कविताअतुकांत कविता
हे भारत माँ!
हम करते हैं प्रणाम तुम्हें
है हमें गर्व कि
हमने जन्म लिया है यहां
हाँ माँ,
है बस इतनी ही ख्वाहिश
जीएंगे और मरेंगे
हम यहीं।।
हे भारत माँ!
नहीं आने देंगे कभी भी
तुम्हारे ऊपर कभी भी
कोई भी संकट
हाँ माँ,
तेरे लिए हम
संकट से लड़ जाएंगे
चाहे गंवानी पड़े जान
हम जान भी गंवाएंगे।।
हे भारत माँ!
हम मानते हैं ख़ुद को सौभाग्यशाली
कि ईश्वर ने हमें
भेजा है तुम्हारे पास
हाँ माँ,
देता हूँ वचन तुम्हें
कि नहीं आने दूंगा कभी
तुम पर कभी भी
कोई आंच।।
हे भारत माँ!
तुम्हारी रक्षा के लिए
सैनिक डटे रहते हैं
सरहद पर हर वक्त
हाँ माँ,
नहीं मोड़ते हैं सैनिक
कभी भी मुश्किलों से मुख
भले देनी पड़ती है
प्राणों की आहुति।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित