मन के भाव लिखती हूँ।
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कविता | लयबद्ध कविता | |
कहानी | व्यंग्य | 4th |
London is the capital city of England.
कवितालयबद्ध कविता
तेरे मेरे दरमियां
*****************
तेरे मेरे दरमियां न जाने कब एक रिश्ता बन गया..
दोस्ती के सफर में न जाने कब हमसफ़र बन गया..
पता नही कब औऱ कैसे गलतफहमियां बढ़ गई...
छोटी-छोटी सी बातें क्यों राई का पहाड़ बन गईं..
कुछ
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कवितालयबद्ध कविता
आजकल पल पल रंग बदल रहे हैं लोग...
शायद गिरगिट को भी फेल कर रहे है लोग..
बढ़ रहा है, दिन-ब-दिन लोगों का अभिमान।
एक दूसरे का शौक से अपमान कर रहे है लोग..
प्रेम शब्द के नाम पर, समर्पण का दिखावा कर..
न जाने क्यों
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कवितालयबद्ध कविता
ज़िन्दगी के सफर में साथ चल रहे थे दोनो ...
अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे थे दोनो ...
एक तेरा साथ ही था मेरे लिए बंदगी ...
फिर भी न जाने क्यों खामोश थी ये ज़िन्दगी ...
*मैं भी मौन तू भी मौन , लफ्जो की खामोशी समझे
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कवितागीत
*भीगी बरसात में तेरा दीदार करती हूँ ...*
*ऐ बेखबर मैं तुमसे प्यार करती हूँ ...*
चाय के बहाने चली आती हूँ ...
शर्मा के,चुपके से,तेरे पास आती हूँ ...
कहना है बहुत कुछ इस पागल दिल को ...
पर कहने से थोड़ा घबराती हूँ
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कवितालयबद्ध कविता
एक रात अकेले में सोचा कब तक युही जिया जाए ...
चलो शुरू कर फ़ेसबुक वहां टाइम पास किया जाए ...
नही जानता थी मुझे ये अपनी ओर खिंच ले जाएगा ...
हमे क्या पता था हमे भी ऑनलाइन इश्क़ हो जाएगा ...
ऑनलाइन इश्क़ का ट्रेंड
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कवितालयबद्ध कविता
वैलेंटाइन तड़का पार्ट-१
हे म्हारै राम जी , मुझे कैसा दीवाना दिया ...
गुलाब के जगह काजू दे कर प्रोपोज़ किया ...
बोला गुलाब की कली तो एक दिन में ढल जाएगी ...
काजू खा पगली कम से कम तेरी सेहत बन जाएगी ...
चॉकलेट
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कवितालयबद्ध कविता
कहाँ गये वो बचपन के दिन
**********************
वो प्यारे से पल, नादान सी बातें
वो हसीन रातें, वो दिन भर की शरारतें।
छोटी छोटी बातों पर रूठना
लड़ना झगड़ना औऱ यारो के मनाने पर मान जाना
संतो बुआ के चबूतरे पर बैठकर घण्टो
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अभी भी ऐड नही हुआ एडिटिंग में ही ऐड करने का ऑप्शन दिया गया है कृपया वही प्रयोग कीजियेगा।
कवितालयबद्ध कविता
~~~कुछ बहके हुए ख्याल~~~~~
कुछ खोए हुए से ख्वाब थे कुछ सोए हुए अहसास थे...
आज चली न जाने कैसी हवा,कुछ बहके हुए ख्याल थे...
जब देखा था उसे मैने पहली बार,हम दोनों के बीच हुई तकरार..
देखकर उसके कंपित अधरो को दिल
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कहानीसंस्मरण
"करते हैं हम हमेसा मस्ती"
क्योंकि जिंदादिल है राजस्थानी हस्ती"
म्हारो प्यारो राजस्थान
जी हाँ मैं हूं राजस्थान के जिले अलवर की तहसील राजगढ़ से
जो अपनी पहाडी व किलो सुंदरता की वजह से प्रसिद्ध हैं,,
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बहुत सुन्दर और विशद वर्णन.. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा..! व्यंजनों के वर्णन से तो मुंह में पानी आ गया..! बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान..! 👌👍
कवितालयबद्ध कविता
★★★★★★मखमली आँचल★★★★★
माँ तेरे मखमली आँचल की ठंडी प्यारी छाँव ...
हर पल रहता , आँचल से लिपटे रहने का चाव ...
माँ के चरणों में सारी दुनिया की जन्नत समाई ...
ईश्वर सभी को मिल नही सकता इसलिए माँ बनाई ...
