सुविचारअनमोल विचारप्रेरक विचार
१)अपनापन की परिभाषा भूलकर निजी स्वार्थ में लीन रहने वाले रिश्तों का खून असमय ही कर देते हैं।
२)मुश्किल, इंसान को एक बेहतरीन इंसान बनने का अवसर प्रदान करती है।
३)माँ जीवन के किसी भी मोड़ पर हार नहीं मानती है। जब बड़े-बड़े चिकित्सक जवाब दे देते हैं, उस अवस्था में भी माँ! संतान की सलामती की दुआ ईश्वर से करना नहीं छोड़ती है।
४)एक आदर्श संतान की ख्वाहिश होती है कि जब जीवन का अंत होने की बारी आए तो उस आखिरी क्षण में भी आँखों के सामने माँ बाऊजी साक्षात विराजमान हों।
५)मुश्किल वक्त में अपनों के संग प्यार भरे दो शब्द का निवेश करने से रिश्तों की आयु में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है।
@कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित