Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मैं तुमसे प्रेम करता हूँ - Kumar Sandeep (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

मैं तुमसे प्रेम करता हूँ

  • 169
  • 5 Min Read

मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
इसलिए नहीं कि
तुम देखने में खूबसूरत हो
मैं इसलिए तुमसे प्रेम करता हूँ कि
तुम्हारा मन है अतिसुंदर
तन की प्रशंसा कर
नहीं साबित करना चाहता मैं
स्वयं को सर्वश्रेष्ठ।।

मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
इसलिए नहीं कि
तुम्हारे बाल हैं घुंघराले, आँखें हैं जादूगरी
मैं इसलिए तुमसे प्रेम करता हूँ कि
तुम्हारे अंदर इंसानियत के
हर गुण हैं मौजूद।।

मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
इसलिए नहीं कि
मुझे तुम्हारी संपत्ति, धन, वैभव
को पाने की लालसा है
मैं इसलिए तुमसे प्रेम करता हूँ कि
तुम हो एक नारी
और नारी के तन की सुंदरता
से भी अधिक सुंदर होता है
नारी का मन।।

अफसोस इस बात का है कि
आज के समय में भरते हैं जो दंभ
कहते हैं स्वयं को सबसे बड़ा प्रेमी
वे नहीं समझते नारी की महिमा
उनके लिए नारी की तन की खूबसूरती
मायने रखती है पहले
मेरी नज़र में वे प्रेमी नहीं
सबसे बड़े ढ़ोंगी हैं।।

©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित

1609660285.jpg
user-image
Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

सुंदर

वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg