती हुई दादी के कमरे में आई। कल रात से आ रही कोरोना की खबरों से मम्मी- पापा को चिंतातुर देखकर दादी से ही कुछ समाधान निकलेगा ऐसा सोचते कमरे में बहुत वेग से घुसी।

    उसे
    Read More

    समस्या और समाधान,<span>आलेख</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 167
    • 3 Mins Read

    बुखार, थकान के लक्षण आवें
    सूखी खांसी गर सताए
    स्वाद,सुगंध का फ़र्क भुलावे
    पखवाड़ा भर ताप सताए
    समझो कोविड - उन्नीस दबाए
    मधुमेह,दिल और अस्थमा रोगी
    सावधानी रखेगी निरोगी
    विश्व त्रस्त आतंकी सूक्ष्म
    Read More

    स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य

    माफी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 157
    • 7 Mins Read

    #विधा: डायरी लेखन

    प्रिय डायरी
    अब तुम तो मुझे अच्छी तरह जानती हो। तुमसे मैं कुछ छुपाती नहीं। तुमसे पिताजी की बातें भी मैंने बांटी थीं। मैं बहुत भाग्यशाली था।मेरा बहुत अच्छा समय अपने खेत, खलिहान
    Read More

    माफी,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    :महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 426
    • 11 Mins Read

    विषय:महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र
    विधा: पत्र लेखन
    हे ईश्वर,
    शत- शत नमन
    प्रभु, आप तो अंतर्यामी हैं घट -घट में बसे हैं।आप जानते हैं,पिछला वर्ष किसी तरह बीता,सोचा था ,अब कोरोना से निजात मिलेगी।
    Read More

    :महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    :महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 311
    • 18 Mins Read

    विषय:महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र
    विधा: पत्र लेखन
    हे ईश्वर,
    शत- शत नमन
    प्रभु, आप तो अंतर्यामी हैं घट -घट में बसे हैं।आप जानते हैं,पिछला वर्ष किसी तरह बीता,सोचा था ,अब कोरोना से निजात मिलेगी।
    Read More

    :महामारी से मुक्त होने हेतु ईश्वर को पत्र,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, बाल कहानी

    अनोखी रामलीला

    • Edited 3 years ago
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    • 234
    • 11 Mins Read

    अनोखी रामलीला
    "बच्चो, आज हम बात करेंगे एक रामलीला कमेटी की जिसमें सभी कलाकार महिलाएं हैं।"
    "वाह! महिला सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण या कि महिलाओं का ही वर्चस्व हो उसका उदाहरण?"मोहन ने हंसते हुए कहा।
    "
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    अनोखी रामलीला,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>बाल कहानी</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    आदरणीय आपकी यह रचना प्रत्तियोगिता में ऐड नही हुई है।

    कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, बाल कहानी

    ब्रह्म नाद ऊं

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 341
    • 14 Mins Read

    ब्रह्मनाद ऊँ
    जय नदी जय हिंद
    (चाचाजी आजकल परिवार के बच्चों को नई - नई जानकारी देते रहते हैं। बच्चो का समय भी कट जाता है और ज्ञान वर्धन भी हो रहा है)।
     "बच्चों आज बात करेंगे उस ब्रह्म नाद की जिसे हजारों
    Read More

    ब्रह्म नाद ऊं,<span>सामाजिक</span>, <span>ऐतिहासिक</span>, <span>बाल कहानी</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत ही बढ़िया

    Gita Parihar2 years ago

    जी, आपका हार्दिक आभार

    कहानीऐतिहासिक, बाल कहानी

    हस्तिनापुर की कहानी

    • Edited 3 years ago
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    • 533
    • 21 Mins Read

    "नमस्कार बच्चो, आज हम पांडवों और कौरवों से जुड़ी तमाम घटनाओं के साक्षी हस्तिनापुर की बात करेंगे।आज यह जैन धर्म का बड़ा केंद्र बन चुका है।जैन धर्म के कुल 24 में से 16वें,17वें तथा 18वें तीर्थंकर शांतिनाथ,
    Read More

    हस्तिनापुर की कहानी,<span>ऐतिहासिक</span>, <span>बाल कहानी</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    गीता परिहार जी आपके लेख जबरदस्त होते हैं 👌🏻

    कहानीसामाजिक, लघुकथा, बाल कहानी

    अनोखा दशहरा

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 140
    • 8 Mins Read

    अनोखा दशहरा
    "मां, आज दशहरा है, दशहरा.. आज मेला नहीं लगेगा, रावण वध नहीं होगा ?"
    "बेटा,यह साल तो ऐसे ही चला जाएगा, होली से अब तक बस ऐसे ही चल रहा है।अब तो न रामलीला होगी ,न दिवाली का धूम धड़ाका!"
    "रामलीला भी
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    अनोखा दशहरा,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>, <span>बाल कहानी</span>
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    लेखआलेख

    नवरात्रि का महत्व और तैयारी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 163
    • 17 Mins Read

    नवरात्रि का महत्व और तैयारी
    नवरात्रि को माँ-दुर्गा की अवधारणा भक्ति और परमात्मा की शक्ति और परम रचनात्मक ऊर्जा की पूजा की सबसे शुभ और अनोखी अवधि माना जाता है। नवरात्रि पूजन वैदिक युग से पहले, प्रागैतिहासिक
    Read More

    नवरात्रि का महत्व और तैयारी,<span>आलेख</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर

    लेखआलेख

    नव संवत्सर

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 170
    • 14 Mins Read

    नव संवत्सर
    त्योहार भारतीय संस्कृति के जनक हैं। त्योहार हमारे सांस्कृतिक इतिहास की रचना हैं।भारतीय जनजीवन में त्योहारों और उत्सवों का आदिकाल से ही काफी महत्त्व रहा है। हमारे त्योहार मानवीय
    Read More

    नव संवत्सर,<span>आलेख</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत अच्छी जानकारी

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    👌🏻

    Gita Parihar3 years ago

    जी, धन्यवाद

    Gita Parihar3 years ago

    आपका हार्दिक धन्यवाद

    Amrita Pandey

    Amrita Pandey 3 years ago

    ज्ञानवर्धक जानकारी।

    Gita Parihar3 years ago

    आपका हार्दिक आभार

    लेखआलेख

    विघ्नहर्ता मंगल कर्ता

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 173
    • 16 Mins Read

    गणेश चतुर्थी के अवसर पर
    विघ्नहर्ता मंगलकर्ता
    रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं।भक्त उन्हें विघ्नहर्ता मंगलकर्ता कहते हैं। गणपति
    Read More

    विघ्नहर्ता मंगल कर्ता,<span>आलेख</span>
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    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    एक अजनबी दोस्त

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 138
    • 19 Mins Read

    एक अजनबी दोस्त

    मैने नंबर मिलाया, दूसरी तरफ से रिंग हो इससे पूर्व ही मुझे अहसास हो गया कि गलत नंबर लग चुका था।बहरहाल, रिंग जा रही थी,थोड़ी देर बाद किसी ने उठाया, "रोंग नंबर ।"रूखी सी आवाज़ थी। फोन काट
    Read More

    एक अजनबी दोस्त,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब 👌🏻

    Gita Parihar3 years ago

    आपका हार्दिक आभार

    कहानीसामाजिक, लघुकथा, बाल कहानी

    कान्हा जी की छठ्ठी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 226
    • 10 Mins Read

    कान्हा जी की छठ्ठी
    "मां,इस बार हम बुआ के घर की कान्हा की छठी की धूमधाम नहीं देख पाएंगे,न ?" नन्हें कौस्तुभ ने मृणालिनी का आंचल खिंचते हुए पूछा।
    मृणालिनी भी कल से यही सोच- सोच कर उदास थी। अपने घर मना
    Read More

    कान्हा जी की छठ्ठी,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>, <span>बाल कहानी</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    सकारात्मक सोच

    Gita Parihar3 years ago

    हार्दिक धन्यवाद

    Meeta Joshi

    Meeta Joshi 3 years ago

    रोचक

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    सुंदर

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर निर्णय..!

    Gita Parihar3 years ago

    हार्दिक आभार

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कहानीसंस्मरण

    पिता की सीख

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 306
    • 18 Mins Read

    पिता की सीख

    बालपन कोरा कागज़ होता है, जिस पर परिवार के लोग जैसी इबारत लिखते हैं,वह ताउम्र उस पर प्रभाव डालती है।क्योंकि बच्चे की पहली पाठशाला उसका घर होता है और पहले गुरु माता- पिता।बच्चों का कोमल
    Read More

    पिता की सीख,<span>संस्मरण</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर स्मृतियाँ..!

    Gita Parihar3 years ago

    जी, आपका हार्दिक आभार

    लेखआलेख

    सामाजिक मूल्यों का पतन, जिम्मेदार कौन?

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 1221
    • 19 Mins Read

    नैतिक मूल्यों का पतन, जिम्मेदार कौन?

    नैतिक मूल्य क्या हैं,पहले इसे परिभाषित करते हैं।मेरी राय में वे गुण जो व्यक्ति के स्वयं के सर्वांगीण विकास और कल्याण में योगदान देने के साथ-साथ किसी अन्य के
    Read More

    सामाजिक मूल्यों का पतन, जिम्मेदार कौन?,<span>आलेख</span>
    user-image

    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    काजल

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 214
    • 7 Mins Read

    शब्दाक्षरी प्रतियोगिता
    काजल

    सुहानी ने काजल लगी आंखों को आईने में एक बार फिर संवारा। जिंदगी के आइने में साहिल दिखा,अपने बाहों में भरते हुए उसकी आंखों में आंखें डालते अक्सर उन आंखों की गहराइयों
    Read More

    काजल,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
    user-image
    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    आदरणीय रचना एडिट कर प्रतियोगिता वाला ऑप्शन पर क्लिक कर प्रतियोगिता का चुनाव किजियेएगा। अभी रचना ऐड नही हुई है प्रतियोगिता में

    कविताअतुकांत कविता

    काजल

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 358
    • 3 Mins Read

    काजल

    आंखे यूं ही
    तेरी नशीली थीं
    लगा काजल
    किया घायल था।

    तेरी आँखों का काजल
    है या रात अँधेरी क़यामत की
    घना बादल भी न घना होगा
    जितना तेरी आँखो का काजल ।

    तमन्ना बस तेरी आँखों में समा जाऊँ
    काजल की तरह
    Read More

    काजल,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Amrita Pandey

    Amrita Pandey 3 years ago

    सुंदर रचना।

    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    काजल

    • Edited 3 years ago
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    • 288
    • 7 Mins Read

    शब्दाक्षरी प्रतियोगिता
    काजल

    सुहानी ने काजल लगी आंखों को आईने में एक बार फिर संवारा। जिंदगी के आइने में साहिल दिखा,अपने बाहों में भरते हुए उसकी आंखों में आंखें डालते अक्सर उन आंखों की गहराइयों
    Read More

    काजल,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    आपकी रचना प्रतियोगिता में ऐड नही हुई।

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    मर्मस्पर्शी रचना..!

    कवितालयबद्ध कविता

    फ़ैशन

    • Edited 3 years ago
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    • 199
    • 8 Mins Read

    फैशन को क्यों कोसते, सभी सुबह और शाम।
    भारत का दुनिया में होता फैशन से भी नाम।।


    फैशन बदले आचार-विचार हो ऐसी वेशभूषा।
    पहचाने बनाते समाज,संस्कृति,धर्म और पेशा।।


    जाने फैशन की कैसे बनी एक नई कहानी।
    विविधता
    Read More

    फ़ैशन,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    भारतीय परिधान अपनी विविधता के लिये प्रसिध्द हैं..!

    कहानीसामाजिक

    गोल रोटी

    • Edited 3 years ago
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    • 154
    • 10 Mins Read

    फूली रोटी

    निर्मली का चार साल का बेटा टी वी पर जिस भी खाने-पीने का इश्तहार देखता है,बस उसी की जिद्द करता है।अब वह क्या करें?भानू तो सुबह-सवेरे काम पर निकल जाता है,सारा दिन निर्मली रह जाती है रिंकू
    Read More

    गोल रोटी,<span>सामाजिक</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर भाव से परिपूर्ण.. रचना..!!

    लेखआलेख

    क्या स्कूल अभी खुलने चाहिए?

    • Edited 3 years ago
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    • 169
    • 12 Mins Read

    क्या स्कूल अभी खुलने चाहिए?
    देश में एक बार फिर से संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे वक़्त में स्कूल खोलने के क्या ख़तरे होंगे और क्या ये कदम कोरोना वायरस के प्रकोप को और बढ़ाने का काम करेगा,यह
    Read More

    क्या स्कूल अभी खुलने चाहिए?,<span>आलेख</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    आपने बहुत बारीकी से. स्कूल खोलने में आने वाली सारी समस्याओं की चर्चा आपने विस्तार से की है.

    Gita Parihar3 years ago

    जी, कोशिश की है। धन्यवाद

    कविताहाइकु

    पुस्तक

    • Edited 3 years ago
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    • 121
    • 2 Mins Read

    पुस्तक

    है
    ज्ञान
    अर्जन
    सामाजिक
    सम्मान संग
    राष्ट्रीय प्रगति
    का मार्ग पुस्तकें।

    हो
    मार्ग
    विकास
    प्रशस्त
    ज्ञान-चेतना
    चरित्र निर्माण
    पुस्तकों से ही।

    दें
    निधि
    अमूल्य
    सर्वश्रेष्ठ
    सार्वकालिक
    सब
    Read More

    पुस्तक,<span>हाइकु</span>
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    लेखआलेख

    सिमटते परिवार

    • Edited 3 years ago
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    • 152
    • 21 Mins Read

    बदलती भारतीय संस्कृति का प्रभाव हमारी सोच पर, हमारे सामाजिक ढांचे पर, हमारी पारिवारिक संरचना पर देखा जा सकता है। बदलाव का कारण जो भी हो ,आधुनिकता हो अथवा उससे आगे बढ़कर उत्तर-आधुनिकता हो, अथवा अन्य
    Read More

    सिमटते परिवार,<span>आलेख</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    एक ज्वलंत सच्चाई का आपने बहुत अच्छी तरह से सही मूल्यांकन किया है.👌👍🙏🙏

    कहानीसस्पेंस और थ्रिलर

    चूक

    • Edited 3 years ago
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    • 212
    • 14 Mins Read

    चूक
    शर्लीन की एक पहचान नहीं थी।वह हद दर्जे की मादक, मोहक, बिन्दास, अनुपम, अद्वितीय सुन्दरी थी। सौन्दर्य की देवी के रूप में उसका नाम लिया जाता था।सर्कस में वह अपने हुनर और ग्लैमर के जादू से जानी जाती
    Read More

    चूक,<span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    ख्वाहिश

    • Edited 3 years ago
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    • 164
    • 3 Mins Read

    #चित्राक्षरी
    #२१/०२/२०२१

    ख्वाहिश

    ये खुशनुमा मौसम,कुदरत का करम
    हसीन वादियां , खिलखिलाते सुमन।

    बहकता तन-मन,महकता चमन
    ठंडी-ठंडी हवाएं सुनाएं सरगम ।

    सूरज। की पहली किरणें चूमें पैशानी मेरी
    हसीन चाँदनी
    Read More

    ख्वाहिश,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत ही सुंदर

    Gita Parihar3 years ago

    आपका हार्दिक आभार

    Vivek Prajapati

    Vivek Prajapati 3 years ago

    Add me new users

    Gita Parihar3 years ago

    ???

    Vivek Prajapati

    Vivek Prajapati 3 years ago

    Sunder rachna

    Gita Parihar3 years ago

    आपका हार्दिक धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    नदी की वेदना

    • Edited 3 years ago
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    • 135
    • 4 Mins Read

    नदी की वेदना
    आग हूं जिससे ढुलकते बिंदु हिम जल के

    धारा सूखी, सूखी धरा बिन वन जीवन के

    गिरी पत्तियां ,टूटी डाली, उजड़े नीड़ चिरैया के

    पनघट,नदिया,ताल- तलैया कहां गये सब बचपन के?


