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Sahitya Arpan - Maniben Dwivedi

कविताअतुकांत कविता

प्रकृति की रक्षा

  • Edited 3 years ago
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  • 134
  • 4 Mins Read

प्रकृति हमारी धरोहर
*****************

प्रभु की निर्मित धरा हिमालय,प्रभु का ये उपहार।
हर्षित पुलकित मन हो जाता अद्भुत छंटा निहार।

स्वर्णिम सूरज की किरणें चहुं ओर बेखेरे आभा।
लगता है कि प्रकृति दुलारी कर
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प्रकृति की रक्षा,<span>अतुकांत कविता</span>
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कविताभजन

मां शारदे वंदना

  • Edited 3 years ago
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  • 167
  • 5 Mins Read

आप सभी भाई बहनों को सरस्वती पूजा एवं बसंत आगमन की ढेरों शुभ कामनाएं ----

माँ सरस्वती को समर्पित मेरी चन्द पंक्तियाँ ====

हे शारदे माँ --- हे शारदे माँ ....
तेरा बालक हूँ नादाँ संभालो मुझे माँ
सुन्दर,स्वक्छ
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मां शारदे वंदना,<span>भजन</span>
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कवितागीत

आया बसंत झूम के

  • Edited 3 years ago
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  • 241
  • 5 Mins Read

आया।बसंत जग हर्षाए।
*******************
खड़ी है गोरी आस लगाए कर सोलह श्रृंगार।
नवल बृंद पर खिले हैं अद्भुत किसलय नवल बहार।

पीत चुनरिया ओढ़ धरा दुल्हन बन कर हर्षाए।
प्रकृति कुदरत का फ़िर उपहार लिए घर आई।

कुहू
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आया बसंत झूम के,<span>गीत</span>
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Rajeev Kapil

Rajeev Kapil 3 years ago

वाह वाह

Seeta Tiwari

Seeta Tiwari 3 years ago

बहुत खूब लिखा है शब्द भंडार देखने लायक है

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

मैम आप अपनी रचना को प्रतियोगिता में एड कर लें

कविताअतुकांत कविता

प्रेम समर्पण

  • Edited 3 years ago
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  • 252
  • 4 Mins Read

" प्रेम 'समर्पण ''

तन समर्पित,मन समर्पित ,....
प्रिये तुझे जीवन समर्पित ....
चाहती हूँ कर दूँ तुझ पर ..
मैं अपना यौवन समर्पित ..
भूल जाऊँ कैसे प्रियतम ..
वो मिलन का क्षण अलौकिक ..
नेह का प्यारा वो बंधन ...
स्नेह
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प्रेम समर्पण,<span>अतुकांत कविता</span>
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कविताअतुकांत कविता

वीरों को समर्पित

  • Edited 3 years ago
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  • 147
  • 8 Mins Read

नमन साहित्य अर्पण
दिनांक_ 23/12021

सुबाष चंद्र बोष की जयंती पर
उन्हें शत शत नमन ....

''तुम हमें खून दो हम तुम्हे आज़ादी देंगे'''
****
जो खून बहा भारत के लिए ..
उसकी कीमत सबने जानी ..
जिस दिन शुभाष नें बर्मा में ..
सबसे
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वीरों को समर्पित,<span>अतुकांत कविता</span>
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कविताअतुकांत कविता

इकरार

  • Edited 3 years ago
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  • 136
  • 4 Mins Read

आज के शब्द इकरार पर मेरी अभिव्यक्ति

क्यूं न हम अपने आगाज़ को अंजाम दे
मुहब्बत को खूबसूरत पयाम दे।
सच बताना क्या तुम्हे भी प्यार है मुझसे?
अगर सच में ऐसा है तो चलो अपने इश्क़ को इकरार दें।
अब दिल पर
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इकरार ,<span>अतुकांत कविता</span>
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Vinay Kumar Gautam

Vinay Kumar Gautam 3 years ago

बहुत खूब

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

सुंदर

कवितागजल

ग़ज़ल

  • Edited 3 years ago
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  • 114
  • 4 Mins Read

