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"दिल"
कविता
काश कुछ ऐसा हो जाए
कोई दिल में जब उतरता है
मोहब्बत का मकां
अहम
सबके दिल में
ये परमेश्वर
दिल कुतरने का हुनर न सीख पाया मैं
ए मेरे दिल.....
एक हसरत दिल की
दिले अहसास हमारे
दिल के सांचे में अश्क ढलता है
दिल से दोस्ती तक
मेरे मन मे डर नाम का शैतान
दिल चाहता है
दिल चाहता है
अधूरी दास्तान
दिल में
हाल ए दिल
यह धड़कन
"मोहोब्बतें"
कौन कहता खामोशी में बात नही होती
दिल का दर्द
दिल दर्द से भर जाता है
दिल से दिल तक
दिल से दिल तक
वो अजनबी
जिंदगी
जब कोई बात दिल में घर कर जाती है
मैं दिल्ली हूँ दिल्ली
शहीदों की याद
दिल खोल के लुटा देती है..
दिलबर साथ निभाना रे
हर महफिल दिल की
दिल टूट गया।
येदिलकर रहा है तुम से ही बातें
इज़हार-ए-मोहब्बत
मेरे दिल का फूल
दिल की आशा
दिल्ली मेरी दिल्ली
मेरे दिल की मंजिल
दिल ही तो जाने है
जुदाई
केवाड़ी डोम काटत !
धड़कनें
जरा दिल को थाम के
दिल एक तिजोरी है
दिल में एक लहर सी
दिल जो टूटेगा
अब शौक नहीं है।
आज दिल बदला बदला सा
दिल की किताब
दिल पर ज़रा हाथ रख दो
" महकती कली "
तुम्हारे सीने में मेरा दिल
यहां उनका भी दिल जोड़ दो
दास्तां ए दिल
दिल्ली दूर है
दिल-ए-नाशाद तक़दीर बनाना चाहता है
मानाके मौसम तेरे शहर का दिलकश और सुहाना है
सुकूँ महफ़ूज़ घर-भर का
किस क़दर है बशर जरा देखिए दिलका विश्वास उनका
दिल का बुरा नहीं बशर आदमी वक़्त का मारा है
दिलों के रस्ते नहीं मिलते
नेकदिल इन्सान भी बशर यहाँ गुनहगार हो जाते हैं
मुकम्मल कर सफ़र बशर हम आते हैं
उम्रें गुज़र जाती हैं बात दिल की कानों तक आने में
कौन याद दिलाएगा शक्ति
छल
आरजू दिल की बशर कह कर बयाँ की नहीं जती
*दिल अपनी कहता है*
दिल बदल गए
*दिल को पहलू में संभाल कर रखा करो*
अपना ही दिल लगने लगा है सितमगर
अपना ही दिल लगने लगा है सितमगर
*नज़रें उसने घुमालीं दिल हमारा बैठगया*
ख़ुलूस किस शय का नाम है"
तवज्जोह किया करो दिलके मकान की
हम भी तो देखें दिल उसका अपने सीने में डालकर
यादों की क़ैफ़ियत-ए-दिलबरी है
दिलों में गर्माहट बहुत है
अपनाया मैंने 🥰
दिल में सच्चाई रख
तेरे दिल की 💞
राज -ए -दिल अपने खोलना नहीं
मिज़ाज -ए -मीर रख
दिल से दूरी थोड़ी हैं
जेबों में नहीं दिलों में संजोये जाते हैं
जेबों में नहीं दिलों में संजोये जाते हैं
दिल से वतन निकला ही नहीं
धड़कने भी दिलमें धड़कनी चाहिए
उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं
दिल टूट जाने के बाद
तेरे दिल से मेरे दिल 💞💞
वफ़ा करने वाला तन्हा क्यूँ है
माहे रमजान की दिली मुबारकबाद
दिलों में घर चाहता हूँ
परिंदे के दिल से कफ़स निकालना है
खुशियों को दरकिनार न कर
दिल की बातें दिमाग़ को नागवारा
दिल में किसीकी जगह
दिल में हमारे
जमाने की राह
रंग जाओ दिल के रंग में
रंग जाओ दिल के रंग में
मेरे दिल में रहने वाले तुम दरार भी नहीं देते
दिल की बस्ती
दिलासा
दिल के काशाने में है
दौलत से परखने लगे हैं
अहमक़ाना रास्ता छोड़ दो तो अच्छा
ऐसे रिश्ता-नाता तोड़दो तो अच्छा
मुश्क़िल है जगह पाना लोगों के दिल में
राज-ए-दिल सदा बना रहे
तल्ख़ियाँ बढने से पहले
नाशाद दिल फिरसे शाद हो जाएं
चर्चे 😍
दिलमें उतरने वालोंको संभालकर रखिए
यादें जीने की वज़ह बन जाती हैं
दिलके काशाने में हमारे सनम हैं
आज किसी का दिल टूटा है
दिल के काशाने में खुदा रखते हैं
अपने दिल की आवाज सुनी
मुझे नहीं फ़िक्र कोई हाले-दिल बताने में
उनका क्या करें जो दिल में समाए हैं
उम्र हुई तमाम दर्दे -दिल को समझाने में
रोशन चेहरा तेरा ☺️
कहानी
दिल की बात शब्दो के साथ #बारिश वाला प्यार
"एक बूंद प्यार की बरसात" (भाग-2)
दिल्ली चलो
भूली बिसरी यादें
काकी
"हादसा"
"दिल दीवाना "💐💐
" बड़े दिल वाला " 💐💐
" आस्था " 🍁🍁
लेख
किसी का कभी ना दिल दुखाउँ
दिल की लिखूं तो क्या-क्या लिखूं ?
पाठक के दिलोदिमाग पर अमिट छाप छोड़ने में सफल है "डियर ज़िंदगी"
दिल की गिरह
दिल की दुनिया के फैंसले
दिल का दर्द
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