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Sahitya Arpan - Mamta Gupta
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Mamta Gupta

Writer's Pen Name not added

मन के भाव लिखती हूँ।

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    कविता लयबद्ध कविता Third
    कहानी व्यंग्य 4th

    कवितालयबद्ध कविता

    लहज़ा

    • Edited 2 years ago
    Read Now
    • 97
    • 3 Mins Read

    लहजा

    लोग मतलब के वक्त,लहज़ा खास रखते हैं,
    कड़वी जुबां पर, दिखावटी मिठास रखते हैं।
    जल्दी से मतलब पूरा हो,कब लहज़ा बदले,
    आत्मा पे,सच्चे होने का झूठा लिबास रखते हैं।
    न जाने कब किससे,कौनसा काम पड़ जाए,
    इसलिए,आजकल
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    लहज़ा,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    तेरे मेरे दरमियां

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 157
    • 3 Mins Read

    तेरे मेरे दरमियां
    *****************

    तेरे मेरे दरमियां न जाने कब एक रिश्ता बन गया..
    दोस्ती के सफर में न जाने कब हमसफ़र बन गया..

    पता नही कब औऱ कैसे गलतफहमियां बढ़ गई...
    छोटी-छोटी सी बातें क्यों राई का पहाड़ बन गईं..

    कुछ
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    तेरे मेरे दरमियां,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    आजकल पल पल रंग बदल रहे हैं लोग

    • Edited 3 years ago
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    • 192
    • 5 Mins Read

    आजकल पल पल रंग बदल रहे हैं लोग...
    शायद गिरगिट को भी फेल कर रहे है लोग..

    बढ़ रहा है, दिन-ब-दिन लोगों का अभिमान।
    एक दूसरे का शौक से अपमान कर रहे है लोग..

    प्रेम शब्द के नाम पर, समर्पण का दिखावा कर..
    न जाने क्यों
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    आजकल पल पल रंग बदल रहे हैं लोग,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    मै भी मौन तू भी मौन, लफ्जो की खामोशी समझे कौन

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 241
    • 7 Mins Read

    ज़िन्दगी के सफर में साथ चल रहे थे दोनो ...
    अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे थे दोनो ...
    एक तेरा साथ ही था मेरे लिए बंदगी ...
    फिर भी न जाने क्यों खामोश थी ये ज़िन्दगी ...

    *मैं भी मौन तू भी मौन , लफ्जो की खामोशी समझे
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    मै भी मौन तू भी मौन, लफ्जो की खामोशी समझे कौन,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत खूब

    कवितागीत

    बरसात में तेरा दीदार

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 294
    • 4 Mins Read

    *भीगी बरसात में तेरा दीदार करती हूँ ...*
    *ऐ बेखबर मैं तुमसे प्यार करती हूँ ...*

    चाय के बहाने चली आती हूँ ...
    शर्मा के,चुपके से,तेरे पास आती हूँ ...
    कहना है बहुत कुछ इस पागल दिल को ...
    पर कहने से थोड़ा घबराती हूँ
    Read More

     बरसात में तेरा दीदार,<span>गीत</span>
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    Ashutosh Tripathi

    Ashutosh Tripathi 3 years ago

    लाजवाब अभिव्यक्ति👌🏻👌🏻👌🏻👏🏻👏🏻👍🏻

    Naresh Gurjar

    Naresh Gurjar 3 years ago

    बेमिसाल बेहिसाब

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    Rajesh Kr. verma Mridul

    Rajesh Kr. verma Mridul 3 years ago

    सुंदर भाव में काव्य रचना।

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    कवितालयबद्ध कविता

    ऑनलाइन इश्क

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 157
    • 8 Mins Read

    एक रात अकेले में सोचा कब तक युही जिया जाए ...
    चलो शुरू कर फ़ेसबुक वहां टाइम पास किया जाए ...

    नही जानता थी मुझे ये अपनी ओर खिंच ले जाएगा ...
    हमे क्या पता था हमे भी ऑनलाइन इश्क़ हो जाएगा ...

    ऑनलाइन इश्क़ का ट्रेंड
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    ऑनलाइन इश्क,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    वैलेंटाइन तड़का (हास्य)

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 237
    • 8 Mins Read

    वैलेंटाइन तड़का पार्ट-१


    हे म्हारै राम जी , मुझे कैसा दीवाना दिया ...
    गुलाब के जगह काजू दे कर प्रोपोज़ किया ...

    बोला गुलाब की कली तो एक दिन में ढल जाएगी ...
    काजू खा पगली कम से कम तेरी सेहत बन जाएगी ...

    चॉकलेट
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    वैलेंटाइन तड़का (हास्य),<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    कहाँ गए वो बचपन के दिन

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 327
    • 5 Mins Read

    कहाँ गये वो बचपन के दिन
    **********************
    वो प्यारे से पल, नादान सी बातें
    वो हसीन रातें, वो दिन भर की शरारतें।

    छोटी छोटी बातों पर रूठना
    लड़ना झगड़ना औऱ यारो के मनाने पर मान जाना
    संतो बुआ के चबूतरे पर बैठकर घण्टो
    Read More

    कहाँ गए वो बचपन के दिन,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    अभी भी ऐड नही हुआ एडिटिंग में ही ऐड करने का ऑप्शन दिया गया है कृपया वही प्रयोग कीजियेगा।

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    आदरणीया रचना प्रतियोगिता में attach नही की आपने कृपया एडिट कर कर दीजिए

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर

    कवितालयबद्ध कविता

    चेहरा

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 85
    • 3 Mins Read

    चेहरा
    ***********

    सच बताऊँ तुमको एक बात!
    नाराज मत होना तुम जनाब!!
    लोग मिलते है हमेशा चेहरे पर चेहरे लगाकर।
    काले मन पर सफेद झूठ की चादर ओढ़कर।
    अब मुझे कोई अपना नही लगता ।
    हर एक शख्स का चेहरा फरेबी लगता
    जिस पर
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    चेहरा,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    कुछ बहके हुए ख्याल

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 104
    • 4 Mins Read

    ~~~कुछ बहके हुए ख्याल~~~~~

    कुछ खोए हुए से ख्वाब थे कुछ सोए हुए अहसास थे...
    आज चली न जाने कैसी हवा,कुछ बहके हुए ख्याल थे...

    जब देखा था उसे मैने पहली बार,हम दोनों के बीच हुई तकरार..
    देखकर उसके कंपित अधरो को दिल
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    कुछ बहके हुए ख्याल,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    वो अजनबी

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 194
    • 5 Mins Read

    एकदिन एक अजनबी से यूँ मुलाकात हो जाना
    उसकी प्यारी सी मुस्कान देख,मेरे दिल का खों जाना

    भोली सी सूरत देखकर ,बस!!उसका ही हो जाना
    उस अजनबी से बात करने के लिए तरकीबें निकालना।।

    दिन रात बस उसी के बारे में
    Read More

    वो अजनबी,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कहानीसंस्मरण

    म्हारो प्यारो राजगढ़

    • Edited 3 years ago
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    • 182
    • 30 Mins Read

    "करते हैं हम हमेसा मस्ती"
    क्योंकि जिंदादिल है राजस्थानी हस्ती"

    म्हारो प्यारो राजस्थान
    जी हाँ मैं हूं राजस्थान के जिले अलवर की तहसील राजगढ़ से
    जो अपनी पहाडी व किलो सुंदरता की वजह से प्रसिद्ध हैं,,
    Read More

    म्हारो प्यारो राजगढ़,<span>संस्मरण</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर और विशद वर्णन.. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा..! व्यंजनों के वर्णन से तो मुंह में पानी आ गया..! बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान..! 👌👍

    कवितालयबद्ध कविता

    मखमली आँचल

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 261
    • 5 Mins Read

    ★★★★★★मखमली आँचल★★★★★

    माँ तेरे मखमली आँचल की ठंडी प्यारी छाँव ...
    हर पल रहता , आँचल से लिपटे रहने का चाव ...