    देख तुम्हारी वेदना
    Read More

    नदी की वेदना,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Vivek Prajapati

    Vivek Prajapati 3 years ago

    Bahut khub khubsurat panktiyan 🌺

    Vivek Prajapati

    Vivek Prajapati 3 years ago

    Khubsurat panktiyan

    Gita Parihar3 years ago

    जी, धन्यवाद

    लेखआलेख

    आस्था कि प्रतीक हमारी नदियां

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 256
    • 16 Mins Read

    आस्था का प्रतीक हमारी नदियां
    भारत दुनिया का एक मात्र ऐसा देश हैं, जहां नदियों को देवी का दर्जा दिया गया हैं।भारत में कई नदिया है इसलिए भारत को नदियों का देश भी कहा गया है।हम नदियों को पतितपावनी,
    Read More

    आस्था कि प्रतीक हमारी नदियां,<span>आलेख</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    नदियों के विषय में बहुत ही सुन्दर लेखन..!

    लेखआलेख

    महाशिवरात्रि

    • Edited 3 years ago
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    • 283
    • 8 Mins Read

    महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है।यह भगवान शिव का पर्व है जिसे फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ। पौराणिक
    Read More

    महाशिवरात्रि,<span>आलेख</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    पतंग

    • Edited 3 years ago
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    • 164
    • 5 Mins Read

    पतंग

    हवा में डोलती कहां से आई री पतंग?
    मैं आई चीन देश से यह मेरा इतिहास
    करो मेरा विश्वास तैईस सौ साल पुराना है
    ईसा पूर्व से उद्भव मेरा सबने माना है
    अस्तित्व हुआ कैसे यह भेद अजाना है
    रेशम का कपड़ा,रेशम
    Read More

    पतंग,<span>अतुकांत कविता</span>
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    लेखआलेख

    मां सरस्वती

    • Edited 3 years ago
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    • 380
    • 11 Mins Read

    माता सरस्वती ज्ञान और बुद्धि की देवी है। सृष्टि में जितने भी वेद पुराणों का ज्ञान है, सब उनसे है, समस्त संगीत और विद्या उनसे है।
    मां सरस्वती को विद्या बुद्धि प्रदायिनी माना जाता है।
    कहते है सृष्टि
    Read More

    मां सरस्वती,<span>आलेख</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत अच्छी जानकारी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर रचना

    कविताअन्य

    दहेज

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 159
    • 2 Mins Read

    वर्ण पिरामिड
    दहेज

    ये
    प्रथा
    दहेज
    अपराधी
    हों शर्मसार
    माने कन्यादान
    धरा का महादान।

    क्या
    अच्छा
    दहेज
    है गारंटी
    बेटी का सुख?
    पढ़ाओ-लिखाओ
    आत्मनिर्भर बनें।

    हो
    अंत
    दहेज
    कुरीति का
    खुशहाल है
    वह परिवार

    Read More

    दहेज,<span>अन्य</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    सही में,

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर रचना

    कहानीसस्पेंस और थ्रिलर

    अहम सबूत

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 157
    • 29 Mins Read

    जन्अमदिन की शुभकामनाएं
    हम सबूत
    मैं ऑनलाइन थी। मुझे पुरानी प्रोपर्टी में दिलचस्पी है, वही सर्च कर रही थी कि एक मेसेज फ़्लैश हुआ,यह कोई मर्लिन थी।संदेश के साथ एक फोटो भी थी,लिखा था,अपनी सलामती चाहती
    Read More

    अहम सबूत,<span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    जी, आभार

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    कहानीसस्पेंस और थ्रिलर

    अहम सबूत

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 271
    • 29 Mins Read

    अहम सबूत
    मैं ऑनलाइन थी। मुझे पुरानी प्रोपर्टी में दिलचस्पी है, वही सर्च कर रही थी कि एक मेसेज फ़्लैश हुआ,यह कोई मर्लिन थी।संदेश के साथ एक फोटो भी थी,लिखा था,अपनी सलामती चाहती हैं तो इसे फ़ाइनल करने
    Read More

    अहम सबूत,<span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>
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    लेखआलेख

    जया एकादशी

    • Edited 3 years ago
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    • 174
    • 14 Mins Read

    जया एकादशी
    माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं. यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है, इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है. भगवान विष्‍णु
    Read More

    जया एकादशी,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    बुधु भगत

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 361
    • 9 Mins Read

    लारका आंदोलन और कोल विद्रोह के अगुआ महान क्रांतिकारी बुधु भगत
    क्रांतिकारी बुधु भगत का जन्म आज ही के दिन 17 फरवरी 1792 में आज के झारखण्ड राज्य में राँची ज़िले के चान्हो प्रखंड अंतर्गत कोयल नदी के तट
    Read More

    बुधु भगत,<span>आलेख</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    मां भारती

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 196
    • 5 Mins Read

    अतुल्य धरती भारत की
    सबसे ऊंची पर्वत माला
    दुनिया की विपुल आबादी
    विविध पोशाक, भाषा शैली
    भिन्न-भिन्न जातीयता -बोली
    कई धर्मों का देश, संप्रदायों की टोली
    १,६३५ भाषाएं और ९०० हैं बोली
    १११ नृत्य रूप -संगीत
    Read More

    मां भारती,<span>अतुकांत कविता</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बिलकुल, हमें गर्व होना चाहिए

    लेखआलेख

    भारतीय सैनिक

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 165
    • 20 Mins Read

    हमारे देश के पास दुनियाँ की चौथी सबसे विशाल सेना हैं,जिन्हें तीन मुख्य भागों में बाटा गया है। जिनमें भारतीय नौसेना, भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना हैं।
    शायद ही ऐसा कोई भारतीय होगा जो भारतीय
    Read More

    भारतीय सैनिक,<span>आलेख</span>
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    कविताअन्य

    बलिदान (तांका)

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 121
    • 2 Mins Read

    विषय: बलिदान
    विधा: तांका

    ये
    वीर
    जवान
    की दास्तान
    कर्तव्य वेदी
    पर बलिदान
    अद्भुत अभिमान।

    वो
    शौर्य
    कर्तव्य
    स्वाभिमान
    मातृभूमि को
    अर्पित हों प्राण
    यही है अरमान।

    ये
    देश
    हमारा
    है सम्मान
    सौगंध
    Read More

    बलिदान (तांका),<span>अन्य</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    सुन्दर

    लेखआलेख

    एक अनोखा गांव

    • Edited 3 years ago
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    • 350
    • 11 Mins Read

    साहित्य अर्पण

    भारत का एक गांव, जहां मिलता है दही जमाने वाला चमत्कारी पत्थर
    दही जमाने के लिए लोग अक्सर जामन ढूंढ़ते नजर आते हैं। लेकिन राजस्थान के जैसलमेर जिले के एक गांव में जामन की जरूरत नहीं
    Read More

    एक अनोखा गांव,<span>आलेख</span>
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    कहानीसामाजिक

    फेसबुकिया प्यार

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 265
    • 12 Mins Read

    प्रतियोगिता हेतु
    फेसबुकिया प्यार
    १३/०२/२०२१

    आधुनिक भारत की कल्पना हो और फेसबुक का नाम न आए!और फेसबुक का जिक्र हो और फेसबुकिया प्यार का नाम न आए,यह तो हो ही नहीं सकता।
    आज की नौजवान पीढ़ी, बीते ज़माने
    Read More

    फेसबुकिया प्यार,<span>सामाजिक</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    आज के जमाने में फूंक फूंक कर कदम रखना ही ज्यादा उचित है

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    आपकी रचना कॉम्पीटीटीन में ऐड नही हुई आदरणीया।

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    आभासी दुनिया की वास्तविकता

    लेखआलेख

    कुलधरा

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 177
    • 12 Mins Read

    कुलधरा, रहस्यों में लिपटा एक वीरान गांव
     राजस्थान अपने आप में कई तरह के रहस्यों को समेटे हुए है। इसी में से एक है जैसलमैर का कुलधरा गांव।पालीवालों के मुदगल गोत्र में कुलधर एक उपजाति है कुलधर के
    Read More

    कुलधरा,<span>आलेख</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    चुनौती

    • Edited 3 years ago
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    • 221
    • 14 Mins Read

    चुनौती
    "वैष्णवी, विहान कोरोना अभी गया नहीं है।यह चुनौती का समय है। तुमने जो घर पर रहकर ही पढ़ाई की है,ऑनलाइन स्कूल के टाइम- टेबल मुताबिक ओर अपनी खुद की भी समय-सारनी के अनुसार जो पढ़ा था उसके मूल्यांकन
    Read More

    चुनौती,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    कहानी के बहाने अच्छी जानकारी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत अच्छी रचना..!

    कविताहाइकु

    उपासना/पूजा

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 160
    • 2 Mins Read

    उपासना/पूजा/भक्ति
    विधा:हाइकु

    ईश्वर प्रेम
    अनुरक्ति, सत्संग
    है अलौकिक।

    डाकू वाल्मीकि
    मरा-मरा कहते
    थे बन गए ऋषि।

    थी मीराबाई
    पूजा प्रेम दीवानी
    ईश्वरोपासना में।

    भक्त प्रह्लाद
    माना सर्वव्यापी
    Read More

    उपासना/पूजा,<span>हाइकु</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    निंदक नियरे राखिए

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 208
    • 4 Mins Read

    निंदक नियरे राखिए
    जहां हर कोई प्रशंसा का भूखा है
    सच्ची / झूठी प्रशंसा का भूखा है
    कान तरसते हैं प्रशंसा सुनने के लिए
    प्रशंसक,चमचे,चाटुकार अहंकार को देते हवा
    फिर लाख कहो, प्रशंसा से सावधान
    प्रशंसा
    Read More

    निंदक नियरे राखिए,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    सुन्दर....

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    विकास की बयार

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 232
    • 10 Mins Read

    विकास की बयार
    "अरे, तुम अष्ट देवियां कहां चलीं?" रसोईघर से निकल कर पल्लू से हाथ पोंछती रुक्मणी ने ज्योति की सहेलियों से पूछा।
    " चाची, हम सब जा रहे हैं ,कंप्यूटर सीखने।"अपनी लंबी चोटी घुमाते हुए प्रियंका
    Read More

    विकास की बयार,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    लेखआलेख

    सड़क हादसे

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 247
    • 15 Mins Read

    सड़क हादसे
    साल में अकेले यमुना एक्सप्रेस वे ने 400 से अधिक जाने ले लीं हैं। आंकड़ों से सड़कों की सुरक्षा की भयावह तस्वीर नज़र आती है।हर साल अकेले यू पी में 20,000 लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं।

    गाड़ी
    Read More

    सड़क हादसे,<span>आलेख</span>
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    लेखअन्य

    बसंत ऋतु के नाम पत्र

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 295
    • 10 Mins Read

    बसंत ऋतु के नाम पत्र
    प्रिय बसंत,
    फेसबुक और व्हाट्सएप पर तुम्हारे आगमन का बहुत शोर है। आभासी दुनिया के कवि,लेखक और शहरी लोग इतना कुछ वर्णन कर रहे हैं।
    मैंने गांव नहीं देखे, मगर सफर में आते -जाते सड़क
    Read More

    बसंत ऋतु के नाम पत्र,<span>अन्य</span>
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    लेखआलेख

    क्रोध, गुस्सा,नफरत, अहंकार है... मीठे जहर

    • Edited 3 years ago
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    • 1571
    • 16 Mins Read

    #क्रोध,गुस्सा,नफरत,अहंकार...यह सब है धीमा जहर...

    वैदिक धर्म में मनुष्य के चार शत्रु लिखे गए हैं।काम ,क्रोध,मद और लोभ। इनमें दो और जुड़ गए हैं।गुस्सा और नफरत यह धीमे जहर कहलाते हैं।
    *क्रोध
    क्रोध एक प्राकृतिक
    Read More

    क्रोध, गुस्सा,नफरत, अहंकार है... मीठे जहर,<span>आलेख</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    संवेदनहीनता

    • Edited 3 years ago
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    • 326
    • 23 Mins Read

    साहित्य अर्पण
    विषय:संवेदना
    विधा: मुक्त
    शीर्षक: संवेदनहीनता

    मैं ठीक 10 बजे अपने क्लीनिक पहुंच जाता हूं।10 बजे से 2 बजे मरीजों से मिलने का समय है,मगर 2 बजे उठना कभी नहीं हो पाता,कभी - कभी तो 4 बज जाते हैं।इसलिए
    Read More

    संवेदनहीनता,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    bhavpurna Rachna...!

    कहानीसामाजिक

    दोष

    • Edited 3 years ago
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    • 235
    • 16 Mins Read

    दोष
    "इसमें किस का दोष निकालू? सारी गलती मेरी है।ग्लेशियर टूटकर गिरेगी,इस बात की सभी चिंता करते रहते थे।और मैं ..मैंने वहीं बांध बैराज में गिरीश को काम पर भेज दिया!मुझे चेत नहीं रहा !मेरी मति मारी गई!।भाई
    Read More

    दोष,<span>सामाजिक</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    देव भूमि में प्रकृति का कहर

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 154
    • 4 Mins Read

    देवभूमि में प्रकृति का कहर

    ग्लैशियर का फटना
    कहर का बरपना
    क्यों कर हुई मौजूदा घटना? कहां?
    देवभूमि में प्रकृति का कहर
    सुनकर रोम -रोम गया सिहर
    देव प्रसन्न तो आशीर्वाद,देव खफा!
    अब होगा तांडव!
    तापमान
    Read More

    देव भूमि में प्रकृति का कहर,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    आयो बसंत

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 150
    • 3 Mins Read

    आयो बसंत

    छिटके चहुँ ओर पीत रंग
    आए ऋतु राज अनंग संग।

    उमड़े प्रेम-अनुराग हृदय में
    तन-मन मद मस्त मलंग।

    अद्भुत, अलबेली कैसी छटा
    घिर गई देखो काली घटा।

    पुलकित है सब दिग-दिगंत
    डाल -डाल बिखरा बसंत।

    महके
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    आयो बसंत,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Rajesh Kr. verma Mridul

    Rajesh Kr. verma Mridul 3 years ago

    बहुत ही सुंदर....

    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    बहुत.. संदर...

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत सुंदर

    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    एक बूंद ओस की

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 492
    • 7 Mins Read

    एक बूँद ओस की


    कल रात कई बार नींद टूटी।कई घटनाएं चलचित्र की भांति दिमाग में चलने लगीं। याद आयी,वह किशोरी, जलता हुआ आग का शोला, हार न मानकर चलती जा रही,अंधे कानून से न्याय की आस में जब तक होशोहवास में
    Read More

    एक बूंद ओस की,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    बेहतरीन.... लेख।👌👌👌

    कहानीसामाजिक

    वह वृक्ष

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 134
    • 9 Mins Read

    साहित्य अर्पण,एक पहल
    चित्राक्षरी आयोजन फरवरी
    वह वृक्ष
    गाँव से सटकर बहती थी‌ नदी और फिर थी खुली जमीन और उस जमीन पर था एक विशाल इमली का वृक्ष। वह वृक्ष भी बहुत ही विशाल था। मेरे सारे दोस्तों को अपने
    Read More

    वह वृक्ष,<span>सामाजिक</span>
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    लेखआलेख

    रणछोड़ श्रीकृष्ण

    • Edited 3 years ago
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    • 159
    • 23 Mins Read

    रणछोड़ श्रीकृष्ण

    मुरली मनोहर, कान्हा, कृष्ण मुरारी, नंद गोपाल, माखन चोर, देवकी नंदन जैसे कई नामों से पुकारे जाने वाले हैं श्री कृष्ण रणछोड़ क्यों
    कहलाए ? भगवान श्री कृष्ण युग पुरुष लीला कला में
    Read More

    रणछोड़ श्रीकृष्ण,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    मीडिया जनजाति

    • Edited 3 years ago
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    • 116
    • 25 Mins Read

    माड़िया जनजाति
    आजतक जिस जनजाति ने अपनी मूल परंपरा और संस्कृति को सहेज कर रखा है वह है अबूझमाड़ के अनगढ़ जंगलॊं की माड़िया जनजाति।इनको मुख्यतः दो उपजातियों में बांटा गया है, अबुझ माड़िया और बाईसन होर्न
    Read More

    मीडिया जनजाति,<span>आलेख</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    न्याय

    • Edited 3 years ago
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    • 226
    • 4 Mins Read

    न्याय

     आक्रोशित जनता पूछती है,

     न्याय है भी? न्याय है कहां ?

