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Sahitya Arpan - Kumar Sandeep
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Kumar Sandeep

'Sandeep'

सरल शब्दों में ज़िंदगी से मिले दर्द व अनुभवों को कलमबद्ध करने का छोटा-सा प्रयास।

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  • Genre wise ranking

    Section Genre Rank
    लेख अन्य First
    सुविचार अनमोल विचार First
    सुविचार प्रेरक विचार First
    लेख निबन्ध Second
    लेख समीक्षा Second
    कविता अतुकांत कविता Third
    सुविचार भक्तिमय विचार 4th

    कविताअतुकांत कविता, अन्य

    जाड़े की रात

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 76
    • 8 Mins Read

    जाड़े की रात में
    जब ठंड से ठिठुरते हुए सोता है
    एक गरीब
    ख़ुले आसमान के नीचे
    तब आसमान भी,
    बहाता है अपनी आँखों से अश्रु।।

    जाड़े की रात में
    जब ठंड से कँपकँपाते हुए
    लौटता है एक निर्धन
    अपने घर के द्वार पर,
    उस
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    जाड़े की रात,<span>अतुकांत कविता</span>, <span>अन्य</span>
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    कविताअतुकांत कविता, अन्य

    विवाह के बाद

    • Edited 2 years ago
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    • 123
    • 5 Mins Read

    विवाह के बाद
    पुरुष! अपने विचार व व्यवहार में
    लाता है सूक्ष्म परिवर्तन,
    और स्त्री! विचार व व्यवहार में
    लाती है दीर्घ परिवर्तन।।

    विवाह के बाद
    पुरुष! ससुराल वालों को क्षणिक आदर
    देने में भी झिझक महसूस
    Read More

    विवाह के बाद,<span>अतुकांत कविता</span>, <span>अन्य</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    ख़ूबसूरत..!

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 2 years ago

    बहुत खूब

    लेखआलेख, निबन्ध

    शिक्षक बच्चों के भविष्य के लिए अपना आज और कल कुर्बान करते हैं

    • Edited 2 years ago
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    • 105
    • 13 Mins Read

    शिक्षक का त्याग "पिता" के त्याग से कमतर नहीं है। "पिता" अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए तन पर कठिनाइयों को सहन करते हुए भी मुस्कुराते हैं,वहीं "शिक्षक" भी शिक्षण कार्य के दौरान अनगिनत कठिनाईयां
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    शिक्षक बच्चों के भविष्य के लिए अपना आज और कल कुर्बान करते हैं,<span>आलेख</span>, <span>निबन्ध</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सच है..!

    लेखआलेख, निबन्ध

    बेस्ट इंग्लिश लर्निंग एप्लिकेशन के विषय में जानिये

    • Edited 2 years ago
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    • 185
    • 14 Mins Read

    आधुनिक समय में इंग्लिश विषय का कितना विशेष महत्व है यह हम सभी को ज्ञात है। इंग्लिश अंतरराष्ट्रीय भाषा है। आप स्थानीय भाषा की मदद से जहाँ अपने मनोभावों को सीमित लोगों तक पहुंचा पाने में सफल होते
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    बेस्ट इंग्लिश लर्निंग एप्लिकेशन के विषय में जानिये,<span>आलेख</span>, <span>निबन्ध</span>
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    लेखआलेख, निबन्ध

    बच्चे छोड़ देंगे फोन की लत अपनाएं ये टिप्स

    • Edited 2 years ago
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    • 109
    • 13 Mins Read

    फोन का सदुपयोग जहाँ एक ओर हमें अधिक ज्ञान अर्जित करने में मदद करता है वहीं इसका दुरुपयोग कर हम न केवल आज बल्कि अपना कल भी बर्बाद कर देते हैं। इसलिए यह अति आवश्यक है कि हम इसका सदुपयोग करें।
    बच्चे
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    बच्चे छोड़ देंगे फोन की लत अपनाएं ये टिप्स,<span>आलेख</span>, <span>निबन्ध</span>
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    लेखआलेख, निबन्ध

    शिक्षक इस प्रकार बच्चों के मन से करें गणित विषय का डर दूर

    • Edited 2 years ago
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    • 93
    • 10 Mins Read

    विषय कोई भी कठिन नहीं है, यदि हम सभी विषयों को कठिन मानने की बजाए मन से उस विषय का अध्ययन करें। फिर भी, कुछ ऐसे भी विद्यार्थी होते हैं जो गणित का नाम सुनते ही अनगिनत प्रश्न करने को आतुर हो जाते हैं,
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    शिक्षक इस प्रकार बच्चों के मन से करें गणित विषय का डर दूर,<span>आलेख</span>, <span>निबन्ध</span>
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    कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता

    प्रेम की परिभाषा

    • Edited 2 years ago
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    • 245
    • 12 Mins Read

    मैंने अपनी आँखों से देखा है

    मन से महसूस किया है कि

    प्रेम के आँगन में भ्रमण करने वाले

    प्रेमी, सबकुछ त्याग

    प्रेमिका के जीवन में

    ख़ुशियों के रंग भरने का

    करते हैं प्रयत्न।।



    मैंने अपनी आँखों से देखा
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    प्रेम की परिभाषा,<span>अतुकांत कविता</span>, <span>लयबद्ध कविता</span>
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    अतुकांत कविता, लयबद्ध कविता

    तू भी चमकेगा

    • Edited 2 years ago
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    • 127
    • 4 Mins Read

    मुश्किल हो चाहे कितनी ही बड़ी
    तू घबरा मत!
    तू लड़ रोकर नहीं, हँसकर
    तू जीवन की कीमत समझ
    तू नतमस्तक मत हो
    हालात के समक्ष
    जीवन का अंत करने का ख्याल
    मन से निकाल, और आगे बढ़
    हाँ, किसी भी परिस्थिति में
    समस्याओं
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    तू भी चमकेगा,<span>अतुकांत कविता</span>, <span>लयबद्ध कविता</span>
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    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    सकारात्मक विचार

    • Edited 2 years ago
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    • 149
    • 4 Mins Read

    1)बारिश का पानी उनके लिए ख़ुशी की दस्तक है जिनके घर का छत मजबूत है।

    2)श्रेष्ठ से सर्वश्रेष्ठ बनना इंसान के स्वयं के हाथों में है, बस निर्भर इस बात पर है कि इंसान समय के साथ ख़ुद को किस तरह बदलता है।

    3)मुश्किल
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    सकारात्मक विचार,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 2 years ago

    बहुत सटीक विचार, बहुत खूब सन्दीप जी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर और सकारात्मक विचार..! सच कहा है आपने.. बारिश उन्हें ही अच्छी लगती है जो इससे पूरी तरह सुरक्षित हैं.. जो नहीं हैं उनके लिये तो यह त्रासदी ही है.

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    मुश्किल

    • Edited 2 years ago
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    • 133
    • 1 Mins Read

    मन में उत्पन्न मुश्किल नामक शब्द को बाहर निकालकर दूर कहीं विसर्जित कर दीजिए, ज़िंदगी भी मुस्कुराने लगेगी और आप भी

    @कुमार संदीप

    मुश्किल,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 2 years ago

    बहुत अच्छे

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    sunder ..!

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    अभाव

    • Edited 2 years ago
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    • 107
    • 1 Mins Read

    अभाव में जीने वाले शख्स का भाग्य ईश्वर फुर्सत से लिखता है ताकि उसकी कहानी एक दिन पन्नों पर नहीं बल्कि सबके दिलों पर दर्ज हो जाए।

    ©कुमार संदीप

    अभाव,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    मर्मस्पर्शी

    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    प्रतीक्षा

    • Edited 2 years ago
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    • 160
    • 2 Mins Read

    फल बेचकर घर लौटने में आज पुनः देरी हो गई राधेश्याम को। झमाझम बारिश में भींगते हुए, बारिश की बूंदों की मार सहन करते हुए वह आगे बढ़ रहा था। रुकता भी कैसे? उसके बेटे की एक जोड़ी आँखें अपने प्रिय पिता की
    Read More

    प्रतीक्षा,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    पैरेंट्स

    • Edited 2 years ago
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    • 116
    • 1 Mins Read

    आप अपने ईश्वर से केवल माता-पिता की सलामती की दुआ कीजिए, बाकी की चीजें आपके माता-पिता आपके लिए ईश्वर से दुआ कर और ख़ुद मेहनत कर अर्जित कर देंगे।

    @कुमार संदीप

    पैरेंट्स,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    माँ और ईश्वर

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 142
    • 1 Mins Read

    माँ और ईश्वर में महज इतना फर्क़ है कि ईश्वर! दिखाई न देकर भी हमारी रक्षा करते हैं, और माँ! साक्षात तब तक हमारी रक्षा करती है जब तक हम नयन मूंद कर सो न जाएं।

    @कुमार संदीप

    माँ और ईश्वर,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    माँ

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 106
    • 1 Mins Read

    माँ अपने आँचल में बच्चों के लिए असीमित ख़ुशियाँ बांधकर रखती हैं।

    @कुमार संदीप

    माँ,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    पीड़ा

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 96
    • 1 Mins Read

    बच्चों के मुख पर विद्यमान मुस्कुराहट को देखने मात्र से दूर हो जाती हैं पिता के जीवन से समस्त पीड़ाएँ।

    @कुमार संदीप

    पीड़ा,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    ख्वाब

    • Edited 2 years ago
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    • 207
    • 1 Mins Read

    सिर के ऊपर मजबूत छत न भी हो तो भी जर्जर घर में रहकर भी, ख्वाब बड़े-बड़े देखे जा सकते हैं और साकार भी सत्य पथ पर कदम बढ़ाकर किए जा सकते हैं।

    @कुमार संदीप

    ख्वाब,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर और प्रेरक

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    लेखक

    • Edited 2 years ago
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    • 125
    • 1 Mins Read

    लेखक की कलम सोने से निर्मित न भी हो फिर भी उस कलम से सुनहरे लफ्ज़ लिखे जा सकते हैं।

    @कुमार संदीप

    लेखक,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सच है..!

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    मायूसी

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 163
    • 2 Mins Read

    यह आवश्यक नहीं कि
    जिस लड़के के चेहरे पर
    मायूसी का डेरा है,
    उसे प्रेमिका से मन भर अपनत्व
    नहीं मिला है।।
    कुछ लड़कों के चेहरे पर
    मायूसी का डेरा इसलिए भी
    रहता है, क्योंकि ज़िम्मेदारी
    का बोझ और ज़िंदगी
    भी
    Read More

    मायूसी,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सन्दीप जी.. आपने एक कटु सत्य लिखा है.. कम उम्र में बहुत बड़ी जिम्मेदारियां.. और किसी चीज़ के लिए फ़ुरसत ही नहीं देतीं.

    Kumar Sandeep2 years ago

    सत्य कहा आपने सर।सादर प्रणाम

    Kumar Sandeep2 years ago

    सत्य कहा आपने सर।सादर प्रणाम

    कविताअतुकांत कविता

    फिर तू मुस्कुराएगा

    • Edited 2 years ago
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    • 215
    • 4 Mins Read

    है व्याप्त घोर अँधियारा चहुंओर
    पर मनुज, तू अँधियारे से मुख मत मोड़
    उर के हर कोने में उम्मीद की किरण
    कर तू अंकुरित, और आगे बढ़।।

    ज़िंदगी की परीक्षा में भी तू होगा उत्तीर्ण
    मनुज रख विश्वास स्वयं के ऊपर
    Read More

    फिर तू मुस्कुराएगा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 2 years ago

    सकारत्मक

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    सुन्दर और प्रेरक..!