    माँ के चरणों में सारी दुनिया की जन्नत समाई ...
    ईश्वर सभी को मिल नही सकता इसलिए माँ बनाई ...

    जब
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    मखमली आँचल,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    देखो देखो नया वर्ष है आया

    • Edited 3 years ago
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    • 237
    • 5 Mins Read

    देखो देखो नया वर्ष हैं आया ...
    सबके जीवन मे हर्ष हैं लाया ...
    नई हैं आशाएं, नई हैं उम्मीदें....
    फिर से मानो नया जोश हैं छाया ...

    बहुत कुछ अधूरा रह गया पिछले साल में......
    बहुत ख्वाहिशें लेके दाखिल हुए नए साल में....
    बुरे
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    देखो देखो नया वर्ष है आया,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    वाह, बहुत सुंदर

    कवितालयबद्ध कविता

    अलविदा 2020

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 248
    • 6 Mins Read

    अलविदा अलविदा अब हमने तुमसे कह दिया ...
    ना आना फिर लौटकर 2020 तूने सब बदल दिया ...

    सब अनजान थे , झूमते गाते रहते हर पल ...
    नही थी कोई खबर कैसा होगा आने वाला कल ...

    दौड़ रही थी ज़िंदगी सभी की मौज मस्ती में ...
    कोविड
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    अलविदा 2020,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    अजय मौर्य ‘बाबू’

    अजय मौर्य ‘बाबू’ 3 years ago

    अति सून्दर..

    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    अति सून्दर...।

    बिप्लव कुमार सिंह

    बिप्लव कुमार सिंह 3 years ago

    सुंदर सृजन आदरणीया।

    Mamta Gupta3 years ago

    बहुत बहुत आभार आदरणीय 🙏🙏

    कवितालयबद्ध कविता

    मेरा बावरा मन

    • Edited 3 years ago
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    • 165
    • 4 Mins Read

    मेरा बावरा मन
    न जाने क्यों हर पल मेरा मन विचलित रहता है ...
    कभी यहां कभी वहा पंछी बन उड़ता रहता है ...

    मेरे वश में बिल्कुल भी नही रहता है .…
    न जाने हर वक्त किस सोच में डूबा रहता है ...

    आखिर चाहता क्या है समझ
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    मेरा बावरा मन,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    चलो आज फिर.....

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 193
    • 5 Mins Read

    चलो आज फिर ...

    कुछ मेरी सुनना कुछ अपनी सुनाना ...
    कुछ पल के लिए एक दूजे के हमदर्द बनते हैं ...
    चलो आज फिर मन की बात करते है ...

    भूलकर पुरानी रंजिशों को , माफ करे हर कहासुनी को ...
    एक बार फिर से एक दूजे के गले लगते
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    चलो आज फिर.....,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    आखिर मेरा क्या कसूर था

    • Edited 3 years ago
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    • 202
    • 5 Mins Read

    आज फिर से आँख मेरी भर आईं है
    फिर से बीती हुई बात याद आई हैं

    भूलने की कोशिश बहुत करती हूँ
    उस काली रात को
    जब अपनो ने हवा दे डाली बेवजह की बात को।।

    आखिर मेरा क्या कसूर था?
    क्यों ना हुआ कोई मेरा था?
    बस थोडे
    Read More

    आखिर मेरा क्या कसूर था,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    यह आपकी काफी पुरानी रचना है क्या ?

    कवितालयबद्ध कविता

    हाँ मैं थोड़ी बदल गईं हूँ

    • Edited 3 years ago
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    • 300
    • 4 Mins Read

    हा !मैं थोडी बदल गईं हूँ
    या यूं कहूँ थोडी सँभल गई हूँ।
    ठोकर खाकर थोडी निखर गईं हूं
    जिंदगी जीने के हुनर थोड़ा सीख गई हूँ
    अब ना किसी से उम्मीद रखतीं हूँ
    ना किसी से हमदर्दी रखती हूँ
    क्योंकि समझ गई हूँ
    Read More

    हाँ मैं थोड़ी बदल गईं हूँ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    वाह!

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    थोडा रहैमिंग गड़बड़ा रही है।

    Madhu Andhiwal

    Madhu Andhiwal 3 years ago

    सुन्दर अभिव्यक्ति

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद दीदी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    Bahot Sunder Bhaav.. !

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर्

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सुंदर

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद अंकिता जी

    कवितालयबद्ध कविता

    प्रेम एक अहसास

    • Edited 3 years ago
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    • 156
    • 5 Mins Read

    प्रेम एक प्यारा सा अहसास है ...
    प्रेम को पाना ही दिल की आस है ...

    ये अनोखा रिश्ता भले ही दूर हो या पास है ...
    दो धड़कते दिलो में एक ही आत्मा का वास है ...

    मिल के तुमसे मिल गई थी जमाने की खुशियां ...
    झूम उठता मन मेरा
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    प्रेम एक अहसास,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    प्रमाण पत्र

    • Edited 3 years ago
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    • 181
    • 3 Mins Read

    प्रमाण पत्र

    वाह क्या जमाना हैं,ये नई पीढ़ी
    हर समय गाती बस एक ही गाना हैं।
    जिन बच्चों के लालन पालन बिताया सारा जीवन
    अपना तन ,मन -धन करके समर्पण।।

    आखिर !!वो ही आज मांगते है,
    अपने माता पिता से प्रमाण पत्र
    तुमने
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    प्रमाण पत्र,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    हिचकी

    • Edited 3 years ago
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    • 139
    • 3 Mins Read

    #हिचकी

    भूल गए है भूलने वाले अब याद कहॉ आती हैं ...
    पहले एक हिचकी से ही पता चल जाता था ...

    लेकिन अब हिचकी भी कहाँ आती हैं ...
    शायद हिचकी को भी पता चल गया ...

    आज कल के रिश्ते सिर्फ मतलब के हैं ...
    काम पड़े जब याद किया
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    हिचकी,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    पहले सबके हाथ में घडी़ नहीं थी, मगर वक्त बहुत था और अब सबके पास घडी़ है पर वक्त नहीं है

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    वाह वाह,

    कवितालयबद्ध कविता

    वापसी

    • Edited 3 years ago
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    • 158
    • 3 Mins Read

    #वापसी

    कदम रखे है दुनिया में तूने मुठ्ठी बांधकर ...
    तेरी वापसी होगी खाली हाथ पसार कर ...

    क्यों जोड़ रहा है तन मन निचोड़ कर माया ...
    क्यों सजा रहा बनावटी ढंग से सुंदर काया ...

    इस धरा का इस धरा पर धरा का धरा रह
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    वापसी,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    चैतन्यपूर्ण

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    जीवन की एक कटु वास्तविकता..!!

    कवितालयबद्ध कविता

    मेरी डायरी

    • Edited 3 years ago
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    • 138
    • 4 Mins Read

    मेरी डायरी

    छुपा रखी है दिल के महफूज़ कोने में कही ...
    जहा कभी किसी वो डायरी दिखे ही नही ...

    मन कि आवाज़ कहने को जब बेकरार होती हूँ ...
    मैं दुनिया से गुम हो कर सिर्फ डायरी के पास होती हूँ ...