     घर न बाहर, कहां है सुरक्षित बेटियां?

    असुरक्षा,भय आतंक का है समाज 

    यौन विकृत भेड़िए लपलपाती, रक्त पिपासु 

      जिह्वा लटकाए घूमते जहां ?


     
    Read More

    न्याय,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Maniben Dwivedi

    Maniben Dwivedi 3 years ago

    बहुत सुंदर सार्थक सृजन

    Maniben Dwivedi

    Maniben Dwivedi 3 years ago

    बहुत सुंदर सार्थक सृजन

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    जवानों की सहनशक्ति

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 113
    • 21 Mins Read

    जवानों की सहनशक्ति
    विधा - परिचर्चा
    (सिटीजंस वेलफेयर सोसाइटी में आज सभी सुबह का अखबार अपने हाथों में लेकर घर जाकर गरमा- गरम चाय की चुस्की के साथ खबरें पढ़ने के मूड में नहीं है बल्कि वहीं अखबार खोलकर
    Read More

    जवानों की सहनशक्ति,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीसामाजिक

    बुढ़ापे का दर्द

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 174
    • 21 Mins Read

    बुढापे का दर्द
    विधा: परिचर्चा
    स्थान:श्यामनाथ गोयनका सोसायटी का सामूहिक भवन
    सेक्रेटरी: भुवन गुप्त
    ट्रेसरार:मनु महादेव
    सीनियर मेम्बर:रिटा.कर्नल हरप्रीत सिंह, शोभना दास, नुपुर बसु
    भुवन गुप्त: नमस्कार
    Read More

    बुढ़ापे का दर्द,<span>सामाजिक</span>
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    लेखआलेख

    आज़ाद भारत में एक राजा की फर्जी मुठभेड़

    • Edited 3 years ago
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    • 118
    • 26 Mins Read

    आज़ाद भारत में एक राजा की फर्जी मुठभेड़

    कहानी है भरतपुर रियासत के राजा मानसिंह की। इनका जन्म 1921 में हुआ था।बड़े भाई बृजेंद्र सिंह महाराज हुआ करते थे।मानसिंह बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे, उन्हें
    Read More

    आज़ाद भारत में एक राजा की फर्जी मुठभेड़,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    आज की जरूरत महात्मा गांधी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 228
    • 15 Mins Read

    आज की जरूरत महात्मा गांधी

    भारत हमेशा से आध्यात्म, योग, अहिंसा,सहिष्णुता की दिशा दुनिया को दिखाता आया है। लगभग डेढ़ शताब्दी पूर्व के गांधी के विचार ;मिल- जुल कर रहना, परस्पर सहयोग और एकता आज भी उतने
    Read More

    आज की जरूरत महात्मा गांधी,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    प्रथम परमवीर

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 111
    • 11 Mins Read

    प्रथम परमवीर

    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में 31जनवरी 1923 में जन्मे सोमनाथ शर्मा ने 1942 में रॉयल मिलिट्री कॉलेज से स्नातक किया। पिता, दोनों भाई, दोनों बहने आर्मी में थे। खून में ही वीरता थी तो सोमनाथ
    Read More

    प्रथम परमवीर,<span>आलेख</span>
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    कहानीसामाजिक

    बुढ़ापे का दर्द

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 315
    • 21 Mins Read

    बुढापे का दर्द
    विधा: परिचर्चा
    स्थान:श्यामनाथ गोयनका सोसायटी का सामूहिक भवन
    सेक्रेटरी: भुवन गुप्त
    ट्रेसरार:मनु महादेव
    सीनियर मेम्बर:रिटा.कर्नल हरप्रीत सिंह, शोभना दास, नुपुर बसु
    भुवन गुप्त: नमस्कार
    Read More

    बुढ़ापे का दर्द,<span>सामाजिक</span>
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    Sarita Singh Singh

    Sarita Singh Singh 3 years ago

    जी सुंदर परिचर्चा

    कवितालयबद्ध कविता

    फ़र्ज़ की पुकार

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 111
    • 2 Mins Read

    फ़र्ज़ की पुकार

    बिंधी तुम्हारी देह हो
    लथपथ जिगर के खून से
    धरा का रंग लाल हो
    प्रहार पर रुके नहीं
    सर कभी झुके नहीं
    सीमा पर जब शत्रु हो
    संकल्प अजातशत्रु हो
    फ़र्ज़ की पुकार पर
    तन ,मन सभी को वार कर
    अरिहंत
    Read More

    फ़र्ज़ की पुकार,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कविताहाइकु

    प्रेम का मोल

    • Edited 3 years ago
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    • 169
    • 2 Mins Read

    हाइकु
    प्रेम का मोल
    १.
    प्रेम का मोल
    लग न पाया कभी
    है अनमोल।
    २.
    प्रेम बयार
    भाये, बढ़ाए प्रेम
    अपनापन।
    ३.
    मोल प्रेम का
    पहचान, बचा ले
    ये सच्चे रिश्ते।
    ४.
    हर पल हूं
    प्रेम ऱंग दिवानी
    जग न जानी
    ५.
    आंखों का पानी
    प्रेम
    Read More

    प्रेम का मोल,<span>हाइकु</span>
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    लेखआलेख

    हमारे कर्तव्य

    • Edited 3 years ago
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    • 402
    • 15 Mins Read

    देश के प्रति हमारे कर्तव्य

    सुकन्या: दादाजी, हमें बताया गया है कि भारत के संविधान में दुनिया की प्रायः सभी विशुद्ध लोकतांत्रिक प्रणालियों का समावेश है।वह क्या है?

    दादाजी:बेटा,भारत के संविधान में
    Read More

    हमारे कर्तव्य,<span>आलेख</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर और सराहनीय. कर्तव्यों का पालन भी आवश्यक है.

    कवितालयबद्ध कविता

    सीमा प्रहरी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 183
    • 4 Mins Read

    # एक दीया शहीदों के नाम 26/01/२०२१
    सीमा प्रहरी


    अमर शहीदों तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम
    एक दीया हर अमर शहीद के नाम।

    सजग सीमा प्रहरी तुम सम
    हस -हस तजते घर द्वार।

    राष्ट्र प्रेम की खातिर
    झेल रहे हर वार।

    तिरंगे
    Read More

    सीमा प्रहरी,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कविताअन्य

    संरक्षण(तांका)

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 141
    • 3 Mins Read

    विधा:तांका
    शीर्षक:संरक्षण
    १.
    जल की कमी
    प्रकृति का दोहन
    ये प्रदूषण
    मानव का अस्तित्व
    अब असुरक्षित।
    २.
    पर्यावरण
    चाहता संरक्षण
    अत्यावश्यक
    सीमित संसाधन
    वैकल्पिक व्यवस्था।

    Read More

    संरक्षण(तांका),<span>अन्य</span>
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    लेखआलेख

    जागरूक मतदाता कैसा हो?

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 215
    • 25 Mins Read

    जागरुक मतदाता कैसा हो?


    भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन भारत के प्रत्येक जागरुक नागरिक को अपने मताधिकार
    Read More

    जागरूक मतदाता कैसा हो?,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    राष्ट्रीय बालिका दिवस

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 204
    • 9 Mins Read

    राष्ट्रीय बालिका दिवस
    बालिका दिवस मनाने की शुरुआत 2009 से हुई।इसके लिए यही दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इंदिरा गांधी इसी दिन 1966 को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।आज 24 जनवरी है,आज भी हर वर्ष की
    Read More

    राष्ट्रीय बालिका दिवस,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    सारंडा के आदिवासी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 397
    • 15 Mins Read

    अरुणाचल प्रदेश की जनजातियाँ
    प्रदेश की जनसांख्यिकी का प्रमुख हिस्सा यहां की जनजातियां हैं।अरुणाचल उत्तर पूर्व के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। यहां लगभग 20 आदिवासी समूह रहते हैं।
    इनमें
    Read More

    सारंडा के आदिवासी,<span>आलेख</span>
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    Sarita Singh Singh

    Sarita Singh Singh 3 years ago

    सुंदर प्रस्तुति

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत अच्छी जानकारी

    लेखआलेख

    सुभाषचन्द्र बोस

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 227
    • 13 Mins Read

    सुभाष चंद्र बोस


    आज से १२५ वर्ष पूर्व आज ही के दिन भारत देश की महान धरती पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसी महान विभूति ने जन्म लिया था।
    भारत वर्ष का इतिहास अनेक महान विभूतियों से विभूषित है। उनमें
    Read More

    सुभाषचन्द्र बोस,<span>आलेख</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    नेताजी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 120
    • 4 Mins Read

    नेताजी
    23 जनवरी 1877 को भारत का भाल चमका था
    एक पराक्रमी बालक जन्मा था।

    देशप्रेम जागृत कर जिसने आज़ादी का बिगुल बजाया था
    हर घर से जीवन अर्पित करने सेनानी बाहर गाए था।

    तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी
    Read More

    नेताजी,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    श्रीनगर की कानी शॉल

    • Edited 3 years ago
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    • 138
    • 17 Mins Read

    श्रीनगर की कानी शाल
    "स्वागत है बच्चो, भारत चर्चा में आज हम श्रीनगर से करीब 16 किलोमीटर दूर बड़गांव जिले के गांव कनिहामा के बारे में जानने का प्रयास करेंगे।"
    "चाचाजी,धरती के इस स्वर्ग का तो हर स्थान
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    श्रीनगर की कानी शॉल,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    लेखआलेख

    हमारे तीन अचूक अस्त्र -आस, प्रयास और विश्वास

    • Edited 3 years ago
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    • 162
    • 14 Mins Read

    हमारे तीन अचूक शस्त्र - आस, प्रयास और विश्वास


    हम सभी जीवन में सफलता की कामना करते हैं और उसकी प्राप्ति के लिए अपन- अपने तरीकों से प्रयास करते हैं।इन प्रयासों में समय, स्थान, परिस्थिति और संसाधन
    Read More

    हमारे तीन अचूक अस्त्र -आस, प्रयास और विश्वास,<span>आलेख</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    मेरे देश में पोषक का स्वागत

    • Edited 3 years ago
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    • 104
    • 4 Mins Read

    शीर्षक:मेरे देश में पौष का स्वागत
    चलो चलें महाराष्ट्र पौष में खाएं पूरन पोली
    झारखंड में लगा है मेला पौष पीठे की झोली

    उत्तराखंड में आटे, गुड़ का बनता पुआ
    उत्तरप्रदेश में देशी घी का नित खाते हैं हलुआ

    गरमागरम
    Read More

    मेरे देश में पोषक का स्वागत,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कहानीलघुकथा

    सूरज की फीकी गर्मी

    • Edited 3 years ago
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    • 115
    • 9 Mins Read

    सूरज की फीकी गर्मी
    हड़कंपउना जाड़ा है।पछियाँव बह रही है। कोयला जो सुलगाया था,बुझ चुका है।बस इतना ही मिन्नतें करके बुधनी भौजी से एक लोटा दूध के बदले लाई थी।टाट के पर्दे में इतने छेद हो चुके हैं कि
    Read More

    सूरज की फीकी गर्मी,<span>लघुकथा</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    जाड़े की धूप

    • Edited 3 years ago
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    • 103
    • 3 Mins Read

    शीर्षक:जाड़े की धूप
    भली लगे है धूप देखो जाड़े का प्रताप
    लोग ठिठुरने हैं लगे,मांगे सूरज का ताप।
    पक्षी नीड़ों को भागे,कुछ ने किया प्रवास
    गौएँ गौशाला में दुबकीं राहत की न आस।
    शीतलहर से ठिठुरते सूर्य
    Read More

    जाड़े की धूप,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीसंस्मरण

    जाड़े की यात्रा

    • Edited 3 years ago
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    • 119
    • 28 Mins Read

    जाड़े की यात्रा
    यह 1991 की दशहरे की छुट्टियों की बात है। मैं अपने स्कूल की तरफ से बच्चों के एक समूह को लेकर कुल्लू मनाली ट्रैकिंग के लिए फैजाबाद से अपने तीन सहयोगी शिक्षकों के साथ गई थी।
    हमने फैजाबाद
    Read More

    जाड़े की यात्रा,<span>संस्मरण</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    शीत ऋतु

    • Edited 3 years ago
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    • 227
    • 3 Mins Read

    प्रभाकर दझिणायण से बढ़े उत्तरायण।
    आया लोहड़ी ,मकर संक्रांति पर्व पावन।।

    शीत ऋतु
    दिनकर धनु से निकल कर ,करते मकर प्रवेश ।
    होती भेंट पुत्र शनिदेव से कटते सारे क्लेश।।

    नव उर्जा संचरित हो ,तन पाए नवस्फूर्ति।
    खिचड़ी,लड्डू,
    Read More

    शीत ऋतु,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    शीत ऋतु

    • Edited 3 years ago
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    • 113
    • 3 Mins Read

    प्रभाकर दझिणायण से बढ़े उत्तरायण।
    आया लोहड़ी ,मकर संक्रांति पर्व पावन।।

    शीत ऋतु
    दिनकर धनु से निकल कर ,करते मकर प्रवेश ।
    होती भेंट पुत्र शनिदेव से कटते सारे क्लेश।।

    नव उर्जा संचरित हो ,तन पाए नवस्फूर्ति।
    खिचड़ी,लड्डू,
    Read More

    शीत ऋतु,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    दशम मास

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 176
    • 2 Mins Read

    चोका
    दशम माह
    ये पौष मास
    आई पूर्णिमा
    चलो प्रयागराज

    पापनाशन
    करें तपस्या, जप
    ओ कल्पवास
    संगम तट धूनी
    ओ फलाहार
    पूजें विष्णु को
    आरोग्य दाता
    दिव्य लोक के स्वामी
    ऋतु हेमंत
    कांपती है हड्डियां
    सूर्य
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    दशम मास,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर रचना

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर रचना

    Gita Parihar3 years ago

    आपका हार्दिक धन्यवाद

    कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक

    जैसी करनी वैसी भरनी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 239
    • 16 Mins Read

    जैसी करनी वैसी भरनी
    दादी ने नाक मुंह सिकोड़ते हुए, चश्मा उपर चढ़ाते हुए पूछा," मैं कहती हूं यह कौन उल्टी गंगा बहा रहा है?
    पीछे से मुँह बिचकाते मगर बेहद अदब से बहु ने कहा, "ऐसा कुछ नहीं है, मां जी।"
    दादी
    Read More

    जैसी करनी वैसी भरनी,<span>सामाजिक</span>, <span>ऐतिहासिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    कहानीऐतिहासिक, प्रेरणादायक

    हमारा गौरवशाली इतिहास

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 115
    • 24 Mins Read

    हमारा गौरवशाली इतिहास बालकथा के माध्यम से

    " बच्चो,आज हम महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी हासिल करेंगे।

    एक बार जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे । तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि,हिंदुस्तान
    Read More

    हमारा गौरवशाली इतिहास,<span>ऐतिहासिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    कब तख

    • Edited 3 years ago
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    • 127
    • 5 Mins Read

    कब तक ?

    दो विपरीत ध्रुवों का मिलना और
    तय होना एक लंबे सफर का,
    दो विपरीत ध्रुवों का मिलाप ?
    असंभव है,
    भौगोलिक दृष्टि से
    समाज में उदाहरण बिखरे पड़े हैं यत्र- तत्र
    कि
    दो विपरीत विचार सोच- समझ के जीव,

    Read More

    कब तख,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    तख को तक कर लीजिए

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर रचना

    लेखआलेख

    आगरा

    • Edited 3 years ago
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    • 174
    • 17 Mins Read

    आगरा 
    महाभारत काल का आगरवन कालांतर में आगरा कहलाया।
    आगरा बहुत समय तक मुगलों की राजधानी रहा इसलिए यहाँ कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण हुआ,जो आज देश की धरोहर हैं।
    आगरा दर्शनीय स्थलों में से एक है,यहाँ
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    आगरा,<span>आलेख</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर

    लेखआलेख

    भूख

    • Edited 3 years ago
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    • 143
    • 10 Mins Read

    भूख

    आज समाज में अधिकांश लोग तनाव का जीवन जीने पर मजबूर हैं। यह मजबूरी उनकी अपनी ही ओढ़ी हुई है। जिसका नाम है ख्वाहिश चाहत,इच्छा ,भूख। इंसान हर तरह से अपनी ख्वाइश पूरी करना चाहता है। एक ख्वाहिश पूरी
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    भूख,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    भारत देश के त्यौहार

    • Edited 3 years ago
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    • 155
    • 24 Mins Read

    भारत देश के त्योहार
    अपने भारत देश के बारे में चर्चा करते हुए इतने दिन बीत गए,लेकिन लगता है अभी कुछ ही जाना है।क्यों,क्योंकि हमारा देश इतनी विविधताएं संजोए हुए है कि उनका बखान करने में वर्षों बित
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    भारत देश के त्यौहार,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    मूर्ति पूजा

    • Edited 3 years ago
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    • 97
    • 8 Mins Read

    मूर्ति पूजन
    अक्सर मन‌ में यह सवाल उठता था कि भगवान के प्रति भाव की एकाग्रता और उनसे सहज संवाद के लिए मूर्ति पूजन की परंपरा का विकास कब हुआ होगा, कैसे हुआ होगा और क्यों हुआ होगा।तब अध्ययन करने पर
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    मूर्ति पूजा,<span>आलेख</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    पतंग

    • Edited 3 years ago
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    • 96
    • 5 Mins Read

    पतंग

    हवा में डोलती कहां से आई री पतंग?
    मैं आई चीन देश से यह मेरा इतिहास
    करो मेरा विश्वास तैईस सौ साल पुराना है
    ईसा पूर्व से उद्भव मेरा सबने माना है
    अस्तित्व हुआ कैसे यह भेद अजाना है
    रेशम का कपड़ा,रेशम
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    पतंग,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    मकरसंक्रांति/लोहड़ी

    • Edited 3 years ago
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    • 99
    • 3 Mins Read

    *मकर संक्रांति/लोहड़ी
    लोहड़ी में सूरज ढलते ही
    लकड़ी,उपले,कंडे, रेवड़ी
    भांगड़ा, ढोल-नगाड़ों की धूम
    गली- मोहल्ले गुलज़ार हुए
    जहां पहली लोहड़ी की गूंज
    मक्का, गजक ,तिल, गुड़, लावा ,रेवड़ी
    नववधू घर- घर
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    मकरसंक्रांति/लोहड़ी,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    अधरों पर मुस्कान

    • Edited 3 years ago
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    • 121
    • 4 Mins Read

    अधरों पर मुस्कान

    करती हर संकट आसान
    अधरों पर मुस्कान ।

    न पीड़ित हों, ना पीड़ा दें
    रखें सर्वजन सुखाय का ध्यान ।

    और अधरों पर मुस्कान
    न हो पर निंदा में रसमग्न।

    न हो वहशीपन का जश्न
    हो मानवता का सम्मान।

    और
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    अधरों पर मुस्कान,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    प्यार

    • Edited 3 years ago
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    • 117
    • 19 Mins Read

    प्यार

    मैं मोबाइल पर बात कर रही थी,पीछे से,"एक्सक्यूज मी"सुनकर मुड़ी देखा,एक सुदर्शन,आकर्षक नौजवान आंखों पर काला चश्मा लगाए रास्ता मांग रहा था। मैं देर तक उसकी ओर देखती रही, तभी चपरासी ने कहा,"मैडम,साहब
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    प्यार,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    लेखआलेख, अन्य

    मकरसंक्रांति का महत्व

    • Edited 3 years ago
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    • 109
    • 13 Mins Read

    9 जनवरी ,शनिवार
    विषय -मकर संक्रांति का महत्व
    विधा -आलेख

    इस दिन सूर्य धनु राशि छोड़कर -मकर राशि में प्रवेश करता है।यह पर्व जनवरी माह के १४वें या १५वें दिन पड़ता है।यही एकमात्र पर्व है जिसे समूचे भारत
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    मकरसंक्रांति का महत्व,<span>आलेख</span>, <span>अन्य</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    मेरे देश में पौष मास

    • Edited 3 years ago
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    • 116
    • 4 Mins Read

    शीर्षक:मेरे देश में पौष का स्वागत
    💐💐
    चलो चलें महाराष्ट्र पौष में खाएं पूरन पोली
    झारखंड में लगा है मेला पौष पीठे की झोली

    उत्तराखंड में आटे, गुड़ का बनता पुआ
    उत्तरप्रदेश में देशी घी का नित खाते हैं
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    मेरे देश में पौष मास,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    लेखआलेख

    लाभकारी व्यवसाय

    • Edited 3 years ago
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    • 205
    • 16 Mins Read

    गुलाब को फूलों का राजा इसके बहुउपयोगी होने के कारण कहा जाता है। इसका उपयोग पूजा -अर्चना, भेंट मुलाकात और बालों और वस्त्रों पर टांकने के काम भी आता है ,इसके अलावा गुलाब का अर्क, परफ्यूम और गुलकंद
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    लाभकारी व्यवसाय,<span>आलेख</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य

    इरादों मे तासीर

    • Edited 3 years ago
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    • 243
    • 10 Mins Read

    चित्र आधारित कथा
    प्रतियोगिता हेतु
    06/01/2021
    इरादों की तासीर

    तब शिखर 5–6 साल का था। उसकी दादी सब्जी की टोकरी सिर पर उठाकर पूरे गाँव में घूम-घूम कर बेचती थी। अक्सर लोग उन्हें सब्जियों के बदले अनाज दे दिया
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    इरादों मे तासीर,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    कविताअन्य

    पृथ्वी (हाइकु)

    • Edited 3 years ago
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    • 127
    • 2 Mins Read

    विषय - #पृथ्वी
    #विधा - #हाइकू

    पृथ्वी बचाओ
    वनीकरण कराओ
    जल सहेजो।

    पर्यावरण
    संरक्षण प्रमुख
    समझ जाओ।

    आवश्यकता
    3R तरीके जानो
    संतुलन हो।

    उत्सर्जित न
    ग्रीन हाउस गैस
    संभल जाओ।

    साइकिल का
    प्रयोग कम करता
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    पृथ्वी (हाइकु),<span>अन्य</span>
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    लेखआलेख

    #मेरा शहर

    • Edited 3 years ago
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    • 302
    • 20 Mins Read

    #मेरा शहर
    अयोध्या (जो अब तक फैज़ाबाद कहलाता था)
    फैज़ाबाद  उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर था, जो अब अयोध्या कहलाता है।अयोध्या नगरी से इसकी दूरी लगभग 7 कि.मी.है।यह भगवान राम और ऋषि मुनियों की नगरी रहा
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    #मेरा शहर,<span>आलेख</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    अच्छी जानकारी

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    फैजाबाद के सम्बन्ध में अच्छी जानकारियां.

    Gita Parihar3 years ago

    आपका हार्दिक आभार

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य

    और सूरज निकल आया

    • Edited 3 years ago
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    • 108
    • 14 Mins Read

    और सूरज निकल आया
    एक लड़की उस झुंड के साथ आई थी जो अंग्रेजी बोलती थी।मैं समझता तो नहीं था, मगर मानो मैं जानता था कि वह क्या कहती थी। मैंने भी उसकी आंखों में अपने लिए दबी- छिपी चाहत को पकड़ लिया था। चाहता
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    और सूरज निकल आया,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    एक कप कॉफी और तुम

    • Edited 3 years ago
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    • 211
    • 11 Mins Read

    एक कप कॉफी और तुम
    आजकल आशिकों के इश्क़ में चाय का स्थान कॉफ़ी ले चुकी है।वो इसलिए कि कॉफी चाय से महँगी होती है, और इश्क़ कहाँ सस्ता रहा आजकल!
    ये दिल भी अजीब है,कब किसपे आ जाए और क्यों फिदा हो जाए, कुछ
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    एक कप कॉफी और तुम,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कवितालयबद्ध कविता

    नूतन वर्ष का अभिनंदन

    • Edited 3 years ago
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    • 124
    • 3 Mins Read

    नूतन वर्ष का अभिनंदन

    आवाहन नववर्ष तुम्हारा
    धर्म-द्वेष,वर्ग-द्वेष मिटाकर
    नव उमंग संग अभिनंदन तुम्हारा।


    प्रकृति का संवर्धन-संरक्षण
    जीव-जगत की रक्षा धर्म हमारा
    खुशहाली,सौहार्द का हो उजियारा।

    नव
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    नूतन वर्ष का अभिनंदन,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक

    वीर बाबूराव पुलेश्वर शेडमाके

    • Edited 3 years ago
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    • 264
    • 17 Mins Read

    वीर बाबूराव पुलेश्वर शेडमाके

    बाबूराव पुलेश्वर शेडमाके का जन्म 12 मार्च 1833 को पुलायसर बापू और जुर्जा कुंवर के घर हुए था। पुलायर बापू महाराष्ट्र के चंडा ओपी और बेरार जिले के अंतर्गत आने वाले घोट
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    वीर बाबूराव पुलेश्वर शेडमाके,<span>सामाजिक</span>, <span>ऐतिहासिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया जानकारी

    कविताअतुकांत कविता

    अलविदा 2020

    • Edited 3 years ago
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    • 120
    • 5 Mins Read

    अलविदा 2020
    वर्ष २०२० तुम्हारी विदाई
    स्वागत २०२१ तुम्हारे आगाज का
    हर बार की तरह वर्ष २०२०
    किया था मैंने स्वागत तुम्हारा
    तुमने की परिस्थितियाँ इतनी विकट
    एक छोटे से वायरस से पूरा विश्व हिला दिया!
    मानव
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    अलविदा 2020,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    श्राद्ध

    • Edited 3 years ago
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    • 127
    • 18 Mins Read

    श्राद्ध
    "मां, यह सब आयोजन किसलिए हो रहा है ?"रमन ने घर में पूजा आयोजन और रसोईघर से आती पकवानों की खुशबू सूंघते हुए पूछा।
    "बेटा, आज तुम्हारे दादा जी का श्राद्ध है। पंडित जी को भोजन कराने से उनकी आत्मा
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    श्राद्ध,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    लेखआलेख

    नव वर्ष का स्वागत

    • Edited 3 years ago
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    • 101
    • 12 Mins Read

    विषय:नववर्ष का स्वागत
    हमारी संस्कृति में हर शुभ कार्य का आरम्भ मन्दिर या घर में ही ईश्वर की उपासना एवं माता-पिता के आशीर्वाद से करने का विधान है।
    नव वर्ष मे अधिकतर लोग पिछले वर्ष की गलतियां,द्वेष,मनमुटाव
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    नव वर्ष का स्वागत,<span>आलेख</span>
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    Amrita Pandey

    Amrita Pandey 3 years ago

    बढ़िया आलेख

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कवितालयबद्ध कविता

    अभिलाषा

    • Edited 3 years ago
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    • 111
    • 5 Mins Read



    अभिलाषा
    मैं थी इठलाती,बलखाती चंचल धारा
    निर्मल, निष्कलंक बहता था जल सारा
    अविरल,अनवरत, अविराम बांटा स्नेह
    सिंचित किया भू को , दिया जन-जन को नेह
    कलुषित की मेरी धारा
    मैल उंड़ेला अपना सारा
    कूड़ा,गाद,
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    अभिलाषा,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कहानीसामाजिक, अन्य, लघुकथा

    मुखौटा

    • Edited 3 years ago
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    • 87
    • 6 Mins Read

    मुखौटा
    आज पैरेंट्स टीचर मीट में संजना को सुनाई दिया,
    "ये मुस्कुराती भी हैं, मुझे तो बहुत खडूस लगती हैं,अजीब ही हैं ?"
    "नहीं,इन्होंने मुझसे हंस-हंस कर बहुत देर तक खूब बातें कीं,वे बिल्कुल खडूस नहीं हैं।असल
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    मुखौटा,<span>सामाजिक</span>, <span>अन्य</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    समाज सेवा

    • Edited 3 years ago
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    • 130
    • 7 Mins Read

    समाज सेवा
    कर्नल साहब रिटायर हो चुके थे। साधन-संपन्न,बहुत बड़ा घर था,सारी सुख - सुविधाओं से लैस,मगर उस घर में कौन रहता था... ? हैं उनकी तीन बेटियां और एक बेटा।बेटा अब अपने परिवार के साथ दुबई में रहता
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    समाज सेवा,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    घर के बुजुर्गों के प्रति कर्तव्यपालन पहले है. बाद में बाहर की समाजसेवा..!

    Gita Parihar3 years ago

    यही अपेक्षित है।

    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    समाज सेवा

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 169
    • 7 Mins Read

    समाज सेवा
    कर्नल साहब रिटायर हो चुके थे। साधन-संपन्न,बहुत बड़ा घर था,सारी सुख - सुविधाओं से लैस,मगर उस घर में कौन रहता था... ? हैं उनकी तीन बेटियां और एक बेटा।बेटा अब अपने परिवार के साथ दुबई में रहता
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    समाज सेवा,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    लेखआलेख

    क्रिसमस

    • Edited 3 years ago
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    • 185
    • 8 Mins Read

    क्रिसमस


    हर त्यौहार को मनाने के मकसद लगभग समान होते हैं; प्रेम, सद्भावना, विश्वास और भाईचारा। ऐसे ही मकसद के साथ दुनिया में सर्वाधिक मनाया जाने वाला त्यौहार है, क्रिसमस।इस त्योहार को ईसाई समुदाय
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    क्रिसमस,<span>आलेख</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    सांता क्लॉज आया है

    • Edited 3 years ago
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    • 86
    • 3 Mins Read

    #insta
    सांता क्लॉज आया है

    बच्चों की खुशियां लाया है
    उत्तरी ध्रुव से सांता क्लॉज आया है

    सफ़ेद दाढ़ी,हंसमुख चितवन
    सफ़ेद टोपी,कॉलर,लाल कोट पहरन

    काले बूट,बेल्ट काली,सफेद दाढ़ी लम्बी
    कंधे पर झोली टांगे,बेल
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    सांता क्लॉज आया है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कहानीऐतिहासिक

    वधोखा

    • Edited 3 years ago
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    • 115
    • 21 Mins Read

    #insta

    धोखा
    "आज हम इतिहास के झरोखे से झांकने की कोशिश करेंगे।जानेंगे एक ऐसी महिला को जो अपनी कला का जौहर दिखाते हुए धोखे से मार दी गई।"
    "कला का ही तो प्रदर्शन कर रही थी, फिर क्यों धोखे से मार दी गई ?"धीरज
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    वधोखा,<span>ऐतिहासिक</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    गीता जी #इंस्टा add a tag wale option me likhiyega.

    Gita Parihar3 years ago

    ओप्शन कहां है?

    लेखआलेख, अन्य

    महान वैज्ञानिक नंबी नारायणन

    • Edited 3 years ago
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    • 121
    • 30 Mins Read

    महान वैज्ञानिक नंबी नारायणन मेरे पसंदीदा व्यक्तित्व हैं।वे आपके भी अवश्य पसंदीदा व्यक्तित्व होंगे, जब आप उनके संघर्ष की इस गाथा को जान पाएंगे।
    वेे तब खबरों मे आये जब प्रख्यात अभिनेता आर. माधवन
    Read More

    महान वैज्ञानिक नंबी नारायणन,<span>आलेख</span>, <span>अन्य</span>
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    कविताअन्य

    किसान (हाइकु)

    • Edited 3 years ago
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    • 147
    • 3 Mins Read

    हाइकु
    शीर्षक: किसान
    1.
    मैं हूं किसान
    जज़्बातों, हालातों से
    हूं पशेमान
    2.
    बंजर धरा
    पसरी महामारी
    लुटी फसल
    3.
    सूखी फसलें
    राजनीतिक चालें
    कैसी तबाही !
    4.
    हूं फटेहाल
    संघर्ष है अनंत
    सर्वस्व स्वाहा
    5.
    खेती के
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    किसान (हाइकु),<span>अन्य</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    behtarin

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कहानीसामाजिक, सस्पेंस और थ्रिलर

    भूतों का मेला

    • Edited 3 years ago
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    • 137
    • 9 Mins Read

    अजानपुर में अमावस्या की रात भूतों का मेला लगता है।कहते हैं भूत नृत्य करते हैं। यह जिले का लिटपिटी गांव है। लोगों का विश्वास है कि पिछले 150 साल से यहां आत्माएं इकट्ठा होकर नाचती हैं।
    आज अमावस्या
    Read More

    भूतों का मेला,<span>सामाजिक</span>, <span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    खत जो भेजा नहीं

    • Edited 3 years ago
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    • 107
    • 6 Mins Read

    उसे गये पूरे चार दिन हो गए हैं।जाते हुए एक बार भी न ठिठका, न पीछे मुड कर देखा।मैने भी रोकने,टोकने, मनाने की कोशिश नहीं की।मै जानती थी कितना हठी स्वभाव है उसका ! सोचा था, गुस्सा ठंडा होने पर लौट आएगा।अब
    Read More

    खत जो भेजा नहीं,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    मर्मस्पर्शी..!

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    परिवार

    • Edited 3 years ago
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    • 183
    • 7 Mins Read

    आज उनको गए तीन महीने होने को आए। हंसता खेलता परिवार था। बेटा- बहू ,दो प्यारे बच्चे;एक पोती,एक पोता।बेटी बड़ी थी। शादी- शुदा थी। मां के साथ 15 दिन रही। समझदार थी, जाते-जाते मां को समझा गई कि ,मां तुम्हारा
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    परिवार,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बेटी की बहुत अच्छी सलाह..! अपना दुख अपने तक

    Gita Parihar3 years ago

    जी, धन्यवाद

    लेखआलेख

    उरांव जनजाति

    • Edited 3 years ago
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    • 150
    • 11 Mins Read

    उरांव जनजाति

    उरांव स्वतंत्र रुप से दो हजार साल तक छोटा नागपुर में राज करते रहे। संत पंडरू ने अपनी किताब में लिखा है कि छोटा नागपुर क्षेत्र में बसने वाले उरांव जनजाति को न तो अंग्रेजी शासन और न ही
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    उरांव जनजाति,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    उत्तर प्रदेश

    • Edited 3 years ago
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    • 144
    • 14 Mins Read

    21/12/2020/
    विधा: आलेख
    मेरा राज्य, मेरा गौरव
    यूं तो हमारा दृढ़ विश्वास 'वसुधैव कुटुंबकम' में है। समस्त संसार ही हमारा है। फिर भी जब मैं उत्तर प्रदेश में पिछले 50 वर्षों से रह रही हूं, तो इस हिसाब से यह मेरा
    Read More

    उत्तर प्रदेश,<span>आलेख</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक

    छल की स्वीकार्यता

    • Edited 3 years ago
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    • 222
    • 12 Mins Read

    छल की स्वीकार्यता !
    आजकल महाभारत धारावाहिक का प्रसारण हो रहा है।नानी शौर्य को पास ही बैठाती हैं, जिससे समय - समय पर उसकी शंका का समाधान कर सकें ,साथ ही देखती रहें कि वह ‌रुचि ले रहा है अथवा नहीं।
    आज
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    छल की स्वीकार्यता,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेम कहानियाँ</span>, <span>ऐतिहासिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    ??

    Gita Parihar3 years ago

    आपका बहुत धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    आराधना

    • Edited 3 years ago
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    • 86
    • 2 Mins Read

    आराधना
    हे मनुज
    जन कल्याण की भावना
    पूजन-अर्चन आराधना
    ही सच्ची ईश्वर साधना
    2.
    मां शैलपुत्री
    हिमालय सुता,जगतारिणी
    वृषाऋढा ,त्रिशूल धारिणी
    हम करते तुम्हारी आराधना
    3.

    ब्रह्मचारिणी,ब्रह्म स्वरूपा
    मनोहारिणी,तपश्चारिणी
    तुम्हारी
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    आराधना,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    शब्दों का संसार

    • Edited 3 years ago
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    • 175
    • 4 Mins Read

    शीर्षक: शब्दों का संसार
    शब्दों का अनोखा संसार है
    शब्द ब्रह्म है, नाद ब्रह्म हैं
    नाद ब्रह्म ही समस्त चराचर जगत है
    सजता मधुर शब्दों से संसार है
    अनन्त और अपरिमेय है शब्द
    शब्द सृजनकर्ता है शब्द ही
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    शब्दों का संसार,<span>अतुकांत कविता</span>
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    लेखआलेख, अन्य

    पुस्तक परिचर्चा:कुंवर नारायण सिंह

    • Edited 3 years ago
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    • 142
    • 16 Mins Read

    पुस्तक परिचर्चा
    विधा- सामुहिक
    विषय: कुंवर नारायण: बहुमुखी प्रतिभा के धनी

    नमस्कार,मैं मृणालिनी दुबे, आकाशवाणी अयोध्या से अपने युवा मंच के विशेष कार्यक्रम में अपने सभी श्रोताओं का स्वागत करती
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    पुस्तक परिचर्चा:कुंवर नारायण सिंह,<span>आलेख</span>, <span>अन्य</span>
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    लेखआलेख

    भारत की सबसे लंबी दीवार

    • Edited 3 years ago
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    • 164
    • 15 Mins Read

    बच्चो,हमारा भारत देश अचरजों से भरा खजाना है।आओ,आज एक और रहस्य से पर्दा उठाते हैं।

    कुंभलगढ़ की दीवार करीब 6400 किलोमीटर लंबी दीवार है,जो कि दुनिया की सबसे लंबी दीवार है।हम में से बहुत कम लोग भारत की
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    भारत की सबसे लंबी दीवार,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    प्रिय 2021

    • Edited 3 years ago
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    • 184
    • 12 Mins Read

    प्रिय 2021
    तुम्हारी दस्तक काफी नजदीक है।सोचकर उत्साहित हूं,मगर तुम्हारा स्वागत गत वर्षों की तरह नहीं कर पाऊंगी, सोचकर बेहद उदास हूं।
    सोचती थी, कोरोना अब अंतिम चरण में चल रहा है,मगर बढ़ती सर्दियां
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    प्रिय 2021,<span>आलेख</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, अन्य

    और सूरज निकल आया

    • Edited 3 years ago
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    • 184
    • 14 Mins Read

    और सूरज निकल आया

    एक लड़की उस झुंड के साथ आई थी जो अंग्रेजी बोलती थी।मैं समझता तो नहीं था, मगर मानो मैं जानता था कि वह क्या कहती थी। मैंने भी उसकी आंखों में अपने लिए दबी- छिपी चाहत को पकड़ लिया था। चाहता
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    और सूरज निकल आया,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेम कहानियाँ</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य

    क्योंकि लड़के रोते नहीं

    • Edited 3 years ago
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    • 228
    • 22 Mins Read

    क्योंकि लड़के रोते नहीं 
     निलांबरीजी,' लैंगिक भेदभाव और उसका समाज पर प्रभाव' पर श्रोताओं को संबोधित कर रही थीं।  एसकेजी कॉन्फ्रेंस हॉल खचाखच भरा था। गणमान्य अतिथि, बुद्धिजीवी, पत्रकार, शैक्षिक
    Read More

    क्योंकि लड़के रोते नहीं,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत स्वस्थ वाद विवाद.. लड़कों में भी सामान्य कोमल भावनाएं होती हैं.

    लेखआलेख

    बस्तर के आदिवासी खेल

    • Edited 3 years ago
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    • 446
    • 22 Mins Read

    बस्तर के आदिवासी खेल

    मुर्गा लड़ाई बस्तर के आदिवासियों का खास शगल है। दिवानगी इतनी कि हर दांव में लाखों रुपए लगते हैं।बस्तर में मुर्गा लड़ाई का कोई खास अवसर नहीं होता, बल्कि गांवों में लगने वाले
    Read More

    बस्तर के आदिवासी खेल,<span>आलेख</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    जानकारी से भरा आलेख

    Gita Parihar3 years ago

    जी, धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    '' मुर्गा लड़ाई '' पर बहुत दिलचस्प, विस्तृत जानकारी..!! बहुत सुन्दर आलेख..!

    Gita Parihar3 years ago

    जी, बहुत, बहुत धन्यवाद

    लेखआलेख

    उपेक्षा/उपासना

    • Edited 3 years ago
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    • 196
    • 23 Mins Read

    देवी कृपा की अपेक्षा हर इंसान को रहती है,उस प्रयास में वह पूजन-अर्चन, व्रत-उपवास, क्या- क्या नहीं करता!उस श्रृंखला में कन्या पूजन भी है जो कि हमारी प्राचीन परंपरा है। दुर्गा पूजा और नवरात्र में देवी
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    उपेक्षा/उपासना,<span>आलेख</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    चैतन्यपूर्ण

    Gita Parihar3 years ago

    जी, आपका हार्दिक आभार

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य

    मिट्टी से तकदीर संवारी

    • Edited 3 years ago
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    • 145
    • 5 Mins Read

    13दिसम्बर
    एक गांव की कहानी
    मिट्टी से तकदीर संवारी

    जीतू सिंह लॉकडाउन में नौकरी गंवाने के बाद गांव लौटे, लेकिन उन्होंने परिस्थितियों के आगे घुटने नहीं टेके। उनके हाथ में हुनर था और उम्र का अनुभव
    Read More

    मिट्टी से तकदीर संवारी,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, सस्पेंस और थ्रिलर, अन्य

    भंडाफोड़

    • Edited 3 years ago
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    • 232
    • 7 Mins Read

    भंडाफोड़
    बात अधिक पुरानी नहीं है।मेरे एक मित्र के मशहूर ब्रांडेड घड़ियों के शोरूम में रात को शटर काटकर सारा शोरूम खाली कर लिया गया। यह करोड़ों की चोरी थी। पुलिस ने गहरी छानबीन की पर कोई सुराग
    Read More

    भंडाफोड़,<span>सामाजिक</span>, <span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>, <span>अन्य</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    मजेदार

    Gita Parihar3 years ago

    शुक्रिया

    Gita Parihar3 years ago

    ????

    कहानीऐतिहासिक, प्रेरणादायक, लघुकथा

    भारतीय संगीत

    • Edited 3 years ago
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    • 134
    • 12 Mins Read

    "बच्चो, आज हम बात करेंगे भारतीय संगीत की। क्या आप जानते हैं इस संगीत का प्रारंभ वैदिक काल से भी पूर्व का है? और इस संगीत का मूल स्रोत वेदों को माना जाता है?"

    "यह तो हमारे लिए एक आश्चर्य की जानकारी है!'योगेश
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    भारतीय संगीत,<span>ऐतिहासिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    आशय

    • Edited 3 years ago
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    • 188
    • 10 Mins Read

    आशय
    बच्चे जब छोटे थे,उन्हें सुबह जगाने के लिए मैं कहती,"उठो  लाल अब आंखें खोलो पानी लाई हूं मुंह धो लो..." इस कविता के साथ दिन 

    व प्रारम्भ होता। साथ ही मैं हथेलियों में पानी भरकर लाती,बच्चों पर छिड़कती,
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    आशय,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीसस्पेंस और थ्रिलर

    न्याय

    • Edited 3 years ago
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    • 153
    • 33 Mins Read

    न्याय
    मैं ऑनलाइन हुई तो एक मेसेज फ़्लैश हुआ,यह कोई मर्लिन थी।संदेश के साथ एक फोटो भी थी,लिखा था,अपनी सलामती चाहती हैं तो इससे दूर रहें।

    मैं जल्दी किसी की बातों में नहीं आती,पता नहीं क्यों मैने मर्लिन
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    न्याय,<span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>
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    लेखअन्य

    मंदिर में दर्शन...

    • Edited 3 years ago
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    • 942
    • 9 Mins Read

    मंदिर में दर्शन के बाद कुछ देर सीढ़ियों पर क्यों बैठा जाता है ?

    हिंदू धर्म में एक परम्परा हैं कि किसी भी मंदिर में दर्शन के बाद बाहर आकर मंदिर की सीढ़ियों या अहाते में थोड़ी देर बैठना चाहिए और इस श्लोक
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    मंदिर में दर्शन...,<span>अन्य</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    मन्दिर की सीढ़ियों पर कुछ समय बैठने का उचित कारण.

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य, लघुकथा

    सुख

    • Edited 3 years ago
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    • 192
    • 6 Mins Read

    सुख
    एक चींटी हर समय काम करती रहती थी। कभी बिल की व्यवस्था करती तो कभी राशन पानी की। उसे काम करते अकर्मण्य कछुआ देखता रहता। एक दिन चींटी अपने परिवार के लिए खाना लेने बाहर गई हुई थी। लौट कर आई तो देखा
    Read More

    सुख,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत अच्छी रचना और सुन्दर सन्देश..!

    कहानीसामाजिक, सस्पेंस और थ्रिलर, अन्य

    नई दुनिया

    • Edited 3 years ago
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    • 112
    • 21 Mins Read

    नई दुनिया
    ध्रुव जिसे मैं सुपर हीरो मानती हूं,वह कलयुग कॉमिक्स का सुपर हीरो है।
    वह बिना किसी पराशक्ति के एक सुपरहीरो है जिसे अभी तक कोई दूसरा सुपरहीरो, सुपर विलेन और परिजीवी हरा नहीं पाए।
    उसका दिमाग
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    नई दुनिया,<span>सामाजिक</span>, <span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक

    सीख

    • Edited 3 years ago
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    • 136
    • 9 Mins Read

    सीख
     बच्चो,हमारी संस्कृति अत्यंत समृद्ध है।देखिए,हाल की उत्तर रामायण को दुर्दशा पर दिखता जा रहा था।तुम्हें याद है एक एपिसोड जो अत्यंत संदेशप्रद था।इसमें प्रकृति से प्रेम,सहअस्तित्व की भावना
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    सीख,<span>सामाजिक</span>, <span>ऐतिहासिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    रामायण से शिक्षा के बहुत सुन्दर उदाहरण..!

    Gita Parihar3 years ago

    जी, आपका बहुत, बहुत धन्यवाद

    कहानीएकांकी, प्रेरणादायक

    बोलती प्रकृति

    • Edited 3 years ago
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    • 101
    • 26 Mins Read

    एक कहानी जो जानवरों के बारे में हो
    बोलती प्रकृति
    पात्र परिचय:
    नदी
    तालाब
    समुद्र
    पेड़ - पौधे
    पहाड़
    जीव - जंतु
    पशु-पक्षी

    स्थान :एक ओर घना जंगल, दूसरी ओर लहराता समुद्र,सुदूर नयनाभिराम ऊंची-
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    बोलती प्रकृति,<span>एकांकी</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    जैसी दृष्टि..

    • Edited 3 years ago
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    • 134
    • 13 Mins Read

    जैसी दृष्टि...
    इस दुनिया देखने का नजरिया हर व्यक्ति का अलग - अलग होता है।जैसी अच्छी या बुरी भावना हम उस वस्तु या व्यक्ति विशेष के प्रति रखते हैं,उसी दृष्टि से हम आस- पास का आंकलन करते हैैं,अपनी राय
    Read More

    जैसी दृष्टि..,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    जाकी रही भावना जैसी. प्रभु मूरत देखी तिन तैसी..!

    कहानीसस्पेंस और थ्रिलर, अन्य

    एक अधूरी ख्वाहिश

    • Edited 3 years ago
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    • 143
    • 24 Mins Read

    विज्ञान कथा
    एक अधूरी ख्वाहिश
    बहुत दिनों से एक कहानी लिखना चाहता था। रोज़ाना यहीं समुद्र के किनारे एक ऊंची चट्टान पर आकर बैठ जाता।यह कहानी कई मायनों में हम से अलग होनी चाहिए।एक ऐसी काल्पनिक कहानी
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    एक अधूरी ख्वाहिश,<span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>, <span>अन्य</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत रहस्यमय विचारयात्रा..!

