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London is the capital city of England.
कविताअन्य
इक इक लम्हां
इक इक लम्हां, हर इक लम्हां मैं,,
सोचता हूँ रहता तेरे बारे मे,
कैसे अन्जान से तुम मेरे अपने बन गए,,
जैसे हमेशा से ही तुम रहते हो साथ मेरे,,
मीठी मीठी बाँते तुम्हारी, हमेशा सुनने को दिल चाहता,
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कविताअतुकांत कविता
मैं हिन्द की भाषा हिन्दी हूँ।।
मैं देवनागरी लिपि हूँ,, मैं ही संस्कृत हूँ,,
मैं कही वर्ण, तो कही शब्द हूँ,,
मैं ही संज्ञा, सर्वनाम हूँ,, मैं अलंकार हूँ,,
मैं शक्ति मै ही भक्ति हूँ,,
मैं कही चाँद बिन्दु
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कविताअतुकांत कविता
दोस्ती क्या है ?
दोस्ती एक एहसास है, दोस्ती एक विश्वास है,,
चाहे दोस्त दूर है, चाहे दोस्त पास है,,
दोस्ती कुछ अनकहे अल्फाज़ है,
दोस्ती दिल के खुले हुए कुछ राज़ है,,
दोस्ती अपने आप मे ही रिश्ता खास है,
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जी दोस्ती पर जितना लिखा जाए कम ही है बढ़िया लिखा है आपने
Shukriya mam
कविताअन्य
मैं मातृ भाषा हूँ। (मेरी पहचान)
जो है मेरी पहचान, मेरी वही रहने दो,
मुझे ना तुम जात -पात मे डालो,
हूँ जैसी मैं, मुझे वैसे ही अपनालो,
हूँ माँ के समान तुम्हारी,
मैं मातृ भाषा हूँ, मुझे तुम अपने
मन मस्तिष्क
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हिंदी दिवस आने वाला है और उस पर आपकी रचना बहुत खूब
Shukriya mam
बहुत खूब राधा कृष्ण की छवि उभारती हुई रचना
ji mam
कविताअतुकांत कविता
#27अगस्त 2020
विषयः चित्र लेखन
शीर्षकः अक्सर भूल जाते है लोग।।
एक दूसरे को नीचा गिराने के चक्कर मे,
अपने फर्ज, अपने कर्म अपनी इंसानियत तक को,,
अक्सर भूल जाते है लोग,,
खुद ही सबसे ऊँचा दिखना चाहते है लोग,,
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कविताअन्य
मैं खुश हूँ मेरी झोपड़ी मे।।
बेशक आलीशान होगा, तुम्हारा महल,,
नही कमी होगी वहा किसी भी सामान की,,
सब होगी जरूरी चीजे बेशक आराम की,,
एक अलग ही नजारा होगा जानता हूँ,,,
मैं तुम्हारे महल मे ।
जानता हूँ
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कविताअतुकांत कविता
#23 अगस्त
गिरकर ही संभलता है इंसान।।
जिंदगी मे बहुत सी मुश्किलें आती है,,
जो अपना दबाव हम पर बनाना चाहती है,,
हमे रोकती है, वो मुश्किलें कभी आगे बढ़ने से,,
तो कभी किसी के कदमों के नीचे ले आती है।।
हमे
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कविताअन्य
#शब्दाक्षरी अगस्त 2020
विषयः मुक्त
शीर्षकः बारिश वाला प्यार,
साहित्य अर्पण
क्या याद है तुम्हें, हमारा पहली बार मिलना,
चाँद की चाँदनी के नीचे, रंग बिरंगे फूलो के यहा थे बगीचे,
जहा तुम थे,और मैं था और
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