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---|---|---|
सुविचार | भक्तिमय विचार |
London is the capital city of England.
कवितालयबद्ध कविता
#साहित्य_अर्पण_एक_पहल_अंतरराष्ट्रीय_मंच
#पुस्तकवालाआयोजन
#दिनांक - 14-4-2023
#विषय - मुक्त
#"कुदरत कुछ कहती है"(कविता)
शीर्षक- "कुदरत कुछ कहती है"
वसुधा के नर नारी तुम से मेरा एक सवाल है
क्यों रूठे हो मुझसे?तुमको
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कवितागीत
#साहित्य_अर्पण_एक_पहल_अंतरराष्ट्रीय_मंच
#पुस्तकवालाआयोजन
#दिनांक - 14-4-2023
#विषय - मुक्त
#"कुदरत कुछ कहती है"(कविता)
शीर्षक- "कुदरत कुछ कहती है"
वसुधा के नर नारी तुम से मेरा एक सवाल है
क्यों रूठे हो मुझसे?तुमको
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कवितागीत
स्वरचित कविता
शीर्षक-"होली :अबकी तबकी"
होली आई रे हमजोली
करो शोर हुड़दंग ठिठोली
पिचकारी ले लो रे कान्हा
बच ना पाए कोई संगी-सहेली
रंग गुलाल उड़ाओ जमकर
पी लो ठंडाई भांग की गोली
प्रेम-रंग में सराबोर
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कवितालयबद्ध कविता
स्वरचित कविता-
शीर्षक- "अभिलाषाएं जाग रही हैं"
टुकुर-टुकुर सब ताक रही हैं-
अभिलाषाएं जाग रही हैं,
कठिन काल अब जाओ छोड़कर-
मन में आशाएं झांक रही हैं.
अर्पित करने हैं सारे गम-
सुफल मिलें तब ही लेंगे
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कवितालयबद्ध कविता
दिनांक-6-11-2020
स्वरचित गीत-
शीर्षक- "चेहरे पे चेहरा"
बचपन से ही देखे मैंने ,रंग-बिरंगे चेहरे
जब भी खो जाऊं अतीत में, सारे मुझको घेरें
रंग-बिरंगे चेहरे..
इसके उसके प्यारे न्यारे ,ढेरों भाव उकेरें..
बचपन
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सुविचारभक्तिमय विचार
दिनांक-17-10-2020
#स्वरचित गीत -
बोल-"मां जगदम्बे "..
नौ रातों का ले उपहार
चला आ रहा ये त्योहार
मेरी अंबे! मां जगदम्बे
देवी!तेरी जय जयकार.
मैया! तेरा सजा दरबार.
फूलों का मैं हार पिरोऊं
कष्टों का सब भार भी ढोऊं
रोली
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कहानीसामाजिक
प्रतियोगिता हेतु मेरी प्रविष्टि..
स्वरचित लघुकथा
शीर्षक-"निर्णायक मंडली"
- छोटे से पहाड़ी गांव में आज इतनी गहमा-गहमी क्यों है भैया!
- मैडम जी! सहर से यहाँ सालभर पहले एक बड़ी मैडम जीआई रहीं
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कहानीप्रेरणादायक
स्वरचित लघुकथा
शीर्षक -"निर्णायक मंडली"
- छोटे से पहाड़ी गांव में आज इतनी गहमा-गहमी क्यों है भैया!
- मैडम जी! सहर से यहाँ सालभर पहले एक बड़ी मैडम जीआई रहीं .गांव में माटी का घर किराए पर लेके रह
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कहानीसामाजिक
स्वरचित लघुकथा-
शीर्षक-"पैसों की खनक"
-इस बार लाॅकडाउन खुलते ही हम बालकों को लेके गांव आ ही गए अम्मां तुम्हरे पास.अब न जइहैं बस..
काकी का इकलौता जवान बेटा बंसी मां की चिरौरी करते हुए बोला.
-जे तो हमको
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