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तू भी चमकेगा - Kumar Sandeep (Sahitya Arpan)

अतुकांत कवितालयबद्ध कविता

तू भी चमकेगा

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मुश्किल हो चाहे कितनी ही बड़ी
तू घबरा मत!
तू लड़ रोकर नहीं, हँसकर
तू जीवन की कीमत समझ
तू नतमस्तक मत हो
हालात के समक्ष
जीवन का अंत करने का ख्याल
मन से निकाल, और आगे बढ़
हाँ, किसी भी परिस्थिति में
समस्याओं के समक्ष शीश न झूका।।

मुश्किल तुम्हारे मनोबल को तोड़ना चाहेगी
पर हर हाल में तू लड़, मुस्कुराकर
समस्याएं होंगी यकीनन आकार में बड़ी
पर तू रख ख़ुद पर विश्वास और लड़।।

जीवन है बेहद अनमोल, मत भूल
हर समस्या का हल है, यह भी मत भूल
मन को हारने मत दे मुश्किलों से
ख़ुद को संभाल ख़ुद ही।।

दुख और सुख साथ रहेंगे बारी-बारी से
जीवन में, इसलिए कदापि दुख के क्षण
में चिंतित न हो तनिक भी
और है सांस तन में जब तक
कर संघर्ष तू भी चमकेगा एक दिन।।

©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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