जब
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कवितालयबद्ध कविता
देखो देखो नया वर्ष हैं आया ...
सबके जीवन मे हर्ष हैं लाया ...
नई हैं आशाएं, नई हैं उम्मीदें....
फिर से मानो नया जोश हैं छाया ...
बहुत कुछ अधूरा रह गया पिछले साल में......
बहुत ख्वाहिशें लेके दाखिल हुए नए साल में....
बुरे
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कवितालयबद्ध कविता
अलविदा अलविदा अब हमने तुमसे कह दिया ...
ना आना फिर लौटकर 2020 तूने सब बदल दिया ...
सब अनजान थे , झूमते गाते रहते हर पल ...
नही थी कोई खबर कैसा होगा आने वाला कल ...
दौड़ रही थी ज़िंदगी सभी की मौज मस्ती में ...
कोविड
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कवितालयबद्ध कविता
मेरा बावरा मन
न जाने क्यों हर पल मेरा मन विचलित रहता है ...
कभी यहां कभी वहा पंछी बन उड़ता रहता है ...
मेरे वश में बिल्कुल भी नही रहता है .…
न जाने हर वक्त किस सोच में डूबा रहता है ...
आखिर चाहता क्या है समझ
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कवितालयबद्ध कविता
चलो आज फिर ...
कुछ मेरी सुनना कुछ अपनी सुनाना ...
कुछ पल के लिए एक दूजे के हमदर्द बनते हैं ...
चलो आज फिर मन की बात करते है ...
भूलकर पुरानी रंजिशों को , माफ करे हर कहासुनी को ...
एक बार फिर से एक दूजे के गले लगते
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कवितालयबद्ध कविता
आज फिर से आँख मेरी भर आईं है
फिर से बीती हुई बात याद आई हैं
भूलने की कोशिश बहुत करती हूँ
उस काली रात को
जब अपनो ने हवा दे डाली बेवजह की बात को।।
आखिर मेरा क्या कसूर था?
क्यों ना हुआ कोई मेरा था?
बस थोडे
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कवितालयबद्ध कविता
हा !मैं थोडी बदल गईं हूँ
या यूं कहूँ थोडी सँभल गई हूँ।
ठोकर खाकर थोडी निखर गईं हूं
जिंदगी जीने के हुनर थोड़ा सीख गई हूँ
अब ना किसी से उम्मीद रखतीं हूँ
ना किसी से हमदर्दी रखती हूँ
क्योंकि समझ गई हूँ
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कवितालयबद्ध कविता
प्रेम एक प्यारा सा अहसास है ...
प्रेम को पाना ही दिल की आस है ...
ये अनोखा रिश्ता भले ही दूर हो या पास है ...
दो धड़कते दिलो में एक ही आत्मा का वास है ...
मिल के तुमसे मिल गई थी जमाने की खुशियां ...
झूम उठता मन मेरा
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कवितालयबद्ध कविता
प्रमाण पत्र
वाह क्या जमाना हैं,ये नई पीढ़ी
हर समय गाती बस एक ही गाना हैं।
जिन बच्चों के लालन पालन बिताया सारा जीवन
अपना तन ,मन -धन करके समर्पण।।
आखिर !!वो ही आज मांगते है,
अपने माता पिता से प्रमाण पत्र
तुमने
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पहले सबके हाथ में घडी़ नहीं थी, मगर वक्त बहुत था और अब सबके पास घडी़ है पर वक्त नहीं है
कवितालयबद्ध कविता
मेरी डायरी
छुपा रखी है दिल के महफूज़ कोने में कही ...
जहा कभी किसी वो डायरी दिखे ही नही ...
मन कि आवाज़ कहने को जब बेकरार होती हूँ ...
मैं दुनिया से गुम हो कर सिर्फ डायरी के पास होती हूँ ...
दुख दर्द इश्क़ से
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कवितालयबद्ध कविता
#बेवजह की बातें
कभी तो भीगे थे साथ मौसम की पहली बारिश में ...
छूटा जो साथ हमारा वरना करते मीठी मीठी बातें ...
क्या याद है तुम्हे , हमारी वो आखिरी मुलाकातें ...
*अब तो रह गई दरमियाँ हमारे , बेवजह की बातें ...*
एक
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कहानीसंस्मरण, व्यंग्य
"मेरी भुलक्कड़"
"अक्सर चीजो को रखकर भूल जाती हूँ"।
"कुछ दिनों पहले की ही बात है।
पतिदेव ने कहा -अरे!!"मेरी गाड़ी की आर.सी देना"।। याद तो है ना कहा रखी हैं या भूल गई हो।।
मैने कहा-"ऐसे कैसे भूल सकती हूँ, मेरी
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कवितालयबद्ध कविता
ख्वाबो के दरख्त
ख्वाबो का दरख्त दिन रात बढ़ता जाता हैं।
विश्वास की मजबूत नींव से
मंजिलों पर सफलता का फूल खिल जाता हैं ।
ख्वाब भी दिन रात की तरह बदलते रहते हैं।
ज्यादा पाने की इच्छा में पल पल रंग
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कवितालयबद्ध कविता
अपना बना के दिल मे ढेरों अरमां जगा के..
छूटा जो साथ तेरा अंधेरे में रोशनी की तरह ...
रंगीन दुनिया से अकेलेपन तक का सफर किया ...
टूटा जो हर सपना पल भर में काँच की तरह ...
*बेरंग सी मैं , कभी धूप कभी छाव की तरह
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कवितालयबद्ध कविता
चाँद का दीदार
*********************
उस चांद की चांदनी भी फीकी पड़ जाएं ...
अगर एक नजर मेरे चांद पर पड़ जाए ...
चाँद तो रोज निकलता है,लेकिन रोज कहां कोई चाँद का दीदार करता है।।
जब होता हैं चाँद का दीदार तब यह चाँद दिल
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कविताअतुकांत कविता
*********दिल का दर्द********
हरीभरी बगिया में मासूम से फूल जैसा खिला था ...
मुझे क्या पता , वो चेहरे पर चेहरा लगाकर मिला था ...
उसकी एक मुस्कुराते अंदाज पर पर दिल गवा बैठी ...
क्या पता था , उसके दिए गम को मैं जिंदगी
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वैसे कविता बढ़िया है.बस मात्राओं पर ध्यान दीजिये ममता जी!
जी जरूर आगे से ध्यान रखूंगी
वर्तनी दोष और शब्द समूह की आवृत्ति व्यवधान पैदा करती है.यथा-उसकी×(उसके)/पर×पर(आवृत्ति),दिए×(दिये)
कवितालयबद्ध कविता
*_खामोश लफ्ज़ ..._*
जब कोई अपना दूर हो जाए दिल से ...
उसकी चाहत में खुद को वार देते है ...
दूर हो कर भी अकेले में उनसे ...
मेरे खामोश लफ्ज़ अक्सर बात करते है ...
जब जब थे पास हमारे दिल के ...
कभी न होंगे जुदा ये दुआ करते
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कवितालयबद्ध कविता
*~~| ज़िन्दगी , ज़िन्दगी तो बस एक खुली किताब है |~~*
खुल के जियो ज़िन्दगी की किताब का हर एक पल ...
इस किताब के पन्नो में कभी धूप तो कभी छाव हैं ...
हौसला रख , जीवन मे आई हर मुश्किलों के ...
इन्ही पन्नो में कही न कही
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कवितालयबद्ध कविता
*_~ |ना जाने नारी कब किस रूप में ढल जाती है | ~_*
जन्म लेते ही न जाने कितने रिश्तो में बंध जाती है ...
एक बेटी बन परिवार को खुशियों से महकाती है ...
बड़े भाई बहन की मानो खुशियो की चाबी बन ...
अपनी शरारतों से , नादानियों
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कवितालयबद्ध कविता
*_~~~~~ | खामोशी बातों में | ~~~~~_*
अक्सर मेरी खामोशी मुझसे,यह बातें किया करती है ...
यहाँ कौन है तेरा अपना जिसके लिए तू जिया करती है ...
तेरी खामोशियों का सदा ही अपनो ने फायदा उठाया है ...
हर समय तेरे साथ गलत करके
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, लघुकथा
~~~~~~~~एक माँ का विश्वास~~~~~~~~
सुन दीपू ! "जब तू ट्यूशन से आ जाये, सीधे मौसी के यहाँ आ जाना मैं वही जा रही हूँ" रमा ने अपने 10 वर्षीय बेटे से कहा।। यह सुनकर बेटे ने बड़े ही विनम्रता से कहा-"ठीक है माँ"।
दीपू ट्यूशन
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जब कोई शब्द बोला जाता है तो उसे हमेशा इनवर्टेड कोमा में लिखते हैं। इसमें अभी बहुत सुधार की आवश्यकता है।
त्रुटियो को जानकर अच्छा लगा आगे से सभी चिन्हों का ध्यान रखूंगी।
तब हटा दीजिये।
अब इस कहानी की हवा निकल चुकी है??
thoda edit kar lijiye ise bhi koi koi line gadbad ho rahi hai. baar baar padhiye aur anawshyak line ko nikal dijiye. sath hi line ke jo shabd galat ho rahe hai unhe theek kar dijiye
धन्यवाद नेहा जी। एक बार फिर पढ़िए औऱ बताइये अब कहा त्रुटि है।।
कवितालयबद्ध कविता
*_कौन कहता खामोशी में बात नही होती ...._*
कौन कहता है बिन पतझड़ बरसात नही होती ...
