कवितानज़्मगजलगीत
मेरे दिल में रहने वाले तुम दरार भी नहीं देते-2
आँखों की प्यास मिट जाये,दीदार भी नहीं देते
मेरे दिल में रहने वाले तुम दरार भी नहीं देते
मैं चौंक कर उठ जाता हूँ रोज रातों को अक्सर-2
ख्वाबों में आने वाले तुम करार भी नहीं देते
मेरे दिल में रहने वाले तुम दरार भी नहीं देते
रूबरू जब थे तुम तो फुर्सत भी मिल जाता था-2
यादों में आने वाले तुम इतवार भी नहीं देते
मेरे दिल में रहने वाले तुम दरार भी नहीं देते
मैं उम्र गुजार देता,इंतेजार मे तेरे,लेकिन,तुम-2
लौट कर आने की चंद आसार भी नहीं देते
मेरे दिल में रहने वाले तुम दरार भी नहीं देते
दरार - किराया
इंदर भोले नाथ
बागी बलिया उत्तर प्रदेश
# 6387948060