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    सुविचार

    • Edited 2 years ago
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    • 84
    • 6 Mins Read

    १)
    संकट के इस दौर को देखते हुए भी यदि आपके अंदर अपनों के प्रति बीती किसी बात को लेकर कड़वाहट है, इसका आशय यह हुआ कि आपके अंदर अहंकार की मात्रा सर्वाधिक है।

    २)अपनों की ख़बर लेते रहें, दौर बेहद प्रतिकूल
    Read More

    सुविचार,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    माँ

    • Edited 2 years ago
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    • 94
    • 1 Mins Read

    संतान के समस्त कष्टों को स्वयं के हिस्से में सम्मिलित करने की दुआ "माँ" के सिवा भला इस दुनिया में कौन कर सकता है।

    @कुमार संदीप

    माँ,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    हेल्थ टिप्स

    • Edited 3 years ago
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    • 99
    • 4 Mins Read

    १)स्वास्थ्य की देखभाल अच्छी तरह से करने वाले अंतिम साँस तक चेहरे पर मुस्कुराहट कायम रखने में सफल होते हैं।

    २)"स्वास्थ्य ही धन हैं।" महज इस एक वाक्य को ताउम्र ध्यान में रखने वालों के हिस्से में स्वास्थ्य
    Read More

    हेल्थ टिप्स,<span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    लेखन टिप्स

    • Edited 3 years ago
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    • 126
    • 5 Mins Read

    १)वरिष्ठ साहित्यकारों का नव रचनाकारों की रचना पर सुधारत्मक टिप्पणी प्राप्त होना नव रचनाकारों के लिए किसी कीमती तोहफे से कम नहीं है। हमें उनकी टिप्पणी का स्वागत हाथ जोड़कर करना चाहिए, और लेखन में
    Read More

    लेखन टिप्स,<span>प्रेरक विचार</span>
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    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 2 years ago

    सही लिखा

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    अभी इसमें और भी पॉइंट ऐड होने बाकी हैं। अभी तक जितने लिखे सभी सटीक हैं।

    Kumar Sandeep3 years ago

    जी माते,हार्दिक आभार

    कविताअतुकांत कविता

    आज शिक्षकों की व्यथा

    • Edited 3 years ago
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    • 187
    • 6 Mins Read

    बच्चों को जी भर देखना चाहता हूँ
    अपनी आँखों के सामने
    मन भर बातें करना चाहता हूँ
    अपने मन को समझाने का,
    भरपूर प्रयत्न करता हूँ
    फिर भी मेरा मन नहीं मानता है
    खूब रोता है, बहुत बिलखता है
    शायद उसे वर्तमान
    Read More

    आज शिक्षकों की व्यथा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    सकारात्मक विचार

    • Edited 3 years ago
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    • 281
    • 3 Mins Read

    १)है इतिहास गवाह
    रात के बाद, सूर्योदय होता है
    और सारा तम दूर हो जाता है।
    ठीक उसी तरह ग़म की काली रात
    सर्वदा के लिए दूर होगी
    और फिर से ख़ुशी आएगी
    आँगन में, दरवाजे पर, हर ओर।।

    २)उम्मीद से मित्रता
    और हौंसलों
    Read More

    सकारात्मक विचार,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    आज की भयावह स्थिति में आशा की किरण.

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर

    सुविचारभक्तिमय विचार, प्रेरक विचार

    प्रार्थना

    • Edited 3 years ago
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    • 97
    • 2 Mins Read

    हे_हनुमानजी अब दुख नहीं देखा जा रहा है सबका। हे कृपानिधान अपनी कृपादृष्टि दिखाइये उनके ऊपर जो इन दिनों हर तरह से संकटों से घिर चुके हैं। हाँ प्रभु, उन तमाम ज़रुरतमंदों की ज़रुरतों की पूर्ति के साथ-साथ
    Read More

    प्रार्थना,<span>भक्तिमय विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत दुखद स्थितियां.

    लेखसमीक्षा

    अनुपम कृति है ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 226
    • 24 Mins Read

    पुस्तक-ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा

    लेखक-शिखर चंद जैन

    प्रकाशक- प्रखर गूँज प्रकाशन,दिल्ली

    पाठकीय प्रतिक्रिया-कुमार संदीप

    ज़िंदगी में कई ऐसे मोड़ आते हैं जब हम ज़िंदगी से मिले दर्द व तकलीफ़ से पूरी तरह
    Read More

    अनुपम कृति है ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा,<span>समीक्षा</span>
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    Rashmi Sharma

    Rashmi Sharma 3 years ago

    वाह

    लेखअन्य, समीक्षा

    पाठक के दिलोदिमाग पर अमिट छाप छोड़ने में सफल है "डियर ज़िंदगी"

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 495
    • 19 Mins Read

    पुस्तक- डियर ज़िंदगी

    लेखक-शिखर चंद जैन

    पाठकीय प्रतिक्रिया-कुमार संदीप



    आदरणीय शिखर चंद जैन सर की प्रथम कृति "ज़िंदगी_न_मिलेगी_दोबारा" ने पाठक के हृदय में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। इनकी हर कृति वाकई
    Read More

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    Rashmi Sharma

    Rashmi Sharma 3 years ago

    वाह

    Pallavi Rani

    Pallavi Rani 3 years ago

    बहुत अच्छी समीक्षा

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर समीक्षा

    Rashmi Sharma

    Rashmi Sharma 3 years ago

    बहुत सुंदर

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    सुविचार

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 176
    • 4 Mins Read

    १)संघर्ष के मैदान में,
    डटे रहिए तब-तक,
    जब-तक मुश्किलें स्वयं
    आपके हौंसले के समक्ष
    घुटने न टेक दे।।

    २)दौर उलझनों से भरा है
    हर ओर सन्नाटा पसरा है
    फिर भी ख़ुद को मजबूत बनाइए
    आत्मसमर्पण मत कीजिए,
    समस्याओं
    Read More

    सुविचार,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद माते

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    सुविचार

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 170
    • 4 Mins Read

    १)अपनापन की परिभाषा भूलकर निजी स्वार्थ में लीन रहने वाले रिश्तों का खून असमय ही कर देते हैं।

    २)मुश्किल, इंसान को एक बेहतरीन इंसान बनने का अवसर प्रदान करती है।

    ३)माँ जीवन के किसी भी मोड़ पर हार नहीं
    Read More

    सुविचार,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बढ़िया

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    सुविचार

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 241
    • 7 Mins Read

    १) है मुश्किल वक्त
    पर तू संभाल ख़ुद को हर वक्त
    ये मुश्किल वक्त भी
    अपने कक्ष की ओर
    एक दिन चला जाएगा
    फिर तू एक दिन मुस्कुराएगा।।

    २) न हो निराश
    ज़िंदगी कभी ग़म की नदी में
    डुबकियाँ लगाने के लिए

    Read More

    सुविचार,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    🙏🏻🙏🏻🌹

    Ruchika Rana

    Ruchika Rana 3 years ago

    उत्साहवर्धक कविता 👍

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद मैम

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    हिम्मत जगाते विचार

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर जी

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    जीवन जीने को नई दिशा देते हैं तुम्हारे सुविचार, बहुत खूब सन्दीप

    Kumar Sandeep3 years ago

    सादर आभार, आशीष बना रहे।🙏🙏

    कविताअतुकांत कविता, भजन

    हे माँ दुर्गा

    • Edited 3 years ago
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    • 207
    • 4 Mins Read

    हे माता रानी!
    आपका आशीर्वाद, साथ बना रहे उनके ऊपर
    जो करते हैं दिन-रात अथक श्रम
    प्रतिकूल क्षण में, हर मौसम में।।

    हे माँ दुर्गा!
    अपनी कृपा बनाएं रखिएगा उनके ऊपर
    जो तपती धूप में कपकपाती ठंड में भी
    हमारी
    Read More

    हे माँ दुर्गा,<span>अतुकांत कविता</span>, <span>भजन</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर रचना 👌🏻

    Kumar Sandeep3 years ago

    सादर आभार

    कविताअतुकांत कविता

    मेरी माँ ख़ुश रहे

    • Edited 3 years ago
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    • 253
    • 6 Mins Read

    हे जगत के पालनहार प्रभु!
    मेरी माँ सदैव ही मेरी सलामती
    की दुआ करती है आपसे
    पर ख़ुद के लिए कभी भी
    कुछ भी नहीं माँगती है आपसे
    प्रभु! मेरी माँ की दुआएँ ज़रूर
    पूर्ण कर दीजिएगा ताकि
    मेरी माँ ख़ुश रहे,
    आपके ऊपर
    Read More

    मेरी माँ ख़ुश रहे,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत प्यारी सी रचना माँ के नाम

    Kumar Sandeep3 years ago

    आभार माँ

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत ही भावपूर्ण

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    ईश्वर

    • Edited 3 years ago
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    • 98
    • 2 Mins Read

    ईश्वर मुश्किल दौर से आमना-सामना करवाकर हमें इस बात का एहसास दिलवाते हैं, कि हमारे अपने कौन हैं? दूसरों का हमारे प्रति क्या विचार है? साथ ही ईश्वर अपने काबिल बच्चे के हिस्से में ही मुश्किल अर्पित
    Read More

    ईश्वर,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    लेखअन्य

    सकारात्मक विचार बदलते हैं जीवन का रास्ता

    • Edited 3 years ago
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    • 153
    • 7 Mins Read

    आइए पढ़ते हैं कुछ ऐसे विचार जिनसे निश्चित ही सकारात्मक बदलाव हमारे अंदर आने की पूर्ण संभावनाएं हैं।

    1) सत्य के मार्ग पर कदम बढ़ाने वालों को दुख से ओतप्रोत रातों का सामना करना ही पड़ता है।

    2) स्वयं के
    Read More

    सकारात्मक विचार बदलते हैं जीवन का रास्ता,<span>अन्य</span>
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    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    पथ

    • Edited 3 years ago
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    • 246
    • 1 Mins Read

    यदि सत्य पथ पर कदम बढ़ा रहे हैं आप तो एक बात गाँठ लीजिए, आपको कदम-कदम पर मुश्किलों से सामना करना पड़ेगा साथ ही आपकी हिम्मत तोड़ने की भी भरपूर कोशिश की जाएगी जमाने द्वारा।

    -कुमार संदीप

    पथ,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    प्रभु

    • Edited 3 years ago
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    • 218
    • 3 Mins Read

    प्रभु!
    हर उस दुखियारे के आँगन में
    ख़ुशियों के भर देना
    जो कठिन परिस्थिति का साक्षी
    बनकर हो जाता है विचलित।।

    प्रभु!
    हर उस शख्स की हिम्मत में
    बढ़ोत्तरी करना जिसका मन
    हो जाता है कुछ पल के लिए
    प्रतिकूल
    Read More

    प्रभु,<span>अतुकांत कविता</span>
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    लेखआलेख

    अभाव और मुश्किल ने सदैव बेहतर कल का निर्माण किया है

    • Edited 3 years ago
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    • 108
    • 12 Mins Read

    आलेख के शीर्षक से ही ज्ञात हो गया होगा आपको कि इस आलेख को लिखने के पीछे मेरा क्या उद्देश्य है। जी हाँ, हम सभी जानते हैं अभाव व मुश्किलों ने हमेशा ही हमारे अंदर मौजूद हुनर, प्रतिभा को निखारने का प्रयास
    Read More

    अभाव और मुश्किल ने सदैव बेहतर कल का निर्माण किया है,<span>आलेख</span>
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    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    सही बात कही संदीप

    कविताअतुकांत कविता

    कविता जन्म लेती है तब,जब

    • Edited 3 years ago
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    • 223
    • 4 Mins Read

    कविता
    जन्म लेती है तब, जब
    कोई निर्धन बालक शहर के जगमग पथ पर
    भूख से बिलखता है अत्यंत।।

    कविता
    जन्म लेती है तब, जब
    कवि करता है यह महसूस कि
    संवेदना न केवल सजीव प्राणियों में
    होती है, बल्कि निर्जीव प्राणियों
    Read More

    कविता जन्म लेती है तब,जब,<span>अतुकांत कविता</span>
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    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    प्रेम

    • Edited 3 years ago
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    • 99
    • 1 Mins Read

    माँ के हाथ से बने खाने का स्वाद अनमोल होने की मुख्य वजह है कि खाने में आवश्यक सामग्रियों को डालने के साथ-साथ माँँ बच्चों के लिए अथाह प्रेम भी डालती हैं।

    --कुमार संदीप

    प्रेम,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    हुनर

    • Edited 3 years ago
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    • 99
    • 2 Mins Read

    ख़ुद को नालायक, कमज़ोर, बेकार मत समझिए कभी, ईश्वर द्वारा धरा पर भेजे जाने वाले ऐसे शख़्स हैं हम मनुष्य जिसके अंदर कोई न कोई हुनर ज़रूर मौजूद है। बस अपने हुनर की तलाश कीजिए और निरंतर प्रयत्न कीजिए, मेहनत
    Read More

    हुनर,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    शुक्रिया माँ

    • Edited 3 years ago
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    • 228
    • 4 Mins Read

    माँ!
    शुक्रिया अदा करता हूँ हृदय से
    ईश्वर का
    ईश्वर स्वयं न आ सके हमारी मदद के लिए
    इसलिए ईश्वर ने
    आपको भेजा हमारी मदद के लिए
    हम पुत्रों का ख़्याल रखने के लिए
    हमारी ख़ुशियों की परवाह करने के लिए।।

    माँ!
    शुक्रिया
    Read More

    शुक्रिया माँ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    रियल लाइफ

    • Edited 3 years ago
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    • 96
    • 2 Mins Read

    फ़िल्म, टेलीविजन पर दिखाए जा रहे धारावाहिक के पात्रों व उनके विचार, व्यवहार, कार्य, व्यक्तित्व को देखकर, समझकर अपने जीवन में हुबहू वैसा ही करने से कभी-कभी हमारा वर्तमान पूर्णतया ध्वस्त हो जाता है।
    Read More

    रियल लाइफ,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बिल्कुल सही बात। परन्तु अब टीवी कम मोबाइल में दिखाई गई चीजों से लोग ज्यादा प्रभावित होने लगे हैं।

    Kumar Sandeep3 years ago

    सच कहा आपने

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    कविता

    • Edited 3 years ago
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    • 112
    • 2 Mins Read

    जिस तरह इंसान के जन्म की तिथि निश्चित नहीं है ठीक उसी तरह कविता के जन्म की भी तिथि निश्चित नहीं है। कविता कभी भी जन्म ले सकती है। इंसान जन्म लेकर मर जाता है, पर कविता जन्म लेकर कभी नहीं मरती है। कविता
    Read More

    कविता,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर 👌🏻

    कविताअतुकांत कविता

    वृद्ध

    • Edited 3 years ago
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    • 120
    • 2 Mins Read

    एक वक्त के बाद
    हमारे घर के बड़े
    हमारी आँखों में देखना चाहते हैं
    अपने लिए फिक्र के दो आँसू
    अकेलेपन की नदी में
    डूबने से बचने के लिए
    हमारे घर के बड़े
    चाहते हैं कि हम उनकी उंगली
    थामकर उनका सहारा बनें
    हमें
    Read More

    वृद्ध,<span>अतुकांत कविता</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बढ़िया

    कविताअतुकांत कविता

    रचनाकार की रचना

    • Edited 3 years ago
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    • 234
    • 5 Mins Read

    रचनाकार की रचना पढ़कर
    समझकर क्या सीखते हैं हम?
    इस प्रश्न का उत्तर जानने हेतु
    जब हम डुबकियाँ लगाते हैं
    यथार्थ की नदी में
    तो होता है यह ज्ञात हमें..

    रचनाकार की रचना पढ़कर
    हम असल मायने में प्रेम करना सीखते
    Read More

    रचनाकार की रचना,<span>अतुकांत कविता</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत बढ़िया

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर भाव

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    स्वर्ग

    • Edited 3 years ago
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    • 97
    • 1 Mins Read

    बुजुर्गों की सेवा अंतिम साँस तक करने वाले जब ईश्वर के पास पहुंचते हैं तो ईश्वर उनके लिए स्वर्ग के द्वार पूर्व से ही ख़ुले रखते हैं।

    ©कुमार संदीप

    स्वर्ग,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारअनमोल विचार

    युवा

    • Edited 3 years ago
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    • 95
    • 1 Mins Read

    वैसे युवा देश के भविष्य कभी भी नहीं बन सकते हैं जिनके मन के हर कोने में नकारात्मक विचार विद्यमान है।

    ©कुमार संदीप

    युवा,<span>अनमोल विचार</span>
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    सुविचारअनमोल विचार

    इंसान

    • Edited 3 years ago
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    • 107
    • 2 Mins Read

    जो लोग पिता के जीवन में ख़ुशियों के रंग घोलते हैं
    जो लोग माँ की सेवा ख़ातिर सर्वस्व अर्पित करते हैं
    उन महान शख्सियतों से इंसान ही नहीं अपितु
    हर देवी-देवता सर्वदा ही अत्यंत प्रसन्न रहते हैं।।

    ©कुमार
    Read More

    इंसान,<span>अनमोल विचार</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    टूटना मत रुकना मत

    • Edited 3 years ago
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    • 225
    • 4 Mins Read

    जब मुश्किल चाहे हिम्मत तोड़ना
    राह में हों बाधाएँ कई
    फिर भी राही रुकना मत
    झुकना मत मुश्किलों के समक्ष
    मस्तक मत टेकना बाधाओं के समक्ष
    बढ़ाना कदम हर हाल में
    मन में रखना यह विश्वास सदा
    मंजिल मिलेगी एक
    Read More

    टूटना मत रुकना मत,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    आशिक़ की अभिलाषा

    • Edited 3 years ago
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    • 115
    • 5 Mins Read

    आशिक़
    जब गुजरता है प्रेमिका की गली से
    निहारता है एकटक
    प्रेमिका के घर की खिड़कियों की ओर
    दर्शन करना चाहता है प्रेमिका का
    जिस तरह एक भक्त व्याकुल रहता है
    ईश्वर की मूर्ति की एक झलक देखने ख़ातिर
    ठीक उसी
    Read More

    आशिक़ की अभिलाषा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    बच्चों डरो मत मुश्किलों से

    • Edited 3 years ago
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    • 119
    • 4 Mins Read

    बच्चों, किंतु परंतु नामक शब्द
    ज़िंदगी से निकालकर तुम आगे बढ़ो
    कुछ अलग करने का संकल्प लो
    किसी भी परिस्थिति में मुश्किलों से मत डरो।।

    बच्चों, एक लक्ष्य निर्धारित करो तुम
    और जब तक न हो प्राप्त मंजिल
    थककर
    Read More

    बच्चों डरो मत मुश्किलों से,<span>अतुकांत कविता</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    माँएं

    • Edited 3 years ago
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    • 85
    • 2 Mins Read

    एक उम्र के बाद माँएंं
    भूलने लगती हैं रखे हुए सामान का वास्तविक पता,
    भूलने लगती हैं अतीत की बीती बात
    पर, माँएंं उम्र के इस पड़ाव में भी
    संतान का फिक्र करना
    संतान ख़ातिर सर्वस्व अर्पित करना
    नहीं भूलती
    Read More

    माँएं,<span>प्रेरक विचार</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    प्रेम

    • Edited 3 years ago
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    • 96
    • 4 Mins Read

    प्रेमिका के जीवन की बाधाओं को
    हर लेने का वायदा करना ही प्रेम नहीं है
    सड़क किनारे भूख से बिलखते
    इंसान को भोजन अर्पित करना भी प्रेम है।।

    प्रेमिका के जीवन में दुख के घोर तिमिर को
    मिटाने का संकल्प लेना
    Read More

    प्रेम,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    एक चॉकलेट उनके लिए

    • Edited 3 years ago
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    • 159
    • 5 Mins Read

    अपनी आँखों के तारे
    लाडले के लिए ही नहीं
    एक चॉकलेट उन बच्चों के लिए
    भी ख़रीद दीजिए
    जो सड़क किनारे चुनते हैं
    डिब्बे, ख़िलौने, पॉलीथिन।।

    अपनी आँखों के तारे
    लाडले के लिए ही नहीं
    एक चॉकलेट ख़रीदकर
    उन बच्चों
    Read More

    एक चॉकलेट उनके लिए,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Ashutosh Tripathi

    Ashutosh Tripathi 3 years ago

    वाह बेहद भावपूर्ण,मर्मस्पर्षी पंक्तियां अनुज👌🏻👌🏻👌🏻

    कविताअतुकांत कविता

    लौट आइए पापा

    • Edited 3 years ago
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    • 141
    • 5 Mins Read

    लौट आइए पापा

    मेरा मन कहता है मुझसे हर पल

    "आपके पापा सर्वदा ख़ातिर नहीं गए रब के पास"

    मुझे भी है यक़ीन

    आप लौट आएंगे इक दिन निश्चित ही।।



    पर.. ये दुनिया तोड़ देती है

    मेरे विश्वास को

    कहती है

    "रब के पास जाने
    Read More

    लौट आइए पापा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    मन की आवाज़

    • Edited 3 years ago
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    • 210
    • 4 Mins Read

    औरत के मन की आवाज़
    नहीं सुनाई पड़ सकती है
    उस शख़्स को
    जिसके लिए औरत है महज
    उपयोग की वस्तु।।

    औरत की शख्सियत के संदर्भ में
    नहीं जान सकता है वो शख़्स
    जो छोटी-छोटी बातों पर
    लात घूंसों से जी भर पीटता है
    औरत
    Read More

    मन की आवाज़,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी..!

