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Sahitya Arpan - Madhu Andhiwal
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Madhu Andhiwal

'Dr.Madhu Andhiwal'

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  • Genre wise ranking

    Section Genre Rank
    कहानी प्रेरणादायक Second
    कहानी लघुकथा Third
    कविता बाल कविता 4th

    कहानीहास्य व्यंग्य

    नकलची चमचे

    • Added 1 year ago
    Read Now
    • 56
    • 6 Mins Read

    नकलची चमचे ---
    --------------
    नेता जी के मीटिंग हाल मेंआज तो घमासान मचा हुआ था । आज नेता जी को थोड़ा बुखार होगया बैसे आजकल वायरल चल रहा है पर चमचों में तो एक बैचेनी फैल गयी एक होड़ थी सब में जैसे तेरी कमीज से
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    नकलची चमचे,<span>हास्य व्यंग्य</span>
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    कहानीसंस्मरण

    जिन्दगी का दर्दीला पन्ना

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 181
    • 10 Mins Read

    मेरी जिन्दगी का दर्दीला पन्ना

    आज एक ऐसा बिषय जो अपार दर्द दिल में समेटे हुये है । बहुत लम्बा समय गुजर गया मेरी पूरी जिम्मेदारी भी लगभग निपट चुकी हैं पर जब तक हम जिन्दा रहते हैं मां बाप को भूलना
    Read More

    जिन्दगी का दर्दीला पन्ना,<span>संस्मरण</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 1 year ago

    अत्यंत दुखद और मर्मस्पर्शी स्मृति..!! 🙏

    कविताअतुकांत कविता

    बेटियों का महत्व

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 223
    • 3 Mins Read

    बेटियो का महत्व
    --------------------
    बेटियों की बात ही निराली है,
    ये तो लगती ही बहुत प्यारी हैं,
    जब हंसती हैं तो चहचाता सारा उपवन,
    जीवन की हर कठिनाई को ,
    हम हंसते हंसते सह जाते हैं,
    फिर भी लोग हमें अबला नारी कहते,
    पिता
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    बेटियों का महत्व,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 2 years ago

    मेरे घर में माँ आई है

    Madhu Andhiwal2 years ago

    धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर भाव..!

    Madhu Andhiwal2 years ago

    धन

    कहानीलघुकथा

    साहसी कदम

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 502
    • 14 Mins Read

    साहसी कदम
    ------------
    आज अवनी आई बहुत खुश लग रही थी । आकर मेरे से लिपट गयी । मैने कहा कैसी हो बेटा वह हंस कर बोली आपके सामने खड़ी हूँ ना । मै बीते दिनो में पहुंच गयी एक प्यारी सी मनमोहक छवि की मालकिन अवनी मेरी
    Read More

    साहसी कदम,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत मार्मिक.. किन्तु एक अच्छा सन्देश.!

    कहानीलघुकथा

    नयी जिन्दगी

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 262
    • 5 Mins Read

    नई जिंदगी ****
    ***********
    आज पूजा बहुत देर से सोच रही थी कि वह कहां गलत थी ! रजत की कोई बात को आज तक मना नहीं करा ! आज रजत ने सारी सीमा तोड़ दीं ! शादी से अब तक वह सोचती रही कि वह सब ठीक कर लेगी । रजत के सारे दोषों
    Read More

    नयी जिन्दगी,<span>लघुकथा</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 2 years ago

    सही फैसला

    Madhu Andhiwal2 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    सरप्राइज

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 215
    • 8 Mins Read

    सरप्राइज
    -------------
    रचित बहुत दिन से देख रहा था कि मां सीमा फोन पर बात तो करती है पर कहीं कुछ खालीपन सा आवाज में महसूस होता है । पिछले साल से जब से ये महामारी क्या आई सब एक जगह ही सिमट गये । मां पापा दूसरे
    Read More

    सरप्राइज,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर, सुरूचिपूर्ण और प्रेरक..!

    Madhu Andhiwal2 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    जुड़वाँ फूल

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 356
    • 10 Mins Read

    जुड़वा फूल
    -----------
    रमन और सोनी की मित्रता पूरे कालिज में चर्चित थी । एक पवित्र प्रेम का अद्भुत संगम । कुछ लोगो को तो विश्वास ही नहीं होता था कि इस पाश्चात्य रंग में रंगी दुनिया में इतना निर्मल गंगाजल
    Read More

    जुड़वाँ फूल,<span>लघुकथा</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    वाह काफी सकारात्मक

    Madhu Andhiwal3 years ago

    धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    मां

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 492
    • 2 Mins Read

    मां
    मैने स्वर्ग तो नहीं देखा ,
    पर मां को देखा है ,
    बिन मां के मै कहां थी,
    ना वह गोद थी ना वह बाहें थी,
    ना वह आंचल की छांव थी ,
    अब तो मां सच में ,
    बहुत याद आती हो,
    वह रात में सर को सहलाना ,
    और डांट कर सुला देना,
    दिन
    Read More

    मां,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर भाव..!!

    Madhu Andhiwal3 years ago

    आभार

    कहानीलघुकथा

    हम होंगे कामयाब

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 207
    • 8 Mins Read

    हम होंगे कामयाब ---
    -----------------------
    सुमि आज बच्चों की आपस की बातें कान लगा कर सुन रही थी । आज उसकी सासु जी का जन्म दिन था । जब एन सी आर में फ्लैट लेने का समय आया तब उसके पति व दोनों ने एक ही टावर में फ्लैट लेने
    Read More

    हम होंगे कामयाब ,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर रचना

    Madhu Andhiwal3 years ago

    आभार

    लेखसमीक्षा

    पुस्तक समीक्षा ( मृत्युंजय )

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 295
    • 4 Mins Read

    अलीगढ़ तो कवियों और साहित्य कारों का शहर है। मैंने बहुत लेखको को पढा है बहुत अच्छा अच्छा साहित्य पढ़ा विधार्थी जीवन से पर सबसे अधिक प्रभावित श्री शिवाजी सांवत जी द्वारा लिखी " मृत्युंजय " ने किया
    Read More

    पुस्तक समीक्षा ( मृत्युंजय ),<span>समीक्षा</span>
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    कहानीलघुकथा

    कसक

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 356
    • 10 Mins Read

    कसक-----
    --------------
    शोभित मुस्कुराता हुआ अपने मोबाइल पर फटाफट उँगलियां दौड़ा रहा था! उसकी पत्नी नीरजा बहुत देर से उसके पास बैठी खामोशी से देख रही थी, जो उसकी रोज़ की आदत हो गई थी और जब भी कोई बात शोभित से करती
    Read More

    कसक,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    अच्छी रचना..!

