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Sahitya Arpan - Neelima Tigga
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Neelima Tigga

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  • कवितालयबद्ध कविता

    प्यार का त्रिकोण

    • Edited 3 years ago
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    • 177
    • 3 Mins Read

    #प्यार का त्रिकोण
    मधुबन की सुरभि फ़ैल रही
    डाल डाल पात पात गा रही
    मदहोश फूलों के तराने
    तितलियाँ भी गुनगुना रही II
    कृष्ण बांसुरी की प्रेम धून सुरीली
    सुन दौड़ी मतवाली राधा बावरी
    प्रेम दीवानी ये ना जानी
    प्रीत
    Read More

    प्यार का त्रिकोण,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    विलक्षण

    Neelima Tigga3 years ago

    हार्दिक आभार आदरणीय

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    बहुत ही सुंदर..!? प्रेम के तीनों कोनो से अपने भाव से बखूबी उजागर किये..!??

    Neelima Tigga3 years ago

    हार्दिक आभार पूनम जी

    कवितालयबद्ध कविता

    प्यार का त्रिकोण

    • Edited 3 years ago
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    • 134
    • 3 Mins Read

    #प्यार का त्रिकोण
    मधुबन की सुरभि फ़ैल रही
    डाल डाल पात पात गा रही
    मदहोश फूलों के तराने
    तितलियाँ भी गुनगुना रही II
    कृष्ण बांसुरी की प्रेम धून सुरीली
    सुन दौड़ी मतवाली राधा बावरी
    प्रेम दीवानी ये ना जानी
    प्रीत
    Read More

    प्यार का त्रिकोण,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितागजल

    शरारत

    • Edited 3 years ago
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    • 221
    • 4 Mins Read

    शरारत
    कुछ नमकीन सा आजमाना चाहता हूँ I
    लुत्फ़-ए-बचपन फिर उठाना चाहता हूँ II
    शरारत करते रहो दिल रहे जवाँ
    खर्राटों में दूसरोँ की नींद भगाना चाहता हूँ II
    चलते चलते बेर खाने का मज़ा कुछ और है
    झूठी गुठलियाँ
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    शरारत ,<span>गजल</span>
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    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    वाह बहुत बढ़िया

    Neelima Tigga3 years ago

    हार्दिक धन्यवाद स्वाति जी

    कविताअन्य

    फिनिक्स

    • Edited 3 years ago
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    • 146
    • 6 Mins Read

    फिनिक्स
    जब जब मैं खिड़की को देखती
    उस में मेरी ही तस्वीर नजर आती
    वही चौखट में बंधी
    जकड़ी सी एक जगह
    उम्मीदों की हवाएँ
    दिल के झरोंखे से
    अंदर बाहर मचलती
    या सूरज की किरण
    अंधकार को चीरकर
    आशाएँ विश्वास
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    फिनिक्स ,<span>अन्य</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह जी

    Neelima Tigga3 years ago

    हार्दिक आभार

    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Neelima Tigga3 years ago

    हार्दिक आभार स्वाति जी

    कवितालयबद्ध कविता

    राधा मोहन

    • Edited 3 years ago
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    • 175
    • 3 Mins Read

    पनघट पे गोरी भीगे वसन
    लहराते कुंतल चूमे पवन
    नज़रें मिली पलकों में हया
    कान्हा दिल में राधा जतन II
    काहें छेड़त हो नंदलाल मोहन
    होवत देरी मोहे पनिया भरन
    क्यों फोड़े मोरी गागर मुरारी
    बिनती करु तोसे शाम विलोभन
    Read More

    राधा मोहन ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    बहुत सुन्दर

    Neelima Tigga3 years ago

    हार्दिक आभार प्रिय स्वाति जी

    कविताअन्य

    मज़ाक

    • Edited 3 years ago
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    • 219
    • 5 Mins Read

    मज़ाक
    अपनी ही लाश पर वह
    हँस रही थी
    एक भयानक पीड़ादायक
    हादसे से अभी अभी
    वह गूजरी थी
    ‘कितने लोग थे’
    शोले का ये डायलोग
    बूमरांग होकर
    उस पर चढ़ा था
    हाँ, चार से ज्यादा ही थे
    धीरे-धीरे लोग जमा होते गये
    स्त्री
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    मज़ाक,<span>अन्य</span>
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    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    ओह! बहुत ही उम्दा

    Neelima Tigga3 years ago

    हार्दिक धन्यवाद स्वाति जी

    Neelima Tigga3 years ago

    हार्दिक धन्यवाद स्वाति जी

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत खूब मैम

    Neelima Tigga3 years ago

    हार्दिक आभार अंकिता जी

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बेहतरीन रचना ?? एक एक शब्द ने झकझोर दिया।

    Neelima Tigga3 years ago

    आपके शब्दों से मन अभिभूत हुआ. हार्दिक धन्यवाद नेहा जी

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    ओह ! ह्रदयस्पर्शी

    Neelima Tigga3 years ago

    आपका बहुत धन्यवाद सरला जी. ऐसा ही परिदृश्य दीखता है आज कल तो मन में भी पीड़ा होती है.

    कहानीसस्पेंस और थ्रिलर

    गुनहगार

    • Edited 3 years ago
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    • 268
    • 53 Mins Read

    गुनहगार

    मंगलू के हाथ में खून से सनी कुल्हाड़ी, कपड़े पर गिरे खून के छींटें और सामने जमीन पर तडपता हुआ अर्जुन थाI वहाँ से गुजरते लोगों ने जब ये दृश्य देखा था, तो हो हल्ला कर कोई गांव के तरफ भागा था, तो
    Read More

    गुनहगार,<span>सस्पेंस और थ्रिलर</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    अच्छी रचना

    Neelima Tigga3 years ago

    हार्दिक आभार अंकिता जी