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत ही संवेदनशील रचना है सन्दीप बहुत कठिन विषय पर लिखा है।

    Kumar Sandeep3 years ago

    जी मनःपूर्वक आभार माता श्री

    Kumar Sandeep3 years ago

    जी मनःपूर्वक आभार माता श्री

    कविताअतुकांत कविता

    निःस्वार्थ प्रेम

    • Edited 3 years ago
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    • 96
    • 4 Mins Read

    प्रेम की परिभाषा ज्ञात नहीं है मुझे प्रिय
    पर..मैंने तुमसे किया है निःस्वार्थ प्रेम
    हाँ, सचमुच निःस्वार्थ प्रेम
    प्रिय!
    झूठे प्रेमियों की भाँति तुमसे
    नहीं करूंगा वायदे हज़ार कदापि

    प्रिय!
    तुम मेरी
    Read More

    निःस्वार्थ प्रेम,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    प्रेम पेड़ के मानिंद है

    • Edited 3 years ago
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    • 262
    • 4 Mins Read

    प्रेम
    बाजार में बिकने वाली कोई वस्तु नहीं
    जिसे जब जी चाहे
    पैसे से खरीद ली जाए
    प्रेम
    एहसासों का समंदर है
    प्रेम, पेड़ के मानिंद
    परोपकारी, दयालु है
    प्रेम के मार्ग पर
    कदम बढ़ाने वाले पथिक के
    जीवन में बाधाएँ
    बिलकुल
    Read More

    प्रेम पेड़ के मानिंद है,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत खूब

    कविताअतुकांत कविता

    प्रेम का मतलब

    • Edited 3 years ago
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    • 134
    • 4 Mins Read

    प्रेम!
    करने का मतलब
    प्रेमिका के तन पर अधिकार कायम करना नहीं
    प्रेम करने का मतलब है
    प्रेमिका के मन में अपनी
    एक अमिट छाप छोड़ना।।


    प्रेम
    करने का मतलब
    प्रेमिका के साथ दुर्व्यवहार करना नहीं
    प्रेम करने
    Read More

    प्रेम का मतलब,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Priyanka Tripathi

    Priyanka Tripathi 3 years ago

    Beautiful

    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    बहुत... खूब....संदीप जी

    लेखअन्य

    अपने पापा के नाम एक ख़त

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 333
    • 17 Mins Read

    पूज्यनीय पापा जी के नाम एक ख़त

    पूज्यनीय पापा जी सादर चरणस्पर्श!

    पापा! जब आप मेरी आँखों के सामने थे तब तो मैं आपका हालचाल जानता ही था कि आप हर दिन संतान की ख़ुशी के खातिर अनगिनत संकटों से लड़ते थे। अब
    Read More

    अपने पापा के नाम एक ख़त,<span>अन्य</span>
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    कविताअतुकांत कविता, बाल कविता

    सपने में पापा आए

    • Edited 3 years ago
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    • 212
    • 5 Mins Read

    बेटे!

    रो मत!

    मेरे लाडले तू नहीं जानता है

    पापा कभी भी अपने लाडले से दूर नहीं जाते हैं

    पापा मृत्युपरांत भी

    आते-जाते रहते हैं बेटे की मुस्कान में

    हर छोटी-छोटी बात में।।



    बेटे!

    रो मत!

    मैं भी चाहता था
    Read More

    सपने में पापा आए,<span>अतुकांत कविता</span>, <span>बाल कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    अत्यंत भावपूर्ण और ह्रदयस्पर्शी..!

    कविताअतुकांत कविता

    शहीद सैनिक का शव

    • Edited 3 years ago
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    • 311
    • 6 Mins Read

    शहीद सैनिक का शव जब पहुंचता है
    गाँव में, तब गाँव भी रोने लगता है
    माँ धरती भी खूब आँसू बहाती है
    आसमां की पलकें भी भींग जाती है
    हवाएं भी मन ही मन खूब रोती हैं।।

    शहीद सैनिक का शव जब पहुंचता है
    मीलों की
    Read More

    शहीद सैनिक का शव,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    बेहद मार्मिक चित्रण

    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    Aapki kalam ko salam chhote bhai

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत खूब

    कविताअतुकांत कविता

    सैनिक संभालते हैं ख़ुद को

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 227
    • 6 Mins Read

    ज़िंदगी में तनिक मुश्किल
    आ जाने पर, हम खो देते हैं धैर्य
    ख़ुद को असहाय, बेबस समझने लगते हैं
    ख़ुद को पूर्णतः टूटे हुए समझते हैं
    फिर, किस तरह संभालते हैं सैनिक, ख़ुद को
    प्रतिकूल परिस्थिति में
    कपकपाती ठंड
    Read More

    सैनिक संभालते हैं ख़ुद को,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    Kya khane bhai kya khub likha aapne

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सैनिकों का मनोबल अतुलनीय है.

    Kumar Sandeep3 years ago

    बिल्कुल सही

    कविताअतुकांत कविता

    बेटी हूँ मैं भी..

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 284
    • 4 Mins Read

    बेटी हूँ
    मैं भी नभ में उड़ान भर सकती हूँ
    पापा के सहारे की लाठी बन सकती हूँ
    माँ की आँखों के आँसू पोंछ सकती हूँ
    परिवार को एकता के सूत्र में बांध सकती हूँ।।

    बेटी हूँ
    मैं भी इतिहास रच सकती हूँ
    आसमां स्पर्श
    Read More

    बेटी हूँ मैं भी..,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    Ati sundar

    Vinay Kumar Gautam

    Vinay Kumar Gautam 3 years ago

    बहुत खूब भाई.. शानदार

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर

    कविताअतुकांत कविता

    उठो बेटियों शस्त्र उठाओ

    • Edited 3 years ago
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    • 264
    • 5 Mins Read

    उठो बेटियों
    शस्त्र उठाओ
    दुष्टों से डरो मत बेटियों
    दुष्टों को सबक सिखलाओ
    हाँ, बेटियों भरो हुंकार
    दुष्टों का कर दो संहार
    माँ दुर्गा का लेकर अवतार।।

    उठो बेटियों
    दुष्टों से प्रताड़ित मत हो अब
    दुष्टों
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    उठो बेटियों शस्त्र उठाओ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Vinay Kumar Gautam

    Vinay Kumar Gautam 3 years ago

    बहुत खूब... बेटियों को सजग करती शानदार रचना...

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका

    कविताअतुकांत कविता

    मेरे बेटे

    • Edited 3 years ago
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    • 303
    • 6 Mins Read

    मेरे बेटे

    तुम मेहनत, लगन, परिश्रम से

    बना लेना अपनी एक अलग पहचान

    पर..कभी अभिमान मत करना ख़ुद पर

    व्यवहार रखना विनम्र सर्वदा।।

    मेरे बेटे

    अपने कार्यक्षेत्र से प्राप्त आय से

    खरीद लेना भले ही भौतिक
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    मेरे बेटे,<span>अतुकांत कविता</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    जीवन

    • Edited 3 years ago
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    • 85
    • 1 Mins Read

    दुख का आना-जाना लगा रहता है जीवन में
    मुश्किलें आती-जाती रहती हैं सदा जीवन में
    हार मत मान मनुज, कर निरंतर प्रयत्न
    बाधाओं को पार कर सफल होगा जीवन में।।

    --कुमार संदीप

    जीवन,<span>प्रेरक विचार</span>
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    कहानीलघुकथा

    गरीबी और ठंड

    • Edited 3 years ago
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    • 219
    • 7 Mins Read

    कड़ाके की ठंड और कुहासे की वजह से आगे का कोई भी दृश्य आँखों से दिखाई नहीं दे रहा था। ठंड से ठिठुरता दीनानाथ खुद से अनगिनत प्रश्न करते हुए अपने कदमों को खेत की ओर बढ़ाये जा रहा था। किटकिटाती ठंड , बढती
    Read More

    गरीबी और ठंड,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत अच्छी रचना

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    कविताअतुकांत कविता

    मैंने माँ से पूछा

    • Edited 3 years ago
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    • 134
    • 6 Mins Read

    मैंने माँ से पूछा
    माँ!
    आपके लिए इस दुनिया में सबसे
    प्यारा क्या है?
    माँ ने कहा,
    "बेटे तुमसे प्यारा मेरे लिए कुछ भी नहीं।"

    मैंने माँ से पूछा
    माँ!
    आप अपनी ख़ुशी के लिए
    कभी क्यों नहीं सोचती हैं?
    माँ ने कहा,
    "बेटे
    Read More

    मैंने माँ से पूछा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    इंसान

    • Edited 3 years ago
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    • 92
    • 2 Mins Read

    इंसान
    तू बना अपनी एक अलग पहचान
    पहुंच जा सफलता के सर्वोच्च शिखर पर
    पर, यह कभी मत भूल
    ईश्वर का स्थान है सर्वोच्च
    ईश्वर के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह
    मत लगा
    तू सत्कर्म कर
    अहंकार मत कर स्वयं पर
    ईर्ष्या,
    Read More

    इंसान,<span>प्रेरक विचार</span>
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    कहानीलघुकथा

    रिच डैड

    • Edited 3 years ago
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    • 114
    • 9 Mins Read

    यार, विनोद तुम भी न अज़ीब हो। अपने पापा से कहकर ख़ुद के लिए नयी मोटरसाइकिल क्यों नहीं ले लेते ? रोज़- रोज़ पैदल कोचिंग आते-जाते हो। कितनी दिक्कत होती होगी तुम्हें आने-जाने में।
    फिर भी, तुम अपनी तकलीफ किसी
    Read More

    रिच डैड,<span>लघुकथा</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    निर्धन पिता

    • Edited 3 years ago
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    • 235
    • 5 Mins Read

    धनाभाव के बावजूद
    एक निर्धन पिता
    बच्चों की जेब में टॉफी डालकर
    बच्चों के चेहरे पर
    छाई ख़ुशियों को
    निहारता है एकटक।।

    धनाभाव के कारण
    ख़ुद नवीन पोशाक
    भले क्रय न कर सके पर
    निर्धन पिता
    हर त्यौहार में
    खरीदकर
    Read More

    निर्धन पिता,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    हृदयस्पर्शी

    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    सहारा

    • Edited 3 years ago
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    • 111
    • 2 Mins Read

    बचपन में माता-पिता हमारी उंगलियों को अपनी उंगलियों से थामकर हमें संभालते हैं, चलना सिखलाते हैं। तो हमारा भी यह कर्तव्य है कि जब तक माता-पिता की साँसें शेष है तब तक हम भी उनके सहारे की छड़ी बनकर उनके
    Read More

    सहारा,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    मैं तुमसे प्रेम करता हूँ

    • Edited 3 years ago
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    • 167
    • 5 Mins Read

    मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
    इसलिए नहीं कि
    तुम देखने में खूबसूरत हो
    मैं इसलिए तुमसे प्रेम करता हूँ कि
    तुम्हारा मन है अतिसुंदर
    तन की प्रशंसा कर
    नहीं साबित करना चाहता मैं
    स्वयं को सर्वश्रेष्ठ।।

    मैं
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    मैं तुमसे प्रेम करता हूँ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सुंदर

    कविताअतुकांत कविता

    पिता तब बहुत रोता है

    • Edited 3 years ago
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    • 125
    • 4 Mins Read

    पिता
    पिता तब भी दुखी नहीं होता है,जब
    ज़िंदगी लेती है उसकी कठिन परीक्षा
    पिता ज़िंदगी की हर परीक्षा का
    सामना करता है डटकर।।

    पिता
    आँखों से उस वक्त आँसू तनिक भी
    नहीं बहाता है, जब
    उसकी बेटी विदा होकर जाती
    Read More

