प्रेम पर यकीन करता हूँ इसलिए कहानियाँ लिखता हूँ।
जीने की ख्वाहिश रखता हूँ इसलिए कहानियों में जीता हूँ ।
#Followers 5
#Posts 26
#Likes 15
#Comments 9
#Views 6397
#Competition Participated 1
#Competition Won 0
Writer Points 32180
#Posts Read 64
#Posts Liked 3
#Comments Added 2
#Following 3
Reader Points 355
Section | Genre | Rank |
---|---|---|
कहानी | प्रेम कहानियाँ | |
कहानी | उपन्यास | |
कहानी | सस्पेंस और थ्रिलर | |
कहानी | सामाजिक | 4th |
London is the capital city of England.
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
अगले दिन ऑफिस में अमोल चक्रवती समीर के इस्तीफे के बारे में सोचते हुए अपने केबिन में बैठे हुए थे । अपनी तरफ से सारे केल्क्युलेशन करने के बाद उन्हें समीर का ये निर्णय गलत ही लग रहा था । उन्हें फिर
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
रात को ऑफिस से छूटने के बाद काव्या केब में न जाकर अनय के साथ उसकी बाइक पर घर जाने को निकली । अनय की उपस्थिति में हमेशा मुस्कुराती और बातें करती रहने वाली काव्या आज चुपचाप अनय के पीछे बाइक पर बैठी
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
कच्चे रास्ते भाग २१
काव्या और अनय बैठे हुए रूबी की हरकत को बड़े ध्यान से देख रहे थे । रूबी के वापस अपनी जगह पर बैठते ही काव्या ने उससे पूछा, “तुमने उसके साथ ऐसा क्यों किया ?”
काव्या के सवाल पर रूबी
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
भाग २० कच्चे रास्ते
डिनर ब्रेक में आज फिर से काव्या, रूबी और अनय के बीच बातचीत का विषय समीर ही था । रूबी के बार-बार पूछने पर काव्या ने शुकवार की समीर वाली घटना बता दी । काव्या से सब कुछ सुन लेने के
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
भाग १९ कच्चे रास्ते
रूबी के केबिन से बाहर जाने के बाद अमोल चक्रवती ने समीर के रेजिग्नेशन लेटर को दो बार पढ़ा । उन्हें हैरानी इस बात की हो रही थी कि समीर ने इस बारें उनसे एक बार भी बात किए बिना अपना
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
भाग १८
“अनय ! सम्हालो अपने को।”काव्या जोर से चीखी ।
समीर अनय के पीछे अपने हाथों में एक बड़ा सा पत्थर लेकर उस पर प्रहार करने जा ही रहा था कि काव्या जोर से चिल्लाई ।
अनय जैसे ही पीछे की तरफ मुड़ा समीर
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
भाग १७
समीर की बात सुनकर काव्या तेजी से अनय के पीछे जाकर खड़ी हो गई और उसकी बाँह जोर से पकड़ ली । उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि समीर इस तरह की बेहूदा माँग कर सकता है ।उसे अब खुद पर ही पछतावा होने लगा
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
भाग – १६ (कच्चे रास्ते)
समीर, मेरा विश्वास करो ...मैं चाहती हूं लेकिन सिर्फ दोस्त की तरह । मेरे मन में तुम्हारे लिए वो वाली फीलिंग कभी आई ही नहीं जो अनय के लिए है । मुझे अगर थोड़ा सा भी अहसास होता कि तुम
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
भाग १५ (कच्चे रास्ते)
समीर को काव्या के लिए बहुत ही हल्के शब्द उपयोग करते देखकर अनयका गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था । उसने समीर की तरफ अपने सीधे हाथ की उंगली उसे दिखाते हुए जोर से कहा, “समीर ! काव्या के
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
कच्चे रास्ते (भाग १४)
ऑफिस से आने के बाद समीर का पत्र एक बार फिर से पढ़कर और उसके बारें में सोचते हुए काव्या की नींद लग गई थी और जब सुबह ग्यारह बजे के लगभग उसकी नींद खुली तो उसके मन में पहला ख्याल समीर
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
कच्चे रास्ते (भाग १३)
काव्या !
तुम्हें जान कहूँ या जाने-जिगर ? जो भी कहूँ स्वीकार कर लेना क्योंकि तुम हर वक्त मेरे ख्वाबों में मुस्कुराती रहती हो ।
मेरे शरारती होंठों को उस प्यार को जताने की हिम्मत
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
कच्चे रास्ते (भाग १२)
अपनी डेस्क पर बैठी हुई काम में डूबी हुई थी । रूबी ने आकर उसे टोका तो उसे ख्याल आया कि रात के नौ बज चुके है । उसने रूबी से कहा, “तू जा मैं थोड़ी देर में आती हूँ।”
काव्या का जवाब सुनकर
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
कच्चे रास्ते (भाग -११)
आज पूरे बीस दिनों के बाद काव्या ऑफिस आई थी लेकिन ऑफिस में आने के बाद भी वो कुछ खोई-खोई हुई सी ही थी । उसे काम में फिर से अपना मन लगाने में बहुत ही तकलीफ हो रही थी । रह-रहकर बीते
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
कच्चे रास्ते (भाग -१०)
सुबह आठ बजने तक अपने संपर्को का उपयोग करके मनीष ने शालिनी के अंतिम संस्कार की सारी तैयारियाँ फोन के माध्यम से ही कर ली थी । अब वो और राजीव बाहर फ्लैट की सीढ़ियों पर बैठे हुए थे.
