Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Sahitya Arpan Competition - मेरा शहर
uploads/competition_images/3/0902e9ce-cb68-438b-98ca-e4374b8fa19c_1611420342.jpg


मेरा शहर

Competition Stats

  • #Entries 7

  • #Likes 3

  • Start Date 31-Dec-20

  • End Date 05-Jan-21

  • Competition Information/Details

    लिख कर नाम फलक पर, मैं खोने लगी
    मेरी पहचान अब मेरे शहर से होने लगी..!

    जी हाँ..! मेरा शहर मेरी विशेषता है अक्सर लोग मुझे मेरे शहर से पहचानते है और मेरे शहर की यही पहचान है कि...

    सपनो की सुनेहरी धूप खिलती है
    सब को सफलता की भूख लगती है!
    बन धड़कन धड़कती भारत के सीने पे
    हम दिलवालों की दिल्ली भी क्या खूब दिखती है..!

    ©️ पूनम बागड़िया "पुनीत"

    सभी साहित्यिक स्वजनों को नमस्कार...

    दिल्ली #शहर से मैं #पूनम_बागड़िया "पुनीत" उपस्थित हूँ आपके समक्ष एक नई अनोखी प्रतियोगिता #शहर के साथ..!

    हर शहर का अस्तित्व अपनी विशिष्ट विशेषता लिये है जो उसकी पहचान बन हर जन जन के जेहन में कायम है
    ऐसे ही अपने शहर की विशेषता को या शहर से जुडे अपने खट्टे-मीठे अनुभव को साँझा कीजिये साहित्य अर्पण की प्रतियोगिता शहर का हिस्सा बन कर!

    तो उठाइये अपनी कलम और बिखेर दीजिये अपने एहसास के मोती! और लिख डालिये अपने अपने शहर के प्रति अपने प्यारे से दिल को छू लेने वाले खट्टे-मीठे एहसास।
    हैश टैग #शहर के साथ..!

    इस विषय पर आप गद्य या पद्य विधा मे स्वच्छंद सृजन कर सकते है..
    इस विषय पर लेखन कार्य की अंतिम तिथि 5 जनवरी निर्धारित की गई है...

    लेखन सम्बंधित विस्तृत जानकारी इस प्रकार है..

    दिनाँक - 31दिसम्बर से 5 जनवरी 2021
    विषय - शहर
    विधा - गद्य, पद्य


    नोट :- आज इस विषय पर आधारित रचनाएं आपको सिर्फ वेबसाइट पर ही पोस्ट करना है (# के साथ ऐड ए टैग ऑप्शन में जाकर।) पोस्ट दिनाँक 31दिसंबर से 5 जनवरी 2021 तक ही मान्य...
    आप अपनी दो रचना प्रेषित कर सकते है।

    लेखन से सम्बंधित महत्पूर्ण नियम :-

    1. पोस्ट वेबसाइट पर ही मान्य.! वेबसाइट पर पोस्ट करने के दौरान यदि किसी को कोई परेशानी आ रही है तो कार्यकारिणी के किसी भी सदस्य को सूचित कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

    2. रचनाएं विषयानुसार ही लिखे.. धार्मिक राजनैतिक भावनाओं को आहत करने वाली रचना न हो।

    3. यदि रचना लम्बी है तो आप उसे भाग में विभाजित कर डाल सकते है।

    4. वेबसाइट पर पोस्ट करने के उपरांत अपनी रचना या उसका लिंक समूह में पोस्ट कर सकते है।

    5. दिनाँक 31 दिसंबर 2020..से 5 जनवरी 2021

    6. रचना में टैग ऐड करना न भूले। टैग ऐड करने के लिए आपको नीचे वाले ऐड आ टैग वाले ऑप्शन का इस्तेमाल करना है जिसमें आपको टैग #शहर लिखना है।
    7. आप अपनी एक रचना या फिर दो रचना लिख कर प्रतियोगिता का हिस्सा बन सकते है ।
    दो से अधिक रचना मान्य नही होंगी।
    रचना केवल website पर ही मान्य होगी
    8. website का लिंक नीचे दिया गया है।
    sahityaarpan.com

    आप सबकी रचनाओं का स्वागत एवं इन्तज़ार रहेगा...
    सार्थक लेखन हेतु अग्रिम शुभकामनाएं....

