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Sahitya Arpan - कुलदीप दहिया मरजाणा दीप
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कुलदीप दहिया मरजाणा दीप

'मरजाणा दीप'

मेरे अल्फ़ाज मेरी पहचान होंगें
जहाँ भी लिखेंगें वहीं अमिट निशान होंगें,
कुछ ऐसा क़िरदार निभा जाएँगे
हर जुबाँ पे मरजाणा तेरे नाम होंगे ।

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  • कविताअतुकांत कविता

    अंदाज

    • Added 10 months ago
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    • 33
    • 2 Mins Read

    फ़कीरों सा अंदाज अल्हड़
    ओरों से जुदा रखता हूँ,
    *****
    जरूरत नहीं मन्दिर-शिवालेे जाने की
    ख़ुद्दार हूँ, दिल में ही खुद़ा रखता हूँ,
    ******
    दरो-दीवार अहसानों की गवारा नहीं हमें
    सजदे
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    अंदाज,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कवितागजल

    सफ़र

    • Added 1 year ago
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    • 37
    • 4 Mins Read

    आधुनिकता के बाहूपाश में इतने भावविभोर हो गए
    कि रिश्तों को सहेजने में क्यों बेगैरत, बेगौर हो गए II
    ******
    सोचा था कि एक जहाँ होगा कारवां की फेरहस्ति का
    कदम से कदम चले थे मिल फिर क्यों कमजोर
    Read More

    सफ़र,<span>गजल</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    चाँद

    • Added 1 year ago
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    • 26
    • 4 Mins Read

    चाँद.....
    --------------
    नादान सी भोली सी
    साँवली, सलोनी सी,
    मासुमियत का नूर उसमें
    अधखिली कलि अनजानी सी,
    झील सी गहराई नयनों में
    मादकता मस्तानी सी II
    ****
    झुल्फें उड़े सावन की घटा ज्यों
    चंचल,शोख़
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    चाँद,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 11 months ago

    बहुत सुन्दर रचना

    कविताअतुकांत कविता

    वो छुईमुई

    • Added 1 year ago
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    • 35
    • 4 Mins Read

    वो छुईमुई
    --------------
    नादान सी भोली सी
    साँवली, सलोनी सी,
    मासुमियत का नूर उसमें
    अधखिली कलि अनजानी सी,
    झील सी गहराई नयनों में
    मादकता मस्तानी सी II
    ****
    झुल्फें उड़े सावन की घटा ज्यों
    चंचल,शोख़
    Read More

    वो छुईमुई,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Kamlesh  Vajpeyi

    Kamlesh Vajpeyi 11 months ago

    बहुत ख़ूब

    कवितालयबद्ध कविता

    औरत हूँ, मैं नारी हूँ

    • Edited 2 years ago
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    • 88
    • 6 Mins Read

    औरत हूँ, मैं नारी हूँ...............
    आगाज़ हूँ अंजाम भी
    चट्टान सी मैं भारी भी,
    क़ायनात पूरी समा जाये
    है मुझमें इतनी ख़ुमारी भी।
    ****

    औरत हूँ, मैं नारी हूँ............
    समर्पण का साग़र
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    औरत हूँ, मैं नारी हूँ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    तुम खो मत देना ये आज़ादी

    • Edited 2 years ago
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    • 154
    • 7 Mins Read

    तुम खो मत देना ये आज़ादी"
    ---------------------------------------
    तुम खो मत देना ये आज़ादी
    पुरखों के बलिदानों की,
    कफ़न बाँध के लड़े दीवाने
    सरहद पे वीर जवानों की,
    भूल न जाना जलियांवाला
    वो लाशें निहत्थे इंसानों की।

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    तुम खो मत देना ये आज़ादी,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    "छुईमुई"

    • Edited 2 years ago
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    • 219
    • 9 Mins Read

    छुईमुई
    ---------------
    चाँद जो निकला पूर्णिमा का
    ब्रम्हांड का गुरुर तोड़कर,
    भोर की शबनमी बूँद सा
    कोमल रूप का लावण्य मेरा,
    पूरी क़ायनात को समेटे हुए
    छुईमुई सा ये बदन रेशमी ।।
    ****
    झील से
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 2 years ago

    वाह बहुत खूब 👌🏻

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप2 years ago

    जी शुक्रिया नेहा शर्मा जी

    कवितालयबद्ध कविता

    कोरोना को हराना है

    • Edited 3 years ago
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    • 123
    • 6 Mins Read

    "कोरोना को हराना है"
    ---------------------------
    कोरोना को हराना है..............!
    बिना मास्क पहने बाहर न जाना
    और रखना तुम दो ग़ज की दूरी,
    पौष्टिक भोजन गर्म तुम खाना
    शरीर में रखना इम्युनिटी पूरी,
    बस हाथ जोड़कर काम चलाना
    हो
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    कोरोना को हराना है,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब 👌🏻

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    जी शुक्रिया

    कवितागजल

    हालात

    • Edited 3 years ago
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    • 156
    • 4 Mins Read

