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"जाये"
कविता
मेरा अपनापन
ना जाने किस वेश में
माई
#अलविदा 2020
नवल वर्ष तेरा।अभिनन्दन
# इकरार
#चित्र प्रतियोगिता
"प्रणय मिलन की वर्षा"
ख़ता
अभिनंदन
जिंदगी की आखिरी शाम
सपना सपना ना रह जाये (कविता)
वह गुलाब के फूलों का बाग
नयी हिन्दी ग़ज़ल
#तेरे मेरे सपने(प्रतियोगिता हेतु)
# तेरे मेरे सपने (प्रतियोगिता)
कौन जाने कब कहाँ ......
यात्री गण अपने सामान का खुद ध्यान रखें
मिट्टी की तरह
फागुन आया
यात्री गण अपने सामान का खुद ध्यान रखें
ममता का आंचल
आओ और सराहा जाये
कुर्सी
मजनू बनजायें गर हमको लैला मिले
इरादा अगर हम पर छोड़दो
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