देखा है हमने अपने आंखों में आंसुओ का सैलाब ...
जब किसी खास इंसान से रूबरू बात नही होती ...
कौन कहता खामोशी में बात नही होती ....
कौन
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कर्तव्यनिष्ठ रमा को 'सुकून से' एक कप चाय 'भी नसीब नहीं होती..! सबको अपना काम तुरंत चाहिए..! सुन्दर रचना..!
धन्यवाद सर जी
कवितालयबद्ध कविता
~~~~|अब बात नही होती|~~~
*बिन मौसम बरसात नही होती*
*मिलने की फरियाद करे तो*
*सुनवाई नही होती*.....
*अब बात नही होती* ........
*काम ज्यादा है, समय नही है*
*अब यह दूरियां बढ़ने लगी है*
*बढ़ती दूरियां कम नही होती* ...
*अब बात नही
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इस रचना में..... नही मे अनुस्वार और आख, दूरिया, कहा शब्द मे चंद्रबिंदु और नजर शब्द मे नुक्ता की त्रुटियाँँ है और कहीं -कहीं लय मे तालमेल नहीं बैठ पा रहा है.... अन्यथा, यह रचना भावो को छूती हुई श्रेष्ठ रचना है। इसमें कोई दो राय नहीं है।
जी धन्यवाद आगे से सभी गलतियों का ध्यान रखूंगी
इस रचना में पद साम्य नहीं है, किसी. में चार तो.किसी में पांच पंक्तियां हैं.,भाव प्रवण रचना जो जीवन की सच्चाई को लिये हुये है मन को छू लेती है, लिखते. रहिये. बढते रहिये
धन्यवाद मैम प्रयास जारी है
नमस्कार। सुंदर, भाव पूर्ण, प्रेम, मन की व्यथा और एकांत को दर्शाती आपकी रचना पढ़ने में सुरुचिपूर्ण और खूबसूरत है। बस हल्का सा और शब्दों के साथ खेलने की आवश्यकता है। धन्यवाद
धन्यवाद सर जी
विरह के भाव से ओतप्रोत सुंदर रचना ..! परन्तु थोड़ी और मेहनत की आवश्यकता प्रतीत होती है, कविता के अनुसार शब्द थोड़ा अपना ताल- मेल नही बैठा पा रहे और टंकण त्रुटि भी है आपने कंहाँ लिखना था कहा लिखा..! कृप्या इस पर भी विशेष ध्यान दें क्योंकि एक गलत शब्द भाव के अर्थ बदल देता है..! क्षमा चाहूँगी.. मुझे भी लेखन की अधिक जानकारी नही परन्तु फिर भी हम एक दूसरे से काफी कुछ सीख सकते है..!?????
धन्यवाद नेहा जी एक दूसरे से सीखने के लिए समीक्षा जरूरी है। आपने मेरी त्रुटियो से अवगत कराया इसके लिए आभारी हूँ।।
"नहीं" सही है । है एकवचन और हैं बहुवचन के लिए। हमारी हिंदी लिखावट त्रुटि रहित हो तो सोने में सुहागा। पता नहीं बार बार लिखने में कुछ कट रहा है मुझसे, क्षमा करें।
अत्यंत भावपूर्ण है ।बात नहीं होने के कारण अच्छे हैं। यदि ग़ज़ल माने तो कहीं कहीं काफ़िया व रदीफ़ की गड़बड़ है। यूँ तो मैं भी विशेषज्ञ नहीं हूँ। जी कुछ अनुस्वार
धन्यवाद सरला जी मैं अपनी त्रुटियो में सुधार लाने की कोशिश करूँगी
अच्छी रचना अच्छी अभिव्यक्ति आगे बढ़ये रहिये ।
जी धन्यवाद
राते/है सभी जगह बिंदु गायब हैं। संयम से लिखेंगी तो रचना गुणवत्तापूर्ण होगी
आपकी रचना अच्छी है ममता जी,लेकिन बिंदु प्रयोगों पर आपका बिल्कुल भी ध्यानाकर्षण नहीं है.कोई भी रचना वर्तनी दोषों से भरकर पाठक को
धन्यवाद अंजू जी मैं आगे से ध्यान रखूंगी की गलती न हो।।???
बहुत भावपूर्ण रचना है ,किसी व्यक्ति से जुड़े हुए बिना मापन वाले प्रेम की विरह को दर्शाती हुई उम्दा रचना ।परंतु किसी किसी पंक्ति में लगा पढ़कर जैसे पंक्तियों का मेल नहीं है केवल दो तीन पंक्तियों में जैसे "अब बस आँखे नम है रहती ,अब बात नहीं होती "। आपसे एक बेहतरीन लेखन की उम्मीद हैं आप टिप्पणी को अन्यथा नहीं लेंगी और बेहतर कोशिश करेंगी ।
धन्यवाद भावना जी कोशिश करूँगी आपकी उम्मीदो पर खरी उतरने की
अब बात नहीं होती, रचना में सचमुच बता न होने के दर्द को विरह को बहुत ही खूबसूरती से बयां किया गया है। भावनाओं से ओतप्रोत उम्दा सृजन। आपकी रचना यूं ही ट्रेडिंग लिस्ट में नहीं होती है, आपकी हर रचना सचमुच में बेहतरीन होती हैं। हार्दिक शुभकामनाएं आपको मैम।
धन्यवाद संदीप जी ।पाठको के बिना लेखन भी अधूरा लगता हैं
अब बात नही होती।। कभी भी बिन मौसम बरसात नही होती, किसी की याद बिना ये आँखे नही रोती,, बहुत दूरियाँ बढ़ गई है उनमे होर हमारे बीच मे, अब हमारी उनसे पहले जैसे बात नही होती।। वो अब अपनी जिन्दगी मे व्यस्त और हम अपनी मे हो गए, दोनो के अब राह हमारे अलग हो गए,, अब करूँ मे उनसे क्या फरियाद, हमारी फरियाद की ही अब है हमेशा मात है होती,, अब हमारी उनसे पहले जैसे बात नही होती।।
????
Rachna Bhut hi sunder h, Pr kuch lines main words MIL NHi rhe Wha change Kr sakte h mam, baki sab words equal h, pr 1st paragraph main Milne Ki फरियाद से पहले बिन मौसम बरसात लाइन मिली नही,
धन्यवाद सर शब्दों के चयन पर अवश्य ध्यान दूँगी
Rachna Bhut hi sunder h, Pr kuch lines main words MIL NHi rhe Wha change Kr sakte h mam, baki sab words equal h, pr 1st paragraph main Milne Ki फरियाद से पहले बिन मौसम बरसात लाइन मिली नही,
बहुत अच्छा लिखा है , शब्दों का चयन भी बहुत अच्छा है ??
धन्यवाद
कवितालयबद्ध कविता
~~~ये फूफा भी कमाल करते है~~~
बुआ ने फूफा से कहा ,भतीजे की शादी का कार्ड आया है ...
कार्ड देख मेरा नाम है ही कहा , ऐसा फूफा सवाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
शादी पक्की कर लिए खुद ही , हमसे तो कुछ ना पूछा
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इतने बुरे भी नहीं होते फूफा, प्राणों में तो मामा अधिक बदनाम है
???
कवितालयबद्ध कविता
*~~~~~ | वो सतरंगी पल | ~~~~~*
ना कोई फिक्र थी ,औऱ ना ही कोई जिक्र था ...
बस था तो मस्ती और लापरवाही से भरा कल ...
ना जाने कहा गया वो मेरा सुनहरा पल ...
*बहुत याद आते है वो सतरंगी पल ...*
मस्त रहते थे अपनी ही मस्ती में ...
अपनो
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कवितालयबद्ध कविता
*कौन बनेगा करोड़पति ...*
सुना है बाए हाथ मे खुजली का मतलब धनलाभ होने को आया ...
अब सुबह से खोपड़ी मे बार बार यही ख्याल है आया ...
आज कहा से मेरी कुंडली मे यह धनलाभ का योग आया ...
हाथ की खुजली भी कमाल करती है ...
धन
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कवितालयबद्ध कविता
*_~~~~~| जब कोई धोखा देता है |~~~~~_*
गरीब जनता से बार बार वोट की अपील करता है ...
क्योंकि आगे चल के हम ही आपके कर्ता धर्ता है ...
जीतने के बाद मजबूर जनता को पैरों तले दबाए रखता है ...
