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Sahitya Arpan - Rajesh Kr. verma Mridul

कवितागजल

"आहट"

  • Added 1 year ago
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  • 63
  • 3 Mins Read

विषय - आहट
विधा #गजल
______________________________
हुस्न की आहट से लहरे यूं ना उठाया कर,
तुम स्वप्न भरी ख्वाब में यूं ना जगाया कर।

कई रात बाद ख्वाब आया हैं मेरे दिल को,
ख्वाब बनकर मेरे नींद को ना चुराया कर।

दर्द होता
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कवितालयबद्ध कविता

हे सहचरी क्षमा करना

  • Edited 2 years ago
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  • 82
  • 4 Mins Read

हे सहचरी! मुझे क्षमा करना।
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
हे प्रिय! तुझे ना कह पाया !
गृहस्थ धर्म ना निभा पाया!!

माना हृदय विचलित होगा!
मन भाव से कुंठित होगा !!

करुण विनय ना सुन पाता!
सिद्धि मार्ग
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हे सहचरी क्षमा करना,<span>लयबद्ध कविता</span>
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Rajesh Kr. verma Mridul

Rajesh Kr. verma Mridul 2 years ago

आप सभी के समक्ष मेरी रचना अवलोकनार्थ हेतु सादर प्रस्तुत कर रहा हूं।🙏🙏

कविताअतुकांत कविता

सत्य अहिंसा के पूजारी....

  • Edited 2 years ago
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  • 107
  • 5 Mins Read

*सत्य अहिंसा के पुजारी*
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
सत्य अहिंसा के पुजारी,
आप कह लाए थे बापू।
नेता जी ने नाम दिये थे,
राष्ट्रपिता हो तुम बाबू।।

अहिंसा परमो धर्म: का,
नारा
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सत्य अहिंसा के पूजारी....,<span>अतुकांत कविता</span>
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कविताअतुकांत कविता

चेहरे पर मुस्कान आएगा

  • Edited 3 years ago
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  • 330
  • 3 Mins Read

चेहरे पर मुस्कान आएगा
================
मानवता के अस्तित्व पर,
जब जब संकट आएगा ।

इंसानियत ही इंसान को ,
भरी संकट से बचाएगा ।

मानवता के अस्तित्व पर ,
लगा ये ग्रहण मिट जाएगा।

रख सार्थक सोच खुद पर ,
एक नया उजाला
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चेहरे पर मुस्कान आएगा,<span>अतुकांत कविता</span>
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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब 👌🏻

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर आभार आदरणीया 🙏

कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता

"चहु ओर खुशियां फैल जाएंगे"

  • Edited 3 years ago
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  • 189
  • 3 Mins Read

गो कोरोना गो
(शीर्षक)
चहुं ओर खुशियां फैल जाएंगे!
==================
हालात भी सुधर जाएंगे!
मुसीबतों के हर दौर से !!

खुशियां यूंँ बिखर जाएंगे !
दवाओं और दुआओं से !!

हर संकट भी कट जाएंगे !
जनमानस के सहयोग से!!

यूं
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के . मौर्या

के . मौर्या 3 years ago

बहुत ही सुन्दर रचना..।

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत सुंदर रचना।

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर आभार आदरणीया !

कहानीलघुकथा

#"फर्ज"

  • Edited 3 years ago
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  • 400
  • 11 Mins Read

#फर्ज
'''''''''''''''''''''''''''''''
सुनिए तो ये लिस्ट लेते जाना किराने के सामान की...बबिता ने राजेश को एक लिस्ट देते हुए कहा
पापा मेरी चाँकलेट....बेटा बोला...
पापा मेरे लिए चिप्स....बडी़ बेटी बर्षा सर हिलाते
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Champa Yadav

Champa Yadav 3 years ago

कथा अच्छी है पर...लॉकडाउन,दूँ,हँसते, हाँ,माँ, मोड़,पढ़,आएँगे...सही कर लीजिएगा।

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

🙏🙏

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

सर कहानी के साथ अपनी नहीं रचना से जुड़ी कोई और तस्वीर लगाएं

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

जी बिल्कुल आदरणीया

कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता

कविता

  • Edited 3 years ago
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  • 296
  • 3 Mins Read

कविता
======================
जहां ना सूरज की किरणें पहुंच पाती
वहां कवि की कलम है पहुंच जाती
कल्पनाओं की वो है पंख लगाती
बिना पंख का वो उड़ान भरती
मन की सारी बातों को रखती
गागर में सागर को भरती
शब्दों
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कविता,<span>अतुकांत कविता</span>, <span>लयबद्ध कविता</span>
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कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता

"क्यो प्यासा रह जाता है"?

  • Edited 3 years ago
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  • 498
  • 3 Mins Read

#क्यों_प्यासा_रह_जाता_है
=================
जल तट पर भी रहा पथिक ,
क्यों वह प्यासा रह जाता है?

क्यों न मिटती उसकी तृषा ,
क्या मृदु जल अब खारा है?

अनंत चाह की तिक्ष्ण प्यास में ,
क्यों अपनो को भूल जाता है?

नित्य को
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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

बहुत सुंदर

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब 👌🏻

सोभित ठाकरे

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर आभार आदरणीया

कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता

"प्रणय मिलन की वर्षा"

  • Edited 3 years ago
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  • 457
  • 5 Mins Read

आयोजन सा.रे.गा.मा.
अधूरी कहानी भाग ३
समूह- लफ्जों की उड़ान
विधा- काव्य रचना
================
[रचना]
"प्रणय मिलन की वर्षा"
''''''’''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
हृदय व्याकुल हो जाये ,
नयन निहारे तरस
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कविताअतुकांत कविता

भूली बिसरी हसीन यादें

  • Edited 3 years ago
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  • 443
  • 5 Mins Read

"भूले बिछड़े हसीन यादें"
=================
वह भूले बिछड़े हसीन लम्हे
जीवन में जो अबतक गुजारे

गांव की खुशबू भरी माटी में
बीते यादो को नैना अब निहारे

वह निश्चल सा बचपन की यारी
सिर्फ गुजर रहा यादों के सहारे

बचपन
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भूली बिसरी हसीन यादें,<span>अतुकांत कविता</span>
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कवितालयबद्ध कविता

मां तू है ममतामयी

  • Edited 3 years ago
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  • 191
  • 5 Mins Read

8 मार्च , महिला दिवस

मां की अनुभूति
==============
मां तू रुह आधारी
हमें हो जीवन देती
पालन करती पोषण देती
वात्सल्य से जग भर देती

लाड प्यार को रहती तत्पर
खिलाने को स्मित आतुर
तु हाथ पकड़े चलती डोर

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मां तू है ममतामयी,<span>लयबद्ध कविता</span>
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कवितालयबद्ध कविता

"अब हमें प्रखर रहने दो "

  • Edited 3 years ago
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  • 170
  • 4 Mins Read

अब हमें प्रखर रहने दो
===============
हमें पुलकित मन से
विचारों में बढ़ने दो
सरिता की धारा सी
अविरल ही बहने दो
लिंग विभेद ना कर
संघर्ष हमें करने दो

हम दुर्गा, हम काली हैं
उपमा में ही ना रहने दो
सदियों की बलिदानी
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कवितागजल

"काली नैयना मदहोश शाम लगती है"

  • Edited 3 years ago
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  • 161
  • 4 Mins Read

आयोजन - 27 फरवरी 2021
विषय - शब्दाक्षरी (काजल)
===================
[ रचना ]

गज़ल
ये काली नैयना मदहोश शाम लगती है
अंधेरी रात में भी खिली चांद लगती है

नैयनो की पंखुडियाँ गुलाब लगती हैं
कजरारी
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Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

👌👌👏👏✍✍

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

धन्यवाद महोदया

Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

Wah wah kya bat hai.