ग़ज़ल
******
यूं नज़र से न खुद को गिराया करो।
न मुहब्बत मेरी आजमाया करो।

हक़ीक़त में मिलना तो मुमकिन नहीं।
कभी ख्वाबों में ही मिलने आया करो।

लोग हाथो में फिरते हैं ले कर नमक
ज़ख़्म दिल का न सबको दिखाया
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ग़ज़ल,<span>गजल</span>
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कविताचौपाई

चतुस्पदी

  • Edited 3 years ago
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  • 98
  • 1 Mins Read

नहीं भूल सकती हंसी वो नज़ारे।
वो लम्हे जो इक दूजे संग में गुजारे।
आबाद हो तेरी खुशियों की दुनियां।
मेरा क्या है हम तो हैं उल्फत के मारे।

** मणि बेन द्विवेदी

चतुस्पदी,<span>चौपाई</span>
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कविताअतुकांत कविता

बाक़ी हो आज भी मुझमें

  • Edited 3 years ago
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  • 146
  • 6 Mins Read

बाक़ी हो आज भी तुम मुझमें
***********************
कब पूरी होती हैं दिल की ख्वाहिशें ??
बस हम चलते रहते हैं,
वीरान राहों के मुसाफिर की तरह
अधूरी तमन्नाओं का बोझ लिए
हम गुज़ार देते है अपनी उम्र।
दफ़न कर लेते हैं उन
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बाक़ी हो आज भी मुझमें,<span>अतुकांत कविता</span>
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कविताअतुकांत कविता

मेरे चांद

  • Edited 3 years ago
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  • 128
  • 3 Mins Read

मेरे चांद



हर दर पे सर झुंकाये
हर दहलीज पे दीप जलाए।
कहां कहां नहीं बांधा
मन्नत की घंटियां
सादिया गुज़ार दी
तुम्हारी तलाश में।
हर चौखट पे
मन्नत का धागा बांधा
तुम्हारी सलामती की प्रार्थना की
तुम
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मेरे चांद,<span>अतुकांत कविता</span>
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कवितागजल

ग़ज़ल

  • Edited 3 years ago
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  • 124
  • 4 Mins Read

ग़ज़ल
******

मुहब्बत बन गई उनकी सजा है।
मुहब्बत पर लगा पहरा कड़ा है।

मनाया किस तरह रिश्तों को हमने।
अभी रूठा है वो माना कहां है।

कहीं हम टूट कर जाएं बिखर ना।
तुम्हारा प्यार अब महंगा पड़ा है।

भुलाऊं
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ग़ज़ल,<span>गजल</span>
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कवितागजल

कविता

  • Edited 3 years ago
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  • 100
  • 4 Mins Read

ग़ज़ल

दिल तो ये रोया बहुत आंसू बहाए भी नहीं।
था यकीं चाहत पे इतना आजमाये भी नहीं
**
हर ग़ज़ल के हर्फ में उनको ही हम लिखते रहे।
तल्ख़ियां थी इस कदर वो गुनगुनाए भी नहीं।
***
याद माजी की लिए चलती रही मैं
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कविता ,<span>गजल</span>
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कवितालयबद्ध कविता

नवल वर्ष तेरा।अभिनन्दन

  • Edited 3 years ago
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  • 131
  • 3 Mins Read

नमन मंच साहित्य अर्पण
आप सभी को नव वर्ष 2021की बहुत बहुत हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं-----
***********************
हे नवल वर्ष तेरा अभिनंदन--

मंगल दीप सजा थाली में चली कामिनी कर श्रंगार।
नव सपने नव रंग सजाये नवल वर्ष
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नवल वर्ष तेरा।अभिनन्दन,<span>लयबद्ध कविता</span>
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कवितालयबद्ध कविता

नवल वर्ष

  • Edited 3 years ago
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  • 99
  • 5 Mins Read

नवल वर्ष आया है द्वार

*******************

नित नवल हृदय विश्वास जगे,आशाओं के दीप जले।

खुशियों की नव सौगात लिए,नवल वर्ष से गले मिले।


कैसे भूले कोई बीस भला,विश्व में जिसने तबाही मचाई।

धूमिल हो चले थे स्वप्न सभी,
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नवल वर्ष ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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कवितालयबद्ध कविता