गरीब जनता के साथ वही नेता विश्वास
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कवितालयबद्ध कविता
*_~~~~| मुझे तू अपना सा लगता है |~~~~_*
तुझे देख कर एक ख्बाब दिल मे सजने लगता है ...
दिल ही दिल में अजीब सी तड़पन सा लगता है ...
*पता नही क्यों , मुझे तू अपना सा लगता है ...*
हर घड़ी तेरे इंतजार में दिल बेकरार रहता है ...
एक
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कवितालयबद्ध कविता
यह बाल मजदूर नही , देश का भविष्य है ...
न जाने कुछ लोग इनका बचपन क्यों छीनते है ...
इनके सपनो को सच मे बदलना हमारा काम है ...
यही तो भारत की एकता का दूसरा नाम है ...
*ये मजदूर नही , सुनहरे भारत का अभिमान है ...*
गरीब
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कवितालयबद्ध कविता
#अधूरी दास्तान
*आओ तुम्हे सुनाऊ,प्यार की एक अधूरी दास्तान*
*सफर में हमारा एक दूजे का हाथ पकड़कर साथ साथ चलना*
*बस यूं ही एक प्यारी सी प्यार की कहानी का बनना*
*बहुत याद आता है, एक अजनबी से दिल से लगाव हो
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
*एक हाथ दोस्ती का ...*
आज जो बच्चा फीस नही लाया है वह अपनी अपनी सीट पर खड़े हो जाये । टीचर की यह बात सुनकर रोहन अपनी सीट पर खड़ा हो गया । क्योंकि कक्षा में वही एक ऐसा बच्चा था जिसकी फीस अभी तक जमा नही हुई
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कवितालयबद्ध कविता
*मत करो जीवन नष्ट , ये अद्भुत वरदान है ...*
क्यो करते हो आत्महत्या जैसा जघन्य पाप ...
क्या नही है तुम्हें अपनी जिंदगी से प्यार ...
जिंदगी के सुख दुख से हम सभी अनजान है ...
*मत करो जीवन नष्ट , ये अद्भुत वरदान
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बहुत ही भावपूर्ण और समसामयिक कविता। आज के समय में खासकर युवाओं में यह एक संक्रमण रोग की तरह फैला हुआ है। क्या जीवन सचमुच इतना सस्ता है कि छोटे-छोटे परेशानियों से हार मान ली जाए। कवित्री ने बस सारे भाव उजागर किए हैं जो ऐसा कदम उठाने वालों के घरवालों को झेलना पड़ता है। यदि सोचा जाए कि मां-बाप एक नन्हे जीव को किस मेहनत से पाल पोस कर कर अपने जीवन का एक-एक पल देकर बड़ा करते हैं पर मन से निर्बल होकर जब ऐसा कदम उठाते हैं तो उन परिवारों पर क्या बीतती होगी? ज्यादा से ज्यादा सजगता की जरूरत है इस विषय पर बात करने की जरूरत है तभी इन घटनाओं में कोई कमी आ पाएगी अच्छी रचना।
कवितालयबद्ध कविता
*_मेरे मन मे डर नाम का एक शैतान बैठा रखा है ..._*
अपनो ने ही मेरे दुनिया मे अपना खौफ बढ़ा रखा है ...
अपनी चालाकियों से उन्होंने मुझे कदमों तले दबा रखा है ...
मैं अपनो को खो न दु , इसी बात ने दिल मे कोना बना रखा
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आप अलवर से हैं अच्छा लगा जानकर बहुत सुंदर लिखा है आपने।
जी धन्यवाद
कहानीसामाजिक, व्यंग्य, प्रेरणादायक
*मन की शांति ...*
एक नगर में रामरतन नाम के अपार संपत्ति के धनी सेठ रहते थे । सेठ जी के पास धन संपति तो बहुत थी लेकिन जीवन मे शान्ति नही थी , हमेशा किसी न किसी बात को ले कर परेशान ही रहते थे , वह जीवन शांति
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कवितालयबद्ध कविता, अन्य
#क्या #लिखू #क्या #ना #लिखू
क्या लिखूं क्या न लिखू ये सोचकर फिर मन किया मैं कुछ लिखू
एक माँ की वेदना लिखू या कोख में पलरहे अजन्मे बच्चे की इस धरती पर आने की व्याकुलता लिखू,,,
क्या लिखूं क्या न लिखू
भूख
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बहुत सुंदर। वर्तनी अशुद्धियों पर ध्यान दें तो उत्कृष्ट बन जाएगी
जी धन्यवाद मार्गदर्शन करने के लिए
कवितालयबद्ध कविता
*मेरी ख्वाहिशें*
ज़िंदगी मे ख्वाहिशों का होना जरूरी हैं ...
