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प्रभु - Kumar Sandeep (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

प्रभु

  • 220
  • 3 Min Read

प्रभु!
हर उस दुखियारे के आँगन में
ख़ुशियों के भर देना
जो कठिन परिस्थिति का साक्षी
बनकर हो जाता है विचलित।।

प्रभु!
हर उस शख्स की हिम्मत में
बढ़ोत्तरी करना जिसका मन
हो जाता है कुछ पल के लिए
प्रतिकूल क्षण में विचलित।।

प्रभु!
जिनके मन में है असंतोष व्याप्त
उन्हें सद्बुद्धि प्रदान करके
उनका जीवन सार्थक बना देना
उन्हें सत्य मार्ग दिखा देना।।

प्रभु!
हर उस शख्स के आँगन में अंतर्मन में
ख़ुशियों के रंग उड़ेल देना
जिसके अंदर विनम्र भाव की कमी नहीं है
जिसका व्यवहार सबसे मधुर है।।

✍️कुमार संदीप

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