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ख़ामोशी से हमें डर लगता है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

ख़ामोशी से हमें डर लगता है

  • 89
  • 1 Min Read

हालाँकि उनकी इस शदीद ख़ामोशी से हमें डर लगता है
हमें येभी मंज़ूर 'बशर' अगर इसी में उन्हें सुकूँ मिलता है
@ "बशर"

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तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
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ये ज़िन्दगी के रेले
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यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
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वो चांद आज आना
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