ख़्याल उतर आते हैं ज़हन में तो लिख देता हूँ
शायर हूँ मैं भला कब कहता हूँ
~~ नरेश बोकण गुर्जर ~~
हिसार, हरियाणा
#Followers 2
#Posts 14
#Likes 3
#Comments 16
#Views 2638
#Competition Participated 7
#Competition Won 1
Writer Points 13300
Competition | Rank | Certificate |
---|---|---|
चित्राक्षरी | Certificate |
#Posts Read 200
#Posts Liked 37
#Comments Added 40
#Following 1
Reader Points 1585
Section | Genre | Rank |
---|---|---|
कविता | नज़्म |
London is the capital city of England.
कवितानज़्म
तुम्हारे सीने में धड़कता है दिल मेरा
मेरे दिल का तुम बेहद ख्याल रखना
ये मोहब्बतों का प्यासा है इसको तुम
ना ज़माने की बेड़ियों में बांधकर रखना
ये दिल बहुत ज्यादा अजीज है मुझे
मेरे अजीज को अपना
Read More
कवितानज़्म
कुछ भी तो नहीं आदमी के बस में
फिर क्यूं ये जात गुमान में रहती है
बैठिये कुछ बात कीजिये सुकून से
जिंदगी हमेशा इम्तिहान में रहती है
लड़ाई झगड़ा जमीन जायदाद की बातें
यही सोच इंसान के बाद इंसान में
Read More
कवितानज़्म
रात की दीवार पर
रात की दीवार पर ढेर सारे खत लिखकर रख दिये मैंने
क्यूंकि ये वही दीवार है जिसपर बैठकर हम घंटों बाते किया करते थे
आसमां का चांद भी उस वक़्त बिखेरता था तुम पर अपनी शीतल चांदनी
और मैं
Read More
कवितानज़्म
हे केशव तुमको लगता है वो मुझको रोक पायेगा
गांडिवधारी पार्थ तुम्हारा मुझको युद्ध में डरायेगा
तुम सृष्टि का भार लिये बैठे हो उसके रथ पर
मैंने भी धूली लगायी है मातृ चरणों की मस्तक पर
अपने बाणों
Read More
बहुत ही सुंदर भक्तिभाव में पगी रचना 👌🏻
धन्यवाद मैम
कवितागीत
ये इनायत है ख़ुदा की, पूरी ख़्वाहिश हो रही है
तेरे मेरे मिलने की कोई साजिश हो रही हैं
मुझे भीगने दो ना यार बारिश हो रही है
कब से तुमको चाहा है,ये कैसे बताऊं तुमको
कितनी तुमसे मोहब्बत मैं कह ना पाऊं
Read More
कवितानज़्म
चल रहा है जमाने में बहुत,आनलाईन इश्क़
आशिको की बना हुआ है,लाईफलाईन इश्क़
इल्कट्रिक तरंगों से होती है दिलों कि सौदेबाजी
फेसबुक, इंसटा पे होती है जारी,गाईडलाईन इश्क़
कसमें वादे होते थे कभी कश्मीर
Read More
कवितानज़्म
दीन हीन ,अत्यंत कष्टकारी परिस्थितियां जब मानव चक्षुओं के सामने घटित होती हैं,
वो झंकझोर देती है मानव ह्रदय को,
बड़ा तीव्र वेग उत्पन्न करती है,
जैसे घनघोर घटा के छाने पर कड़कती हुई दामिनी सीधा
Read More
कविताअतुकांत कविता
ना कर इतना गुमां अपनी कलम पर ए शायर
कलम जब टूटती है तो फांसी चढ़ा देती है
~~ नरेश बोकण गुर्जर ~~
हिसार, हरियाणा
कवितानज़्म
साल भर अपना रिश्ता रहा
फिर क्यूं ज़ख्म उम्रभर रिसता रहा
तुमने भी हाथ जलाये हैं
मैं ही नहीं कलम घिसता रहा
तेरी आँखों से जब निकले आंसू
मेरी जाना मैं सिर्फ दांत पीसता रहा
रहम ना तुझपर ना मुझपर किया
Read More
कवितानज़्म
कुछ लम्हों की गुजारिश थी कुछ धड़कनों की ख़्वाहिश थी
मिले थे जब हम पहली बार वो पहली मोहब्बत की पहली बारिश थी
वो मौसम था सर्द हवाओं का, वो आलम था खामोश निगाहों का
वो तेरा भीगते हुए मेरे पास आना
वो तेरा
Read More
आप बेहतरीन लिख रहे हैं आपकी सभी रचना पढ़ती रहती हूं मैं 👌🏻
बहुत बहुत आभार आपका
कविताअतुकांत कविता
बचपन की एक बात
बचपन की एक बात बहुत अच्छी लगी मुझको...बचपन की वो बात कि बचपन में सब अच्छा था,
कहाँ थे तुम जो आज तुम हो कहाँ था मैं जो आज मैं हूँ, तब तुम भी बच्चे थे और मैं भी बच्चा था और मौहल्ले में जो हमारे
Read More
कवितानज़्म
अल्प में भी पूर्ण का वरदान देती हूँ
मैं प्रकृति अपने बच्चों पर बड़ा ध्यान देती हूँ
मुझसे ही बने हैं ये पशु प्राणी सब लोग
सेहत मेरी बिगाड़ रहे जिनको रखती हूँ निरोग
काटते हैं जड़े मेरी मेरे ही जनमें
Read More
कविताअन्य
एक दीया शहिदों के नाम
उनकी कुर्बानी के नाम, उनकी शहादत के नाम
उन वीरों के नाम जिनका बलिदान स्वतंत्रता का रूप ले आया था,
उन जांबाजो के नाम जिनकी जांबाजी ने सन् 48, 65, 71और 99 में तिरंगा लहराया था,
एक दीया
Read More
कवितानज़्म
जब कोई बात दिल में घर कर जाती है
सच मानिये हालत को दर-ब-दर कर जाती है
बहुत कच्ची होती हैं ये विश्वास की डोरिया
जब टूटती है तो ज़िन्दगी जर्जर कर जाती है
सुनिये कभी किसी टूटे हुए दिल की सिसकियां
अच्छे
Read More