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सुविचारअनमोल विचारप्रेरक विचार
जिस तरह इंसान के जन्म की तिथि निश्चित नहीं है ठीक उसी तरह कविता के जन्म की भी तिथि निश्चित नहीं है। कविता कभी भी जन्म ले सकती है। इंसान जन्म लेकर मर जाता है, पर कविता जन्म लेकर कभी नहीं मरती है। कविता हमेशा ही ज़िंदा रहती है। -कुमार संदीप
बहुत सुंदर 👌🏻