Bandana Singh

Bandana Singh 3 years ago

सुन्दर रचना

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर आभार आदरणीय।

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत सुंदर रचना

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

बहुत-बहुत आभार सादर धन्यवाद।

कवितालयबद्ध कविता

"मेरा प्रेम नयन नीर निश्छल सा है"

  • Edited 3 years ago
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  • 331
  • 4 Mins Read

आयोजन - सा.रे.गा.मा
अधूरी कहानी - भाग २
समूह - लफ्जों की उड़ान
================
[रचना]
मेरा प्रेम 'नयन नीर' निश्छल सा है

ये घनघोर सावन की बूंदे
अभी थमीं नहीं दिखती है
तेरे इस व्याकुल हृदय पर
किंचित सा विघ्न
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Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

Ummda kriti

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर धन्यवाद।

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

धन्यवाद महोदया

Bhawna Sagar Batra

Bhawna Sagar Batra 3 years ago

Bahut sunder

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर आभार आदरणीया!

कवितानज़्म

मृगनैयनी सी तेरी नयन

  • Edited 3 years ago
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  • 131
  • 3 Mins Read

मृगनैनी सी तेरी नयना
कुमकुम की लाल बिंदी
रेशम सी काली जुल्फे
ये बलखाती तेरी अदाये
चाँद सी मुख मंडल से
बिखेरती सुंदर सी आभा
मोहनी सी शोभित छवि
प्रेम की मधुरस बूंदों से
हिय की प्यास बुझाई

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मृगनैयनी सी तेरी नयन,<span>नज़्म</span>
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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

'मृगनैनी सी तेरी नयन' या मृगनैनी से तेरी नयन?

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

मृगनैनी सी तेरी नयन अर्थात मृग जैसी आंखें

कवितालयबद्ध कविता

"अतीत की यादें"।

  • Edited 3 years ago
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  • 405
  • 3 Mins Read

आयोजन - मनोभाव चित्राक्षरी
22 फरवरी - 2021
काव्य - रचना
"अतीत की यादें"।
================
अतीत की यादों को आज
अपनी तस्वीर में उतारी थी

ढूंढ रही थी उन लम्हों को
जो ख्वाबों को सजाई थी

स्मृतियों की उन लम्हों को
फिर
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कवितालयबद्ध कविता, गीत

"रिमझिम सावन की बूंदे..."

  • Edited 3 years ago
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  • 489
  • 4 Mins Read

आयोजन - सा.रे.गा.मा.
अधूरी कहानी भाग -1-15
समूह - लफ्जों की उड़ान
विधा- काव्य गीत
विषय - रिमझिम सावन की बूंदे.
====================
[रचना]

धानी चुनर मैं ओढ़ के निकली,
पर बारिश की बूंदों ने रोक ली।

ये काली बदरिया
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के . मौर्या

के . मौर्या 3 years ago

सुंदर रचना

Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

👌👌👌

Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

सुन्दर भाव भरी रचना ।

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

💐💐

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर आभार आदरणीया।

कविताअतुकांत कविता

अपना वह घर पुराना...

  • Edited 3 years ago
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  • 670
  • 4 Mins Read

चित्राक्षरी काव्य रचना
फरवरी - 2021
[रचना]
अपना वह घर पुराना..
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
बीता हुआ वह जमाना,
जब कभी याद आता है,
मिट्टी का अपना वह घर,
पुराना बहुत याद आता है।

पिता से मिलता सिक्का,
अम्मा
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अपना वह घर पुराना...,<span>अतुकांत कविता</span>
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Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

सुन्दर भाव भरी रचना ।

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

जी, सादर आभार आदरणीया।

Krishnkant Verma

Krishnkant Verma 3 years ago

🥰❣️🥰

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

💐💐

Krishnkant Verma

Krishnkant Verma 3 years ago

सुंदर रचना 👍🏻

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

धन्यवाद

के . मौर्या

के . मौर्या 3 years ago

बचपन की यादों का बेहतरीन काव्य संयोजन

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

जी बिल्कुल

Naresh Gurjar

Naresh Gurjar 3 years ago

बेहद खूबसूरत

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर धन्यवाद महोदय! आपकी सराहना हमारी लेखनी को बल देती है