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
कच्चे रास्ते (भाग - ९)
बाइक विजिटर पार्किंग एरिया में पार्क कर अनय लिफ्ट की तरफ बढ़ गया । लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर ही थी । उसने राजीव के लिफ्ट तक आने का इन्तजार करते हुए अपनी कलाई घड़ी पर नजर डाली । रात
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
भाग ८
रागिनी की चीख सुनकर अनिकेत अन्दर गया । राजीव अब तक लिफ्ट से नीचे जा चुका था ।
रसोई में रागिनी हाथ में खाली पानी की बोतल लेकर घबराई हुई सी खड़ी थी । अनिकेत ने आसपास नजर डाली लेकिन उसे कुछ दिखाई
Read More
बहुत ख़ूबसूरत लेखन..! दिलचस्प
शुक्रिया भाई साहब
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, सस्पेंस और थ्रिलर, उपन्यास
भाग ७
राजीव और रागिनी के बैडरूम के दरवाजे के ऊपर रही खाली दीवार पर लगी हुई घड़ी की दोनों सुईयाँ आपस में एक होकर मिलने के बाद धीरे धीरे अलग रही थी । डबल बैड के सामने की दीवार पर टँगी हुई राजीव और रागिनी
Read More
भावपूर्ण और दिलचस्प कहानी.. आगे के लिए उत्सुकता.
जी जरुर
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
आज शुक्रवार को ऑफिस में वार्षिकोत्सव की पार्टी थी । ATS Business Solution आज अपने दस साल सफलतापूर्वक पूरे कर चुकी थी । हर साल मार्च में वार्षिक दिन के अवसर पर कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए एक शानदार पार्टी
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
हाथ में मोबाइल पकड़े हुए काव्या काफी देर तक शालिनी के सामने चुपचाप खड़ी रही । शालिनी काव्या और अनय के बीच हुई बातें सुन चुकी थी और उसने अपने और मनीष के बारें में काव्या के मुँह से जो सुना उसके बाद वो
Read More
बहुत सुन्दर.. भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी
शुक्रिया कमलेश जी
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
काव्या का अपने भूतकाल के बारें में जानने की उत्सुकता देखकर शालिनी थोड़ी चिंता में थी कि कहीं उसके भूतकाल की बातों की कड़ी उसके वर्तमान को भी काव्या के सामने खोलकर न रख दे । यही सोचकर वो इस बात को यहीं
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
बाइक आगे बढ़ाते हुए अनय जैसे ही मेन गेट के पास पहुँचा तो वोचमेन ने उसके चेहरे की तरफ अपने हाथ में पकड़ रखी टार्च की रोशनी की ।
अनय को पहचानते हुए वोचमेन जोर से बोला, “कौन ? अनय साब ?”
अनय ने उसकी बात सुनकर
Read More
कहानीसामाजिक, उपन्यास
कच्चे रास्ते (भाग - २)
अन्दर आकर दरवाजे के सामने वाली दीवार के पास रखे हुए सोफे पर काव्या बैठ गई । उसके पास आकर अनय भी सोफे पर अपने दोनों पैर लम्बे कर आराम से बैठ गया ।
पन्द्रह बाय पन्द्रह के हॉल में
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
कच्चे रास्ते (भाग १ )
शुक्रवार की अपनी रात की ड्यूटी पूरी होने के बाद अपने-अपने रूट की कैब का इन्तजार कर आपस में गपशप कर रहे युवा कर्मचारी ATS Business Solution Pvt. Ltd. की बिल्डिंग के बाहर कैंपस में खड़े हुए थे । तभी
Read More
सुविचारप्रेरक विचार
अपना अपना सूरज
समस्याएं चारों तरफ है लेकिन उसका बंटवारा कहीं कम तो कहीं बहुत ज्यादा है। जिनके पास सुविधाएं ज्यादा है उनके सामने समस्याओं का कद छोटा है और जिनके पास सुविधाएं नहीं है वहां समस्याओं
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेम कहानियाँ, उपन्यास
कच्चे रास्ते (साप्ताहिक धारावाहिक)
सतरंगी ख्वाबों में जीती काव्या और अपनी जिन्दगी में बिन्दास रवैया रखने वाला अनय एक ही ऑफिस में काम करते हुए एक दूसरे को दिल दे बैठे । अनय की परवरिश विदेश में हुई
Read More
कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
ईश्वर का घर
‘पापा, दीदी को मत ले जाओ. मैं अब उसके संग कभी नहीं खेलूंगा. प्रॉमिस पापा. मैं उन्हें परेशान भी नहीं करूंगा.’ राजनाथ ने पन्द्रह साल की रानू का हाथ पकड़कर जैसे ही घर की दहलीज से बाहर कदम रखा
Read More
सर वेबसाइट पर मेरी भी एक लघुकथा 'आपके बाद' इसी तरह के विषय पर है कृपया उस पर अपने सुझावों से मेरा मार्गदर्शन करें
शुक्रिया अंकिता जी. आपकी लघुकथा भी बहुत सुंदर है.