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद आपका

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य, लघुकथा

    जाकी रही भावना जैसी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 376
    • 13 Mins Read

    बच्चो, आज मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं जो कहानी नहीं बल्कि जीवन में काम आने वाली सीख है।इस दुनिया को देखने का नजरिया हर व्यक्ति का अलग - अलग होता है।जैसी अच्छी या बुरी भावना हम उस वस्तु या व्यक्ति
    Read More

    जाकी रही भावना जैसी,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीअन्य, लघुकथा

    निराली दुनिया

    • Edited 3 years ago
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    • 141
    • 9 Mins Read

    निराली दुनिया
    स्वप्नों की दुनिया भी निराली होती है। आंखें बंद हैं मगर अचेतन में फिल्म चल रही है। कभी नींद खुलने पर सपने याद नहीं रहते तो कभी भुलाए नहीं भूलते।
    मुझे अक्सर ही सपने आते हैं। कुछ लोगों
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    निराली दुनिया,<span>अन्य</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Bnl Das

    Bnl Das 3 years ago

    सपने अच्छे हों या बुरे , इनकी जड़ अवचेतन से लेकर चेतन तक मनोविज्ञान की भावना से प्रभावित हैं। फिर भी प्रस्तुति काबिलेतारीफ है।

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    रहस्यमय स्वप्न.! सपनों का संसार बड़ा विचित्र और रहस्यमय होता है, स्वप्न लेकिन कितनी भी कोशिश करें, याद नहीं रहते. सिगमन्ड फ्रायड ने स्वप्नों की अलग ही व्याख्या की है.

    कहानीऐतिहासिक, प्रेरणादायक

    एक और भारतीय वीरांगना

    • Edited 3 years ago
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    • 451
    • 11 Mins Read

    एक और भारतीय वीरांगना
    देशभक्ति के अनेकों उदाहरण से हमारे देश के स्वर्णिम इतिहास के पन्ने भरे हुए हैं किंतु यह अत्यंत दुःख की बात है कि हमारे देश का इतिहास दक्षिण भारत का इतिहास और उत्तर भारत का
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    एक और भारतीय वीरांगना,<span>ऐतिहासिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीसामाजिक, अन्य

    बुलबुल

    • Edited 3 years ago
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    • 131
    • 8 Mins Read

    बाल कहानी
    बुलबुल
    एक थी नन्हीं सी बुलबुल। नाम था भूरी। वह बड़े से इमली के पेड़ पर सबके साथ रहती थी।
    एक दिन मां जब दाना चुन्नी गई तब उसने घोंसले से गर्दन निकालकर आसपास देखा। मां का सख्त निर्देश था
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    बुलबुल,<span>सामाजिक</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक, अन्य

    छल

    • Edited 3 years ago
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    • 97
    • 27 Mins Read

    बच्चो
    भारत ने महान हस्तियों को जन्म दिया।साथ ही दुनिया को कई ऐसी चीज़ें दीं जिससे लोगों का जीवन सुगम बना लेकिन गुलामी की ज़ंजीरों में जकड़े होने के कारण की बार भारतीयों को उनके अविश्वसनीय कार्यो
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    छल,<span>सामाजिक</span>, <span>ऐतिहासिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसस्पेंस और थ्रिलर

    एक बार फिर

    • Edited 3 years ago
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    • 105
    • 9 Mins Read

    एक बार फिर
    यह रहस्यमय बैक्टीरिया लैबोरेट्री से निकल भागा है।खतरा तो यह है कि यह कब्रों से मृतकों को उठा रहा है। यह मुर्दों को उठाकर करना क्या चाहता है?
    "उठो, उठो अब तुम्हारा यहां से निकलकर मौज- मस्ती
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    एक बार फिर,<span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>
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    कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक, अन्य

    भारत की सबसे लंबी दीवार

    • Edited 3 years ago
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    • 123
    • 15 Mins Read

    भारत की सबसे लंबी दीवार 
     बच्चो,हमारा भारत देश अचरजों से भरा खजाना है।आओ,आज एक और रहस्ची से पर्दा उठाते हैं।
    कुंभलगढ़ की दीवार करीब 6400 किलोमीटर लंबी दीवार है,जो कि दुनिया की सबसे लंबी दीवार है।हम
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    भारत की सबसे लंबी दीवार,<span>सामाजिक</span>, <span>ऐतिहासिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, अन्य

    वह ज़माना (यह 2080 की बात है)

    • Edited 3 years ago
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    • 193
    • 18 Mins Read

    वह ज़माना
    मि.वासन बिलियर्ड के जबरदस्त शॉट लगाकर,अब अपने रिटायर्ड दोस्तों के बीच कॉफी का लुत्फ लेने लगे।उसी बीच कर्नल रंगराजन ने हंसते हुए कहा,"भाई एक जमाना हुआ करता था कि हमें घर एक नियत समय पर पहुंचने
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    वह ज़माना (यह 2080 की बात है),<span>सामाजिक</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, सस्पेंस और थ्रिलर, प्रेरणादायक

    नामुमकिन कुछ भी नहीं

    • Edited 3 years ago
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    • 104
    • 10 Mins Read

    धारावाहिक
    नामुमकिन कुछ भी नहीं
    भाग 4.

    यूं भी इस समय वह बहस के मूड में नहीं था।अच्छा था कि सीमा सुन नहीं रही थी।
    सीमा ने धीरे -धीरे लैंप को रगड़ना शुरू किया... सुयश मुस्कुरा दिया।
    सीमा झेंप गई और अपनी
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    नामुमकिन कुछ भी नहीं,<span>सामाजिक</span>, <span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य

    कुछ जरूरी बातें

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 123
    • 17 Mins Read

    कुछ जरूरी बातें
    "बाबा,बाबा,अभी रेडियो आकाशवाणी से, 'स्वस्थ हम, स्वस्थ समाज' कार्यक्रम का प्रसारण होने जा रहा है। विष्णु चाचा ने कहा है कि सभी इस प्रसारण को ध्यान से सुनें, बहुत काम की बातें बताई जाएंगी।"
    "अच्छा
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    कुछ जरूरी बातें,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य

    भूल सुधार

    • Edited 3 years ago
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    • 123
    • 19 Mins Read

    पारिवारिक कहानी
    भूल सुधार
     
    मां दूसरी बार कमरे में आई।शिवा अभी भी सो रहा है।बाकी तीनों बच्चे एक-एक एक करके नहा चुके हैं।अमल अपना स्कूल बैग लगा रहा है, अनन्या चोटी कर रही है,निशा पानी की बोतल भरने
    Read More

    भूल सुधार,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, सस्पेंस और थ्रिलर, प्रेरणादायक

    नामुमकिन कुछ भी नहीं

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 113
    • 13 Mins Read

    नामुमकिन कुछ भी नहीं (धारावाहिक)
    भाग 3.
    रूटीन वर्क करते कब शाम हो गई ,यह थकान से ही महसूस हुआ।आज फिर थकी हुई लौटी। अपने बैग से सुबह की खरीदी हुई चीज़ों को निकाल कर डाइनिंग टेबल पर रखा और सोफे पर पसर
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    नामुमकिन कुछ भी नहीं,<span>सामाजिक</span>, <span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, अन्य

    पुरस्कार

    • Edited 3 years ago
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    • 154
    • 20 Mins Read

    पुरस्कार
    " मां,आप तो खूब बड़ी आर्टिस्ट हैं,आंखें बन्द करके बुनाई कर लेती हैं!"
    "देखो बेटा,हर व्यक्ति में कुछ न कुछ खास गुण होते हैं,बस जरूरत होती है फोकस की !अपना झुकाव पहचानने और लगन से उस ओर लग जाने
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    पुरस्कार,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    लौटोगे?

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 114
    • 5 Mins Read

    लौटोगे?
    तुम्हें गये पूरे चार दिन हो गए
    जाते हुए एक बार भी न ठिठके
    न पीछे मुड कर देखा कि बार
    मैने भी रोका नहीं,टोका नहीं,
    मनाने की कोशिश नहीं की
    जानती हूं कितने हठी हो !
    सोचा था, गुस्सा ठंडा होने पर लौट
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    लौटोगे?,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीसामाजिक, सस्पेंस और थ्रिलर, प्रेरणादायक

    नामुमकिन कुछ भी नहीं

    • Edited 3 years ago
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    • 136
    • 11 Mins Read

    धारावाहिक... नामुमकिन कुछ भी नहीं
    भाग 2.
    उसने सीमा को नहीं जगाया...
    बाहर आकर , कार स्टार्ट की,सोचा रास्ते में कुछ खा लेगा ,चाय की तलब हो रही थी।
    घर पर एक निगाह डाली।कभी यह घर उसे अपने सपनों का महल लगा था।शहर
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    नामुमकिन कुछ भी नहीं,<span>सामाजिक</span>, <span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीसामाजिक, अन्य, लघुकथा

    ठिठुरन

    • Edited 3 years ago
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    • 110
    • 9 Mins Read

    ठीठुरन
    प्रिय रवि
    सुखी रहो
    मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूं और तुम सबकी कुशलता की शुभकामना करती हूँ ।आगे समाचार यह है कि जबसे ठंड पड़नी शुरू हुई है ,तुम्हारी मां के जोड़ों के दर्द भी बढ़ गया है, पुराना दमा
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    ठिठुरन,<span>सामाजिक</span>, <span>अन्य</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीसामाजिक, हास्य व्यंग्य, अन्य

    तुम बच्चे भी!

    • Edited 3 years ago
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    • 175
    • 13 Mins Read

    तुम बच्चे भी!
    (एक बालक से बातचीत का अंश)

    मैं:     तरुण,तुम कितने साल के हो ?
    तरुण: 5 साल 3 महीने का।
    मैं:      तुम स्कूल जाते हो ?
    तरुण:  हां।
    मैं:       क्या तुम्हारे स्कूल में लड़के और लड़कियां                  दोनों
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    तुम बच्चे भी!,<span>सामाजिक</span>, <span>हास्य व्यंग्य</span>, <span>अन्य</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत ठीक

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद आपका

    कहानीसामाजिक, हास्य व्यंग्य, प्रेरणादायक, अन्य

    नामुमकिन कुछ भी नहीं

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 110
    • 8 Mins Read

    नामुमकिन कुछ भी नहीं
    धारावाहिक
    भाग 1.
    सुबह के छ बजे हैं।बेरहम अलार्म बजने लगा है ।आज सोमवार की सुबह है, इतवार नहीं, उठना ही होगा..अलार्म अभी भी बज रहा है।
    सीमा ने करवट ले ली,उसे तो दोपहर की शिफ्ट में
    Read More

    नामुमकिन कुछ भी नहीं,<span>सामाजिक</span>, <span>हास्य व्यंग्य</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीऐतिहासिक

    आओ अपने गौरवशाली इतिहास को जाने

    • Edited 3 years ago
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    • 192
    • 24 Mins Read

    बच्चो,आज हम महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी हासिल करेंगे।

    एक बार जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे । तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि,हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए ? तब माँ
    Read More

    आओ अपने गौरवशाली इतिहास को जाने,<span>ऐतिहासिक</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत अच्छी जानकारी

    Gita Parihar3 years ago

    बहुत बहुत आभार

    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    बोया पेड़ बबूल का

    • Edited 3 years ago
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    • 152
    • 10 Mins Read

    बोया पेड़ बबूल का...
    आज यहां इन अनजान, अपनों से उपेक्षित महिलाओं,जिनमें बहुत सी  याददाश्त भी गंवा चुकी हैं,उन्हीं में गुमसुम बैठी सरना जी यादों के गलियारों में खो गई हैं। 
    उस दिन घर पर बहुत मनहूसियत
    Read More

    बोया पेड़ बबूल का,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीसंस्मरण

    विछोह

    • Edited 3 years ago
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    • 137
    • 14 Mins Read

    #किस्सा/कहानी
    विछोह
    पिछले  कुंभ की बात है,हर दूसरे व्यक्ति से सुन रही थी कि कुंभ मेले का आयोजन इस बार अनूठा हुआ है, जरूर देखने जाना चाहिए। मैंने बेटी से कहा,"मैं अपने माता- पिता से कुंभ मेले के बारे
    Read More

    विछोह,<span>संस्मरण</span>
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    कहानीसामाजिक, संस्मरण, अन्य

    हिन्दी में बिंदी का महत्व

    • Edited 3 years ago
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    • 117
    • 16 Mins Read

    #किस्सा/कहानी
    -हिंदी में बिंदी का महत्व
    मुझे बचपन से ही हिंदी से बड़ा लगाव रहा है। लिखने में अशुद्ध हिंदी का प्रयोग -हिंदी में बिंदी का महत्व
    मुझे बचपन से ही हिंदी से बड़ा लगाव रहा है। लिखने
    Read More

    हिन्दी में बिंदी का महत्व,<span>सामाजिक</span>, <span>संस्मरण</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, लघुकथा

    जीत

    • Edited 3 years ago
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    • 140
    • 9 Mins Read

    हैप्पी एंडिंग
    जीत
    खुश थी वह बहुत...,या कहें कि.. कृतज्ञ थी कि उन्होंने उसे नौकरी दे दी थी।बीते कई महीनों से वह नौकरी के लिए जदोज़हद कर रही थी। हताश हो चुकी थी ...लगभग कि यह नौकरी मिल गई!
    काम था कंप्यूटर
    Read More

    जीत,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    जीत हिंदी में लिख लीजिये क्योंकि अंग्रेजी मे भी स्पेलिंग मिस्टेक हो रही है। ?

    Gita Parihar3 years ago

    जी, शुक्रिया

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    देशहित

    • Edited 3 years ago
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    • 117
    • 16 Mins Read

    " बच्चो,नमस्ते,क्या आप सब तैयार हैं आज की चर्चा के लिए?"
    "नमस्ते चाचाजी,हम सब बेसब्र हैं कि आज आपके पिटारे से क्या निकलेगा!"हंसते हुए हिमांशी ने कहा।
    "ओह,ऐसा ! बच्चोो बात,करेंगे एक आदर्श गांव की जो मिसाल
    Read More

    देशहित,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    नामुमकिन कुछ भी नहीं

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 152
    • 86 Mins Read

    नामुमकिन कुछ भी नहीं

    सुबह के छ बजे हैं।बेरहम अलार्म बजने लगा है ।आज सोमवार की सुबह है, इतवार नहीं, उठना ही होगा..अलार्म अभी भी बज रहा है।
    सीमा ने करवट ले ली,उसे तो दोपहर की शिफ्ट में जाना है।सुयश ने
    Read More

    नामुमकिन कुछ भी नहीं,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कविताअन्य

    ज्ञान और रोशनी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 150
    • 4 Mins Read

    #चित्रकविता
    दीया जला चहुं ओर प्रकाश कर गया
    ज्ञान के प्रकाश से जीवन निखर गया।

    जितना ही पढूं पिपासा मिटी नहीं कभी
    ऐसा बारहा हुआ कि दीये से तेल चुक गया।

    Read More

    ज्ञान और रोशनी,<span>अन्य</span>
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    लेखआलेख

    सामाजिक जिम्मेदारी

    • Edited 3 years ago
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    • 115
    • 12 Mins Read

    सामाजिक जिम्मेदारी
    "बच्चों ,पिछले कुछ दशकों से लगातार कुओं के हालात गंभीर होते जा रहे हैं।देश में कुओं के जलस्तर में 61% कमी आ चुकी है।"
    "क्या भारत भर में यही दशा है,चाचाजी?"
    "2008 से 2017 के बीच पंजाब और उत्तर
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    सामाजिक जिम्मेदारी,<span>आलेख</span>
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    कहानीअन्य

    वह परी

    • Edited 3 years ago
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    • 148
    • 15 Mins Read

    यह कहानी बहुत पुरानी है। किसी गांव में अशेष नित्यानंद चौधरी हुआ करते थे। 18 वर्ष की आयु में उनका विवाह हो गया था। विवाह के कई वर्ष बीत गए मगर संतान सुख से वंचित ही रहे। पत्नी गुणवती, सुशीला, मृदुभाषी
    Read More

    वह परी,<span>अन्य</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर और रोचक..!

    Gita Parihar3 years ago

    आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

    कहानीसंस्मरण

    एक और इम्तिहान

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 114
    • 6 Mins Read

    #किस्सा/कहानी
    संस्मरण

    एक और इम्तिहान
    ईश्वर ने जीवन में मेरी अनेक बार परीक्षा ली। मेरे चार मेजर ऑपरेशन हुए। पति का कोई रिश्तेदार नहीं है। देखभाल के नाम पर पति और बच्चे,इन्हीं लोगों ने मिलकर सेवा
    Read More

    एक और इम्तिहान,<span>संस्मरण</span>
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    कहानीसंस्मरण

    ज्योतिषी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 126
    • 15 Mins Read

    किस्सा/कहानी
    संस्मरण
    ज्योतिषी
    मेरी शादी को हुए कुछ ही दिन हुए थे।उन दिनों घर- घर टेलिफोन नहीं हुआ करते थे।बस पत्र ही एक दूसरे से जोड़ते थे।पोस्ट कार्ड,अन्तर्देशीय और लिफाफे यही थे संदेशवाहक।यदि
    Read More

    ज्योतिषी,<span>संस्मरण</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर रचना..!