    पिता तब बहुत रोता है,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    हकीकत है।

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    दिन सामान्य हो या विशेष

    • Edited 3 years ago
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    • 151
    • 6 Mins Read

    नववर्ष के आगमन की ख़ुशी में
    जब सारा शहर झूमता है ख़ुशी से
    तब गाँव का एक खेतीहर
    करता है उस दिन भी खेतों में काम
    आराम करना,ख़ुशियाँ मनाने की चाहत
    उसकी भी होती होगी पर..
    यदि एक दिन नहीं करेगा
    वह खेतों में
    Read More

    दिन सामान्य हो या विशेष,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सुंदर

    कविताअतुकांत कविता

    2020 तुमने सिखलाया भी है बहुत कुछ

    • Edited 3 years ago
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    • 136
    • 6 Mins Read

    2020
    मजदूरों को तो हर दिन
    ज़िंदगी की कठिन परीक्षा
    देनी ही पड़ती थी
    दो वक्त की रोटी खातिर
    यत्र-तत्र भटकना ही पड़ता था
    पर, इस वर्ष
    मजदूरों के पाँव में पड़े छाले
    इस बात की गवाह हैं कि
    इस वर्ष ने
    उन्हें सताया,
    Read More

    2020 तुमने सिखलाया भी है बहुत कुछ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    २०२० तुमसे कोई शिकायत नहीं

    • Edited 3 years ago
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    • 145
    • 8 Mins Read

    २०२०
    तुमसे शिकायतें हैं लोगों की बहुत
    पर मैं तुमसे शिकायतें नहीं करूंगा
    हाँ, तुमने सिखलाया है बहुत कुछ
    हाँ, तुमने सिखलाया है हमें
    वक्त बदलते देर नहीं लगती है
    वक्त जब बदलता है करवटें
    तब सबकुछ बदल
    Read More

    २०२० तुमसे कोई शिकायत नहीं,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    जाने वाले वर्ष 2020.. का उचित आकलन और 2021 में आशा की किरण..

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर

    कविताअतुकांत कविता

    कुछ लड़के

    • Edited 3 years ago
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    • 136
    • 5 Mins Read

    कुछ लड़के
    हँसते हैं बाहर से पर..
    मन ही मन रोते भी हैं बहुत
    ज़िंदगी द्वारा दिए गए
    असहनीय दर्द असमय पाकर।।

    कुछ लड़के
    जिन्हें नहीं मिलती अच्छी नौकरी
    घर खर्च चलाने का बोझ भी रहता है सिर पर
    वे लड़के जमाने
    Read More

    कुछ लड़के,<span>अतुकांत कविता</span>
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    लेखअन्य

    सांता क्लॉज के नाम खत

    • Edited 3 years ago
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    • 105
    • 12 Mins Read

    सांता क्लॉज
    नमस्कार आपको

    जन्म लेने से अब तक यही सुनता आया हूँ कि आप क्रिसमस-डे के दिन आकर ज़रूरतमंद शख़्स की हर इच्छा पूर्ण करते हैं। मैं नहीं जानता कि यह कहाँ तक सत्य है। पर हाँ, मैं नास्तिक नहीं।
    Read More

    सांता क्लॉज के नाम खत,<span>अन्य</span>
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    कहानीलघुकथा

    किसान का जीवन

    • Edited 3 years ago
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    • 213
    • 9 Mins Read

    कपकपाती ठंड की ठंडक हवाएँ दीनानाथ के तन और मन दोनों को झकझोरने का प्रयत्न कर रही थीं। फिर भी..वह कुदाल से बंजर जमीन को फसल उत्पन्न करने योग्य बनाने में मग्न था। आज घर से भूखे पेट ही आना पड़ा था उसे।
    Read More

    किसान का जीवन,<span>लघुकथा</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत बढ़िया

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद माते

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर चित्रण

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद माते

    लेखअन्य

    किसानों के नाम एक खत

    • Edited 3 years ago
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    • 193
    • 13 Mins Read

    देशवासियों की थाली में दो वक्त की रोटी पहुँचाने वाले,
    ताउम्र तन पर कष्ट सहन कर चेहरे पर मुस्कान रखने वाले
    किसान!
    आपको बारम्बार प्रणाम।

    आज एक ख़त लिखने का मन हुआ आपके नाम। जानता हूँ मेरा ख़त शायद आप
    Read More

    किसानों के नाम एक खत,<span>अन्य</span>
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    लेखअन्य

    सैनिकों के नाम एक खत

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 223
    • 14 Mins Read

    देश की धड़कन प्यारे सैनिक

    बारम्बार नमस्कार आपको

    प्रिय सैनिक शुरुआत में ही आपके संबोधन में मैंने आपको देश की धड़कन कहा, इसमें किंचित भी संदेह नहीं कि आप देश की धड़कन नहीं हैं। जिस तरह जलाभाव में मछली
    Read More

    सैनिकों के नाम एक खत,<span>अन्य</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    सैनिकों के नाम एक अनुपम खत

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सैनिक कठिन से कठिन परिस्थितियों में हमारी सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं. उन्हीं के कारण हम घर के सुखद वातावरण में सुरक्षित रहते हैं.

    कविताअतुकांत कविता

    कुछ पल बैठिए उनके पास

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 120
    • 7 Mins Read

    कुछ पल बैठिए

    उनके पास

    जिनकी नहीं सुनता है कोई भी, कोई बात

    जिनके जीवन में

    है हर दिन संघर्ष

    जिनके हिस्से में

    ख़ुशी का नामोनिशान नहीं है

    हाँ, उनके पास भी जाकर बैठिए

    और उनका दर्द साझा कीजिए अपने साथ

    उनके
    Read More

    कुछ पल बैठिए उनके पास,<span>अतुकांत कविता</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत सटीक

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर रचना..! बुजुर्गों का सम्मान और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना सन्तानों का परम कर्तव्य है.!

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह जी

    सुविचारअनमोल विचार

    रिश्ते

    • Edited 3 years ago
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    • 93
    • 2 Mins Read

    आज के रिश्ते
    पानी के बुलबुले के मानिंद हैं
    जिस तरह पानी के बुलबुले की
    आयु अल्प होती है
    ठीक उसी तरह
    आज के रिश्ते की आयु अल्प है
    मुख्य कारण
    मन में इस भावना का उत्पन्न होना कि
    मैं ग़लत नहीं हूँ
    तो मैं
    Read More

    रिश्ते,<span>अनमोल विचार</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बिलकुल सही

    कविताअतुकांत कविता

    हैवान की हैवानियत

    • Edited 3 years ago
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    • 206
    • 6 Mins Read

    इंसान!
    अरे! मैं भी न
    अक्ल का मारा हूँ
    तुम्हें इंसान क्यों कह रहा हूँ
    तुम इंसान कहलाने के काबिल हो कहाँ
    हाँ,यदि तुम्हें हैवान कहूं तो
    बिल्कुल सही रहेगा
    तुम्हें इंसान कहना
    किसी भी दृष्टिकोण से
    उचित
    Read More

    हैवान की हैवानियत,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    खूब

    Madhu Andhiwal

    Madhu Andhiwal 3 years ago

    बहुत सुन्दर

    कविताअतुकांत कविता

    हैवान की हैवानियत

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 457
    • 6 Mins Read

    इंसान!
    अरे! मैं भी न
    अक्ल का मारा हूँ
    तुम्हें इंसान क्यों कह रहा हूँ
    तुम इंसान कहलाने के काबिल हो कहाँ
    हाँ,यदि तुम्हें हैवान कहूं तो
    बिल्कुल सही रहेगा
    तुम्हें इंसान कहना
    किसी भी दृष्टिकोण से
    उचित
    Read More

    हैवान की हैवानियत,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    कविताअतुकांत कविता

    अपनी एक अलग दुनिया

    • Edited 3 years ago
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    • 202
    • 5 Mins Read

    बेटे को शीत न स्पर्श कर सके
    इसलिए माँ बेटे को कलेजे से लगाकर रखती है
    बेटे के चेहरे पर मायूसी तनिक भी न रहे
    इसलिए हर घड़ी माँ, बेटे का पूरा ख़्याल रखती है
    बेटे के जीवन में दुख,दर्द का नामोनिशान न हो
    इसलिए
    Read More

    अपनी एक अलग दुनिया,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    मर्मस्पर्शी..!

    कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता

    आँखों का तारा

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 286
    • 4 Mins Read

    मेरी आँखों का तारा
    मेरा राजदुलारा
    आज, मुझे ही
    छोटी-छोटी बातों पर
    चुप्पी साधने के लिए कहता है
    हाँ, शायद आज वह बहुत बड़ा
    और उसका पिता
    उसकी नज़रों में
    छोटा हो गया है।।

    मेरी आँखों का तारा
    मुझे पापा! पापा!
    Read More

    आँखों का तारा,<span>अतुकांत कविता</span>, <span>लयबद्ध कविता</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    उम्दा रचना

    Rahul Sharma

    Rahul Sharma 3 years ago

    (Y)

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी रचना

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत बढ़िया

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    कटु सत्य

    कविताअतुकांत कविता

    मुझे याद है

    • Edited 3 years ago
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    • 92
    • 4 Mins Read

    हाँ, मुझे याद है
    आज भी वो दिन
    जब मैंने प्रथम बार
    तुम्हें देखा था
    तुम्हारी प्यारी आँखों ने
    मेरी आँखों से
    मन भर बातें की थीं।।

    हाँ, मुझे याद है
    जब तुमने प्रथम बार
    मुझसे मेरा नाम जानने की
    इच्छा जाहिर
    Read More

    मुझे याद है,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    ख़ुद पर विश्वास

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 254
    • 5 Mins Read

    युवा मुश्किल तुम्हें चाहेगी हराना
    पर हार तुम मत मानना
    लड़ना डटकर तुम मुश्किलों से
    रखना विश्वास ख़ुद पर
    मंजिल जब तक न हो प्राप्त
    तब तक थकना मत, रुकना मत।।

    युवा ज़िंदगी की कठिन परीक्षा में
    उत्तीर्ण
    Read More

    ख़ुद पर विश्वास,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    युवाओं को समर्पित खूबसूरत रचना

    Priyanka Tripathi

    Priyanka Tripathi 3 years ago

    Nice

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर

    सुविचारअनमोल विचार

    पापा

    • Edited 3 years ago
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    • 79
    • 2 Mins Read

    पिता सदा के लिए हमसे दूर चले जाएं भले ही पर जब हम अपनी आँखों को कुछ पल के लिए बंद कर स्मरण करते हैं उन्हें, तो यूं लगता है कि पापा आँखों से सामने मुस्कुरा रहे हैं। अपना हाथ हमारे सिर पर रखकर कह रहे हैं
    Read More

    पापा,<span>अनमोल विचार</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    ज्यों-ज्यों बड़ी होती है बेटी

    • Edited 3 years ago
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    • 83
    • 5 Mins Read

    बेटी ज्यों-ज्यों होती है बड़ी

    माँ का दिल धड़कता है बहुत

    माँ का दिल यूं ही नहीं धड़कता है

    आज समाज में विराजमान

    पापियों के कुकर्मों से अनजान नहीं है, माँ

    माँ अवगत है इस बात से

    कि पापी जघन्य पाप करने
    Read More

    ज्यों-ज्यों बड़ी होती है बेटी,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Madhu Andhiwal

    Madhu Andhiwal 3 years ago

    अच्छी रचना

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद मैम

    सुविचारअनमोल विचार

    पुरुष

    • Edited 3 years ago
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    • 83
    • 2 Mins Read

    पुत्र धर्म निभाता है, बहन की रक्षा हेतु पापियों से लड़ता है, परिवार की ख़ुशी के लिए जब जाता है शहर माँ-बाऊजी के चरणों को स्पर्श कर आशीष लेता है, ख़ुद की ख़ुशी की परवाह नहीं करता है, हर पल परिवार की ख़ुशी
    Read More

    पुरुष,<span>अनमोल विचार</span>
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    Madhu Andhiwal

    Madhu Andhiwal 3 years ago

    सही व्याख्या

    सुविचारअनमोल विचार

    विश्वास

    • Edited 3 years ago
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    • 90
    • 2 Mins Read

    जीवन में संघर्ष के दौरान मुश्किलों से परेशान होकर भले ही आप ख़ुद को असहाय, बेबस, कमज़ोर महसूस करें पर आपकी माँ की नज़र में आप सफल और अच्छे इंसान में गिने जाते हैं व पिता की नज़र में उनका सबसे अच्छा बेटा।
    Read More

    विश्वास,<span>अनमोल विचार</span>
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    सुविचारअनमोल विचार

    माता-पिता

    • Edited 3 years ago
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    • 85
    • 2 Mins Read

    अपनी ज़िंदगी में हर दिन ख़ुद में ही मस्त और व्यस्त मत रहिए । बूढ़े माता-पिता के साथ बैठकर उनसे उनका हालचाल पूछकर उनके गम को महसूस कर, गम दूर करने का प्रयास कीजिए। दीपावली में घर आँगन ही दीयों से रोशन
    Read More

    माता-पिता,<span>अनमोल विचार</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    जब जन्म लेती है "बेटी"

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 315
    • 4 Mins Read

    जब ईश्वर हमसे बेहद ख़ुश होते हैं
    तब ईश्वर हमें कीमती उपहार से भी
    अधिक अनमोल उपहार देते हैं
    हाँ, उस अनमोल तोहफे का नाम है, "बेटी"।।

    जब बेटी जन्म लेती है, घर के कोने-कोने में
    एक अज़ब-सी ख़ुशी उमड़ती है
    घर
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    अत्यंत सुन्दर भाव.!

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सुंदर

    कविताअतुकांत कविता

    पापा से प्रश्न

    • Edited 3 years ago
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    • 116
    • 4 Mins Read

    पापा!

    हाँ पापा! आपसे पूछना चाहता हूँ एक सवाल

    पापा बताइये न! 

    भूखे पेट ही क्यों हमें किसी-किसी दिन

    सोना पड़ता है रातों में

    हाँ, क्या हमने किया है कोई अपराध बड़ा?


    पापा!

    हाँ पापा! आपसे है एक और प्रश्न 

    पापा
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    पापा से प्रश्न,<span>अतुकांत कविता</span>
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    सुविचारअनमोल विचार

    प्रयास

    • Edited 3 years ago
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    प्रयास,<span>अनमोल विचार</span>
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    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    बिल्कुल ??

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद

    सुविचारअनमोल विचार

    पहचान

    • Edited 3 years ago
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    • 112
    • 2 Mins Read

    जीते जी लखपति या करोड़पति बनिए या नहीं परंतु कुछ ऐसा कीजिए कि आपकी अनुपस्थित में आपके अपने,करीबी आपको स्मरण रखें। जब भी किसी अच्छे कार्य के लिए किसी शख़्स की चर्चा की जाए तो उसमें आपका नाम आए।

    ©कुमार
    Read More

    पहचान,<span>अनमोल विचार</span>
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    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    माँ की सीख

    • Edited 3 years ago
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    • 125
    • 7 Mins Read

    अभी दो ही दिन तो हुए थे पूजा को अपने घर से विदा होकर ससुराल आए हुए। इन दो दिनों में ही पूजा को यह आभास हो गया था कि अपने हमेशा ही हमारी बेहतरी के लिए हमें सीख प्रदान करते हैं। विवाह से पूर्व पूजा जब
    Read More

    माँ की सीख,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    रचना में टँकन त्रुटियाँ खलती हैं सन्दीप ठीक कर लेना

    Kumar Sandeep3 years ago

    मार्गदर्शन हेतु आभार। आपका?

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    अपनो से दूर होने पर ही उनका सही अहसास होता है बिल्कुल सही कहा सन्दीप।

    कविताअतुकांत कविता

    मैं आश्चर्य करता हूँ

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 113
    • 4 Mins Read

    मैं आश्चर्य करता हूँ
    यह देखकर कि
    किस तरह पेड़ एक जगह रहकर ही
    हम इंसानों को बहुत कुछ देता है
    खाने के लिए स्वादिष्ट फल एवं जीने के लिए ऑक्सीजन।।

    मैं आश्चर्य करता हूँ
    यह देखकर कि
    माँ धरती कितना दर्द
    Read More

    मैं आश्चर्य करता हूँ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Priyanka Tripathi

    Priyanka Tripathi 3 years ago

    बिल्कुल सही

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका

    Anjani Tripathi

    Anjani Tripathi 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद मैम

    सुविचारअनमोल विचार

    सपने

    • Edited 3 years ago
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    • 161
    • 1 Mins Read

    सपने छोटे ही सही देखिये ज़रूर, और उस सपने को हकीकत में बदलने के लिए जी तोड़ मेहनत कीजिए। तब तक प्रयास करना बंद मत कीजिए, जब तक सफलता जीवन रुपी आँगन में प्रवेश न कर जाए।
    ©कुमार संदीप

    सपने,<span>अनमोल विचार</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत सही विचार

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर विचार

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका

    कविताअतुकांत कविता

    रावण की व्यथा

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 437
    • 5 Mins Read

    मैं जानता हूँ
    सारा जगत यह जानता है कि
    मैंने माँ सीता को भगवान राम से दूर कर
    किया था अपराध बड़ा
    अहंकार से वशीभूत था मैं
    मेरे मन में मैं था समाया
    तो क्या इस गुनाह की सजा
    मनुज तुम इस तरह दोगे
    हर वर्ष रावण
    Read More

    रावण की व्यथा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    सार्थक संदेश

    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    बहुत.. ही...प्रसंशनीय....कविता...।

    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    बहुत ही उम्दा सृजन

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका

    Anju Gahlot

    Anju Gahlot 3 years ago

    बेहतरीन भाव व्यंजना की है संदीप....वाह / 'अहंकार के वशीभूत' कीजिये '

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद मैम आपका मार्गदर्शन हेतु

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सुंदर

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद दी

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद दी

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    सुंदर

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद दी

    लेखआलेख

    लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ-मीडिया

    • Edited 3 years ago
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    • 118
    • 13 Mins Read

    लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ माना जाता है मीडिया को। पर आज की मीडिया मूल उद्देश्य से हटकर कार्य कर रही है। ऐसा लगता है मानों मीडिया पत्रकारिता की परिभाषा ही भूल चुकी है। अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वहन
    Read More

    लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ-मीडिया,<span>आलेख</span>
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    लेखआलेख

    यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः

    • Edited 3 years ago
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    • 249
    • 19 Mins Read

    आज आलेख की शुरुआत मैं संस्कृत के एक श्लोक के साथ करना चाहूंगा, "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः"। इस श्लोक का भावार्थ है जहाँ नारियों की पूजा की जाती है वहीं पर देवता भी निवास करते हैं।
    Read More

    यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः,<span>आलेख</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    मतलबी दुनिया

    • Edited 3 years ago
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    • 120
    • 1 Mins Read

    आप किस दशा में हैं, कैसे हैं, किस हाल में हैं? इससे दुनिया को छोड़िए आपके अपनों भी कोई मतलब नहीं है। इसलिए ख़ुद को ख़ुद ही संभालना सीख लीजिए।

    ©कुमार संदीप

    मतलबी दुनिया,<span>प्रेरक विचार</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    सत्य

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    sach hai..! apnee pervah khud karnee hotee hai !!

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर

    कविताअतुकांत कविता

    हे माँ!

    • Edited 3 years ago
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    • 178
    • 8 Mins Read

    हे माँ! शैलपुत्री
    माँ, देश की हर बेटी को
    पापियों से लड़ने की असीम शक्ति दो
    हाँ माँ!
    बेटियाँ आज सुरक्षित नही हैं
    माँ तुम बेटियों के ऊपर
    अपनी कृपादृष्टि दिखाओ माँ
    पापी यदि बुरी दृष्टि डालना चाहें
    तो
    Read More

    हे माँ!,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    जय माँ देवी

    Kumar Sandeep3 years ago

    जय माँ

    लेखआलेख

    किसान के बिना हम कुछ भी नहीं

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 154
    • 7 Mins Read

    "किसान" इनकी शख़्सियत को शब्दों में पीरोना बेहद कठिन है। ईश्वर ने कुछ ऐसे लोगों को हमारी मदद हेतु इस धरा पर भेजा है, जो इंसान की शक्ल में ईश्वर के रुप ही हैं। यदि हम "किसान" को ईश्वर का दूसरा रुप कहें
    Read More

    किसान के बिना हम कुछ भी नहीं,<span>आलेख</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    किसान की मेहनत और मशक्कत को बखूबी बयान करती है आपकी रचना है

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका मैम

    सुविचारअनमोल विचार

    वक्त

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 87
    • 2 Mins Read

    वक्त रंग नहीं बदलता, वक्त के साथ हमारे अपने रंग बदलते हैं। यह स्मरण रखिए हमेशा कि मुश्किल घड़ी में आपके अपने भी आपसे हाथ छुड़ाकर दूर चले जाएंगे। कोई साथ नहीं देने वाला है। बाधाओं से सामना आपको ख़ुद
    Read More

    वक्त,<span>अनमोल विचार</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    आत्मविश्वास

    • Edited 3 years ago
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    • 90
    • 1 Mins Read

    ज़िंदगी में जब ख़ुशी स्थायी नहीं तो भला दुख कैसे स्थायी रह सकता है। इसलिए दुख की घड़ी में हताश होने के बजाय आत्मविश्वास मजबूत रखिए। मुश्किल वक्त गुजर जाएगा एक दिन।।

    ©कुमार संदीप

    आत्मविश्वास,<span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    विश्वास

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 72
    • 1 Mins Read

    आर्थिक परिस्थिति प्रतिकूल हो बेशक पर हर परिस्थिति में ख़ुद पर विश्वास रखिए। ख़ुद पर अटूट विश्वास आपको हर मुश्किल से जीतने में आपकी मदद करेगी।

    ©कुमार संदीप

    विश्वास,<span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारप्रेरक विचार

    सपनों की दुनिया

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 92
    • 1 Mins Read

    सपनों की दुनिया में कदम रखने के पश्चात मंजिल पथ पर आने वाले समस्त दुख दर्द को भूलकर इतिहास रचने वाले ही अपनी ज़िंदगी में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल हो पाते हैं।
    ©कुमार संदीप