क्योंकि ख्वाहिशों के बिना ज़िंदगी अधूरी हैं ...
कुछ इस तरह ख्वाहिशों को पूरी करना चाहती हूँ ...
सफलता के पंख लगाकर आसमान में उड़ना चाहती हूं
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कवितालयबद्ध कविता
दिल के सांचे में अश्क ढलता हैं।
जब दिल मे दर्द कोई उठता हैं,
दिल में जो दर्द है उसे कहने को डरता हैं,
कौन है यहाँ जो मेरे दर्द को समझे।
दिल के सांचे में अश्क ढलता हैं।
मन में सवाल बहुत उठते हैं,
बातें
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कवितालयबद्ध कविता, छंद
*हिन्द के वासी हम , हिंदी है अभिमान ...*
विलुप्त हो रही हमारी राष्ट्रव्यापी भाषा हिंदी ...
दिलवाए आने वाली पीढ़ियों को इसका ज्ञान ...
राष्ट्रभाषा हिन्दी को कर के वंदन ...
हिंदी भाषा के प्रचार का शुरू करे
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कविताअतुकांत कविता
हिंदी है हिन्द की शान,
हिंदी तन है हिंदी मन है
हिंदी है मेरा परिचय
हिंदी है मान,हिंदी है सम्मान
हिंदी है मेराअभिमान
हिंदी है भारतीय सभ्यता
व संस्कृति का ज्ञान
हिंदी है राष्ट्र का गौरव
राष्ट्रीय
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कहानीव्यंग्य, प्रेरणादायक
*_हिंदी दिवस ..._* हिंदी का महत्व*
प्रिंसिपल मेम ने सूचना देते हुए कहा ।
सुनो बच्चो १४ सितंबर को हमारे विद्यालय में एक कार्यक्रम रखा जा रहा है , इस कार्यक्रम में सभी बच्चो के माता पिता को अंग्रेजी में
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कविताअतुकांत कविता
एक खत इच्छा के नाम
ओ इच्छा
तुम मेरे मन को क्यों घेरे रहती हैं
क्यों बच्चो की तरह शोर मचाती रहती हैं।।
एक इच्छा पूरी होते ही क्यों दूसरी पैदा हो जाती हैं
तुझे पूरा करने के लिए ना जाने
तू क्या क्या
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सुन्दर... कविता... इच्छा ही जो हमे जीने का मक्सद देती है...
जी धन्यवाद
बेहतरीन इच्छा को भी खत लिखा जा सकता है और वह भी इतना प्यारा सा। क्या कहने। बहुत खूब
कविताअतुकांत कविता
मैं बेटी ना बन पाई
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क्या लिखूँ क्या नही , एक अजब सी उलझन में हूँ ...
कुछ सवालों के जवाब को सुलझाने की सुलझन में हूँ ...
जब बेटी का जन्म हुआ तो कहलाई आँगन की चिड़िया ...
तानो से और बंदिशों से बड़ी हुई
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बहु कितनी भी कोशिश कर ले बहु ही रहती है। और सास कितनी भी कोशिश कर ले सास ही रहती है पर मेरा मानना है कि बहु को बहु और सास को सास रहने दिया जाए बस उनके बीच का प्यार बढ़ता रहे।
कवितालयबद्ध कविता
*सोशल मीडिया का बुखार है छाया*
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छुट्टियों का मौसम क्या आया ...
पोती पोतो से सारा घर भर गया ...
हर कोई अपने अपने मोबाईल में व्यस्त पाया ...
हर किसी पे सोशल मीडिया का बुखार है छाया ...
पूछा जो दादी
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कवितालयबद्ध कविता
हर इंसान के पीछे उसके कर्मो का घड़ा होता है ...
एक मे पाप और दूसरे में पुण्य भरा होता है ...
अपने शब्दों व झूठी शान से दूसरों का दिल दुःखाए जा रहे है ...
पुण्य छोड़ कर अनजाने में न जाने कितने पाप किये जा रहे
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कवितालयबद्ध कविता
शीर्षक -जब कलम चलती है
विषय-चित्र आधारित लेखन
*_जब कलम चलती है ..._*
पतली सी है पर काम बड़े करती है ...
शब्दों के सहारे कोहराम करती है ...
दुनिया से रूबरू करा देती है ...
जब कलम चलती है ...
