कविताहाइकु
सपना
-(हाइकु)
स्वप्न अधूरे
कब होते हैं पूरे
अरमानों से।
आए चुपके
दबे पांव स्वप्न में
तड़के गुम।
महल सपनों
के चूरचूर हुए
ज्यों आंख खुली।
कुछ पल का
सपना दिखा सनम
जुदाई दे दी।
मिली जुदाई
सपने यूं जिंदगी
के ख़ाक हुए।
प्रेम कहानी
बुनी हसीन सपने
सी हुई खत्म।
इंतजार में
तुम्हारे मुरझाए
सपन फूल।
हकीकत है
सपना नहीं वह
पहलू में है।
गीता परिहार
अयोध्या