    सपनों की दुनिया,<span>प्रेरक विचार</span>
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    सुविचारअनमोल विचार

    क्रोध

    • Edited 3 years ago
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    • 181
    • 2 Mins Read

    क्रोध में आप उस घटना को भी अंजाम देते हैं, जो होशोहवास में आप कतई नहीं कर सकते थे। क्रोध जब आपके ऊपर हावी हो जाए, तो ख़ुद को संयमित रखें। कोई भी कठोर निर्णय लेने से पूर्व कई बार सोचें। तब कदम उठाएं।
    Read More

    क्रोध,<span>अनमोल विचार</span>
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    सुविचारअनमोल विचार, प्रेरक विचार

    साथ व आशीष

    • Edited 3 years ago
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    • 109
    • 2 Mins Read

    बड़ों का साथ और आशीर्वाद दोनों बेहद महत्वपूर्ण है जीवन में। बड़ों के साथ व आशीष के बिना हम ठीक उसी तरह हैं जिस तरह पानी के बिना मछली चंद पल में ही बेचैन हो जाती है, ख़ुद को असहाय महसूस करने लगती है।
    ©कुमार
    Read More

    साथ व आशीष,<span>अनमोल विचार</span>, <span>प्रेरक विचार</span>
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    कहानीप्रेरणादायक

    एकता

    • Edited 3 years ago
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    • 172
    • 8 Mins Read

    "रामू तेरे चेहरे पर आज मुस्कान की जगह मायूसी पसरा है। आखिर क्यों?" अपने छोटे भाई के हाथ पर अपना हाथ रखकर राम ने पूछा। रामू इस उधेड़बुन में था कि किस तरह अपनी बात भईया के समक्ष रखूं। कहीं भईया क्रोधित
    Read More

    एकता,<span>प्रेरणादायक</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    दुख के दिन

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 121
    • 4 Mins Read

    दुख के दिन भी गुजर जाएंगे
    सुख के दिन फिर से आएंगे
    हारकर हिम्मत न रोना कभी
    ज़िंदगी तो परीक्षा लेती है हर घड़ी।।

    संकट चली जाएगी फिर से अपने घर
    ख़ुशी आएगी फिर एक दिन घर
    अश्रु पोछकर मुस्कुरा तू जरा
    हिम्मत
    Read More

    दुख के दिन,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर रचना

    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    कुछ वर्तनी अशुद्धि दिखी है। एक दो शब्द ठीक कर लेना। उसके इलावा अब उत्तम

    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    बहुत सुंदर भाव

    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    बहुत सुंदर भाव

    कहानीप्रेरणादायक

    बर्थ-डे गिफ़्ट

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 408
    • 11 Mins Read

    "अरे राहुल! यार तू रो मत रे! तेरी आँखों में आंसू देखकर मुझे अच्छा नहीं लगता है। आखिर आज क्या बात हुई जो तेरी आँखों से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। तू तो मुझे अपना सबसे अच्छा दोस्त मानता है, मुझे
    Read More

    बर्थ-डे गिफ़्ट,<span>प्रेरणादायक</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    सार्थक संदेश

    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    सुंदर

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    दोस्ती की गहराई को समझाती हुई है आपकी रचना ..! आपकी लेखनी उम्दा है इसमें कोई दो राय नही परन्तु कहीँ कही टंकण त्रुटि की वजह से पढ़ने का मजा थोड़ा कम हो जाता है! थोड़े निखार की आवश्यकता महसूस होती हैं ! आप एक अच्छे लेखक हैं..!

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद दी मार्गदर्शन हेतु

    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    वाह बहुत सुंदर

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    अनूठा रिश्ता दोस्ती का

    Sushma Tiwari

    Sushma Tiwari 3 years ago

    खूबसूरत सृजन! कितनी खूबसूरती से दो दोस्तों के बीच भाइयों वाले प्रेम को दिखाया गया है। सच अगर इसी तरह विषम परिस्थितियों में होते हुए भी दोस्ती निभाई जाए तो ऐसी दोस्ती किसी वरदान से कम नहीं। वैसे भी हम दोस्ती के मानक के तौर पर कृष्ण सुदामा कि दोस्ती के उदाहरण देते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति चाहे कितनी भी अलग हो उनके ह्रदय एक से थे। बहुत ही सुंदर रचना हार्दिक बधाइयां

    Kumar Sandeep3 years ago

    हृदय से आभार आपका। समीक्षा में आपने एक प्रेरणादायक सीख दी है।

    Kumar Sandeep3 years ago

    हृदय से आभार आपका। समीक्षा में आपने एक प्रेरणादायक सीख दी है।

    Kumar Sandeep3 years ago

    हृदय से आभार आपका। समीक्षा में आपने एक प्रेरणादायक सीख दी है।

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका

    Ajay Goyal

    Ajay Goyal 3 years ago

    बहुत खूब

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर आपका

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सच्ची दोस्ती..!!

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर

    कहानीप्रेरणादायक

    हमारा कर्तव्य

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 209
    • 7 Mins Read

    "माँ! दादा जी बदन दर्द से रातभर परेशान रहते हैं, पर न तो पापा रात में दादा जी को देखने जाते हैं न और न ही आप।" दस वर्षीय बेटे ने जैसे ही यह प्रश्न अपनी माँ से किया माँ एक पल के लिए सन्न रह गई। माँ बेटे के
    Read More

    हमारा कर्तव्य,<span>प्रेरणादायक</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    शिक्षात्मक सृजन

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    संस्कार बोलते हैं

    Mamta Gupta

    Mamta Gupta 3 years ago

    गागर में सागर । बहुत ही प्यारी रचना छोटी सी कहानी मगर बहुत कीमती बात इस रचना के माध्यम से एक छोटे बच्चे ने कर्तव्यनिष्ठ बनने की शिक्षा दी है। जो सायद आज हम अपनी निजी कार्यो के कारण बुजुर्गों को समय देना ही भूल गए है। बस उन्हें हमसे सेवा के रूप में दो शब्द प्यार के और थोड़ा समय चाहिए होता है जो शायद आज के इंसान के पास नही है।

    Kumar Sandeep3 years ago

    बहुत बहुत आभार आपका

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर भाव

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर

    कविताअतुकांत कविता

    लड़कियों को कमजोर समझने की भूल

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 178
    • 5 Mins Read

    लड़कियों को कमतर समझने वाले
    शायद नहीं जानते हैं कि
    लड़कियाँ हर असंभव कार्य को
    संभव कर सकती हैं
    कठिन से कठिन परिस्थिति में भी
    ख़ुद को संभाल सकती हैं।।

    लड़कियों पर बुरी दृष्टि डालने वाले
    अनजान रहते
    Read More

    लड़कियों को कमजोर समझने की भूल,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    वाह

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    बेहतरीन

    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    अनंत शुभकामनाएं संदीप । एक वर्ष के अंदर ही लेखन में बड़े बदलाव नज़र आ रहे हैं। बहुत खूब

    Kumar Sandeep3 years ago

    स्नेहाशीष बना रहे माता श्री आपका

    Kumar Sandeep3 years ago

    जी धन्यवाद आपका

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर भाव

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर

    कविताअतुकांत कविता

    हिंदी महज भाषा नहीं है

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 265
    • 4 Mins Read

    हिंदी महज एक भाषा नहीं है
    हिंदी हमारे मन की भाषा है
    हिंदी हमारी माँ है
    जिस तरह माँ हमें
    दुलारती है,प्यार करती है
    ठीक उसी तरह
    माँ हिंदी भी हमसे
    बेइंतहा प्रेम करती है।।

    हिंदी महज एक भाषा नहीं है
    हिंदी
    Read More

    हिंदी महज भाषा नहीं है,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह

    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    सुंदर रचना

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका

    कविताअतुकांत कविता

    माँ की आँखों के तारों

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 402
    • 5 Mins Read

    शहर में रहने वाले माँ की आँखों के तारों
    जानते हो, तुम्हारी माँ भी बहुत रोती है
    जब तुम करते हो ऊंची आवाज़ में बात
    जब तुम एक पल भी नहीं निकालते हो
    अपनी ज़िंदगी से जन्मदायिनी माँ के लिए।।

    आलीशान भवन में
    Read More

    माँ की आँखों के तारों,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    ह्रदयस्पर्शी

    Ajay Goyal

    Ajay Goyal 3 years ago

    मार्मिक रचना...

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत भावपूर्ण रचना

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर जी

    कविताअतुकांत कविता

    वक्त करवटें बदलता है

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 312
    • 4 Mins Read

    वक्त रुकता नहीं है, हर पल रंग बदलता है
    मंजिल के राही हो मत मायूस तू कभी
    आज है वक्त प्रतिकूल बेशक पर तू हार मत
    वक्त है फिर से बदलेगा फिर अपना रंग बदलेगा।।

    ये वक्त पल-पल करवटें बदलता रहता है
    एक पल भी
    Read More

    वक्त करवटें बदलता है,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    उम्दा रचना

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    समय की महिमा न्यारी

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    तुमने एक बार पहले भी वक्त पर रचना लिखी थी वह भी बहुत अच्छी थी और यह भी बहुत सुंदर है।

    Kumar Sandeep3 years ago

    जी बहुत बहुत आभार माता श्री

    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    बहुत सुंदर बेटे

    Kumar Sandeep3 years ago

    जी हार्दिक आभार माता श्री

    कविताअतुकांत कविता

    एक नारी हूँ

    • Edited 3 years ago
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    • 292
    • 5 Mins Read

    मैं अपनी ख़ुशी की परवाह नहीं करती हूँ
    हर पल परिवार के विषय में सोचती हूँ
    परिवार की ख़ुशी में ही मेरी ख़ुशी है शामिल
    हाँ, मैं एक नारी हूँ
    अपना सर्वस्व परिवार के खातिर अर्पित करती हूँ।।

    सड़क किनारे व गली
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    एक नारी हूँ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    नारी सब पर भारी

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब सन्दीप

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका

    लेखअन्य

    शिक्षक का खत विद्यार्थी के नाम

    • Edited 3 years ago
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    • 241
    • 10 Mins Read

    मेरे प्राण से भी प्रिय मेरे प्यारे बच्चों
    तुम्हें ढ़ेर सारा स्नेह व आशीर्वाद

    बच्चों सच कहता हूँ मुझे इस बात की बेहद ख़ुशी है साथ ही, मैं ख़ुद को सौभाग्यशाली समझता हूँ कि मैं तुमलोगों को पढ़ाता हूँ,
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    शिक्षक का खत विद्यार्थी के नाम,<span>अन्य</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    बेटे बहादुर होते हैं

    • Edited 3 years ago
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    • 151
    • 5 Mins Read

    बेटे भी जब जाते हैं घर से दूर
    शहर, चंद ख़्वाहिश पूर्ण करने
    तब मात-पिता से लिपटकर
    अपने भाई से अपनी बहन से
    लिपट खूब रोते हैं।।

    बेटे भी बेटियों की भाँति
    पिता से बहुत प्रेम करते हैं
    जब असमय ही पिता ईश्वर
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    बेटे बहादुर होते हैं,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    सबसे अच्छे बेटे तुम हो