किसी के जेब मे , किसी के
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कविताअतुकांत कविता
जब बच्चे छोटे होते है।
मन मे कई सवाल पाले होते है
सवालो से घिरा उनका मन
सवाल का जवाब पाने को
सदा उत्साहित रहते है।
एकदिन बिटिया ने बनाई रोटी
थोड़ी टेढ़ी मेढ़ी थी
ना चन्दा जैसी गोल मटोल
ना ही बिंदिया
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नन्हा बच्चा भी कभी-कभी ऐसा प्रश्न करता है कि हमारे होंठों पर मुस्कान बिखर जाता है। इस काव्य रचना की अंतिम की दो पंक्ति एक प्रेरणादायक सीख दे गई। बेहद अनुपम कृति। हार्दिक शुभकामनाएं??यूं ही आप बेहतरीन लिखती रहें।
कवितालयबद्ध कविता
*मासूम परिंदे*
मत काटो इनके पंखों को ये पानी के बुलबुले है ...
इनकी भी इच्छाएं है कुछ महत्वकांक्षाएं है ...
इनका भी एक प्यारा सा बचपन है ...
खेलने दो कूदने दो , थोड़ा मौज में रहने दो ...
कितनी अपेक्षा रखते
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कवितालयबद्ध कविता
ये कलयुग का इंसान है ...
आज इंसान ही इंसान का दुश्मन है ...
बाहर है अपनापन , अंदर से मैला मन है ...
छल कपट कूट कूट के भरा पड़ा है ...
बेईमानी का चोला पहने शान से खड़ा है ...
पहले अपनो का विश्वास व प्यार जीतता है
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जी सत्य कहा इंसान ही इंसान का दुश्मन है।
आदरणीया नेहा जी धन्यवाद
कविताअतुकांत कविता
कुछ तो लोग कहेंगे
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कुछ तो लोग कहेंगे
लोगो का काम है कहना
कब तक हम ये सुनते रहेंगे।
सुनो ऐसे लोगो को अपनी
जूते की नोक पे रखती हूं।
उनकी छोटी सोच को
ठोककर मार कर चलती हूँ
मैं आज की आत्मनिर्भर
नारी
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bahut khub sach me logo ka kaam hai kahna aur humara kaam hai likhna har roz likhna bahut sundar likha
आदरणीया नेहा जी धन्यवाद मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए।
कविताअतुकांत कविता
दो दोस्त थे बड़े अच्छे
एक अमीर तो एक गरीब
एक रहता था आलीशान महल जैसे मकान में।
दूसरा रहता था झपरे से बनी झोपडी में।
जब भी दोनो एक दूसरे से मिलते तो
उधेड़बुन की स्थिति में ही रहते थे।
गरीब दोस्त खुश था
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कविताअतुकांत कविता
मैं एक साधारण सा इंसान हु ,
कुछ लोगो के पैरों तले दबा ...
जो मेरी मेहनत और लगन से ,
मेरे काम से , आज ऊंचाइयों तक है पहुँचा ...
निर्बल , असहाय नही हु मैं ,
बस रोटी की भूख रखता हूँ ...
किसी भी रहम का मोहताज नही ,
बस
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कविताअन्य
" तुम्हारे घर मे एक छोटा सा कोना चाहती हूँ।"
हा !मैं आज तुमसे कुछ मांगना चाहती हूँ।
जो वादे किए थे साथ निभाने के उन वादों को याद दिलाना चाहती हूँ।
आंर्धांगिन हूँ तुम्हारी ये तुम्हे बताना चाहती हूं।
मेरे
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कविताअतुकांत कविता
अपने होठों पर तेरा नाम सजा रखा हैं।
तेरे होंठो पर भी हो मेरा नाम बस
ये अरमान सजा रखा हैं ।।
दिल धड़क जाता हैं सिर्फ तेरे नाम से
कभी तू भी सुन इस दिल की धड़कन बस ये अरमान सजा रखा है.......
हर ख्वाब में अपने
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कविताअन्य
सफर की शुरुआत कर
सफर को जारी रखो
माना इम्तिहान की घड़ी हैं
थोड़ा धैर्य रखो।।
वो मंजर भी आएगा
जब सफलता का दौर
तेरे कदमो को आगे बढ़ाता जायेगा।।
सफलता के सफर में तेरे हाथ
कभी जीत तो कभी हार होगी
कभी आशा
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कहानीप्रेम कहानियाँ
भीगे हैं इस प्यार की बारिश में
एक अहसास के साथ
ये दिल की बात है शब्दो के साथ•••
बेरंग थे हर मौसम , बेरंग सी हर रवानी थी ...
एक समय था जब मेरे सुबह शाम की एक सी कहानी थी ...
न दोस्त थे पुराने न कोई पास था
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