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत बढ़िया। मोबाइल ने आजकल सबको अलग कर दिया है।

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    लावारिस दीदी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 193
    • 7 Mins Read

    लावारिस दीदी
    *************
    एक नाजुक सी सुन्दर सी मां बाप की राजकुमारी ऐसी थी दीदी । दादी तो पैर ही जमीन पर नहीं रखने देती थी पर उस समय लड़कियों की शिक्षा से अधिक घरेलू कामो को अधिक महत्व दिया जाता था और दादी
    Read More

    लावारिस दीदी,<span>लघुकथा</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत बढ़िया।

    Madhu Andhiwal3 years ago

    आभार

    कहानीलघुकथा

    फर्ज

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 264
    • 7 Mins Read

    फर्ज---
    ---------
    सीमा बहुत देर से अपनी काम वाली पुनिया का इन्तजार कर रही थी । पुनिया उसके यहाँ 25 साल से काम करती थी । वह उसकी बहुत विश्वसनीय थी क्योंकि उसके सुख दुख में हमेशा परिवार के सदस्य की तरह उसे
    Read More

    फर्ज,<span>लघुकथा</span>
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    Madhu Andhiwal

    Madhu Andhiwal 3 years ago

    Thanks

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब 👌🏻

    कविताबाल कविता

    अजब गजब शादी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 284
    • 2 Mins Read

    अजब गजब शादी
    ----------------
    अन्धे गाँव में ऊंट आया,
    ऊंटनी को ब्याह कर लाया,
    चूहा ढोल बजा रहा ,
    चुहिया देखो नाच रही ,
    शेर ने राग अलापा है ,
    हाथी ने ढपली बजाई,
    चींटीं ने दुन्दभी उठाई ,
    गधे ने दुलत्ती चलायी ,
    कैसा
    Read More

    अजब गजब शादी,<span>बाल कविता</span>
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    कहानीलघुकथा

    छोटी सी खुशी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 249
    • 15 Mins Read

    छोटी सी खुशी
    -------------
    देव तुम क्यों चले गये ? ये प्रश्न रोली हमेशा देव की तस्वीर से रोकर पूछती पर जो इस दुनिया में है ही नहीं वह क्या जवाब देता । आज तो वह सुबह से ही रो रही थी क्योंकि आज होली थी उसको पिछली
    Read More

    छोटी सी खुशी,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीप्रेम कहानियाँ, लघुकथा

    दोस्ती

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 240
    • 10 Mins Read

    दोस्ती---
    -------
    अमला एक शिक्षित महिला थी । अच्छा परिवार दो बड़े बच्चे अच्छा पति सब कुछ तो था उसकी जिन्दगी में । वह स्वतंत्र विचारो की महिला होने के साथ साथ अपने परिवार को पूरी तरह समर्पित थी । वह एक सामाजिक
    Read More

    दोस्ती,<span>प्रेम कहानियाँ</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीसंस्मरण, लघुकथा

    होली के रंग

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 232
    • 7 Mins Read

    होली के रंग--
    ------------
    फागुन के रंग शीर्षक देखा तो मचलने लगे रंग बिरंगे सपने आखों में जो कभी हमने भी देखे थे । 50 साल पहले की एक घटना फिर से याद आगयी । मेरी नयी नयी शादी हुई थी । अल्हड़ उम्र थी । मै शहर की
    Read More

    होली के रंग,<span>संस्मरण</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    दरकते रिश्ते

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 211
    • 12 Mins Read

    दरकते रिश्ते
    -----------
    नीला को ये दीमक वाला ट्रीटमेंट परेशान करता था । इसकी दवा से उसे बहुत एलर्जी थी पर क्या करे दीमक जब घर में कहीं लग जाती है तो ट्रीटमेंट जरूरी है नहीं तो वह सब लकड़ी को खोखला कर
    Read More

    दरकते रिश्ते,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    कम्बल

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 193
    • 9 Mins Read

    कम्बल
    ---------
    निष्ठा आज बहुत उदास थी । मां को गये हुये एक साल हो गया पर एक साल में एक मिनट भी ऐसा नहीं गया जब उनकी ममतामयी यादों से अलग हुई हो । बीते दिनों की यादें उसको उन्हीं पलों में लेगयी । जब वह 10 साल
    Read More

    कम्बल,<span>लघुकथा</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    मां की ममता

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 183
    • 2 Mins Read

    मां का दुलार

    मैंने स्वर्ग तो नहीं देखा था ,
    बस मां को देखा था,
    बिन मां के मै कहां थी,
    ना वह गोद थी ,ना वह बाहें थी,
    ना वह आंचल की छांब थी,
    ना वह मनु हार भरा
    तुम्हारा गुस्सा था ,
    वह रात को प्यार से सर सहलाना,
    और
    Read More

    मां की ममता,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    मैम रचना के साथ अपनी नहीं रचना से जुड़ी कोई तस्वीर लगाएं

    कहानीलघुकथा

    सौतेली माँ

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 214
    • 8 Mins Read

    सौतेली मां ****
    **********
    आज मीरा अपने आंसूओ को बार बार साड़ी के पल्लू से पोंछ रही थी । आज उसकी दोनों बेटियाँ एक साथ विदा हो रही थी हां वही बेटियाँ जिनको सब परिवार वालों ने उससे अलग करना चाहा था क्योंकि बह
    Read More

    सौतेली माँ,<span>लघुकथा</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    करुण अन्त

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 242
    • 4 Mins Read

    करुण अन्त
    -------------------

    नन्हीं सी परी उतरी है ,
    आज मां के द्वार,
    सब कर रहे थे ,
    उसका इन्तजार
    पापा की नन्ही गुड़िया ,
    मां की थी परछाई,
    भाई का दुलार थी ,
    दादी का अभिमान,
    परी होती गयी बड़ी,
    सुकोमल काया
    रूप का खजाना
    Read More

    करुण अन्त,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    👌🏻

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    काजल

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 164
    • 10 Mins Read

    काजल ----
    -----------
    अन्तिम यात्रा की पूरी तैयारी हो गयी ,मां का श्रंगार पूरा हो चुका था । रानू एक टक मां को निहार रही थी । अपने आंसूओं को मुश्किल से पलकों पर रोक रखा था । उसकी छोटी बहन और भाभी जिसे मां ने कभी
    Read More

    काजल,<span>लघुकथा</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    ओह, कभी किसी की कही हुई बात कितना गम्भीर घाव दे जाती है। बहुत अच्छी रचना