    Nikki Sharma

    Nikki Sharma 3 years ago

    बहुत बढ़िया

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद माता श्री

    कवितालयबद्ध कविता

    असंभव कार्य संभव करती हैं बेटियाँ

    • Edited 3 years ago
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    • 228
    • 5 Mins Read

    माँ की लाडली व पिता की राजकुमारी होती हैं बेटियाँ
    हर पल परिवार से बेइंतहा मुहब्बत करती हैं बेटियाँ।।

    न जाने कब बड़ी व विवाह योग्य हो जाती हैं बेटियाँ
    जब जाती हैं ससुराल माँ से लिपट खूब रोती हैं
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    असंभव कार्य संभव करती हैं बेटियाँ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    रिश्तों की धुरी बेटियां

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    मैं भी एक बेटी की माँ हूँ तुम्हारी रचना को महसूस कर सकी बहुत प्यारा लिखा है।

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद माता श्री आपको

    कविताअतुकांत कविता

    माँ से कुछ प्रश्न

    • Edited 3 years ago
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    • 151
    • 11 Mins Read

    माँ! तेरा लाडला तुमसे एक प्रश्न पूछना चाहता है
    हाँ, माँ तू दे जवाब आज
    माँ! क्यों सड़क किनारे छोटू भूखे पेट ही सो जाता है रातों में
    और हम खाते हैं तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन
    माँ! क्या छोटू को अच्छा खाना
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    माँ से कुछ प्रश्न,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद मैम

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    bahut sundar

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका

    कविताअतुकांत कविता

    दादी माँ का प्यार

    • Edited 3 years ago
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    • 180
    • 6 Mins Read

    एक माँ जन्म देती है बच्चे को
    सहन करती है तन पर ताउम्र
    बेइंतहा कष्ट हर क्षण,हर पल
    पर, बच्चे की दादी बच्चे की
    माँ से भी अधिक प्रेम करती है
    बच्चे को, मन भर नेह लुटाती है।।

    माँ जन्म देती है बच्चे को
    जब कभी
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    दादी माँ का प्यार,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर..!

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर रचना..!

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद सर आपका

    कविताअतुकांत कविता

    इंसानियत की परिभाषा

    • Edited 3 years ago
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    • 311
    • 5 Mins Read

    जन्म लिया है जिसने
    उसकी मृत्यु निश्चित है
    इस अकाट्य घटना से
    अवगत हैं सभी, फिर भी
    कुछ इंसान समझते हैं
    स्वयं को सर्वश्रेष्ठ
    करते हैं कुकृत्य हर वक्त।।

    ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ का दर्जा देना
    दूसरों को
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    इंसानियत की परिभाषा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    सबके दिल में

    • Edited 3 years ago
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    • 114
    • 3 Mins Read

    मनुज!
    मत हार मानो मुश्किलों से कभी
    तुम डटकर सामना करो, मुश्किलों का
    अंतिम साँस तक
    स्मरण रखना इक बात सदा
    हार मान जो समझते हैं
    ख़ुद को कमज़ोर
    नहीं करते हैं प्रयास
    उन्हें कभी नहीं मिलती है, सफलता
    जीवनभर
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    सबके दिल में,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    स्त्री कमज़ोर नहीं होती है

    • Edited 3 years ago
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    • 813
    • 6 Mins Read

    स्त्री को कमज़ोर समझने की भूल
    है सबसे बड़ी भूल
    स्त्री कमज़ोर नहीं
    स्त्री होती है बेहद मजबूत
    स्त्री हर असंभव कार्य को
    संभव कर सकती है
    इसमें किंचित भी संदेह नहीं है।।

    स्त्री को बेकार समझने वाले
    इस दुनिया
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    स्त्री कमज़ोर नहीं होती है,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    बेहतरीन काव्य सृजन

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर..!

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब संदीप

    Kumar Sandeep3 years ago

    धन्यवाद आपका

    कविताअतुकांत कविता

    सैनिक है नमन आपको

    • Edited 3 years ago
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    • 268
    • 4 Mins Read

    सैनिक है हृदयतल से नमन आपको
    आप भारत माँ की रक्षा खातिर
    मुश्किलों से लड़ जाते हैं
    नहीं करते हैं आप परवाह ख़ुद की
    दुश्मनों से आप हमें बचाते हैं।।

    सैनिक है हृदयतल से नमन आपको
    आपके विषय में शब्दों में
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    सैनिक है नमन आपको,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    हे भारत माँ!

    • Edited 3 years ago
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    • 84
    • 4 Mins Read

    हे भारत माँ!
    हम करते हैं प्रणाम तुम्हें
    है हमें गर्व कि
    हमने जन्म लिया है यहां
    हाँ माँ,
    है बस इतनी ही ख्वाहिश
    जीएंगे और मरेंगे
    हम यहीं।।

    हे भारत माँ!
    नहीं आने देंगे कभी भी
    तुम्हारे ऊपर कभी भी
    कोई भी
    Read More

    हे भारत माँ!,<span>अतुकांत कविता</span>
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    लेखआलेख

    हौसला हो यदि बुलंद तो मुश्किल नहीं करेगी तंग

    • Edited 3 years ago
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    • 152
    • 8 Mins Read

    सफलता प्राप्त करने हेतु विभिन्न मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। राह में अनगिनत बाधाएं आती हैं। मुश्किलें हिम्मत तोड़ना चाहती हैं। मुश्किलों से भयभीत होने की बजाय मुश्किलों से मुँह मोड़ने की
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    हौसला हो यदि बुलंद तो मुश्किल नहीं करेगी तंग,<span>आलेख</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    आपके हौंसलों को सलाम

    कहानीप्रेरणादायक

    जन्म धरती से प्रेम

    • Edited 3 years ago
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    • 127
    • 14 Mins Read

    जन्म धरती का त्याग कर मनोज पूरे परिवार के साथ मुम्बई महानगर में रहता था। अभी दो वर्ष ही हुए हैं गाँव से महानगर आए हुए। ईश्वर की कृपा से तन्ख्वाह भी अच्छी मिलती थी मनोज को। कुछ दिन किराए के मकान में
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    जन्म धरती से प्रेम,<span>प्रेरणादायक</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    वृद्ध की वेदना

    • Edited 3 years ago
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    • 208
    • 5 Mins Read

    बेटे को चलना सिखलाया
    बेटे को बोलना भी सिखलाया
    पढ़ाया-लिखाया
    ख़ुद की ख्वाहिश दफ़न कर दी
    पर वही बेटा जब बड़ा हुआ तो
    मुझे घर से बाहर निकाल कर
    वृद्धाश्रम में छोड़ कर
    चला गया परदेश
    अपनी ज़िंदगी का आनंद उठाने
    एक
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    वृद्ध की वेदना,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    माता - पिता के ऋण से हम कभी भी उऋण नहीं हो सकते..!

    Kumar Sandeep3 years ago

    बिल्कुल सही

    कविताअतुकांत कविता

    2020 तू क्यूं रुठा है रे?

    • Edited 3 years ago
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    • 284
    • 6 Mins Read

    2020 तू इतना क्यूँ रुठा है रे?
    तेरे आगमन से पूर्व हमने
    क्या-क्या दुआएँ नहीं माँगी थीं।
    तेरे स्वागत में क्या-क्या नहीं किया था हमने।
    जिस तरह सूर्योदय से पहले
    सूर्य की पहली किरण को देखने की बेसब्री रहती
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    2020 तू क्यूं रुठा है रे?,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Mr Perfect

    Mr Perfect 3 years ago

    🙏🙏👌👌

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत बधाई

    Bandana Singh

    Bandana Singh 3 years ago

    बधाई हो

    Vinay Kumar Gautam

    Vinay Kumar Gautam 3 years ago

    बेहद खूबसूरत

    कविताअतुकांत कविता

    माँ

    • Edited 3 years ago
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    • 134
    • 5 Mins Read

    माँ तू तो प्रेम की मूरत है
    माँ तेरी अच्छाई का
    बयां शब्दों के माध्यम से
    कर पाना सरल नहीं है
    हाँ माँ अपनी खुशी न्योछावर कर
    सदा बच्चों को खुशी
    प्रदान की है तुमने।।

    माँ ख़ुद तू सहती है
    असीमित पीड़ा पर
    अपनी
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    माँ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    वक्त

    • Edited 3 years ago
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    • 141
    • 5 Mins Read

    वक्त एक अध्यापक है
    पल-पल सिखलाता है
    गूढ ज्ञान न कर आराम
    मैं जो चला जाऊंगा
    वापस नहीं आऊंगा
    मेरी तुम कीमत पहचानो
    मुझे खोकर तुम ख़ुद का
    अस्तित्व ही खो बैठोगे।।

    वक्त एक शिक्षक है
    शिक्षक की भाँति सिखलाता
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    वक्त,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    नन्ही चींटी

    • Edited 3 years ago
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    • 199
    • 5 Mins Read

    नन्ही चींटी नहीं रुकती है
    हर पल चलती है
    कार्य पूर्ण न हो तब तक
    नहीं थकती है
    इंसानों को सिखलाती है
    रुक मत तू
    गर रुक जायेगा
    मंजिल तक नहीं पहुंच पायेगा।।

    नन्ही चींटी गिरती है
    कई बार
    दिवारों पर चढ़ते
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    नन्ही चींटी,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    नारी

    • Edited 3 years ago
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    • 120
    • 3 Mins Read

    वो नारी ही हैं जो
    सहन करती है असहनीय कष्ट
    चाहती है परिवार की ख़ुशी हर वक्त
    बच्चों की ख़ुशी के लिए करती सर्वस्व समर्पित।।

    वो नारी ही हैं जिसके
    हिस्से में कभी भी किसी दिन छुट्टी नहीं है
    परिवार का हर
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    नारी,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    पिता!

    • Edited 3 years ago
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    • 99
    • 3 Mins Read

    एक पिता अपने हिस्से की हर ख़ुशी
    करता है न्योछावर संतान के हिस्से में
    संतान के ऊपर न आए कोई भी संकट
    इसलिए ख़ुद संकट से लड़ जाता है।।

    एक पिता संतान के हिस्से में आने वाले
    मुश्किल रूपी धूप को हर लेता है
    तमाम
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    पिता!,<span>अतुकांत कविता</span>
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    लेखआलेख

    वृद्धावस्था में बड़ों का रखिये विशेष ख़्याल

    • Edited 3 years ago
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    • 208
    • 9 Mins Read

    वृद्धावस्था में विशेष ख़्याल रखने की ज़रूरत है हमें अपने माता-पिता का व घर के बड़ों का। याद कीजिए बचपन के उन पलों को जब हम ठीक से चल भी नहीं पाते थे। उस वक्त से माता-पिता ने हमें संभाला है। पहली दफा
    Read More

    वृद्धावस्था में बड़ों का रखिये विशेष ख़्याल,<span>आलेख</span>
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    कहानीसामाजिक

    भाई-बहन का प्यार

    • Edited 3 years ago
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    • 243
    • 13 Mins Read

    आसपड़ोस में रक्षाबंधन की तैयारी सुबह से ही सभी भाई-बहन कर रहे थे। बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर भाई की लम्बी उम्र की प्रार्थना ईश्वर से कर रही थीं। पीहू खिड़की से त्यौहार का आनंद लेते हुए सब
    Read More

    भाई-बहन का प्यार,<span>सामाजिक</span>
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