    राहें सूनी, गलियाँ सब वीरान हो गए हैं
    जिंदा लाशों से देखो अब इंसान हो गए हैं।।
    *****
    खून से लथपथ हाथ,ज़मीर हैं मरे हुए
    ग़ौर से देखो दिल इनके श्मशान हो गए हैं।।
    *****
    नहीं किसी की चीख़-पुकार
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    हालात,<span>गजल</span>
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    कवितागजल

    रिश्ते

    • Edited 3 years ago
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    • 192
    • 3 Mins Read

    अरे रिश्ते आजकल बाज़ारी हो गए हैं
    सँस्कार हल्के बच्चों के बस्ते भारी हो गए हैं,
    *****
    अस्मतों से खेलना आम सा लगने लगा है
    क़दम दर क़दम कितने जुआरी हो गए हैं,
    *****
    मज़हब की आड़ में गुनाहों
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    रिश्ते,<span>गजल</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    "नारी"

    • Edited 3 years ago
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    • 88
    • 2 Mins Read

    समर्पण का गहना
    ममत्व से भरा सँसार,
    *****
    क़ायनात की खूबसूरत रचना
    आँचल में प्यार ही प्यार,
    *****
    झील सी कोमल, शांत, गहरी
    आँगन में तुम्हीं से बहार,
    *****
    निर्मल,परम् पावन गंगा
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    कविताअतुकांत कविता

    "मुझे मेरा वो गाँव याद आता है"

    • Edited 3 years ago
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    • 126
    • 8 Mins Read

    शीर्षक :-
    "मुझे मेरा वो गाँव याद आता है"
    बरगद की छाँव में
    बैठ के बूट्टे खाना,
    संग दोस्तों के वहाँ
    घंटों भर बतियाना,
    नहीं भुलाये भूलता
    वो गुजरा जमाना ,
    माँ के डर से छुपके जाना,ठंड में ठिठुरता वो
    Read More

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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    हार्दिक आभार नेहा शर्मा जी

    कविताअतुकांत कविता

    वैलेंटाइन याद रह गया उनको याद करेगा कौन

    • Edited 3 years ago
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    • 140
    • 7 Mins Read

    एक गुलाब शहीदों के नाम......

    "वेलेंनटाइन याद रह गया
    उनको याद करेगा कौन.......!

    ख़ुद की हस्ती मिटाई जिसने
    सरहद पे जान गवाईं जिसने,
    हिना भी ना सुखी हाथों की
    माथे की बिंदियां हटाई जिसने,
    उस बूढ़ी माँ की हालत तुम
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    वैलेंटाइन याद रह गया उनको याद करेगा कौन,<span>अतुकांत कविता</span>
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    Bhawna Sagar Batra

    Bhawna Sagar Batra 3 years ago

    Jai hind

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    जय हिंद वंदे मातरम

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    behtrin rachna

    कविताअतुकांत कविता

    काश तुम Hug कर पाते"

    • Edited 3 years ago
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    • 110
    • 7 Mins Read

    "काश तुम Hug कर पाते"

    *****
    काश तुम Hug कर पाते
    उस बूढ़ी माँ की पीड़ा,
    उन आंखों में उमड़ते सैलाब को
    जो तरस गयी हैं ममत्व को,
    उसके आँचल में छिपे सात्विक प्रेम को ।
    *****
    काश तुम Hug कर पाते........


    Read More

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    Maniben Dwivedi

    Maniben Dwivedi 3 years ago

    बहुत सुंदर

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    हार्दिक आभार आदरणीया

    कवितालयबद्ध कविता

    "आख़िर कौन हो तुम"

    • Edited 3 years ago
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    • 113
    • 8 Mins Read

    " आखिर कौन हो तुम"

    आखिर कौन हो तुम
    जो रूह में समा गये हो इस कद्र
    ज्यों हिमालय की गोदी से
    बहती उस निर्मल,पावन
    गंगा की तरह !
    भाव-विभोर हूँ मैं
    तुम्हारी इस दूधिया सी
    छरहरी काया को देख,
    अपार,असीम
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    कवितागजल

    ऐसा हिंदुस्तान कर दे.....

    • Edited 3 years ago
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    • 97
    • 5 Mins Read

    ए भारत माँ फिर से एक एहसान कर दे
    वही सोने की चिड़िया वाला मेरा हिंदूस्तान कर दे,
    *****
    मुझे चुभती हैं नस्तर सी ये ख़ार की नस्लें
    मिटा दे नक़्शे-पटल से इनका काम तमाम कर दे,

    Read More

    ऐसा हिंदुस्तान कर दे.....,<span>गजल</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    किसान

    • Edited 3 years ago
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    • 76
    • 2 Mins Read

    गर्दन कटे या बहे लहू
    इस बात का गम नहीं,
    *****
    झुका सके हमें कोई
    इतना किसी में दम नहीं,
    *****
    मिट्टी में सोना उगाते हैं
    ये हक़ीकत है, भ्रम नहीं
    *****
    ये हक़ की लड़ाई है
    कोई मैदान-ए-जंग नहीं,
    *****
    हम अन्नदाता
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    किसान,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कविताअतुकांत कविता

