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"हमें"
कविता
पर हमें भी लिखना है
हिंदी है पहचान हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है
हिंदी से हिंदुस्तान है
हिंदी से हिंदुस्तान है
बचपन हमें जीने दो
मासूम कलियां
तब गांव हमें अपनाता है
मिलकर देश उठाओ ना
हम आगे बढ़ते जाएँगे
भारत के वीर सपूतों को नमन
दिल टूट गया।
मां तू है ममतामयी
"अब हमें प्रखर रहने दो "
सूरज
शब्दों की महिमा
मेहरबां है रब जो उसने हमें मिलाया
मिलकर भगायेंगे कोरोनावायरस
" हम थे नादान " 💐💐,
नहीं दे सके साथ
आसान नहीं हैं, किसी के साथ जीना
चौका
हम बस देखते रहे
हम कितने चैतन्य
हमें न बताकर आए
जीवन वह है बशर जो हम ने जिया है
*हमें बशर हरसू इन्सान में इन्सान नज़र आता है*
यादें
*इसका हमें न पता था*
मसर्रत
वो इल्मो-हुनर हमें नहीं आता दर्दे-जिगर जिससे बांटें
जिंन्दगी हमें कहाँ कहाँ ले गई
तीसरा हमें गवारा नहीं बशर
नसीब ने दिए हमें बेशुमार ग़म
जो हमें भूल जाते हैं
जीवन का एक भजन
ख़बर न थी
ख़ामोशी से हमें डर लगता है
तुम,से है,हमें मोहब्बत, ये बात और है
गिरना फिसलना खुद को उठाना पड़ता है
किरदार हमें हमारे कर्म से मिला है
कोई बेवफ़ा हो जाए
BATWARA
कहानी
अलविदा 2020
Indian हर जगह rock करते हैं।
पापों का हर्जाना
अभी नहीं तो कभी नहीं
अभी नहीं तो कभी नहीं
"खौली पास "डायरी के कुछ अंश
"टूटती -दीवारें " 💐💐
लेख
#कैसी रीत?
मंदिर....
लोग क्या कहेंगे
उम्मीद
आस्था और विश्वास : मानव चेतना के बँधक
आ अब लौट चलें
हम भी चले परदेस
बुजुर्गों का सम्मान करना:
चैन से जीने दो हमें
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