    कहानीलघुकथा

    कागज की नाव

    • Edited 3 years ago
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    • 134
    • 9 Mins Read

    कागज की नाव
    यह 14 दिन नहीं, 14 साल लग रहे हैं, प्रभु राम ने वनवास कैसे काटा होगा, उसका सहज ही अनुमान लगा सकती हूं। उठते- बैठते, सोते- जागते बस परिणाम क्या होगा, इसी की उधेड़बुन में पल- पल पहाड़ के समान बीत
    Read More

    कागज की नाव,<span>लघुकथा</span>
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    कविताछंद

    आंसू

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 156
    • 3 Mins Read

    आंसू

    दिल में गर दर्द हो छलक जाते हैं आंसू
    थमते नहीं लाख कोशिश करो हर सू ।

    ये आंसू ही तो इंसान की पहचान हैं
    जानवर लाख चाहे बहा नहीं सकता आंसू ।

    कहते हैं गैर के दर्द से भी आते हैं आंसू
    तकिए में मुंह छिपाकर
    Read More

    आंसू,<span>छंद</span>
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    Priyanka Tripathi

    Priyanka Tripathi 3 years ago

    आंसू न होते तो इन्सान पत्थर का हो जाता

    Gita Parihar3 years ago

    जी,बेशक

    कहानीसंस्मरण

    यादें बचपन की

    • Edited 3 years ago
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    • 187
    • 15 Mins Read

    यादें बचपन की

    50 वर्ष पहले मैं लगभग डूब ही गई थी,यह तब का वाकया है जब हमारे मकान मालिक का परिवार वैष्णो देवी दर्शन के लिए जा रहा था। उनकी दो बेटियां थीं जो मेरी हम उम्र थीं, वे मुझे भी अपने साथ ले गईं।
    Read More

    यादें बचपन की,<span>संस्मरण</span>
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    Priyanka Tripathi

    Priyanka Tripathi 3 years ago

    बहुत सुंदर कहानी

    Gita Parihar3 years ago

    आपका हार्दिक आभार

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत रोमांचक संस्मरण..! मुझे पानी से बचपन से कुछ डर लगता है.नदी में पानी के अन्दर के मनःस्थिति होगी, आपकी. सोच के ही भय लगता है..! अविस्मरणीय संस्मरण..! ???

    Gita Parihar3 years ago

    जी,आज भी सिहरन हो जाती है।

    कहानीसंस्मरण

    भुलक्कड़

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 310
    • 6 Mins Read

    #कहानी/किस्से
    भूल जाऊं कुछ,फिर वह सामान हो या किसी की चुभी हुई बात,यह मेरी फितरत नहीं।मेरी याददाश्त से मेरे घरवाले परेशान रहते हैं।मेरी स्वर्गीय माताजी कहावतों ओर मुहावरों की चलती फिरती डिक्शनरी
    Read More

    भुलक्कड़,<span>संस्मरण</span>
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    Priyanka Tripathi

    Priyanka Tripathi 3 years ago

    सही सबसे साथ ऐसा ही होता है

    Gita Parihar3 years ago

    जी, कमोबेश

    कहानीसामाजिक

    रिहाई

    • Edited 3 years ago
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    • 134
    • 18 Mins Read

    मद्दी ने, कहा"बस बहुत हुआ हर बरस सूखे और बाढ़ से लड़ना,चल पास ही एक नई कॉलोनी बस रही है ,वहीं कुछ काम ढूंढ़ लेंगे,रूखी- सूखी जो मिलेगी,गुजारा कर लेंगे।"
    मीहुली ने अचकचा कर पति की और देखा,दो वर्षों में
    Read More

    रिहाई,<span>सामाजिक</span>
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    कहानीप्रेरणादायक

    पुरस्कार

    • Edited 3 years ago
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    • 210
    • 20 Mins Read

    पुरस्कार
    " मां,आप तो खूब बड़ी आर्टिस्ट हैं,आंखें बन्द करके बुनाई कर लेती हैं!"
    "देखो बेटा,हर व्यक्ति में कुछ न कुछ खास गुण होते हैं,बस जरूरत होती है फोकस की !अपना झुकाव पहचानने और लगन से उस ओर लग जाने
    Read More

    पुरस्कार,<span>प्रेरणादायक</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर और प्रेरणादायी रचना..!

    Gita Parihar3 years ago

    आपका बहुत, बहुत धन्यवाद

    लेखआलेख

    रविवार की छुट्टी

    • Edited 3 years ago
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    • 104
    • 9 Mins Read

    "आज हम जानेंगे कि भारत में रविवार की छुट्टी किसने दिलाई, बच्चो,सोचो अगर रविवार को भी काम पर जाना होता, तो कैसा लगता ?"
    "जीवन में काम के साथ -साथ आराम भी आवश्यक है।इसलिए अगर रविवार को भी काम पर जाना होता
    Read More

    रविवार की छुट्टी,<span>आलेख</span>
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    कहानीहॉरर

    वो कौन थी?

    • Edited 3 years ago
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    • 141
    • 10 Mins Read

    वह कौन थी?
    आज के अत्याधुनिक युग,21सदी में कोई भूत -प्रेत, तंत्र- मंत्र अथवा अदृश्य शक्तियों की बात करेगा,तो कोई यक़ीन नहीं करेगा,बल्कि सब यही कहेंंगें, सब कपोल- कल्पना और बकवास है।
    लेकिन आज मैं आपबीती
    Read More

     वो कौन थी?,<span>हॉरर</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    रहस्यमय लघुकथा..!

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद, आपका

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    प्यार या...

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 165
    • 12 Mins Read

    पहले पंखुड़ी ने ऐसा कभी रुमानी महसूस नहीं किया था। आसमान की ओर आंख उठाकर देखती है तो उससे सतरंगी इंद्रधनुष ही नजर आता है। दूर निगाह डालती है तो जमीन -आसमां के गले लगती दिखती है। वह खो जाती है, अपने
    Read More

    प्यार या...,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर मेरा भी यही मानना है कि प्रेम और धर्म इन दोनों को अलग ही रहना चाहिये। यह हमारी इच्छा है कि हम क्या करें क्या नही काश की हर लड़की इतनी ही समझदार हो किसी से भी प्रेम करने के लिए।

    Gita Parihar3 years ago

    जी, लड़कियों में समझदारी हो तब कानून बनाने की जरूरत ही नहीं होगी। अभिभावकों को भी बच्चों से हर नाज़ुक विषय पर बात करनी चाहिए।

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    प्यार या...

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 96
    • 3 Mins Read

    पहले पंखुड़ी ने ऐसा कभी रुमानी महसूस नहीं किया था। आसमान की ओर आंख उठाकर देखती है तो उससे सतरंगी इंद्रधनुष ही नजर आता है। दूर निगाह डालती है तो जमीन -आसमां के गले लगती दिखती है। वह खो जाती है, अपने
    Read More

    प्यार या...,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    कहानी अधूरी है क्या?

    लेखआलेख

    त्यौहार

    • Edited 3 years ago
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    • 164
    • 29 Mins Read

    सामा चकेवा
    "बच्चों,आज से तुम्हारी छुट्टियां शुरू हो रही हैं, अब से हम प्रतिदिन भारत के किसी न किसी प्रांत की विशेष प्रथा,संस्कृति,भाषा,साहित्य,लेखकों,खानपान ,पर्व,त्योहारों के बारे में चर्चा करेंगे।"नितिन
    Read More

    त्यौहार,<span>आलेख</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर जानकारी को गढ़ती हुई कहानी। बेहद भावपूर्ण

    कहानीप्रेम कहानियाँ

    प्यार से बढ़कर कुछ नहीं

    • Edited 3 years ago
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    • 131
    • 21 Mins Read

    प्यार से बढ़कर कुछ नहीं

    मैं मोबाइल पर बात कर रही थी,पीछे से,"एक्सक्यूज मी"सुनकर मुड़ी देखा,एक सुदर्शन व्यक्तित्व का लंबा,आकर्षक नौजवान आंखों पर काले चश्मे लगाए रास्ता मांग रहा था। मैं देर तक उसकी
    Read More

    प्यार से बढ़कर कुछ नहीं,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    कहानीसंस्मरण

    एक और इम्तिहान

    • Edited 3 years ago
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    • 108
    • 6 Mins Read

    संस्मरण
    ईश्वर ने जीवन में मेरी अनेक बार परीक्षा ली। मेरे चार मेजर ऑपरेशन हुए। पति का कोई रिश्तेदार नहीं है। देखभाल के नाम पर पति और बच्चे,इन्हीं लोगों ने मिलकर सेवा शुश्रूषा की।
    शुरू से ही हम
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    एक और इम्तिहान,<span>संस्मरण</span>
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    लेखआलेख

    एक अनोखा मंदिर

    • Edited 3 years ago
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    • 121
    • 11 Mins Read

    एक मंदिर जहां हनुमान को स्त्री रूप में पूजा जाता है।
    बाल ब्रह्मचारी पवन पुत्र व राम भक्त हनुमान जिनकी मूर्ति को स्त्रियों को छूने से मना किया जाता है, ऐसे बाल ब्रह्मचारी को पुरुष नहीं बल्कि स्त्री
    Read More

    एक अनोखा मंदिर,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    मूर्ति पूजन

    • Edited 3 years ago
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    • 142
    • 8 Mins Read

    मूर्ति पूजन
    अक्सर मन‌ में यह सवाल उठता था कि भगवान के प्रति भाव की एकाग्रता और उनसे सहज संवाद के लिए मूर्ति पूजन की परंपरा का विकास कब हुआ होगा, कैसे हुआ होगा और क्यों हुआ होगा।तब अध्ययन करने पर
    Read More

    मूर्ति पूजन,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    सरहुल

    • Edited 3 years ago
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    • 143
    • 19 Mins Read

    भुण्डा और हो जाति का त्यौहार
    सरहुल
    सरहुल आदिवासियों का एक प्रमुख पर्व है जो झारखंड, उड़ीसा, बंगाल और मध्य भारत के आदिवासी क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह उत्सव चैत्र महीने के तीसरे दिन चैत्र शुक्ल
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    सरहुल,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    भरोसा

    • Edited 3 years ago
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    • 222
    • 8 Mins Read

    भरोसे का बाज़ार
    भरोसा हो तो कोई कीमत मायने नहीं रखती एक सिक्का भी लाख टके का हो जाता है। कबीर की नगरी संत कबीर नगर के नरायनपुर पशु बाज़ार में लाखों के कारोबार की गारंटी वाला यह सिक्का चलता है। यह
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    भरोसा,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    संताड़ी/संताल/सांथाल जनजाति

    • Edited 3 years ago
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    • 137
    • 32 Mins Read

    संताड़ी/संताल/सांथाल जनजाति
    संताड़ी भाषा बोलने वाले को संताड़ी कहते हैं। किन्तु अन्य जातियां संताड़ी को अपने-अपने क्षेत्रीय भाषाओं के उच्चारण स्वरूप "संथाल, संताल, संवतल, संवतर" आदि के नाम से
    Read More

    संताड़ी/संताल/सांथाल जनजाति ,<span>आलेख</span>
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    कहानीसंस्मरण

    संस्मरण

    • Edited 3 years ago
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    • 127
    • 6 Mins Read

    ट्रेन के लोकल डिब्बे का अनुभव
    #संस्मरण

    मेरा लोकल ट्रेन का यह अनुभव बेहद तनाव पूर्ण और चुनौतीपूर्ण था।बात पुरानी है।कुछ वर्ष पहले की है।
    दिन भर की थकान के बाद मुंबई में ट्रेन में बैठते ही मुझे झपकी
    Read More

    संस्मरण,<span>संस्मरण</span>
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    रवि शंकर

    रवि शंकर 3 years ago

    केवल दिखावा ही करते है जरूरत के समय कोई साथ नहीं देता

    Gita Parihar3 years ago

    जी,सच कहा।

    रवि शंकर

    रवि शंकर 3 years ago

    आत्मकेंद्रित हो गए हैं लोग

    Gita Parihar3 years ago

    बिल्कुल सही।

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    सच में सोशल मीडिया पर वीडियो डालते यही लोग जब जरूरत पड़ती है तो बिल्कुल मदद नही करते

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, लघुकथा

    भावना

    • Edited 3 years ago
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    • 107
    • 13 Mins Read

    भावना
    मीनाल एक बहुत ही जिज्ञासु बच्ची है। रोजाना मेरे साथ मंदिर जाती है और बड़े गौर से हर चीज को देखती है। बहुत सवाल करती है, मुझे उसका इस तरह सवाल करना बहुत अच्छा लगता है। आज गोवर्धन पूजा वाले दिन
    Read More

    भावना,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    लाल बत्ती

    • Edited 3 years ago
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    • 102
    • 10 Mins Read

    लाल बत्ती
    "ससुरी एक शान थी,लाल बत्ती गाड़ी आई है!भाई, नेताजी आए हैं,ठाठ बनता था।रास्ता खाली हो जाता था।अब गाड़ी से लाल बत्ती हटवा दी,कहते हैं ऐतिहासिक और लोकतांत्रिक कदम है..,यह बताते हुए बनवारी बाबू
    Read More

    लाल बत्ती,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    लेखआलेख

    डायन

    • Edited 3 years ago
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    • 151
    • 15 Mins Read

    डायन कुप्रथा
    वर्ष 2000 में यूनिसेफ के साथ मिलकर फ्री लीगल एड कमेटी ने झारखंड के 4 जिले पूर्वी सिंहभूम, रांची, बोकारो और देवघर में जन जागरण और सर्वेक्षण का काम किया। 4 जिलों के 26 प्रखंड की 191 पंचायतों और
    Read More

    डायन,<span>आलेख</span>
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    कहानीसामाजिक

    जागृत

    • Edited 3 years ago
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    • 118
    • 8 Mins Read

    जागृत
    " इस बढ़ती पाशविकता से समाज सदमे में है, मैं बहुत व्यथित हूं,जो हाहाकार मेरे मन में है, उसे बखान नहीं सकता। ऐसा नीच कृत्य!गिरने की पराकाष्ठा हो गई !  उफ.., लोग इतने कामान्ध क्यूं कर हो गये हैं? हमने
    Read More

    जागृत,<span>सामाजिक</span>
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    कहानीप्रेरणादायक

    वह घटना

    • Edited 3 years ago
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    • 120
    • 19 Mins Read

    वह घटना
    दोपहर का वक्त है,धूप की तपिश और पेट के अंदर की तपिश कौन सी ज्यादा है, कह नहीं सकता।उस रेलवे स्टॉल पर सजी हुई ठंडे पानी की बोतलें, मेरी प्यास को और भी बढ़ा रही हैं।
    पूड़ी- आलू के खोमचे के इर्द
    Read More

    वह घटना,<span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीलघुकथा

    जरुरतमंद

    • Edited 3 years ago
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    • 221
    • 8 Mins Read

    सर्दियां आ गई हैं,गर्म कपड़े ड्राई क्लीन करवाने थे।मुझे और भी कुछ काम था , निकल पड़ी।ड्राई क्लीनिंग की दुकान के सामने ड्राइवर ने कार रोकी, कपड़ों का बंडल उठाया और दुकान के अंदर पहुंचा। मैं उतरी,बगल
    Read More

    जरुरतमंद,<span>लघुकथा</span>
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    Anupma Anu

    Anupma Anu 3 years ago

    बहुत खूब

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर..!