    दुख दर्द इश्क़ से
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    मेरी डायरी,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    लाजवाब

    Bnl Das

    Bnl Das 3 years ago

    बहुत ही सुंदर कविता । वाह

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    बहुत सुंदर

    कवितालयबद्ध कविता

    बेवजह की बाते

    • Edited 3 years ago
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    • 134
    • 3 Mins Read

    #बेवजह की बातें

    कभी तो भीगे थे साथ मौसम की पहली बारिश में ...
    छूटा जो साथ हमारा वरना करते मीठी मीठी बातें ...
    क्या याद है तुम्हे , हमारी वो आखिरी मुलाकातें ...

    *अब तो रह गई दरमियाँ हमारे , बेवजह की बातें ...*

    एक
    Read More

    बेवजह की बाते,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    लाजवाब

    कवितालयबद्ध कविता

    घर

    • Edited 3 years ago
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    • 209
    • 4 Mins Read

    घर

    माँ मैं पूछना चाहूँ आपसे आज एक सवाल
    मेरा घर कौनसा , मन मे मचा बड़ा बवाल ।

    जहां मैने प्यारी लाडो बनकर जन्म लिया ।
    या वहाँ दुल्हन बन जीवन निर्वाहन किया ।।

    भूल गई अपनी अनगिनत ख्वाहिशों को ,
    मार दिया
    Read More

    घर,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    अद्भुत

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बहुत सुंदर

    कहानीसंस्मरण, व्यंग्य

    मेरी भुलक्कड़

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 273
    • 7 Mins Read

    "मेरी भुलक्कड़"

    "अक्सर चीजो को रखकर भूल जाती हूँ"।

    "कुछ दिनों पहले की ही बात है।
    पतिदेव ने कहा -अरे!!"मेरी गाड़ी की आर.सी देना"।। याद तो है ना कहा रखी हैं या भूल गई हो।।
    मैने कहा-"ऐसे कैसे भूल सकती हूँ, मेरी
    Read More

    मेरी भुलक्कड़,<span>संस्मरण</span>, <span>व्यंग्य</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    वाह वाह

    कवितालयबद्ध कविता

    ख्वाबों का दरख़्त

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 167
    • 4 Mins Read

    ख्वाबो के दरख्त


    ख्वाबो का दरख्त दिन रात बढ़ता जाता हैं।
    विश्वास की मजबूत नींव से
    मंजिलों पर सफलता का फूल खिल जाता हैं ।

    ख्वाब भी दिन रात की तरह बदलते रहते हैं।
    ज्यादा पाने की इच्छा में पल पल रंग
    Read More

    ख्वाबों का दरख़्त,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    चैतन्यपूर्ण

    कवितालयबद्ध कविता

    बैरंग सी मैं,कभी धूप तो कभी छाँव की तरह

    • Edited 3 years ago
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    • 211
    • 3 Mins Read

    अपना बना के दिल मे ढेरों अरमां जगा के..
    छूटा जो साथ तेरा अंधेरे में रोशनी की तरह ...
    रंगीन दुनिया से अकेलेपन तक का सफर किया ...
    टूटा जो हर सपना पल भर में काँच की तरह ...

    *बेरंग सी मैं , कभी धूप कभी छाव की तरह
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    बैरंग सी मैं,कभी धूप तो कभी छाँव की तरह,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Madhu Andhiwal

    Madhu Andhiwal 3 years ago

    उम्दा

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    कवितालयबद्ध कविता

    चाँद का दीदार

    • Edited 3 years ago
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    • 113
    • 6 Mins Read

    चाँद का दीदार
    *********************

    उस चांद की चांदनी भी फीकी पड़ जाएं ...
    अगर एक नजर मेरे चांद पर पड़ जाए ...

    चाँद तो रोज निकलता है,लेकिन रोज कहां कोई चाँद का दीदार करता है।।
    जब होता हैं चाँद का दीदार तब यह चाँद दिल
    Read More

    चाँद का दीदार,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    विलक्षण

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    अद्भुत

    Mamta Gupta3 years ago

    सर जी धन्यवाद

    कवितालयबद्ध कविता

    गोवर्धन

    • Edited 3 years ago
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    • 176
    • 3 Mins Read

    # गोवर्धन

    हे!! मेरे नटखट मदन मुरारी
    देखकर तेरी अद्भुत लीला न्यारी।।

    स्वर्ग देव इंद्र था, देवराज बड़ा अभिमानी।
    मूसलाधार वर्षा से ब्रज हो गया पानी पानी।।

    घबराऐ सब नर नारी,तब आये मेरे चक्रधारी
    छोटी
    Read More

    गोवर्धन,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    विलक्षण

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सुंदर

    Mamta Gupta3 years ago

    जी जय श्री कृष्णा

    कविताअतुकांत कविता

    दिल का दर्द

    • Edited 3 years ago
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    • 383
    • 7 Mins Read

    *********दिल का दर्द********
    हरीभरी बगिया में मासूम से फूल जैसा खिला था ...
    मुझे क्या पता , वो चेहरे पर चेहरा लगाकर मिला था ...

    उसकी एक मुस्कुराते अंदाज पर पर दिल गवा बैठी ...
    क्या पता था , उसके दिए गम को मैं जिंदगी
    Read More

    दिल का दर्द,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Anju Gahlot

    Anju Gahlot 3 years ago

    वैसे कविता बढ़िया है.बस मात्राओं पर ध्यान दीजिये ममता जी!

    Mamta Gupta3 years ago

    जी जरूर आगे से ध्यान रखूंगी

    Anju Gahlot

    Anju Gahlot 3 years ago

    नही×/पहुच×/इंतेजार× /है×(हैं)

    Anju Gahlot

    Anju Gahlot 3 years ago

    वर्तनी दोष और शब्द समूह की आवृत्ति व्यवधान पैदा करती है.यथा-उसकी×(उसके)/पर×पर(आवृत्ति),दिए×(दिये)

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    बढ़िया

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    बहुत खूब।

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    कवितालयबद्ध कविता

    खामोश लफ्ज

    • Edited 3 years ago
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    • 148
    • 3 Mins Read

    *_खामोश लफ्ज़ ..._*

    जब कोई अपना दूर हो जाए दिल से ...
    उसकी चाहत में खुद को वार देते है ...
    दूर हो कर भी अकेले में उनसे ...
    मेरे खामोश लफ्ज़ अक्सर बात करते है ...

    जब जब थे पास हमारे दिल के ...
    कभी न होंगे जुदा ये दुआ करते
    Read More

    खामोश लफ्ज,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    Atyant Bhavpurna ..!

    Neelima Tigga

    Neelima Tigga 3 years ago

    ख़ामोशी बहुत कुछ कह जाती है, समझने वाले के लिए

    कवितालयबद्ध कविता

    ज़िंदगी तो बस एक खुली किताब हैं

    • Edited 3 years ago
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    • 225
    • 6 Mins Read

    *~~| ज़िन्दगी , ज़िन्दगी तो बस एक खुली किताब है |~~*

    खुल के जियो ज़िन्दगी की किताब का हर एक पल ...
    इस किताब के पन्नो में कभी धूप तो कभी छाव हैं ...
    हौसला रख , जीवन मे आई हर मुश्किलों के ...
    इन्ही पन्नो में कही न कही
    Read More

    ज़िंदगी तो बस एक खुली किताब हैं,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    बिल्कुल बहुत सुंदर

    Mamta Gupta3 years ago

    जी...धन्यवाद

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाः

    Mamta Gupta3 years ago

    आदरणीया जी धन्यवाद

    Neelima Tigga

    Neelima Tigga 3 years ago

    सुंदर रचना

    Mamta Gupta3 years ago

    जी ......धन्यवाद

    कवितालयबद्ध कविता

    ना जाने नारी कब किस रूप में ढल जाती है

    • Edited 3 years ago
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    • 238
    • 15 Mins Read

    *_~ |ना जाने नारी कब किस रूप में ढल जाती है | ~_*

    जन्म लेते ही न जाने कितने रिश्तो में बंध जाती है ...
    एक बेटी बन परिवार को खुशियों से महकाती है ...

    बड़े भाई बहन की मानो खुशियो की चाबी बन ...
    अपनी शरारतों से , नादानियों
    Read More

    ना जाने नारी कब किस रूप में ढल जाती है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Comrade Pandit

    Comrade Pandit 3 years ago

    Waaah awesome

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह, नारी तेरे रुप अनेक

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    नारी, तू नारायणी

    कवितालयबद्ध कविता

    खामोशी बातों में

    • Edited 3 years ago
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    • 262
    • 3 Mins Read

    *_~~~~~ | खामोशी बातों में | ~~~~~_*

    अक्सर मेरी खामोशी मुझसे,यह बातें किया करती है ...
    यहाँ कौन है तेरा अपना जिसके लिए तू जिया करती है ...

    तेरी खामोशियों का सदा ही अपनो ने फायदा उठाया है ...
    हर समय तेरे साथ गलत करके
    Read More

    खामोशी बातों में,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    वाह वाह

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक, लघुकथा

    एक माँ का विश्वास

    • Edited 3 years ago
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    • 284
    • 9 Mins Read

    ~~~~~~~~एक माँ का विश्वास~~~~~~~~

    सुन दीपू ! "जब तू ट्यूशन से आ जाये, सीधे मौसी के यहाँ आ जाना मैं वही जा रही हूँ" रमा ने अपने 10 वर्षीय बेटे से कहा।। यह सुनकर बेटे ने बड़े ही विनम्रता से कहा-"ठीक है माँ"।
    दीपू ट्यूशन
    Read More

    एक माँ का विश्वास,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    बहुत... बढ़िया..। औऱ मे ऱ के नीचे बिन्दु नहीं होगा.... और...सही...है।

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    चैतन्यपूर्ण

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    जब कोई शब्द बोला जाता है तो उसे हमेशा इनवर्टेड कोमा में लिखते हैं। इसमें अभी बहुत सुधार की आवश्यकता है।

    Mamta Gupta3 years ago

    त्रुटियो को जानकर अच्छा लगा आगे से सभी चिन्हों का ध्यान रखूंगी।

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    तब हटा दीजिये।

    Mamta Gupta3 years ago

    अब इस कहानी की हवा निकल चुकी है??

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    सुनाई दी के बाद जब हटा दीजिये।

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    लौटा के पूर्ण विराम हटा दीजिये व लिख दीजिये और की जगह पर

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    thoda edit kar lijiye ise bhi koi koi line gadbad ho rahi hai. baar baar padhiye aur anawshyak line ko nikal dijiye. sath hi line ke jo shabd galat ho rahe hai unhe theek kar dijiye

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद नेहा जी। एक बार फिर पढ़िए औऱ बताइये अब कहा त्रुटि है।।

    कवितालयबद्ध कविता

    कौन कहता खामोशी में बात नही होती

    • Edited 3 years ago
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    • 384
    • 3 Mins Read

    *_कौन कहता खामोशी में बात नही होती ...._*

    कौन कहता है बिन पतझड़ बरसात नही होती ...
    देखा है हमने अपने आंखों में आंसुओ का सैलाब ...
    जब किसी खास इंसान से रूबरू बात नही होती ...
    कौन कहता खामोशी में बात नही होती ....

    कौन
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    कौन कहता खामोशी में बात नही होती,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह वाह

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    अद्भुत

    Neelima Tigga

    Neelima Tigga 3 years ago

    सुंदर

    कहानीसामाजिक, लघुकथा

    एक कप चाय

    • Edited 3 years ago
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    • 666
    • 7 Mins Read

    *_~~~~~| एक कप चाय |~~~~_*

    बस चाय बनकर तैयार थी , सभी को चाय देने के बाद जैसे ही रमा कप में चाय डालकर सुकून से पीने बैठी ही थी....तभी जोर से सासु माँ की आवाज आती है -" बहू मेरी पूजा की थाली तैयार कर दी क्या ?
    हाँ ! "माँ
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    एक कप चाय,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 1 year ago

    Sunder Rachna ..!

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    thodi si editing aur kasavat ki jarurat hai kathanak acha hai

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    अद्भुत

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर जी

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    कर्तव्यनिष्ठ रमा को 'सुकून से' एक कप चाय 'भी नसीब नहीं होती..! सबको अपना काम तुरंत चाहिए..! सुन्दर रचना..!

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर जी

    कवितालयबद्ध कविता

    अब बात नही होती

    • Edited 3 years ago
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    • 675
    • 4 Mins Read

    ~~~~|अब बात नही होती|~~~


    *बिन मौसम बरसात नही होती*
    *मिलने की फरियाद करे तो*
    *सुनवाई नही होती*.....
    *अब बात नही होती* ........

    *काम ज्यादा है, समय नही है*
    *अब यह दूरियां बढ़ने लगी है*
    *बढ़ती दूरियां कम नही होती* ...
    *अब बात नही
    Read More

    अब बात नही होती,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    इस रचना में..... नही मे अनुस्वार और आख, दूरिया, कहा शब्द मे चंद्रबिंदु और नजर शब्द मे नुक्ता की त्रुटियाँँ है और कहीं -कहीं लय मे तालमेल नहीं बैठ पा रहा है.... अन्यथा, यह रचना भावो को छूती हुई श्रेष्ठ रचना है। इसमें कोई दो राय नहीं है।

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद आगे से सभी गलतियों का ध्यान रखूंगी

    Rekha Tiwari

    Rekha Tiwari 3 years ago

    इस रचना में पद साम्य नहीं है, किसी. में चार तो.किसी में पांच पंक्तियां हैं.,भाव प्रवण रचना जो जीवन की सच्चाई को लिये हुये है मन को छू लेती है, लिखते. रहिये. बढते रहिये

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद मैम प्रयास जारी है

    शिवम राव मणि

    शिवम राव मणि 3 years ago

    नमस्कार। सुंदर, भाव पूर्ण, प्रेम, मन की व्यथा और एकांत को दर्शाती आपकी रचना पढ़ने में सुरुचिपूर्ण और खूबसूरत है। बस हल्का सा और शब्दों के साथ खेलने की आवश्यकता है। धन्यवाद

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर जी

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    विरह के भाव से ओतप्रोत सुंदर रचना ..! परन्तु थोड़ी और मेहनत की आवश्यकता प्रतीत होती है, कविता के अनुसार शब्द थोड़ा अपना ताल- मेल नही बैठा पा रहे और टंकण त्रुटि भी है आपने कंहाँ लिखना था कहा लिखा..! कृप्या इस पर भी विशेष ध्यान दें क्योंकि एक गलत शब्द भाव के अर्थ बदल देता है..! क्षमा चाहूँगी.. मुझे भी लेखन की अधिक जानकारी नही परन्तु फिर भी हम एक दूसरे से काफी कुछ सीख सकते है..!?????