    Madhu Andhiwal3 years ago

    धन्यवाद

    कहानीलघुकथा

    सुन्दर सपना

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 196
    • 9 Mins Read

    सुन्दर सपना ---
    ----------------
    रमा व्हील चेयर पर बैठ कर अपनी बेटी सांची को निहार रही थी । सोच रही थी उन बीते दिनों को सब कुछ सही चल रहा था । रमा गांव में जन्मी पली बड़ी हुई पर बहुत होशियार थी । जब बड़ी हुई तो गांव
    Read More

    सुन्दर सपना,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    लिफ्ट

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 205
    • 5 Mins Read

    लिफ्ट ---
    -------
    मंजरी ने नीचे जाने के लिये लिफ्ट का बटन दबाया । ये बड़े बड़े शहरों में गगन चुम्बी इमारतें बन गयी हैं । लोग लिफ्ट में चढ़ते हैं उतरते हैं पर किसी से कोई बोल चाल नहीं ,लगता है यहां एक अघोषित
    Read More

    लिफ्ट,<span>लघुकथा</span>
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    Vivek Prajapati

    Vivek Prajapati 3 years ago

    Nice

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    अलविदा

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 245
    • 5 Mins Read

    अलविदा ----
    -------------
    मन दुखी दिमाग खाली क्या हो रहा है। जिसके घर का चिराग बुझ गया । मांग का सिन्दूर उजड़ गया। बाप का साया चला गया । बहन की राखी वाला हाथ खो गया और हम भाषणों में उलझ गये ।सब राजनीति के फायदे
    Read More

    अलविदा ,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    आज की कटु वास्तविकता

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    के . मौर्या

    के . मौर्या 3 years ago

    Jay Hind🇮🇳🇮🇳🇮🇳

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    बसंती सपने

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 235
    • 15 Mins Read

    मेघा नाम के अनुरुप ही तो था उसका व्यक्तित्व । धीरे धीरे उछलती कूदती सतरंगी सपने देखती देखती कब बचपन की देहरी लांघ गयी । घर में सबकी लाडली । मेघा मेधावी छात्रा थी । स्कूल से कालिज का सफर अनेको सपनों
    Read More

    बसंती सपने,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीप्रेम कहानियाँ, लघुकथा

    कारवां गुजर गया

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 292
    • 9 Mins Read

    कारवां गुजर गया ---
    -----------------------
    मौसम ने करवट ले ली है । बसन्त का मौसम तो दिल में उमंग पैदा करता है। आज बहुत दिन बाद ना लिखने का मन ना पढ़ने का और ना ही टी.वी देखने का मन । सोचा इस गुनगुनी धूप में आराम से बैठ
    Read More

    कारवां गुजर गया,<span>प्रेम कहानियाँ</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    समाज के दिखावटी मुखौटे

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 269
    • 7 Mins Read

    बिषय----# संवेदना
    ---------------
    समाज के दिखावटी मुखौटे
    ----------------------
    रेलवे स्टेशन के बाहर यात्रियों की भीड़ लगी ही रहती है। जब भी निकलो ऑटोरिक्शे ,टैक्सी ,खाने पीने के ठेले सबकी भीड़ दिखाई देती है। हाथ फैलाये
    Read More

    समाज के दिखावटी मुखौटे,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    मर्मस्पर्शी

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    बन्धन पवित्र प्यार का

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 325
    • 6 Mins Read

    बन्धन पवित्र प्यार का ----
    -------------------
    विभा बड़बड़ाती जा रही थी शर्मा जी कल मै नहीं रहूंगी तब तुम्हें पता चलेगा कौन तुम्हारा ख्याल रखेगा । मेरी सुनते ही कहां हो कितना समझा चुकी सिगरेट बन्द करदो दिल के
    Read More

    बन्धन पवित्र प्यार का,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    स्वच्छता अभियान

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 148
    • 5 Mins Read

    स्वच्छता अभियान

    ***********
    आज 26 जनवरी गणतन्त्र दिवस की धूमधाम , कालोनी के पार्क में शमियाने लगे थे । खूब सजावट होरही थी ।लाउडस्पीकर पर देशभक्ति के गाने चल रहे थे ।
    आज इस कार्यक्रम में सांसद महोदय को आना
    Read More

    स्वच्छता अभियान,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    पर उपदेश.. कुशल बहुतेरे..!

    Madhu Andhiwal3 years ago

    जी बिलकुल सही

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    पर उपदेश.. कुशल बहुतेरे..!

    कहानीलघुकथा

    ठंडी रात

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 264
    • 9 Mins Read

    # 19-1-2021
    ठंडी रात ---
    -----------
    आज तो ठंड ने सारे रिकार्ड तोड़ दिये । सूर्य देवता तो शायद किसी तहखाने में चले गये । अब रात का अन्धेरा छाने लगा । अन्धेरा फिर उस पर कोहरा । गरीबों के लिये तो एक आपदा है ये । भूमि
    Read More

    ठंडी रात,<span>लघुकथा</span>
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    Madhu Andhiwal

    Madhu Andhiwal 3 years ago

    धन्यवाद

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बढ़िया मधु जी

    कविताअतुकांत कविता

    मां की ममता

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 111
    • 2 Mins Read

    मां
    मैने स्वर्ग तो नहीं देखा ,
    पर मां को देखा है ,
    बिन मां के मै कहां थी,
    ना वह गोद थी ना वह बाहें थी,
    ना वह आंचल की छांव थी ,
    अब तो मां सच में बहुत याद आती हो,
    वह रात में सर को सहलाना ,
    और डांट कर सुला देना,
    दिन
    Read More

    मां की ममता,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीप्रेम कहानियाँ, लघुकथा

    पवित्र बन्धन

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 322
    • 8 Mins Read

    #इकरार
    पवित्र बन्धन ---
    -------------
    बहुत समय पहले की एक घटना

    " इकरार " शब्द देखकर मेरे मस्तिष्क में सजीव होगयी । अपने को रोक नहीं पाई और कलम चलने लगी ।
    मेरी पडो़स में एक परिवार रहता था । अच्छा सम्पन्न परिवार
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    पवित्र बन्धन,<span>प्रेम कहानियाँ</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Vinay Kumar Gautam

    Vinay Kumar Gautam 3 years ago

    बहुत खूब... शानदार लिखा है

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    परी का फ्राक

    • Edited 3 years ago
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    • 136
    • 12 Mins Read

    पल्लवी यही तो नाम था उसका पर संचित तो उसे पल्लो के नाम से ही पुकारता था । वह चिढ़ती थी गुस्सा होती थी पर संचित के मनुहार से मान भी जाती थी । दोनों बचपन के दोस्त थे ,पड़ोसी भी थे । धीरे धीरे बचपन छूटा
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    परी का फ्राक,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    पैसे पेड़ पर नहीं उगते

    • Edited 3 years ago
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    • 177
    • 7 Mins Read