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत ही प्यारी सी रचना 👌🏻

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

आपकी टिप्पणी एवं सराहना सदैव बना रहे।

कवितालयबद्ध कविता

ऋतुराज बसंत है आया

  • Edited 3 years ago
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  • 733
  • 3 Mins Read

काव्य प्रतियोगिता फरवरी
आया बसंत झुमके
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
[रचना]

ऋतुराज बसंत है आया
मौसम बहारों का छाया

बागो में चिड़िया चहकी
फूलों से बगिया महकी

खिले फूल की सरसों पर
मधुकर
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ऋतुराज बसंत है आया,<span>लयबद्ध कविता</span>
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Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

शानदार रचना 👌👌👏👏✍✍

Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

बहुत खूब सुन्दर प्रस्तुति

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

आभार आदरणीया।

Krishnkant Verma

Krishnkant Verma 3 years ago

ऋतुराज बसंत पर सुंदर रचना। 👌👌

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

जी सादर धन्यवाद

के . मौर्या

के . मौर्या 3 years ago

🏞️🏕️🌄🏞️🏕️

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

💐💐💌

के . मौर्या

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

धन्यवाद

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

👌🏻

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

🙏 सहृदय नमस्कार🙏

कविताअतुकांत कविता, लयबद्ध कविता

सावन सी भिंगादो ना

  • Edited 3 years ago
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  • 593
  • 4 Mins Read

आयोजन- सा रे गा मा
समूह - लफ्जों की उड़ान...
(अधूरी कहानी भाग - १)
विधा- काव्य गीत
विषय- सावन सी भिंगा दो ना
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''""""
हे प्रीतम कार्तिके तुम
प्रेम वाटिका आओ ना
स्नेहमय की वर्षा
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सावन सी भिंगादो ना,<span>अतुकांत कविता</span>, <span>लयबद्ध कविता</span>
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Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

शानदार 👌👌

Ashutosh Tripathi

Ashutosh Tripathi 3 years ago

शानदार पंक्तियां,बेहतरीन अभिव्यक्ति👌🏻👌🏻👏🏻👏🏻👍🏻👍🏻

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

हृदय तल से आभार महोदय

Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

उत्कृष्ट लेखन

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

धन्यवाद।

Lawlesh Verma

Lawlesh Verma 3 years ago

लाज़वाब लेखनी....शब्द संयोजन भी कमाल है...वाह वाह

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

धन्यवाद महोदय श

Krishnkant Verma

Krishnkant Verma 3 years ago

सुंदर पंक्तियां

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

जी सादर धन्यवाद।

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

जी सादर आभार

के . मौर्या

के . मौर्या 3 years ago

❣️❣️

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

धन्यवाद

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर आभार आदरणीया।

Bandana Singh

Bandana Singh 3 years ago

बहुत ही सुन्दर रचना सुन्दर शब्द संयोजन

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

बहुत-बहुत शुक्रिया आप सब की सराहना हमारी लेखनी को बल देती है

Narendra Singh

Narendra Singh 3 years ago

सुन्दर गीत योजना

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

हृदय तल से आभार महोदय

Krishnkant Verma

Krishnkant Verma 3 years ago

Awesome lines

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

Thank you

के . मौर्या

के . मौर्या 3 years ago

Nice post

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

Thank you for your appreciation

के . मौर्या

के . मौर्या 3 years ago

👌👌

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

आभार।

Naresh Gurjar

Naresh Gurjar 3 years ago

बहुत खूब

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर आभार एवं धन्यवाद महोदय

कविताअतुकांत कविता

"पहला चुम्बन"

  • Edited 3 years ago
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  • 411
  • 3 Mins Read

पहला चुम्बन
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
माँ तुमसे अच्छा,
स्नेह की चुम्बन,
कौन कर सकता।
एहसास का होना ही,
सांसों से धड़कन को ,
चुम्बन कर जाती है!
अपने गर्भ से ही ,
बार-बार मुझे चुम्ब कर,
प्रेम वत्सल को दर्शाती
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Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

👌👌

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

आभार

Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

बेहतरीन प्रस्तुति ।

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

जी धन्यवाद!

के . मौर्या

के . मौर्या 3 years ago

आधुनिक युग के लिए यह कविता एक दर्पण जैसी है...

Rajesh Kr. verma Mridul

Rajesh Kr. verma Mridul 3 years ago

आपकी सराहना ही हमारी लेखनी को शक्ति प्रदान करती है आशा है आप लोग ऐसे ही हौसला अफजाई करते रहेंगे

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

बहुत सुंदर रचना

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर आभार।

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत ही प्यारी सी रचना

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

आभार आदरणीया।

कविताअतुकांत कविता

संवेदनाएं जागृत कर...

  • Edited 3 years ago
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  • 170
  • 3 Mins Read

कराह रही है धरा
कर रही है पुकार
हे मनुज मत कर
तु अब मेरी संघार

मैं हूं तेरी वसुंधरा
सजीवों का संचार
जीवन का प्रतिकार
प्रकृति का उपहार

संवेदना तु मारकर
हो गया है दैत्यकार
शस्त्र निज पर ही
क्यों
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संवेदनाएं जागृत कर...,<span>अतुकांत कविता</span>
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Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

उम्दा रचना

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

धन्यवाद महोदया।

कवितागजल

तेरे इश्क में डूबे डूबे से हम हैं

  • Edited 3 years ago
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  • 152
  • 3 Mins Read

तेरे इश्क में डूबे डूबे से हम हैं
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
दो जिस्म और एक जान हैं
मुझमें तुम हो, तुझमे हम है

फरिश्तो से मांगा तुझे हम हैं
मोहब्बत को निभाया हम है

तेरी चाहत का कायल हम हैं
तेरे
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तेरे इश्क में डूबे डूबे से हम हैं,<span>गजल</span>
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Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

👌👌

कवितालयबद्ध कविता

एक दीया शहीदों के नाम करते हैं।

  • Edited 3 years ago
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  • 249
  • 3 Mins Read

एक दिया हर शाम उनके नाम करते हैं
≠===≠===≠===≠==≠
वतन पर मिटने वाले वीर शहीदों को ,
अभिनंदन,नमन और प्रणाम करते हैं।

राष्ट्र पुत्रो को प्रेम की श्रद्धा सुमन से ,
उनकी बलिदानी को सलाम करते हैं।

अनुशासन,निष्ठा
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 एक दीया शहीदों के नाम करते हैं।,<span>लयबद्ध कविता</span>
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Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

लाजवाब

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

जी धन्यवाद

कवितालयबद्ध कविता

जनवरी का महीना

  • Edited 3 years ago
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  • 122
  • 2 Mins Read

जनवरी का महीना
ये ठंडी फिजाएं
कोहरे की चादर
चलती सर्द हवाएं
कड़ाके की ठंड
सर्दी खूब सताए
रूह में सिहरन
तन सह ना पाये
ठिठुरती बदन को
रजाई खूब भाये
सूरज की किरणें
जो मिल नहीं पाए
ये सर्दी की महीना
तन
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जनवरी का महीना,<span>लयबद्ध कविता</span>
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Babita Kumari

Babita Kumari 3 years ago

वाह वाह क्या बात है

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

सादर धन्यवाद

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

ठंड की बात है

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब

Rajesh Kr. verma Mridul3 years ago

बहुत-बहुत धन्यवाद एवं सादर आभार आदरणीया

कविताअन्य

आवाहन करती है ये वसुंधरा

  • Edited 3 years ago
Read Now
  • 255
  • 3 Mins Read

आवाहन करती है ये वसुंधरा
_________________________

आवाहन करती है ये वसुंधरा अभी
उत्तरों में यदि तुम्हारा मौन होगा

अगर ना बचाओगे इस जहां पर वृक्ष
सोच लो इस धरा पर फिर कौन होगा

तिल -तिल में तड़प कर मारे जाओगे
जब
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आवाहन करती है ये वसुंधरा,<span>अन्य</span>
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Rajesh Kr. verma Mridul

Rajesh Kr. verma Mridul 3 years ago

बहुत-बहुत आभार मैम