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद नेहा जी एक दूसरे से सीखने के लिए समीक्षा जरूरी है। आपने मेरी त्रुटियो से अवगत कराया इसके लिए आभारी हूँ।।

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    कहाँ,आंखें, रातें सही होता है।

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    "नहीं" सही है । है एकवचन और हैं बहुवचन के लिए। हमारी हिंदी लिखावट त्रुटि रहित हो तो सोने में सुहागा। पता नहीं बार बार लिखने में कुछ कट रहा है मुझसे, क्षमा करें।

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    नुक्ता का भी ध्यान रखा जाए

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    अत्यंत भावपूर्ण है ।बात नहीं होने के कारण अच्छे हैं। यदि ग़ज़ल माने तो कहीं कहीं काफ़िया व रदीफ़ की गड़बड़ है। यूँ तो मैं भी विशेषज्ञ नहीं हूँ। जी कुछ अनुस्वार

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सरला जी मैं अपनी त्रुटियो में सुधार लाने की कोशिश करूँगी

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    पुनःश्च

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    पुनःश्च

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    ममता जी , आपकी रचना "अब बात नहीं होती"

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    ममता जी , आपकी रचना "अब बात नहीं होती"

    Madhu Andhiwal

    Madhu Andhiwal 3 years ago

    अच्छी रचना अच्छी अभिव्यक्ति आगे बढ़ये रहिये ।

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    Anju Gahlot

    Anju Gahlot 3 years ago

    राते/है सभी जगह बिंदु गायब हैं। संयम से लिखेंगी तो रचना गुणवत्तापूर्ण होगी

    Anju Gahlot

    Anju Gahlot 3 years ago

    अपनी ओर नहीं खींचेगी।नही/करे/है/बाते/

    Anju Gahlot

    Anju Gahlot 3 years ago

    आपकी रचना अच्छी है ममता जी,लेकिन बिंदु प्रयोगों पर आपका बिल्कुल भी ध्यानाकर्षण नहीं है.कोई भी रचना वर्तनी दोषों से भरकर पाठक को

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद अंजू जी मैं आगे से ध्यान रखूंगी की गलती न हो।।???

    Bhawna Sagar Batra

    Bhawna Sagar Batra 3 years ago

    बहुत भावपूर्ण रचना है ,किसी व्यक्ति से जुड़े हुए बिना मापन वाले प्रेम की विरह को दर्शाती हुई उम्दा रचना ।परंतु किसी किसी पंक्ति में लगा पढ़कर जैसे पंक्तियों का मेल नहीं है केवल दो तीन पंक्तियों में जैसे "अब बस आँखे नम है रहती ,अब बात नहीं होती "। आपसे एक बेहतरीन लेखन की उम्मीद हैं आप टिप्पणी को अन्यथा नहीं लेंगी और बेहतर कोशिश करेंगी ।

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद भावना जी कोशिश करूँगी आपकी उम्मीदो पर खरी उतरने की

    Kumar Sandeep

    Kumar Sandeep 3 years ago

    अब बात नहीं होती, रचना में सचमुच बता न होने के दर्द को विरह को बहुत ही खूबसूरती से बयां किया गया है। भावनाओं से ओतप्रोत उम्दा सृजन। आपकी रचना यूं ही ट्रेडिंग लिस्ट में नहीं होती है, आपकी हर रचना सचमुच में बेहतरीन होती हैं। हार्दिक शुभकामनाएं आपको मैम।

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद संदीप जी ।पाठको के बिना लेखन भी अधूरा लगता हैं

    Anil Dhawan Sirsa

    Anil Dhawan Sirsa 3 years ago

    अब बात नही होती।। कभी भी बिन मौसम बरसात नही होती, किसी की याद बिना ये आँखे नही रोती,, बहुत दूरियाँ बढ़ गई है उनमे होर हमारे बीच मे, अब हमारी उनसे पहले जैसे बात नही होती।। वो अब अपनी जिन्दगी मे व्यस्त और हम अपनी मे हो गए, दोनो के अब राह हमारे अलग हो गए,, अब करूँ मे उनसे क्या फरियाद, हमारी फरियाद की ही अब है हमेशा मात है होती,, अब हमारी उनसे पहले जैसे बात नही होती।।

    Mamta Gupta3 years ago

    ????

    Anil Dhawan Sirsa

    Anil Dhawan Sirsa 3 years ago

    Rachna Bhut hi sunder h, Pr kuch lines main words MIL NHi rhe Wha change Kr sakte h mam, baki sab words equal h, pr 1st paragraph main Milne Ki फरियाद से पहले बिन मौसम बरसात लाइन मिली नही,

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर शब्दों के चयन पर अवश्य ध्यान दूँगी

    Anil Dhawan Sirsa

    Anil Dhawan Sirsa 3 years ago

    Rachna Bhut hi sunder h, Pr kuch lines main words MIL NHi rhe Wha change Kr sakte h mam, baki sab words equal h, pr 1st paragraph main Milne Ki फरियाद से पहले बिन मौसम बरसात लाइन मिली नही,

    Comrade Pandit

    Comrade Pandit 3 years ago

    बहुत अच्छा लिखा है , शब्दों का चयन भी बहुत अच्छा है ??

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    वाह वाह

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    अद्भुत

    कवितालयबद्ध कविता

    ये फूफा भी कमाल करते है

    • Edited 3 years ago
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    • 331
    • 8 Mins Read

    ~~~ये फूफा भी कमाल करते है~~~

    बुआ ने फूफा से कहा ,भतीजे की शादी का कार्ड आया है ...
    कार्ड देख मेरा नाम है ही कहा , ऐसा फूफा सवाल करते है ...

    *ये फूफा भी कमाल करते है ...*

    शादी पक्की कर लिए खुद ही , हमसे तो कुछ ना पूछा
    Read More

    ये फूफा भी कमाल करते है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

    बहुत सुन्दर..!!

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    इतने बुरे भी नहीं होते फूफा, प्राणों में तो मामा अधिक बदनाम है

    Mamta Gupta3 years ago

    ???

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    सत्य वचन ममता जी..!?

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद नेहा जी

    कवितालयबद्ध कविता

    वो सतरंगी पल

    • Edited 3 years ago
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    • 374
    • 7 Mins Read

    *~~~~~ | वो सतरंगी पल | ~~~~~*

    ना कोई फिक्र थी ,औऱ ना ही कोई जिक्र था ...
    बस था तो मस्ती और लापरवाही से भरा कल ...
    ना जाने कहा गया वो मेरा सुनहरा पल ...
    *बहुत याद आते है वो सतरंगी पल ...*

    मस्त रहते थे अपनी ही मस्ती में ...
    अपनो
    Read More

    वो सतरंगी पल,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Santosh Kumar

    Santosh Kumar 3 years ago

    Nice

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर जी

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    अद्भुत

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर जी

    कवितालयबद्ध कविता

    कौन बनेगा करोड़पति

    • Edited 3 years ago
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    • 436
    • 15 Mins Read

    *कौन बनेगा करोड़पति ...*

    सुना है बाए हाथ मे खुजली का मतलब धनलाभ होने को आया ...
    अब सुबह से खोपड़ी मे बार बार यही ख्याल है आया ...
    आज कहा से मेरी कुंडली मे यह धनलाभ का योग आया ...

    हाथ की खुजली भी कमाल करती है ...
    धन
    Read More

    कौन बनेगा करोड़पति,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    चैतन्यपूर्ण

    Priyanka Tripathi

    Priyanka Tripathi 3 years ago

    शानदार मस्ती भरा

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद जी

    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    पढ़कर बहुत मज़ा आया

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद स्वाति सौरभ जी

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    ???? मस्त

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद नेहा जी

    कवितालयबद्ध कविता

    जब कोई धोखा देता है

    • Edited 3 years ago
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    • 238
    • 9 Mins Read

    *_~~~~~| जब कोई धोखा देता है |~~~~~_*

    गरीब जनता से बार बार वोट की अपील करता है ...
    क्योंकि आगे चल के हम ही आपके कर्ता धर्ता है ...
    जीतने के बाद मजबूर जनता को पैरों तले दबाए रखता है ...
    गरीब जनता के साथ वही नेता विश्वास
    Read More

    जब कोई धोखा देता है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद नेहा जी

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    बढ़िया

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद पूनम जी

    कवितालयबद्ध कविता

    मुझे तू अपना सा लगता है

    • Edited 3 years ago
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    • 249
    • 9 Mins Read

    *_~~~~| मुझे तू अपना सा लगता है |~~~~_*

    तुझे देख कर एक ख्बाब दिल मे सजने लगता है ...
    दिल ही दिल में अजीब सी तड़पन सा लगता है ...

    *पता नही क्यों , मुझे तू अपना सा लगता है ...*

    हर घड़ी तेरे इंतजार में दिल बेकरार रहता है ...
    एक
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    मुझे तू अपना सा लगता है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर रचना

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद नेहा जी

    कवितालयबद्ध कविता

    निःशब्द

    • Edited 3 years ago
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    • 190
    • 8 Mins Read

    *निःशब्द*

    आज कलम नही चल रही है ...
    हाथ कांप रहे है , रूह कांप रही है ...
    यह वीभत्स घटना सुन कर आज ...
    एक बेटी की आत्मा सवाल कर रही है ...

    कहती है सहमी आवाज़ में अपनी माँ से ...
    ये दुनिया बड़ी जालिम है माँ हम बेटियों
    Read More

    निःशब्द,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    ये मजदूर नही है, सुनहरे भारत का अभिमान है

    • Edited 3 years ago
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    • 130
    • 5 Mins Read

    यह बाल मजदूर नही , देश का भविष्य है ...
    न जाने कुछ लोग इनका बचपन क्यों छीनते है ...
    इनके सपनो को सच मे बदलना हमारा काम है ...
    यही तो भारत की एकता का दूसरा नाम है ...

    *ये मजदूर नही , सुनहरे भारत का अभिमान है ...*

    गरीब
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    ये मजदूर नही है, सुनहरे भारत का अभिमान है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    अधूरी दास्तान

    • Edited 3 years ago
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    • 210
    • 5 Mins Read

    #अधूरी दास्तान

    *आओ तुम्हे सुनाऊ,प्यार की एक अधूरी दास्तान*

    *सफर में हमारा एक दूजे का हाथ पकड़कर साथ साथ चलना*
    *बस यूं ही एक प्यारी सी प्यार की कहानी का बनना*
    *बहुत याद आता है, एक अजनबी से दिल से लगाव हो
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    अधूरी दास्तान,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    बहुत.... खूब..।।

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक

    एक हाथ दोस्ती का

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 269
    • 17 Mins Read

    *एक हाथ दोस्ती का ...*

    आज जो बच्चा फीस नही लाया है वह अपनी अपनी सीट पर खड़े हो जाये । टीचर की यह बात सुनकर रोहन अपनी सीट पर खड़ा हो गया । क्योंकि कक्षा में वही एक ऐसा बच्चा था जिसकी फीस अभी तक जमा नही हुई
    Read More

    एक हाथ दोस्ती का,<span>सामाजिक</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सच्ची दोस्ती..!

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर जी

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    अच्छी रचना...

    कवितालयबद्ध कविता

    मत करो जीवन नष्ट ये अद्भुत वरदान है

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 426
    • 8 Mins Read

    *मत करो जीवन नष्ट , ये अद्भुत वरदान है ...*

    क्यो करते हो आत्महत्या जैसा जघन्य पाप ...
    क्या नही है तुम्हें अपनी जिंदगी से प्यार ...
    जिंदगी के सुख दुख से हम सभी अनजान है ...

    *मत करो जीवन नष्ट , ये अद्भुत वरदान
    Read More

    मत करो जीवन नष्ट ये अद्भुत वरदान है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Swati Sourabh

    Swati Sourabh 3 years ago

    समसामयिक कविता बहुत सुंदर रचना

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    Sushma Tiwari

    Sushma Tiwari 3 years ago

    बहुत ही भावपूर्ण और समसामयिक कविता। आज के समय में खासकर युवाओं में यह एक संक्रमण रोग की तरह फैला हुआ है। क्या जीवन सचमुच इतना सस्ता है कि छोटे-छोटे परेशानियों से हार मान ली जाए। कवित्री ने बस सारे भाव उजागर किए हैं जो ऐसा कदम उठाने वालों के घरवालों को झेलना पड़ता है। यदि सोचा जाए कि मां-बाप एक नन्हे जीव को किस मेहनत से पाल पोस कर कर अपने जीवन का एक-एक पल देकर बड़ा करते हैं पर मन से निर्बल होकर जब ऐसा कदम उठाते हैं तो उन परिवारों पर क्या बीतती होगी? ज्यादा से ज्यादा सजगता की जरूरत है इस विषय पर बात करने की जरूरत है तभी इन घटनाओं में कोई कमी आ पाएगी अच्छी रचना।

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    सुन्दर भाव..!

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर जी

    कवितालयबद्ध कविता

    मेरे मन मे डर नाम का शैतान

    • Edited 3 years ago
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    • 199
    • 7 Mins Read

    *_मेरे मन मे डर नाम का एक शैतान बैठा रखा है ..._*

    अपनो ने ही मेरे दुनिया मे अपना खौफ बढ़ा रखा है ...
    अपनी चालाकियों से उन्होंने मुझे कदमों तले दबा रखा है ...
    मैं अपनो को खो न दु , इसी बात ने दिल मे कोना बना रखा
    Read More

    मेरे मन मे डर नाम का शैतान,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    आप अलवर से हैं अच्छा लगा जानकर बहुत सुंदर लिखा है आपने।

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    कहानीसामाजिक, व्यंग्य, प्रेरणादायक

    मन की शान्ति

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 215
    • 26 Mins Read

    *मन की शांति ...*

    एक नगर में रामरतन नाम के अपार संपत्ति के धनी सेठ रहते थे । सेठ जी के पास धन संपति तो बहुत थी लेकिन जीवन मे शान्ति नही थी , हमेशा किसी न किसी बात को ले कर परेशान ही रहते थे , वह जीवन शांति
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    मन की शान्ति,<span>सामाजिक</span>, <span>व्यंग्य</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    धैर्य और संतोष सबसे बड़े गुण हैं, जिसने पा लिया, धन्य हो गया।

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    मन की शान्ति मन में ही छुपी है

    Sagar A

    Sagar A 3 years ago

    ?

    कवितालयबद्ध कविता, अन्य

    क्या लिखू क्या ना लिखू

    • Edited 3 years ago
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    • 190
    • 6 Mins Read

    #क्या #लिखू #क्या #ना #लिखू
    क्या लिखूं क्या न लिखू ये सोचकर फिर मन किया मैं कुछ लिखू
    एक माँ की वेदना लिखू या कोख में पलरहे अजन्मे बच्चे की इस धरती पर आने की व्याकुलता लिखू,,,
    क्या लिखूं क्या न लिखू
    भूख
    Read More

    क्या लिखू क्या ना लिखू,<span>लयबद्ध कविता</span>, <span>अन्य</span>
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    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    बहुत सुंदर। वर्तनी अशुद्धियों पर ध्यान दें तो उत्कृष्ट बन जाएगी

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद मार्गदर्शन करने के लिए

    कवितालयबद्ध कविता

    मेरी ख्वाहिशें

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 140
    • 4 Mins Read

    *मेरी ख्वाहिशें*

    ज़िंदगी मे ख्वाहिशों का होना जरूरी हैं ...
    क्योंकि ख्वाहिशों के बिना ज़िंदगी अधूरी हैं ...

    कुछ इस तरह ख्वाहिशों को पूरी करना चाहती हूँ ...
    सफलता के पंख लगाकर आसमान में उड़ना चाहती हूं
    Read More

    मेरी ख्वाहिशें,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    दिल के सांचे में अश्क ढलता है

    • Edited 3 years ago
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    • 93
    • 3 Mins Read

    दिल के सांचे में अश्क ढलता हैं।

    जब दिल मे दर्द कोई उठता हैं,
    दिल में जो दर्द है उसे कहने को डरता हैं,
    कौन है यहाँ जो मेरे दर्द को समझे।
    दिल के सांचे में अश्क ढलता हैं।

    मन में सवाल बहुत उठते हैं,
    बातें
    Read More

    दिल के सांचे में अश्क ढलता है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता, छंद

    हिन्द के वासी हम , हिंदी है अभिमान ...

    • Edited 3 years ago
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    • 142
    • 7 Mins Read

    *हिन्द के वासी हम , हिंदी है अभिमान ...*

    विलुप्त हो रही हमारी राष्ट्रव्यापी भाषा हिंदी ...
    दिलवाए आने वाली पीढ़ियों को इसका ज्ञान ...
    राष्ट्रभाषा हिन्दी को कर के वंदन ...
    हिंदी भाषा के प्रचार का शुरू करे
    Read More

    हिन्द के वासी हम , हिंदी है अभिमान ...,<span>लयबद्ध कविता</span>, <span>छंद</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    हिंदी है हिन्द की शान

    • Edited 3 years ago
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    • 146
    • 3 Mins Read

    हिंदी है हिन्द की शान,
    हिंदी तन है हिंदी मन है
    हिंदी है मेरा परिचय
    हिंदी है मान,हिंदी है सम्मान
    हिंदी है मेराअभिमान
    हिंदी है भारतीय सभ्यता
    व संस्कृति का ज्ञान
    हिंदी है राष्ट्र का गौरव
    राष्ट्रीय
    Read More

    हिंदी है हिन्द की शान,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कहानीव्यंग्य, प्रेरणादायक

    हिंदी दिवस-हिंदी का महत्व

    • Edited 3 years ago
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    • 271
    • 31 Mins Read

    *_हिंदी दिवस ..._* हिंदी का महत्व*

    प्रिंसिपल मेम ने सूचना देते हुए कहा ।
    सुनो बच्चो १४ सितंबर को हमारे विद्यालय में एक कार्यक्रम रखा जा रहा है , इस कार्यक्रम में सभी बच्चो के माता पिता को अंग्रेजी में
    Read More

    हिंदी दिवस-हिंदी का महत्व,<span>व्यंग्य</span>, <span>प्रेरणादायक</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत अच्छी और प्रेरणादायी रचना..!

    Vinay Kumar Gautam

    Vinay Kumar Gautam 3 years ago

    बेहतरीन लिखा आपने

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    एक खत इच्छा के नाम

    • Edited 3 years ago
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    • 147
    • 4 Mins Read

    एक खत इच्छा के नाम
    ओ इच्छा
    तुम मेरे मन को क्यों घेरे रहती हैं
    क्यों बच्चो की तरह शोर मचाती रहती हैं।।
    एक इच्छा पूरी होते ही क्यों दूसरी पैदा हो जाती हैं
    तुझे पूरा करने के लिए ना जाने
    तू क्या क्या
    Read More

    एक खत इच्छा के नाम,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह जी

    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    सुन्दर... कविता... इच्छा ही जो हमे जीने का मक्सद देती है...

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बेहतरीन इच्छा को भी खत लिखा जा सकता है और वह भी इतना प्यारा सा। क्या कहने। बहुत खूब

    कविताअतुकांत कविता

    जिंदगी

    • Edited 3 years ago
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    • 112
    • 4 Mins Read

    जीवन है अनमोल,जीवन से प्यार कर
    बस जीवन को यू ही ना बर्बाद कर।।

    सुख दुःख का थोड़ा सा तो हिसाब रख
    सुख के दिनों में बस इतना करना,
    दुःख के दिनों को भी याद रखना
    कैसे कटा, कैसे कट रहा और कैसे कटेगा
    जिंदगी के
    Read More

    जिंदगी,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Madhu Andhiwal

    Madhu Andhiwal 3 years ago

    सुन्दर

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    क्यों लगता है मैं बहू से बेटी ना बन पाई

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 150
    • 13 Mins Read

    मैं बेटी ना बन पाई
    **************************

    क्या लिखूँ क्या नही , एक अजब सी उलझन में हूँ ...
    कुछ सवालों के जवाब को सुलझाने की सुलझन में हूँ ...
    जब बेटी का जन्म हुआ तो कहलाई आँगन की चिड़िया ...
    तानो से और बंदिशों से बड़ी हुई
    Read More

    क्यों लगता है मैं बहू से बेटी ना बन पाई,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहु कितनी भी कोशिश कर ले बहु ही रहती है। और सास कितनी भी कोशिश कर ले सास ही रहती है पर मेरा मानना है कि बहु को बहु और सास को सास रहने दिया जाए बस उनके बीच का प्यार बढ़ता रहे।

    कवितालयबद्ध कविता

    सोशल मीडिया का बुखार है छाया

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 311
    • 18 Mins Read

    *सोशल मीडिया का बुखार है छाया*
    *********************************
    छुट्टियों का मौसम क्या आया ...
    पोती पोतो से सारा घर भर गया ...
    हर कोई अपने अपने मोबाईल में व्यस्त पाया ...
    हर किसी पे सोशल मीडिया का बुखार है छाया ...

    पूछा जो दादी
    Read More

    सोशल मीडिया का बुखार है छाया,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    बुखार से कोरोना बन गया है

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    राम मिलाई जोडी़

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर जी

    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    सुंदर

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत मज़ेदार फेसबुकिया बुखार..!

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर्

    कवितालयबद्ध कविता

    पाप और पुण्य

    • Edited 3 years ago
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    • 219
    • 7 Mins Read

    हर इंसान के पीछे उसके कर्मो का घड़ा होता है ...
    एक मे पाप और दूसरे में पुण्य भरा होता है ...

    अपने शब्दों व झूठी शान से दूसरों का दिल दुःखाए जा रहे है ...
    पुण्य छोड़ कर अनजाने में न जाने कितने पाप किये जा रहे
    Read More

    पाप और पुण्य,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    paap punya ke upar bahut sundar rachna likhi aapne

    कवितालयबद्ध कविता

    जब कलम चलती है

    • Edited 3 years ago
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    • 173
    • 7 Mins Read

    शीर्षक -जब कलम चलती है
    विषय-चित्र आधारित लेखन

    *_जब कलम चलती है ..._*

    पतली सी है पर काम बड़े करती है ...
    शब्दों के सहारे कोहराम करती है ...
    दुनिया से रूबरू करा देती है ...
    जब कलम चलती है ...

    किसी के जेब मे , किसी के
    Read More

    जब कलम चलती है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत ही बढ़िया

    Mamta Gupta3 years ago

    आदरणीया जी धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    माँ आपकी पहली रोटी कैसी थी

    • Edited 3 years ago
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    • 298
    • 7 Mins Read

    जब बच्चे छोटे होते है।
    मन मे कई सवाल पाले होते है
    सवालो से घिरा उनका मन
    सवाल का जवाब पाने को
    सदा उत्साहित रहते है।

    एकदिन बिटिया ने बनाई रोटी
    थोड़ी टेढ़ी मेढ़ी थी
    ना चन्दा जैसी गोल मटोल
    ना ही बिंदिया
    Read More

    माँ आपकी पहली रोटी कैसी थी,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kumar Sandeep

    Kumar Sandeep 3 years ago

    नन्हा बच्चा भी कभी-कभी ऐसा प्रश्न करता है कि हमारे होंठों पर मुस्कान बिखर जाता है। इस काव्य रचना की अंतिम की दो पंक्ति एक प्रेरणादायक सीख दे गई। बेहद अनुपम कृति। हार्दिक शुभकामनाएं??यूं ही आप बेहतरीन लिखती रहें।

    कवितालयबद्ध कविता

    मासूम परिंदे

    • Edited 3 years ago
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    • 364
    • 6 Mins Read

    *मासूम परिंदे*

    मत काटो इनके पंखों को ये पानी के बुलबुले है ...
    इनकी भी इच्छाएं है कुछ महत्वकांक्षाएं है ...

    इनका भी एक प्यारा सा बचपन है ...
    खेलने दो कूदने दो , थोड़ा मौज में रहने दो ...

    कितनी अपेक्षा रखते
    Read More

    मासूम परिंदे,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    चैतन्यपूर्ण

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    विलक्षण

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर..!

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद सर

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    bahut hi bhavuk rachna

    Mamta Gupta3 years ago

    नेहा जी धन्यवाद

    कवितालयबद्ध कविता

    ये कलयुग का इंसान है

    • Edited 3 years ago
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    • 409
    • 4 Mins Read

    ये कलयुग का इंसान है ...

    आज इंसान ही इंसान का दुश्मन है ...
    बाहर है अपनापन , अंदर से मैला मन है ...

    छल कपट कूट कूट के भरा पड़ा है ...
    बेईमानी का चोला पहने शान से खड़ा है ...

    पहले अपनो का विश्वास व प्यार जीतता है
    Read More

    ये कलयुग का इंसान है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    Kumar Sandeep

    Kumar Sandeep 3 years ago

    यथार्थ

    Naresh Gurjar

    Naresh Gurjar 3 years ago

    बहुत खूब

    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    यह दुनिया है , यहां भांति-भांति के लोग हैं।

    Neelima Tigga

    Neelima Tigga 3 years ago

    वास्तवता

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    सच्चाई है

    Mamta Gupta3 years ago

    धन्यवाद आ0 जी

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    चैतन्यपूर्ण

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    जी सत्य कहा इंसान ही इंसान का दुश्मन है।

    Mamta Gupta3 years ago

    आदरणीया नेहा जी धन्यवाद

    कविताअतुकांत कविता

    कुछ तो लोग कहेंगे

    • Edited 3 years ago
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    • 259
    • 6 Mins Read

    कुछ तो लोग कहेंगे
    ******************************
    कुछ तो लोग कहेंगे
    लोगो का काम है कहना
    कब तक हम ये सुनते रहेंगे।
    सुनो ऐसे लोगो को अपनी
    जूते की नोक पे रखती हूं।
    उनकी छोटी सोच को
    ठोककर मार कर चलती हूँ
    मैं आज की आत्मनिर्भर
    नारी
    Read More

    कुछ तो लोग कहेंगे,<span>अतुकांत कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    bahut khub sach me logo ka kaam hai kahna aur humara kaam hai likhna har roz likhna bahut sundar likha

    Mamta Gupta3 years ago

    आदरणीया नेहा जी धन्यवाद मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए।

    कविताअतुकांत कविता

    महल और झोपडी

    • Edited 3 years ago
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    • 454
    • 10 Mins Read

    दो दोस्त थे बड़े अच्छे
    एक अमीर तो एक गरीब
    एक रहता था आलीशान महल जैसे मकान में।
    दूसरा रहता था झपरे से बनी झोपडी में।
    जब भी दोनो एक दूसरे से मिलते तो
    उधेड़बुन की स्थिति में ही रहते थे।
    गरीब दोस्त खुश था
    Read More

    महल और झोपडी,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    बिना स्वार्थ के सारथी बनो

    • Edited 3 years ago
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    • 393
    • 7 Mins Read

    मैं एक साधारण सा इंसान हु ,
    कुछ लोगो के पैरों तले दबा ...
    जो मेरी मेहनत और लगन से ,
    मेरे काम से , आज ऊंचाइयों तक है पहुँचा ...

    निर्बल , असहाय नही हु मैं ,
    बस रोटी की भूख रखता हूँ ...
    किसी भी रहम का मोहताज नही ,
    बस
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    बिना स्वार्थ के सारथी बनो,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअन्य

    तुम्हारे घर में एक छोटा सा कोना चाहती हूँ

    • Edited 3 years ago
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    • 135
    • 6 Mins Read

    " तुम्हारे घर मे एक छोटा सा कोना चाहती हूँ।"

    हा !मैं आज तुमसे कुछ मांगना चाहती हूँ।
    जो वादे किए थे साथ निभाने के उन वादों को याद दिलाना चाहती हूँ।
    आंर्धांगिन हूँ तुम्हारी ये तुम्हे बताना चाहती हूं।
    मेरे
    Read More

    तुम्हारे घर में एक छोटा सा कोना चाहती हूँ,<span>अन्य</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    वाह

    Mamta Gupta3 years ago

    जी शुक्रिया

    कविताअतुकांत कविता

    अरमान सजा रखा हैं

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 136
    • 5 Mins Read

    अपने होठों पर तेरा नाम सजा रखा हैं।
    तेरे होंठो पर भी हो मेरा नाम बस
    ये अरमान सजा रखा हैं ।।

    दिल धड़क जाता हैं सिर्फ तेरे नाम से
    कभी तू भी सुन इस दिल की धड़कन बस ये अरमान सजा रखा है.......

    हर ख्वाब में अपने
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    अरमान सजा रखा हैं,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअन्य

    सुकून

    • Edited 3 years ago
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    • 218
    • 3 Mins Read

    सुनो
    बड़े इतराते हो
    दौलत का धमण्ड
    बड़ा दिखाते हो
    भरपूर सुख सुविधाओं
    में जीवन व्यतीत करते हो
    लेकिन इन सुख सुविधा से
    आराम तुम्हें मिल जाता होगा
    लेकिन सुकून कहा मिल पाता होगा
    कभी चोरी,कभी टैक्स का डर
    तो
    Read More

    सुकून,<span>अन्य</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    अद्भुत

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद

    कविताअन्य

    सफर जारी रखो

    • Edited 3 years ago
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    • 76
    • 4 Mins Read

    सफर की शुरुआत कर
    सफर को जारी रखो
    माना इम्तिहान की घड़ी हैं
    थोड़ा धैर्य रखो।।
    वो मंजर भी आएगा
    जब सफलता का दौर
    तेरे कदमो को आगे बढ़ाता जायेगा।।
    सफलता के सफर में तेरे हाथ
    कभी जीत तो कभी हार होगी
    कभी आशा
    Read More

    सफर जारी रखो,<span>अन्य</span>
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    कहानीप्रेम कहानियाँ

    दिल की बात शब्दो के साथ #बारिश वाला प्यार

    • Edited 3 years ago
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    • 299
    • 15 Mins Read

    भीगे हैं इस प्यार की बारिश में
    एक अहसास के साथ
    ये दिल की बात है शब्दो के साथ•••


    बेरंग थे हर मौसम , बेरंग सी हर रवानी थी ...
    एक समय था जब मेरे सुबह शाम की एक सी कहानी थी ...

    न दोस्त थे पुराने न कोई पास था
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    दिल की बात शब्दो के साथ #बारिश वाला प्यार,<span>प्रेम कहानियाँ</span>
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    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    चैतन्यपूर्ण

    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    BHAVBHEENI RACHNA.

    Mamta Gupta3 years ago

    जी धन्यवाद