    मन तितली सा

    • Edited 3 years ago
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    • 106
    • 6 Mins Read

    शीर्षक :-

    " मन तितली सा "
    -----------------


    मैं उड़ रही हूं
    अपने नवेले पंखों के संग
    मेरे यौवन रूपी जौश का सहारा ले,

    मेरी इस सुगबुगाहट से
    नशेमन हैं भ्रमर कुछ इस कद्र
    जैसे ले रहे हों अंगड़ाइयाँ
    मेरे
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    मन तितली सा,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कवितागजल

    चाँद सा मुखड़ा

    • Edited 3 years ago
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    • 153
    • 3 Mins Read

    चाँद सा मुखड़ा.......


    भोर के अलसाये पहर में
    सुनहरा कोई ख़्वाब सा,

    ****
    ओस की बूँदों में ज्यों
    भीगा कोई ग़ुलाब सा,
    ****
    सिमटा हो ज्यों सारी क़ायनात का यौवन
    कलि
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    चाँद सा मुखड़ा,<span>गजल</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    जी शुक्रिया

    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत सुंदर

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    ह्रदयतल से आभार नेहा जी

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    जी शुक्रिया

    कवितालयबद्ध कविता

    "नारी नहीं जहान हूँ हिन्द की मैं शान हूँ"

    • Edited 3 years ago
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    • 288
    • 8 Mins Read

    कविता
    ---------------

    "नारी नहीं जहान हूँ
    हिंद की मैं शान हूँ"

    झुका नहीं सके कोई
    वो प्रचंड आसमान हूँ,
    अस्मत मेरी पे जो ताकता
    उसके लिये हैवान हूँ,
    क़ायनात
    Read More

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    Champa Yadav

    Champa Yadav 3 years ago

    श्रेष्ठ... रचना...।

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    ह्रदयतल से आभार चंपा यादव जी

    कवितालयबद्ध कविता

    "तुम लौट आओ"

    • Edited 3 years ago
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    • 148
    • 6 Mins Read

    " तुम लौट आओ"



    वो सुर्ख़ ग़ुलाब
    जो थामा था तुमने हाथ में
    संग-संग चलने का
    किया वायदा था चाँदनी रात में
    वो कसमें , वो वायदे
    मुझको सब कुछ याद हैं !

    तुम लौट आओ...........


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    कवितागजल

    ज़िंदगी

    • Edited 3 years ago
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    • 193
    • 6 Mins Read

    ए ज़िंदगी तू ही बता मुझको
    और कितने इम्तिहान बाक़ी हैं,
    *****
    तेरे मयख़ाने में, मैं ही अकेला हूँ
    या और भी कई साक़ी हैं,
    *****
    कुछ इस क़द्र पिला ज़ाम तू ग़मों के
    महफ़िल में सब कहें कि ये तो शराबी
    Read More

    ज़िंदगी,<span>गजल</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    अहा, बहुत खूब!

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    हार्दिक आभार आदरणीया

    रानी सिंह

    रानी सिंह 3 years ago

    ह्रदय को छूने वाली रचना

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    जी ह्रदयतल से आभार रानी जी

    कवितालयबद्ध कविता

    "आ अब लौट चलें "

    • Edited 3 years ago
    Read Now
    • 230
    • 7 Mins Read

    " आ अब लौट चलें"
    --------------------------

    हैं चारों ओर वीरानियाँ
    खामोशियाँ, तन्हाईयाँ,
    परेशानियाँ, रुसवाईयाँ
    सब ओर ग़ुबार है !
    आ अब लौट चलें.....................

    चीत्कार, हाहाकार है
    मृत्यु का तांडव
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    कवितागजल

    हमसफ़र

    • Edited 3 years ago
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    • 481
    • 3 Mins Read

    ग़ज़ल

    ज़िंदगी यूँ ही बहुत कम है
    मगर दिल में अरमान बहुत हैं,
    *****
    हमदर्द नहीं मिलता यहां कोई
    वैसे तो जग में इंसान बहुत हैं,
    *****
    दिल के जख़्म दिखायें किसको
    है चाहत जिनकी, वो अनजान बहुत
    Read More

    हमसफ़र,<span>गजल</span>
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    Gita Parihar

    Gita Parihar 3 years ago

    बहुत ही बढ़िया रचना

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    ह्रदयतल से आभार आदरणीया

    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    आपकी रचना बहुत अच्छी है बस मतले में भी क़ाफ़िया लगा लें

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    आदरणीया अंकिता जी मार्गदर्शन के लिये ह्रदयतल से आभार

    Sudhir Kumar

    Sudhir Kumar 3 years ago

    वाह वाह

    कुलदीप दहिया मरजाणा दीप3 years ago

    आदरणीय सुधीर जी हार्दिक आभार