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    Gita Parihar3 years ago

    आभार

    कहानीसामाजिक

    घाव

    • Edited 3 years ago
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    • 149
    • 28 Mins Read

    मां  ,सोचो मत ,10,000 रुपए महीना और रोटी,कपड़ा रहना मुफ्त!बस दो एक साल में हम अपना कर्ज चुका देंगे ।यहां हाड़ तोड़ मेहनत के बाद भी हम फाकाकशी ही करते हैं। अपना हाल देखा है ? बाबू के रहते कितनी अच्छी देह
    Read More

    घाव,<span>सामाजिक</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    मर्मस्पर्शी रचना..! समाज के एक कुत्सित रूप को उजागर करते..!

    Gita Parihar3 years ago

    जी, धन्यवाद

    लेखआलेख

    भरोसे का बाज़ार

    • Edited 3 years ago
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    • 258
    • 8 Mins Read

    भरोसे का बाज़ार
    भरोसा हो तो कोई कीमत मायने नहीं रखती एक सिक्का भी लाख टके का हो जाता है। कबीर की नगरी संत कबीर नगर के नरायनपुर पशु बाज़ार में लाखों के कारोबार की गारंटी वाला यह सिक्का चलता है। यह
    Read More

    भरोसे का बाज़ार,<span>आलेख</span>
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    कहानीलघुकथा

    अनुभव

    • Edited 3 years ago
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    • 233
    • 16 Mins Read

    शीर्षक -अनुभव

    मेरे पिता की मृत्यु के पश्चात , मां अकेली हो गईं। मैं इकलौती संतान हूं। मेंरे विवाह को दो वर्ष ही बीते थे कि पहाड़ टूट पड़ा। मेरे पति बहुत नेक इंसान हैं, उन्होंने मां से आग्रह किया कि
    Read More

    अनुभव,<span>लघुकथा</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    अद्भुत

    Gita Parihar3 years ago

    आपका हृदय से आभार

    कविताअतुकांत कविता

    करवाचौथ

    • Edited 3 years ago
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    • 91
    • 4 Mins Read

    स्त्री शक्ति स्वरूप है- करवाचौथ
    है करवा चौथ स्त्री शक्ति की प्रतीति का पर्व
    निहित इसमें है दांपत्य जीवन का उत्कर्ष
    परिपूर्ण है प्रेम से उत्साह भरा उत्सर्ग
    देता स्त्री शक्ति को समादृत करने का
    Read More

    करवाचौथ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    करवाचौथ

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 112
    • 5 Mins Read

    जलधारा हिन्दी साहित्यिक संस्था
    ३/११/२०२०
    स्वतन्त्र लेखन
    कविता

    स्त्री शक्ति स्वरूप है- करवाचौथ
    है करवा चौथ स्त्री शक्ति की प्रतीति का पर्व
    निहित इसमें है दांपत्य जीवन का उत्कर्ष
    परिपूर्ण है
    Read More

    करवाचौथ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीलघुकथा

    एक बुरा ख्वाब

    • Edited 3 years ago
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    • 130
    • 7 Mins Read

    एक बुरा ख्वाब 
    सब सो रहे हैं, ये, वो, इधर- उधर सब सो रहे हैं,ये क्या हो रहा है ?
    पूरा जगत सो रहा है ! मैं जगाना चाहता हूं।अरे बहरो, अंधो,गूंगो उठो। तुम्हें बताना चाहता हूं,वह जिसे तुमने इतनी आसानी से ख़तम
    Read More

    एक बुरा ख्वाब,<span>लघुकथा</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    उदासी

    • Edited 3 years ago
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    • 116
    • 3 Mins Read

    #चित्र आधारित रचना
    २/११/२०२०
    उदासी
    चेहरा नूरानी
    और आँखों में पानी
    खामोश लबों पर
    सहरा सी विरानी!

    खोया कहां तबस्सुम
    कोई ढूँढ के लाओ
    हिजाब में कैद तरन्नुम
    साज बजाओ।

    बहुत याद आए तुम आने से पहले।
    बहुत
    Read More

    उदासी,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    विकास

    • Edited 3 years ago
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    • 95
    • 2 Mins Read

    विकास
    सूखी धार है नदिया की, खींच रही मैं नाव
    जल छिछला बस कंकड़-कंकड़ कैसे लगूं मैं पार?

    गंगा की सतरंगी रेती, तिस पर खरबूजों की खेती
    कहाँ खो गई, रीत गया सब, अब है सूखी धरती।

    सूख गए मैदान, बगीचे, ताल-तलैया,झील
    देखें
    Read More

    विकास,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह

    कविताअतुकांत कविता

    दौरे जिंदगी

    • Edited 3 years ago
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    • 137
    • 3 Mins Read

    दौरे जिंदगी
    साठ सावन बीते,क्या दौरे ज़िंदगी थी!
    वह बचपन की सखियां,वह छुपम- छुपाई।

    वो बड़ों की खटियों के नीचे छिपना - छिपाना
    वो पकड़े जाने पर चिल्लाना,और बड़ों का गुस्साना !

    हर पूर्णिमा को मां का कथा
    Read More

    दौरे जिंदगी,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह जी

    कहानीलघुकथा

    समाधान

    • Edited 3 years ago
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    • 118
    • 9 Mins Read

    समाधान
    मैंने कहीं पढ़ा था कि अति हर चीज़ की बुरी होती है,
    अति का भला ना बोलना ,अति की भली ना चुप,
    अति का भला ना बरसना,अति की भली ना धूप।
    मैने अपने मित्र से इसी बाबत चर्चा की,क्यों ?क्योंकि उसके लिए  रात
    Read More

    समाधान,<span>लघुकथा</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    शरद पूर्णिमा की रात

    • Edited 3 years ago
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    • 157
    • 3 Mins Read

    शरद पूर्णिमा की रात

    आश्चिन मास ,शुक्ल पक्ष कौमुदी व्रत की बात
    रास पूनम की रात ,पुनर्योवन,ऊर्जादात्री रात

    पायस भरे घट पर अमृत वर्षा की रात
    उज्ज्वल धवल है इंदु मनोरम,शरद पूनम की रात

    नभ आलोकित पीयूष
    Read More

    शरद पूर्णिमा की रात,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    बहुत सुन्दर रचना

    Gita Parihar3 years ago

    बहुत, बहुत धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    ज़मीर

    • Edited 3 years ago
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    • 180
    • 6 Mins Read

    ज़मीर
    कल रात कई बार नींद टूटी हर बार ट्विंकल और उस जैसी बच्चियां याद आयीं,वह किशोरी, जलता हुआ आग का शोला, हार न मानकर चलती जा रही,अंधे कानून से न्याय की आस में जब तक होशोहवास में रही।मेरी संवेदना सोते
    Read More

    ज़मीर,<span>लघुकथा</span>
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    Neelima Tigga

    Neelima Tigga 3 years ago

    बहुत खूबसूरत मर्मान्तक रचना . सही है, हम बातें बहुत करते है, लेकिन फिर खुद का पल्ला झाड़ लेते है. जमीर की ऐसी की तैसी , स्वार्थ भला ये सोच ही बाकि रह जाती है

    लेखआलेख

    ताजमहल के कलश का रहस्य

    • Edited 3 years ago
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    • 252
    • 11 Mins Read

    466 किलोग्राम सोने का था ताजमहल का कलश, तांबे में कैसे बदला, कौन ले गया सोना?
    मुगल काल में शाहजहां के शासन काल को स्वर्ण युग कहा जाता है। शाहजहां ने सोने का तख्त-ए-ताउस (मयूर सिंहासन) बनवाया था, जिसमें
    Read More

    ताजमहल के कलश का रहस्य,<span>आलेख</span>
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    कहानीसंस्मरण

    वो दिन

    • Edited 3 years ago
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    • 113
    • 13 Mins Read

    नवरात्र आते ही याद आता है गुजरात के अहमदाबाद शहर में बिताया हुआ अपना बचपन।यह बात है 1965 के आसपास
    ।गुजरात के सबसे लोकप्रिय त्योहार नवरात्रि पर “केसरियो रंग तने लाग्योल्या गरबा”, खोडियार छे जोगमाया
    Read More

    वो दिन,<span>संस्मरण</span>
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    लेखआलेख

    विजयदशमी ऐसे मनाएं

    • Edited 3 years ago
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    • 201
    • 8 Mins Read

    आपदा या उत्सव हम भारतीयों की उत्सवधर्मिता का परिचायक है।
    वाल्मीकि रामायण के अनुसार राम रावण‌ युद्ध लगातार 84 दिन‌ चला था।
    मायावी रावण हर बार बच जाता।सफल ना होने पर प्रभु श्रीराम को शक्ति पूजा
    Read More

    विजयदशमी ऐसे मनाएं,<span>आलेख</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    बहुत खूब

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    Priyanka Tripathi

    Priyanka Tripathi 3 years ago

    सुन्दर लिखा है

    Gita Parihar3 years ago

    बहुत,बहुत धन्यवाद

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    Gita Parihar3 years ago

    बहुत,बहुत आभार

    Comrade Pandit

    Comrade Pandit 3 years ago

    बहुत ही उम्दा और बहुत ही सटीक विषलेषण किया आपने

    Gita Parihar3 years ago

    हृदय से आभार

    कविताअतुकांत कविता

    आज कि रावण

    • Edited 3 years ago
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    • 189
    • 4 Mins Read

    आज का रावण

    हर वर्ष हम रावण को जलाते हैं।

    वह रक्तबीज सा फिर जी उठता है।।

    दुष्ट का विनाश अवश्यम्भावी है।
    युग बीते दैत्यत्व के समूल नाश को !

    असत्य पर सत्य की जीत हो चुकी।
    किस दैत्य का विनाश अभी बाकी
    Read More

    आज कि रावण,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    आत्मसम्मान

    • Edited 3 years ago
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    • 266
    • 17 Mins Read

    आत्मसम्मान

    "आत्मसम्मान की बात तुम कर रही हो ,पांचाली !तुम...!तुम जानती भी हो आत्मसम्मान की परिभाषा क्या है...हा,हा,हा?"विद्रूप से अट्टहास करते हुए दुर्योधन ने पूछा।

    "मेरे स्वामी अर्जुन सर्वश्रेष्ठ
    Read More

    आत्मसम्मान,<span>लघुकथा</span>
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    लेखआलेख

    वर्तमान समय में कन्या पूजन की सार्थकता

    • Edited 3 years ago
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    • 270
    • 25 Mins Read

    वर्तमान समय में कन्या पूजन की सार्थकता

    विषय बेहद रोचक है। इसका सपाट सा उत्तर नहीं है ;हां या ना में। पहले हम जानें कि इस परम्परा का प्रारम्भ कब और कैसे हुआ।
    कन्या पूजन हमारी प्राचीन परंपरा है।
    माता
    Read More

    वर्तमान समय में कन्या पूजन की सार्थकता,<span>आलेख</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    बढ़िया

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कहानीसामाजिक

    अनेकता में एकता

    • Edited 3 years ago
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    • 181
    • 16 Mins Read

    अनेकता में एकता
    "अहा,आज तो दोस्तों की महफ़िल जमी है, क्या बात है !" 
    "आओ ,आओ श्रेय,तुम्हारा ही इंतजार था।आज हम सब काव्य पाठ पर चर्चा करेंगे,वह भी ऐसा जो हमारी सांस्कृतिक अनेकता में एकता का उदाहरण हो
    Read More

    अनेकता में एकता,<span>सामाजिक</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    सावधान

    • Edited 3 years ago
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    • 156
    • 11 Mins Read

    सावधान
    वे छोटी बच्ची नहीं,कोमल मगर गठीली देहयष्टि की नवयौवना नहीं,साठ पार कर चुकी प्रोढ़ महिला हैं। उन्होंने कहा... नर पिशाचों को पहचानना आसान नहीं,इनकी कोई उम्र,जाति, धर्म नहीं होता।ये इंसानी
    Read More

    सावधान,<span>लघुकथा</span>
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    लेखआलेख

    क्या 1 लीटर पानी से पेड़ उगाया जा सकता है ?

    • Edited 3 years ago
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    • 171
    • 16 Mins Read

    क्या 1 लीटर पानी से पेड़ उगाया जा सकता है ?

    एक 68 वर्षीय किसान ने 50 हजार पेड़ उगा कर यह कर दिखाया है। इससे भी अधिक सिकदर, राजस्थान के सुरेंद्र वर्मा ने 7 लाख लीटर वर्षा जल संचयन कुछ ही दिनों में कर दिखाया
    Read More

    क्या 1 लीटर पानी से पेड़ उगाया जा सकता है ? ,<span>आलेख</span>
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    कहानीप्रेरणादायक

    विद्वान और विद्यावान

    • Edited 3 years ago
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    • 1375
    • 18 Mins Read

    विद्वान और विद्यावान

    प्रतिवर्ष शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी रामलखन क्वार - कार्तिक मास में रामचरित मानस का आयोजन करते थे।जाने - माने पंडित पुरुषोत्तम जी कथा सुनाते।बहुत सुरीला कंठ था पंडितजी
    Read More

    विद्वान और विद्यावान,<span>प्रेरणादायक</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    #नवराtri

    • Edited 3 years ago
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    • 256
    • 4 Mins Read

    विषय- चित्र
    विधा - कविता
    17/10/2020
    #नवरात्रि

    मां शैलपुत्री
    हिमालय सुता
    जगतारिणी
    वृषाऋढा ,त्रिशूल धारिणी।

    ब्रह्मचारिणी ब्रह्म स्वरूपा
    मनोहारिणी
    तपश्चारिणी
    सर्वसिद्धि प्रदायिनी।

    चंद्रघंटा विस्मयकारी
    खड्ग
    Read More

    #नवराtri,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kumar Sandeep

    Kumar Sandeep 3 years ago

    जय माँ🙏🙏

    Gita Parihar3 years ago

    जयहो

    Maniben Dwivedi

    Maniben Dwivedi 3 years ago

    जय माता जी

    Gita Parihar3 years ago

    जय हो

    Maniben Dwivedi

    Maniben Dwivedi 3 years ago

    जय माता जी

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    बढ़िया

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    Ankur Sharma

    Ankur Sharma 3 years ago

    nice

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    रवि शंकर

    रवि शंकर 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Gita Parihar3 years ago

    हार्दिक आभार

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    खिड़कियां

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 279
    • 3 Mins Read

    साहित्य अर्पण विद अक्स..
    खिड़कियां
    खोल दूं खिड़कियां ?क्या खुल सकेंगी खिड़कियां? हम डरते हैं बदलाव से, जो झांक सकता है इन खुली खिड़कियों से
    यदि खुल गई खिड़कियां तो, क्या मुझे दरकार
    होगी
    तुम्हारी
    Read More

    खिड़कियां,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    रचना अच्छी है परन्तु नई पंक्ति कहाँ शुरू होगी कहाँ खत्म हुई थोड़ा कंफ्यूज़न है चेक किजियेगा। और सही कर लीजियेगा। ???

    Gita Parihar3 years ago

    सुझाव के लिए हृदय से आभार

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    No need to write sahitya arpan with aks. we will choose write ups on trending besis.

    Gita Parihar3 years ago

    Ok

    कहानीसामाजिक

    धोखा

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 215
    • 22 Mins Read

    शीर्षक- धोखा
    5/10/2020

    तीसरी बार जेल की सलाखों के पीछे हूं, वजह वही है, प्रतिबंधित ड्रग्स की खेप पहुंचाने के जुर्म में।इस बार.... इस बार मुझे सात साल की सजा हुई है ।मुझे मेरे बच्चों के सामने गिरफ्तार किया
    Read More

    धोखा,<span>सामाजिक</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    Gita Parihar3 years ago

    धन्यवाद आपका

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    अच्छा लिखा है

    Gita Parihar3 years ago

    आभार आपका

    लेखआलेख

    हिंदी और हम।

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 226
    • 25 Mins Read

    #हिंदी दिवस

    हिंदी और हम

    हिंदी का एक दौर था जब महाकाव्यों और गद्य खंडो की रचना की गई। इस स्वर्णमय काल में कई महान विभूतियों ने इसे संरक्षित, पोषित, पल्लवित, कुसुमित और फलित भी किया।फिर एक दौर आया
    Read More

    हिंदी और हम।,<span>आलेख</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    gita ji plz update your profile we are unable to find you on facebook

    Gita Parihar3 years ago

    Ok,thanks,dear

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    Gita Parihar3 years ago

    बहुत, बहुत आभार

    Gita Parihar3 years ago

    आभार