    पैसे पेड़ पर नहीं उगते ---
    -----------------
    आज शर्मा जी बहुत खुश थे । वह जल्दी घर पहुँचना चाहते थे । जिससे घर जाकर खुश खबरी सुना सकें । उनकी अकेली लाडली बेटी शुचि का सम्बन्ध इतने बड़े घर में होने जा रहा था सचिन
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    पैसे पेड़ पर नहीं उगते,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    कुछ ख्वाब अधूरे से

    • Edited 3 years ago
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    • 224
    • 8 Mins Read

    कुछ ख्वाब अधूरे से
    -----------------
    मेरा वजूद कोई छोटी कहानी नहीं था ,
    बस पन्ने जल्दी भर गये ....
    जिन्दगी में ख्वाब देखने का सबको अधिकार है पर जरूरी नहीं वह पूरे हो जायें । मेरी भी जिन्दगी इसी तरह की है।
    Read More

    कुछ ख्वाब अधूरे से,<span>लघुकथा</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    कहानीलघुकथा

    एक कप काफी और तुम

    • Edited 3 years ago
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    • 238
    • 5 Mins Read

    एक कप काफी और तुम
    ------------
    अरे लोग हंसने लगे कि इस शीर्षक पर तुम कुछ लिख ही नहीं सकती । मैने भी सोचा क्यों काफी बेचारी इतनी बेकार है । अरे किसी को पता नहीं समय के साथ सब बदलता है । वह दिन चले गये कि गाया
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    एक कप काफी और तुम,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत खूबसूरत..! भावपूर्ण

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    अच्छी प्रस्तुति

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    अलविदा 2020

    • Edited 3 years ago
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    • 164
    • 11 Mins Read

    #2020
    अलविदा 2020
    जनवरी 2020 का आगमन नये वर्ष का सुखद एहसास । सब खुश थे । 2020 सुन कर भी अच्छा लग रहा था पर किसी को क्या पता था कि सबकी जिन्दगी ही 2020 हो जायेगी । फरवरी आते आते कुछ खबरे आने लगी कि कोई बीमारी चीन में
    Read More

    अलविदा 2020,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    कहां गये वो दिन

    • Edited 3 years ago
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    • 186
    • 8 Mins Read

    कहां गये वो दिन # insta
    -------------------
    आज बहुत दिन बाद मंजरी मायेके जा रही थी । वह देश से ही बाहर थी । विदेश में जाकर कुछ ना कुछ अड़चने आती रही कि वह भारत आई नहीं पायी । जब भारत लौटी अपने सब काम से निपट कर सोचा
    Read More

    कहां गये वो दिन,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    अलविदा 2020

    • Edited 3 years ago
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    • 187
    • 7 Mins Read

    अलविदा 2020--
    -----------------
    चलो अब तुम्हारी विदाई का समय नजदीक आ रहा है। खुशी हो रही है,कि तुम यहां से जाकर अपने घर आराम से रहो । ना तुम हमें याद करना ना हमें याद आना । जब तुम्हारा आगमन हुआ बहुत खुश थे हम सब । बहुत
    Read More

    अलविदा 2020,<span>लघुकथा</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    ??

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    जाते हुए वर्ष 2020 के विषय. में उचित ही लिखा है.. आपने. बहुत से प्राणियों को अपनी जान से हाथ धोया. लोगों के रोजगार चले गए. 24 घंटे चलने वाली ट्रेनें बन्द हो गयीं.हां एक बात हुई..! प्रक्रति को पास से देखने का अवसर मिला. पर्यावरण कुछ शुद्ध हो गया. ऐसे द्श्य देखने को मिले, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी.

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    किन्नर मां

    • Edited 3 years ago
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    • 154
    • 6 Mins Read

    किन्नर मां ------
    --------------
    मन्नत बहुत देर से रो रही थी ,सब उसको चुपाने में लगी थी बस एक ही रट मेरे पापा कहां है? सब बच्चों के पापा आते हैं। सुमी ने कभी उसे पिता की कमी महसूस नहीं होने दी यह वह बस्ती थी जहां
    Read More

    किन्नर मां,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    जन्म जन्म का साथ है

    • Edited 3 years ago
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    • 143
    • 6 Mins Read

    जन्म जन्म का साथ -----
    -----------------------
    शर्मा जी का भरा पूरा परिवार चार बेटे चार बहुयें । दोनों पति पत्नी बहुत खुश होते थे । रामरती तो कहती थी शर्मा जी हम दोनों का बुढ़ापा बहुत आराम से
    बीतेगा । नाती पोते सब
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    जन्म जन्म का साथ है,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    मैं हूँ ना

    • Edited 3 years ago
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    • 100
    • 6 Mins Read

    मैं हूँ ना
    ---------------
    आज दिल बहुत उदास था । मि.सिन्हा सुबह दूध लेने निकले एक ट्रक से एक्सीडेन्ट होगया और वह उन्होंने उसी स्थान पर दम तोड दिया । उनकी बेटी पल्लवी का रो रो कर बुरा हाल था । पल्लवी मेरी क्लास
    Read More

    मैं हूँ ना,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    जुनून

    • Edited 3 years ago
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    • 165
    • 5 Mins Read

    जुनून----
    -------------कनिका पिछली बातों में गुम हो गयी ,आज उसकी बेटी तपस्या का हाई स्कूल का परीक्षा फल आने वाला था,पर वह तो अतीत में खो गयी थी । मां पापा का उस पर बहुत भरोसा था । वह अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी
    Read More

    जुनून,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    जुनून जरूरी है..!

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    यादें

    • Edited 3 years ago
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    • 285
    • 15 Mins Read

    यादें -----
    ---------
    सांची आज बहुत उदास थी । बीती बातें बीती यादें कभी कभी उसके मन को व्यथित करती थी । उसका बचपन कितने अभाव और कष्टों में गुजरा था । घर में बीमार मां और दो छोटे भाई बहन । बापू की बहुत छोटी सी
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    यादें,<span>लघुकथा</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    सुंदर सृजन

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीसंस्मरण, लघुकथा

    मेरी कहानी

    • Edited 3 years ago
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    • 247
    • 7 Mins Read

    सोचती रहती हूँ बीते दिनों को । आज तो उम्र का ढलान आगया । एक लड़की जब अपने बचपन के दिन छोड़ कर युवावस्था में आती है नये नये सपने देखती है। अपने सपने तो पता नहीं कब खो जाते हैं। बस एक कसक रह जाती है। धीरे
    Read More

    मेरी कहानी,<span>संस्मरण</span>, <span>लघुकथा</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत ताकतवर व्यक्तित्व है आपका मेम। यूं ही लिखते रहिए

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    तितली

    • Edited 3 years ago
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    • 411
    • 10 Mins Read

    तितली ---
    -------------
    अरे आपने फिर सिगरेट जला ली समझ नहीं आता क्यों फूंकते रहते हो । सुचि झल्लाती जा रही थी । नमन शान्त थे । उन्हें पता था सुचि को उनकी बहुत चिन्ता रहती है। जब से हार्ट अटैक हुआ है। वह रात दिन
    Read More

    तितली,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    आकाश त्रिपाठी

    आकाश त्रिपाठी 3 years ago

    Bahut Khoob 👌👌

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी रचना..! पवित्र प्रेम की विजय..!

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीप्रेरणादायक

    निर्णय

    • Edited 3 years ago
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    • 229
    • 8 Mins Read

    निर्णय ------
    ----------
    सब आ चुके थे रजत की तबियत अधिक बिगड़ती जा रही थी ।उर्बि को कुछ समझ नहीं आ रहा था । वह अपने को बहुत संभाले हुई थी । बच्चे बाहर थे दोनो बेटियाँ और बेटा । सब शाम तक आजायेगे । रजत की लापरवाही
    Read More

    निर्णय,<span>प्रेरणादायक</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    भावपूर्ण..! उर्मि.. का द्रढ संकल्प

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    मर्मस्पर्शी

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    सुकून

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 168
    • 4 Mins Read

    सुकून ------
    ----------
    तोषी अस्पताल के लेबर रूम में दर्द से कराह रही थी ,चौथी संतान थी । दर्द के साथ साथ मानसिक द्वन्द्व अधिक था ,यदि फिर लड़की होगयी तो पति और सास की यातना को कैसे सहन करेगी । तीन लड़कियां ही
    Read More

    सुकून ,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    वाह मेम। छोटी सोच पर एक बहुत बड़ा वार

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    रेड लाइट एरिया

    • Edited 3 years ago
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    • 239
    • 6 Mins Read

    रेड लाइट एरिया
    ------------
    कोरोना महामारी ने जैसे सब कुछ थाम लिया हो । अमीर तो पैसेे से सब चीज खरीद रहा है पर वह अमीर कहां गये जो रात के अंधेरे में उनको खरीदते थे । सुप्रिया बालकानी में आधी लटकी हुई सिगरेट
    Read More

    रेड लाइट एरिया,<span>लघुकथा</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया लघुकथा

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    मर्मस्पर्शी..! करोना महामारी ने हर वर्ग को प्रभावित किया है. समाज के एक उपेक्षित वर्ग की वेदना...!

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    मेरी प्यारी दीदी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 1496
    • 11 Mins Read

    प्रतियोगिता
    मेरी प्यारी दीदी,
    सादर प्रणाम
    आगे यहाँ सब कुशल मंगल हैं आप सब की कुशलता ईश्वर से चाहती हूँ। आपकी बहुत याद आती है और याद आती हैं वह बातें जो मुझे आप समझाती थी । आप बड़ी बहन कम और एक
    Read More

     मेरी प्यारी दीदी,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    मार्मिक

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    असीमित खरोचें

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 245
    • 9 Mins Read

    शनिवार
    बिषय "एक ठंडी रात "

    असीमित खरोंचे
    ------------------
    पूस की रातें बहुत ठंडी होती है। यह पुरानी कहावत है।
    ऐसी ही एक ठंडी रात थी । मानसी बैचेनी से ठहल रही थी । घर के सब सदस्य सो चुके थे । अभी अभी ब्रेकिंग
    Read More

    असीमित खरोचें,<span>लघुकथा</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    मार्मिक

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Bnl Das

    Bnl Das 3 years ago

    आप मार्मिक रचना का सृजन करने में सफल हुई हैं।

    Madhu Andhiwal3 years ago

    धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    दर्दनाक..! पाशविक.. क्रत्य..!

    Madhu Andhiwal3 years ago

    धन्यवाद

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    मार्मिक

    Madhu Andhiwal3 years ago

    धन्यवाद

    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    दुल्हन

    • Edited 3 years ago
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    • 154
    • 9 Mins Read

    दुल्हन -
    -------------.
    मेरी छोटी सी लाड़ो ससुराल जायेगी दुलहन बनेगी । वह दादी का मुंह देखती रहती । कृति को ये बात समझ नहीं आती थी । वह अभी बहुत छोटी थी । दादी की का प्राण थी, बहुत लाड़ली । कृति के मां बाप दुर्घटना
    Read More

    दुल्हन,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    मार्मिक

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    प्यार एक कसक

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 401
    • 10 Mins Read

    प्यार एक कसक
    ***********
    अनुभा दौड़ती आई और माधवी से लिपट कर बड़े लाड़ से बोली मां गोद में लिटाओ ना । माधवी को तो ऐसा लगा कि पूरा संसार उसकी मुट्ठी में है। जब अनुभा दो साल की थी तभी उसकी माँ का देहान्त हो
    Read More

    प्यार एक कसक,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    मार्मिक

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    मार्मिक

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    अच्छी है

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    फिर कब मिलोगे

    • Edited 3 years ago
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    • 216
    • 10 Mins Read

    फिर कब मिलोगे
    रुचि खिड़की में खड़ी सोच रही थी आज पांच साल होगये विभू को गये हुये । एक बार भी उसने लौट कर नहीं देखा पर उससे क्या शिकायत गलती तो मेरी ही थी। मैने कहां कोशिश की कि जो गलत फहमियां हम दोनों
    Read More

    फिर कब मिलोगे,<span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    मर्मस्पर्शी

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कविताअतुकांत कविता, अन्य

    मां की ममता

    • Edited 3 years ago
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    • 158
    • 4 Mins Read

    मां की ममता--
    ----------------------
    क्यों जन्म लिया ,
    तुमने मेरी कोख से,
    किसी को ना तुम्हारी ,
    चाह थी ना लालसा,
    बस मैं ही चाहती थी ,
    तुम आओ मेरी कोख में,
    मैं करू तुमसे जी भर कर प्यार,
    जीऊ तुम्हारे साथ बीते हुये दिन,
    दुनिया
    Read More

    मां की ममता,<span>अतुकांत कविता</span>, <span>अन्य</span>
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    कहानीसंस्मरण, लघुकथा

    डरावना सत्य

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 147
    • 8 Mins Read

    डरावना सत्य *
    ************
    सुबह सुबह जैसे ही समाचार पत्र हाथ में लो तो सबसे पहले समाचार दिखाई देगा या तो बलात्कार या शादी का झांसा देकर शोषण ये प्रतिदिन के समाचार है। जितने कानून बन रहे हैं उतनी ही घटनाएं
    Read More

