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Competition | Rank | Certificate |
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भूली बिसरी यादें - शब्दाक्षरी आयोजन | Certificate |
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Section | Genre | Rank |
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कहानी | ऐतिहासिक |
London is the capital city of England.
लेखसमीक्षा
जीवन के अद्भुत रहस्य - गौर गोपाल दास
किताबे मनुष्य की सच्ची मित्र होती है। यह सिर्फ एक वक्तव्य नहीं अपितु प्रयोग के बाद निष्कर्ष है। आप अपने दिमाग को जैसे रिफिल या रीचार्ज करते है। चाहे दैनिक जीवन
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किताबें सच में एक सच्चे मित्र का रोल निभाती हैं. सुन्दर समीक्षा..!
कहानीसामाजिक
हवाई जहाज की खिड़की से बाहर सब कुछ धुला हुआ सा लग रहा था। अगर मौका कोई और होता तो शायद मान्यता पचपन की उम्र में भी बच्चों की तरह चहकती हुई, बिना किसी की परवाह किए दिनेश से चिपक कर आसमानी बातें करना
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अत्यंत भावपूर्ण और ह्रदयस्पर्शी..! बहुत सुन्दर और संवेदनशील लेखन..!
अत्यंत भावपूर्ण और ह्रदयस्पर्शी..! बहुत सुन्दर और संवेदनशील लेखन..!
कहानीसामाजिक, ऐतिहासिक, प्रेरणादायक
गृहस्थ आश्रम
न जाने वह कब से भटक रहा था। उसके जीवन का सबसे बड़ा रहस्य यही था कि वह अब तक खुद को नहीं जान पाया था। अंतरात्मा की बेचैनी और सुख की तलाश के चलते, उसने अपने जीवन को लियोनार्दो द विंची की
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इस बुक के बारे में पहली बार सुना... अपना घर, परमेश्वर... उम्दा प्रस्तुति
वाह क्या बात है
जी हार्दिक आभार आपका उत्साहवर्धन के लिए
जाने पहचाने विषय को एक अलग रूप में प्रस्तुत किया .... बेहतरीन रचना
हार्दिक आभार
वाह बेहद उम्दा लघुकथा...??
बहुत आभार उत्साहवर्धन के लिए
कविताअन्य
नारीवाद का प्रश्न नहीं ये
ना ही समानता का सवाल है
अरे निश्चिन्त रहो चिंतित ना हो
नही ये कोई नया बवाल है
अधिकार कुछ हनन हुए तो क्या
ये अब ज़न ज़न का ही हाल है
बस दिनकर के किरणपुंज से
एक किरण उन्हें
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कहानीहास्य व्यंग्य
दरिया किनारे के मकान में शिफ्ट होने के बाद श्रीमती जी को लगा कि शायद हमारे घरघुसड़ु नेचर में कौनो सुधार आ जाएगा। खिड़की से बाहर प्रकृति दिखेगी तो शायद ऑफिस से आकर टीवी में ना घुसड़ कर बालकनी में
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
प्लेट में सजे त्रिकोणाकार समोसे अपने अंदर कितना स्वाद भरे मूल्यांकन की प्रतीक्षा में थे। ठीक उसी तरह कजरी भी प्रतीक्षारत थी। दरवाजे की ओट में पर्दे से आधी छिपकर खड़ी उसकी नजर समोसों पर नहीं अपितु
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चैतन्यपूर्ण
जी हार्दिक आभार आपका सर उत्साहवर्धन हेतु
कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
द्वार पर लगी रंग बिरंगी पताकाएं, सजा हुआ मंडप और चहल पहल कुल मिलाकर सबको पता था अष्टजाम (हरि कीर्तन और यज्ञ) की तैयारी पूरी हो चुकी थी। 'हरे राम हरे कृष्ण' कीर्तन की धुन पहले से ही लोगों के कानों में
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
श्याम के गाँव से शहर थोड़ी ही दूरी पर था, बड़ा शहर नहीं पर जीवन निर्वहन का साजो सामान, काम धाम सब उपलब्ध था। इसलिए श्याम कभी दादी दादू को छोड़ किसी महानगर नहीं गया। दादी को अपनी मिट्टी से बड़ा लगाव
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
खटिया से उठ कर रामाधीन खांसने लगा था। पत्नी सुकुमारी दौड़ कर लोटे में पानी दे गई। रामाधीन की काया भी उनकी माली हालत जैसे पतली हो चली थी। कभी ऐसा शरीर था कि बैलों के बजाय हल खुद ही जोत लेता था। पैरों
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
गतांक से आगे...
आज खेतों की ओर बढ़ते रामाधीन को मन में सिर्फ राधा का ख्याल आ रहा था। कहीं मैं स्वार्थी तो नहीं हो गया हूँ? बिटिया का ब्याह अगर अच्छे से नहीं किया तो भले ही एक अच्छा पुत्र कहलायेगा पर
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कहानीप्रेम कहानियाँ
अपनी बातों को कितनी आसानी से हँसकर कह जा रही थी आकृति। पर आरव का दिल.. वो तो चाहता था ये बारिश बस यूँ ही चलती रहे। काश कि बाबा का आशीर्वाद सच हो जाए पर वो ये भी जानता था इस शहर में अपने रोज नहीं मिलते
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ख़ूबसूरत सी सुखान्त रचना..!
जी हार्दिक आभार आपका
कहानीप्रेम कहानियाँ
आरव को लगा जैसे उस लड़की को घूरते हुए उसकी चोरी पकड़ी गई हो। कोच के गेट पर खड़ी वो खुदको आने वाली हवा से सूखा रही थी। जानती थी कई जोड़ी निगाहें उसके गिले कपड़ों के आर पार जा रही थी जो उसे परेशान किए
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कहानीप्रेम कहानियाँ
आरव घर से निकला तो बारिश शुरू हो चली थी। हल्की हल्की बूंदे जब मिट्टी पर पड़ती है तो सौंधी खुशबु से मन महक उठता है पर जब मेघ फटने को तैयार खड़े हो और अंग्रेजो के ज़माने का तैयार शहर हो तो दिक्कत आती
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