कविताअतुकांत कविता
लड़कियों को कमतर समझने वाले
शायद नहीं जानते हैं कि
लड़कियाँ हर असंभव कार्य को
संभव कर सकती हैं
कठिन से कठिन परिस्थिति में भी
ख़ुद को संभाल सकती हैं।।
लड़कियों पर बुरी दृष्टि डालने वाले
अनजान रहते हैं शायद भविष्य से
तभी तो जीवन में सबसे बड़ी भूल
करते हैं कुछ मानव रूपी दानव
लड़कियाँ यदि धारण कर लेगी
काली का रुप,तो उन पापियों का
सर्वनाश सुनिश्चित हो जाएगा।।
लड़कियों को संस्कारहीन कहने वाले
शायद नहीं जानते हैं कि कभी भी
कोई भी लड़कियाँ अपने मात-पिता को
नहीं छोड़ने जाती हैं वृद्ध आश्रम में
बल्कि कुछ लड़के ही समझने लगते हैं
मात-पिता को बोझ, तभी तो
मात-पिता को वृद्ध आश्रम में
रखवा देते हैं, बन जाते हैं कृतघ्न।।
लड़कियों को गर्भ में खत्म कर देने वाले
परिवार की पुकार कभी नही सुनते हैं
ईश्वर भी, ईश्वर भी नही करते हैं माफ
लड़कियों को गर्भ में मारकर
करते हैं सबसे बड़ी भूल
इस भूल की सजा एक दिन ज़रूर
मिलती है, भले ही देर से क्यों न मिले।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित
अनंत शुभकामनाएं संदीप । एक वर्ष के अंदर ही लेखन में बड़े बदलाव नज़र आ रहे हैं। बहुत खूब
स्नेहाशीष बना रहे माता श्री आपका
जी धन्यवाद आपका