    डरावना सत्य,<span>संस्मरण</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    ऐसी घटनाएं अक्सर तब होते हैं जब माता-पिता बच्चों को अपने विश्वास में कम रखते हैं या बच्चे ही माता-पिता का विश्वास जीतने में असफल रहते हैं।

    Madhu Andhiwal3 years ago

    ये बहुत पुरानी घटना है। शायद हम लोग भी आजकल के बच्चों की तरह नहीं थे इतना खुलापन नहीं था

    कहानीप्रेरणादायक

    सशक्त निर्णय

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 130
    • 11 Mins Read

    सशक्त निर्णय -------
    -----------------------
    ये भी इन्टर नैट की क्या दुनिया है। पता ही नहीं चलता कब किस का मित्रता का निमंन्त्रण आ जाये । मनु सोच रही थी । वह तो बहुत सोच समझ कर मित्रता सूची में जोड़ती थी पर ये प्रतुल
    Read More

    सशक्त निर्णय ,<span>प्रेरणादायक</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    अभिभूत

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 140
    • 3 Mins Read

    अभिभूत -----
    ------------
    मै अभिभूत थी तेरे प्यार में,
    सोचती थी इसे कहां संजोऊ
    रखूं दिल की किस तिजोरी में,
    कैसे बचाऊं सबकी नज़रों से,
    दिन पर दिन निखर ,
    रही थी तेरे प्यार में ,
    सोचती थी कैसे करू इजहार,
    डरती
    Read More

    अभिभूत,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    जिन्दगी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 112
    • 3 Mins Read

    जिन्दगी
    ----------
    तुम समझो ना समझो जिन्दगी,
    हमने तो बहुत करीब से समझा है,
    कभी आती हो खुशियाँ लेकर,
    कभी जाती हो रुला कर,
    बिन धागे की सूई है जिन्दगी,
    सिलती कुछ नहीं बस चुभती जा रही है,
    कभी तूने ना मानी कभी हमने
    Read More

    जिन्दगी,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीलघुकथा

    पहला प्यार

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 147
    • 6 Mins Read

    पहला प्यार----
    ---------------
    अरे काहे को छेड़ दिया ये मीठा सा तराना । अब क्या करे बहुत पहले छोड़ आये वह यादें जहां हम अपने को किसी हीरोइन से कम नहीं समझते थे । छोटी उमरिया के उगते हुये रंगीले सपने । प्यार की
    Read More

    पहला प्यार,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    पराई बच्चियां

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 266
    • 10 Mins Read

    परायी बच्चियां ----
    -----------------
    आज मै समाचारपत्र जैसे ही लेकर प्रातः कुर्सी पर आकर बैठी सबसे पहले उसकी नजर मुख्य हैडिंग पर अटकी बालिका संरक्षण गृह में बच्चियों का शॊषण, मन को विचलित करने वाला समाचार ।
    Read More

    पराई बच्चियां,<span>लघुकथा</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    मार्मिक

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    मर्मस्पर्शी

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कविताअतुकांत कविता

    मनभावन चांद

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 141
    • 2 Mins Read

    चांद को देखो कितना इतराता है,
    कभी बकरों की शामत आती है,
    कभी पतियों पर प्यार लुटाता है,
    कभी आधा कटता है,
    कभी थोड़ा बढ़ता है,
    कभी पूरा हो जाता है ,
    इतना होने पर कभी,
    खुद संकट में आजाता है,
    फिर भी
    Read More

    मनभावन चांद,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीलघुकथा

    एक रोटी और ले लो

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 250
    • 9 Mins Read

    एक रोटी और ले लो
    -------------------_
    सुमि रोटी बना रही थी उसने सबको आवाज दी चलो खाना बन गया । घर के सब सदस्य टेबिल पर आगये । लंच का समय था । आज रविवार था । सब साथ बैठ कर खा रहे थे । सम्मिलित परिवार की बात ही कुछ और
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    एक रोटी और ले लो,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    अलविदा

    • Edited 3 years ago
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    • 270
    • 8 Mins Read

    अलविदा---
    --------
    सूनी सूनी आंखे जर्जर काया एक छोटा सा आश्रम जहां उनको जिन्दगी की आखिरी सांस लेनी है।
    ये उनकी भाग्य रेखा है। कादम्बिनी को अभी 10 दिन पहले ही इस आश्रम की देखभाल के लिये नियुक्त किया है। कादम्बिनी
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    अलविदा,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    नयी जिन्दगी

    • Edited 3 years ago
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    • 196
    • 5 Mins Read

    नई जिंदगी ****
    ***********
    आज पूजा बहुत देर से सोच रही थी कि वह कहां गलत थी ! रजत की कोई बात को आज तक मना नहीं करा ! आज रजत ने सारी सीमा तोड़ दीं ! शादी से अब तक वह सोचती रही कि वह सब ठीक कर लेगी । रजत के सारे दोषों
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    नयी जिन्दगी,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    हां मै एक औरत हूँ

    • Edited 3 years ago
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    • 194
    • 3 Mins Read

    हां मै एक औरत हूँ ----
    -------------
    मै सीता नहीं हूँ सावित्री नहीं हूँ
    पर पुरुष तो राम है,क्योंकि मै औरत हूँ ,
    तुम बाजार की सीमा रोंदो ,
    तो कोई आरोप नहीं ,
    मै यदि आंख उठाकर देख लूं ,
    तो चरित्र हीन हूँ ,
    क्योंकि मैं
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    हां मै एक औरत हूँ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    बढ़िया

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीलघुकथा

    अतीत के घाव

    • Edited 3 years ago
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    • 334
    • 17 Mins Read

    अतीत के घाव
    --------------------
    डा. मणि आज बहुत थक गयी थी । उसे घर भी जल्दी जाना था । उसने अपने सहयोगी डा.रुचि और डा. नवीन को बताया कि वह आज घर जा रही थोड़ा काम मेरा तुम लोग देख लेना । डा. रुचि ने उसको छेड़ा और कहा
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    अतीत के घाव,<span>लघुकथा</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    अच्छा प्रयास है थोड़ी और कसावट की जरूरत है

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    मधु जी आप बेहतरीन लिखती हैं। पर पता नही क्यों इस कहानी में कुछ कमी सी लगी। माफ कीजियेगा बिल्कुल अन्यथा मत लीजियेगा मुझे लगता है कि आपको इस कहानी पर अभी कार्य करने की और ज्यादा जरूरत है। कुछ अधूरापन और कहीं कहीं शब्दों की अधिकता लगी। ??