    धन्यवाद
    साहित्य अर्पण कार्यकारिणी।

    कवितालयबद्ध कविता

    शहर और देहात

    • Edited 1 year ago
    Read Now

    इस सृष्टि में कोई भी वस्तु बिना कीमत के नहीं आती, विकास भी नहीं। अभी कुछ दिन पहले एक पारिवारिक उत्सव में शरीक होने के लिए गाँव गया था। सोचा था शहर की दौड़ धूप वाली जिंदगी से दूर एक शांति भरे माहौल
    Read More

    Screenshot_20220522-104345_Chrome_1653197685.jpg
    user-image

    लेखआलेख

    मेरा शहर

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    #मेरा शहर
    कानपुर.
    कानपुर मेरे बचपन का शहर है.लखनऊ से 75 किमी. की दूरी पर, गंगा जी के तट पर स्थित है.यह एक औद्योगिक शहर है. यहां रक्षा मन्त्रालय के कई महत्वपूर्ण उपक्रम'' स्माल आर्म्स फैक्ट्री '' '' '' आर्डनेंसपैराशूट
    Read More

    inbound2409170557641505388_1609856540.jpg
    user-image
    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    बहुत सुंदर वर्णन किया।

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    जी. धन्यवाद 🙏

    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    बहुत बढ़िया सर जी..!👌 बेहद खूबसूरती से अपने शहर का वर्णन किया..!👌👌

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    पूनम. आपका. बहुत धन्यवाद.

    कवितालयबद्ध कविता

    मेरा शहर

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    #नमन मंच
    #साहित्य अर्पण
    #विषय -मेरा शहर
    #दिनांक -04/01/2021
    #विषय -मेरा शहर

    आओ मिलवाऊँ मैं तुम्हें अपने आपसे
    जयनगर से बन गया देखो मैं जयपुर
    सवाई जयसिंह जी की आँखों का तारा मैं जयपुर
    विद्याधर भट्टाचार्य्या
    Read More

    1609757841.jpg
    user-image
    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    Vikas Sharma " SHIVAAYA"3 years ago

    Thanks

    कहानीसंस्मरण

    म्हारो प्यारो राजगढ़

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    "करते हैं हम हमेसा मस्ती"
    क्योंकि जिंदादिल है राजस्थानी हस्ती"

    म्हारो प्यारो राजस्थान
    जी हाँ मैं हूं राजस्थान के जिले अलवर की तहसील राजगढ़ से
    जो अपनी पहाडी व किलो सुंदरता की वजह से प्रसिद्ध हैं,,
    Read More

    logo.jpeg
    user-image
    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर और विशद वर्णन.. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा..! व्यंजनों के वर्णन से तो मुंह में पानी आ गया..! बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान..! 👌👍

    कविताअतुकांत कविता

    शहर

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    शहर रैन बसेरा


    चल परदेशी घर अपने लौट के जाना है ये शहर तो है रैन बसेरा
    यहां कोई किसी को नहीं पहचानता , कौन है तेरा कौन मेरा ।

    गांव पड़ी है ज़मीन बंजर मेरी ना था उसपे कुछ पनप रहा
    सोचा शहर में जाएंगे
    Read More

    logo.jpeg
    user-image
    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    सुंदर सृजन

    Prem Bajaj3 years ago

    Ji shukriya 🙏

    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    उत्तम....

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    👍

    Prem Bajaj3 years ago

    👍❤️

    कवितालयबद्ध कविता

    #शहर

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    # शहर

    कितना अजनबी सा ,हो गया है ये शहर.
    जैसे किसी को जानता, ही नही है शहर.
    मिलने को तो, मिलते है रोज सबसे.
    किसी को लेकिन, पहचानता नही है शहर.

    यूँ तो रात - दिन, चलता रहता है शहर.
    रोशनी, हंगामों से, मचलता रहता
    Read More

    IMG_20201109_170923_1609426609.jpg
    user-image
    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

    बहुत सुन्दर

    Sarla Mehta

    Sarla Mehta 3 years ago

    वाह वाह !!! आपका शहर

    कविताअतुकांत कविता

    प्रवासी मजदूर

    • Edited 3 years ago
    Read Now

    प्रवासी मजदूर

    जिस आदमी के बदन से
    कोसों दूर से दुर्गंध आती हो
    जिसके वस्त्र फटे, मैले कुचैले हों
    कई दिनों से नहाया न हो
    चिलचिलाती धूप में सिककर,
    जिसका रंग तवे सा स्याह हो गया हो
    होठों पर सुर्ख, रक्त-पपड़िया
    Read More

    images_1600237430.jpeg
    user-image
    Anujeet Iqbal

    Anujeet Iqbal 3 years ago

    सुंदर

    Lakshmi Mittal3 years ago

    जी हार्दिक आभार आपका