    Madhu Andhiwal3 years ago

    धन्यवाद, आगे से और ध्यान रखूगी

    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    पति परमेश्वर

    • Edited 3 years ago
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    • 304
    • 8 Mins Read

    पति परमेश्वर.
    --------------
    करवा चौथ का व्रत सुहागिनें बहुत खुश थी । पति की लम्बी आयु के लिये पत्नियाँ पूरी तरह समर्पित होती हैं । मंजरी भी बहुत खुश थी । शादी के बाद पहली करवा चौथ थी। वह इसे जीवन की यादगार
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    पति परमेश्वर,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    स्त्री के मन की व्यथा को कहती रचना। बहुत सुंदर, मगर मैम थोड़ा सा और संवारने की जरूरत है?

    Madhu Andhiwal3 years ago

    कोशिश करती हूँ

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    बहुत ही खूबसूरत कहानी हैं मैम..!? परन्तु ऐसा प्रतीत होता है आपने बहुत ही जल्द बाजी में लिख डाली हो कुछ टंकण त्रुटि भी है बहुत ही उम्दा कहानी है थोड़ा निखार की आवश्यकता है..!????

    Madhu Andhiwal3 years ago

    धन्यवाद हां कुछ टाइप में गलतियाँ हैं

    कहानीलघुकथा

    दोस्ती

    • Edited 3 years ago
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    • 235
    • 9 Mins Read

    दोस्ती---
    -------
    अमला एक शिक्षित महिला थी । अच्छा परिवार दो बड़े बच्चे अच्छा पति सब कुछ तो था उसकी जिन्दगी में । बह स्वतंत्र विचारो की महिला होने के साथ साथ अपने परिवार को पूरी तरह समर्पित थी । बह एक सामाजिक
    Read More

    दोस्ती,<span>लघुकथा</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    मार्मिक

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    मार्मिक

    कहानीलघुकथा

    नमन वीर जवानों को

    • Edited 3 years ago
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    • 202
    • 6 Mins Read

    नमन वीर जवानो को---
    -----------------------
    भयंकर बर्फीला तूफान इतनी धुन्ध आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था । देश के वीर जवानों का होंसला जो कभी कम नहीं होता । अपने टैन्ट में लेटे ही थे कि लगा बाहर दूर से हल्की हल्की
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    नमन वीर जवानों को,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    यादें

    • Edited 3 years ago
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    • 351
    • 15 Mins Read

    यादें -----
    ---------
    सांची आज बहुत उदास थी । बीती बातें बीती यादें कभी कभी उसके मन को व्यथित करती थी । उसका बचपन कितने अभाव और कष्टों में गुजरा था । घर में बीमार मां और दो छोटे भाई बहन । बापू की बहुत छोटी सी
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    यादें,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    त्योहार

    • Edited 3 years ago
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    • 236
    • 6 Mins Read

    त्योहार--
    --------
    रावण दहन होने के बाद दीपावली की शुरू आत हो जाती है। लोग कवाड़ निकाल कर एकत्रित करने लगता हैं। सुधा भी घर की सफाई में जुटी थी । इतना कवाड़ हर साल निकालने के बाद भी बहुत से सामान उठा कर
    Read More

    त्योहार,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    जिन्दगी की राह

    • Edited 3 years ago
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    • 156
    • 2 Mins Read

    जिन्दगी की राह

    हर तरफ धुंध सी छाई क्यों है
    नजरें बोझ से पथराई क्यों हैं
    समय तो समय से गतिमान है मगर
    जिन्दगी एक मोड पर ठहराई क्यों है

    क्यों सफर आसान नहीं जिन्दगी का
    पता क्यों मालूम नहीं मंजिलों
    Read More

    जिन्दगी की राह,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    बहुत... सुन्दर।

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीप्रेरणादायक, लघुकथा

    मानसिकता

    • Edited 3 years ago
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    • 271
    • 6 Mins Read

    #नवरात्रि (प्रतियोगिता)
    मानसिकता +++++
    +--++-+++++++सासु मां सुबह से ही हल्ला मचा रही थी अरे सब जल्दी से नहा लो आज नवदुर्गे व्रत का समापन है। आज हवन होने के बाद कन्या लागुंरा को खाना खिलाते हैं । उसके बाद घर
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    मानसिकता,<span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Comrade Pandit

    Comrade Pandit 3 years ago

    आज के समाज की स्थिति को शब्दो के जाल में बुनकर जो बेहतरीन काम आपने किया है उसके लिए आप तारिफ की हकदार है

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    बहुत ही गहरा संदेश देती अच्छी रचना...! शुभकामनाएं..??

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    संदेशप्रद

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कविताअतुकांत कविता

    अभिभूत

    • Edited 3 years ago
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    • 158
    • 2 Mins Read

    मै अभिभूत थी तेरे प्यार में,
    सोचती थी इसे कहां संजोऊ
    रखूं किस दिल की तिजोरी में,
    कैसे बचाऊं सबकी नज़रों से,
    दिन पर दिन निखर ,
    रही थी तेरे प्यार में ,
    सोचती थी कैसे करू इजहार,
    डरती थी दुनिया की
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    अभिभूत,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Priyanka Tripathi

    Priyanka Tripathi 3 years ago

    Sundar

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कविताअतुकांत कविता

    मेरे जज़्बात

    • Edited 3 years ago
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    • 151
    • 2 Mins Read

    तुम कभी बैठो मेरे पास,
    मुझे अच्छा लगता है,
    तुम्हारा बैठ कर
    अपलक निहारना,
    मुझे अच्छा लगता है,
    तुम छूते हो जब हाथ,
    मुझे अच्छा लगता है,
    तुम्हारे उन हाथों का आलिंगन,
    मुझे अच्छा लगता है,
    तुम चूमते
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    मेरे जज़्बात,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीलघुकथा

    तन्हाई

    • Edited 3 years ago
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    • 111
    • 11 Mins Read

    तन्हाई -----
    ------------_
    सविता जैसे ही बालकनी में सुबह की चाय लेकर बैठी सामने पेड़ पर चिड़ियाँ का जोड़ा बैठा चींची करके एक दूसरे की चोंच पर प्यार कर रहे थे । बहुत देर तक वह अपलक उसे निहारती रही । इन पक्षियों
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    तन्हाई,<span>लघुकथा</span>
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    कहानीलघुकथा

    चुप्पी

    • Edited 3 years ago
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    • 105
    • 2 Mins Read

    चुप्पी---
    ------
    मां चुपचाप सुनती रहती थी ,दादी के व्यंग्य और पापा की गालियां पर मजाल मां के चेहरे पर कोई शिकन आजाये ‌ हम दोनों बहनें थोड़ी बड़ी होगयी । बुरा लगता था मां सब जुल्म सहती रही ‌पर वह मां का
    Read More

    चुप्पी,<span>लघुकथा</span>
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    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    वाह बहुत कुछ कह दिया

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    वाह वाह

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कविताअतुकांत कविता

    करुण अन्त

    • Edited 3 years ago
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    • 113
    • 4 Mins Read

    करुण अन्त
    -------------------

    नन्हीं सी परी उतरी है ,
    आज मां के द्वार,
    सब कर रहे थे ,
    उसका इन्तजार
    पापा की नन्ही गुड़िया ,
    मां की थी परछाई,
    भाई का दुलार थी ,
    दादी का अभिमान,
    परी होती गयी बड़ी,
    सुकोमल काया
    रूप का खजाना
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    करुण अन्त,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    शादी का कार्ड

    • Edited 3 years ago
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    • 197
    • 7 Mins Read

    शादी का कार्ड
    -----------
    मीता को अपने हाथ की यह अंगूठी जो कभी उसके मन में उमंगे जगाती थी उसको देख कर वह भविष्य के सुनहरे सपनों में खो जाती थी । आज वही अंगूठी उसे सांप की केंचुली की तरह नजर आ रही थी । उसके
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    शादी का कार्ड,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    नैतिक मूल्यों के समाप्त होते जाने के ऐसे अनेक उदाहरण हैं, लड़कियों को सावधान होना होगा।

    Madhu Andhiwal3 years ago

    आभार

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    मार्मिक

    Madhu Andhiwal3 years ago

    आभार

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब। लेकिन मुझे लगता है कि इस रचना को थोड़ा और एडिटिंग की जरूरत है कथानक बहुत ही बढ़िया है थोड़ी और एडिटिंग से रचना निखर जाएगी

    Madhu Andhiwal3 years ago

    ये मेरी सबसे पहली रचना थी कल कागज मिल गया मैने पोस्ट कर दीमै भी थोड़ी और कसावट चाह रही थी पर समय नहीं था

    कहानीव्यंग्य

    स्वच्छता अभियान

    • Edited 3 years ago
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    • 260
    • 8 Mins Read

    स्वच्छता अभियान
    -------------
    स्वच्छता अभियान चरम सीमा पर नेता व सम्मानित नागरिकों में होड़ लगी हुई थी कि कौन कौन झाड़ू उठाये जिससे कल समाचार पत्रों में फ्रन्ट फोटो उसका ही
    आये । फोटो छपवाने की व्याकुलता
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    स्वच्छता अभियान,<span>व्यंग्य</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    हां मै एक औरत हूँ

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 200
    • 3 Mins Read

    हां मै एक औरत हूँ ----
    -------------
    मै सीता नहीं हूँ सावित्री नहीं हूँ
    पर पुरुष तो राम है,क्योंकि मै औरत हूँ ,
    तुम बाजार की सीमा रोंदो तो कोई आरोप नहीं ,मै यदि आंख उठाकर देख लूं ,तो चरित्र हीन हूँ ,
    क्योंकि मैं
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    हां मै एक औरत हूँ,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    चैतन्यपूर्ण

    Madhu Andhiwal3 years ago

    धन्यवाद

    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    उत्तम

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीसामाजिक

    पगली

    • Edited 3 years ago
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    • 154
    • 8 Mins Read

    # हिन्दी दिवस # प्रतियोगिता
    पगली
    **********************
    बाहर बहुत शोर था, मेरी आँख खुली आज छुट्टी का दिन था ! रात को सोच कर सोई थी कि देर तक सोऊंगी पर शोर से नींद टूट गई ! नीचे झाँक कर देखा बहुत भीड़ एकत्रित थी
    Read More

    पगली,<span>सामाजिक</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    उफ़्फ़फ़ बहुत ही दर्दनाक। सच में हैवानियत के सिर उठाने की एक वजह ऐसा समाज भी है। बहुत सुंदर रचना लिखी है आपने।

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कविताअतुकांत कविता

    अभिलाषा

    • Edited 3 years ago
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    • 113
    • 4 Mins Read

    अभिलाषा
    --------------
    नारी हां मै एक नारी हूँ ,
    कभी चलती हूँ ,
    कभी ठहरती हूँ,
    कभी मुस्कराती हूँ,
    कभी बिखर जाती हूँ,
    क्या है मेरी जिन्दगी,
    मुझे पता नहीं जब बढ़ती हूँ,
    तो अचानक रोक दी जाती हूँ,
    हर एक के रंग में
    Read More

    अभिलाषा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर परिभाषा नारी की

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीसामाजिक

    किसे बताऊ

    • Edited 3 years ago
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    • 98
    • 7 Mins Read

    किसे बताऊं ---
    ---------------
    रुचिका कालिज से आई आते ही जस्सी को पुकारने लगी ,मां तुम कहां हो ,
    जस्सी अभी खेत से आई थी बोली इतना हल्ला क्यों कर रही है। मां आपको पता है " मी टू " क्या है। जस्सी बिलकुल शान्त रही ।
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    किसे बताऊ,<span>सामाजिक</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    पाखंडी स्वामी

    • Edited 3 years ago
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    • 207
    • 10 Mins Read

    पाखंडी स्वामी
    -------
    कालिज से बहुत थकी आयी थी प्रो .अर्चना मन कर रहा था आराम से कुछ देर लेट लूं ।इतनी देर में डोर वैल बजी उसने देखा उसकी मित्र लतिका थी । उसने आते ही सुनाना शुरू कर दिया की एक स्वामी जी
    Read More

    पाखंडी स्वामी,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    behtrin

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    दादी की परी

    • Edited 3 years ago
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    • 161
    • 7 Mins Read

    दादी की परी ------
    ---------------आज दिन बहुत उदास था । तोषी के प्रसव का समय नजदीक आरहा था ।एक भय मन में समाया था कि सही तरीके से प्रसव निपट जाये । एक अजीब सा डर मन में बैठ गया था । तोषी उसकी इकलौती बहू थी ।जब उसको
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    दादी की परी,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    मेरे जीवनदाता

    • Edited 3 years ago
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    • 665
    • 10 Mins Read

    मेरे जीवन दाता ---
    ---------------------
    आज राम प्रसाद जिसे सब लोग रामू कहते थे बहुत खुश था । खुश अकेला वही नहीं था पूरा परिवार और पूरा गांव मस्ती से झूम रहा था । आज उसका बेटा कलक्टर बन
    गया । कितनी मुश्किल से उसने
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    मेरे जीवनदाता,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    Mridula Maurya

    Mridula Maurya 3 years ago

    बहुत बढ़िया

    Neelima Tigga

    Neelima Tigga 3 years ago

    बहुत खूब. नहले पे दहला

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत बढ़िया

    Madhu Andhiwal3 years ago

    Thanks