अलविदा 2020

  • Edited 3 years ago
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  • 116
  • 4 Mins Read

नमन मंच साहित्य अर्पण

अलविदा 2020

चला साल हो के अब सबसे विदा
नहीं दोस्त होना तू मुझसे जुदा।

तुझे भूल जाना अब मुमकिन नहीं
रहे उम्र भर बन के दिल में खुदा।

मिटा देना दिल के तुम रंजिश सभी।
कभी तुम न कहना
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अलविदा 2020,<span>लयबद्ध कविता</span>
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लेखअन्य

बच्चों की यादगार यादें

  • Edited 3 years ago
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  • 470
  • 17 Mins Read

बच्चों की ख़ूबसूरत यादें।
बेहद खूबसूरत यादगार----
बात क़रीब २२ वर्ष पहले की है जब हमारे तीनों बच्चे छोटे छोटे ही थे। बड़ी बेटी सात वर्ष के लगभग बेटा पांच वर्ष का और सबसे छोटी बेटी ढाई वर्ष।
बेटा का शौक
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बच्चों की यादगार यादें,<span>अन्य</span>
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Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

भावपूर्ण स्मृतियाँ. अभी पुनः पढ़ा तो लगा कि बच्चों का 'बाल-मन' कितना डर गया होगा..!

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

बच्चों की बातें??

कविताअतुकांत कविता

अहोई मां की वंदना

  • Edited 3 years ago
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  • 90
  • 3 Mins Read

मां अहोई की वंदना
_________________

अहोई अष्टमी का त्योहार।
सूखी रहे सबका संतान।
हाथ जोड़ विनती करूं मैया।
कृपा करना अपरम्पार।
सबकी गोदी भरी रहे।
सब मैया तेरे संतान।
बेटा बेटी एक समान।
कोई न संतति से वंचित
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अहोई  मां की वंदना,<span>अतुकांत कविता</span>
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कविताअतुकांत कविता

आंखो का तारा

  • Edited 3 years ago
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  • 157
  • 5 Mins Read

विधा_ छंद मुक्त कविता
विषय_ आंखो का तारा

हां वो है मेरी आंखो का तारा
मेरा प्यारा दुलारा मेरा अंश
जिसने।दिया।मुझे
खुशियों का।अनमोल तोहफ़ा।
जिसने दिया मुझे जीने का हौसला।
ना जाने कितनी मन्नतों
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आंखो का तारा,<span>अतुकांत कविता</span>
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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

खूबसूरत

कविताअतुकांत कविता

लिख दो न

  • Edited 3 years ago
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  • 156
  • 3 Mins Read

लिख दो न
*********

दिल के कोरे कागज़ पर
तुम लिख दो न अपना प्यार ।
महकती रहूं ताउम्र
तेरे एहसास में
लिख दो न हरसिंगार।
बांध दो ऐसी डोर प्रीत की जनम जन्म ना टूटे
मनभावन ये प्रेम का बंधन युगों युगों ना छूटे
Read More

लिख दो न,<span>अतुकांत कविता</span>
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शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

सुंदर कविता

Maniben Dwivedi3 years ago

जी शुक्रिया

Maniben Dwivedi3 years ago

जी शुक्रिया

कविताअतुकांत कविता

लिख दो न

  • Edited 3 years ago
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  • 101
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लिख दो न
*********

दिल के कोरे कागज़ पर
तुम लिख दो न अपना प्यार ।
महकती रहूं ताउम्र
तेरे एहसास में
लिख दो न हरसिंगार।
बांध दो ऐसी डोर प्रीत की जनम जन्म ना टूटे
मनभावन ये प्रेम का बंधन युगों युगों ना छूटे
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लिख दो न,<span>अतुकांत कविता</span>
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सुविचारप्रेरक विचार

मुक्तक

  • Edited 3 years ago
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  • 87
  • 1 Mins Read

ये तल्ख़ियों का सिलसिला करते हो किसलिए
जज़्बात बन के दिल में मचलते हो किसलिए।
कहते हो दिल के दरमियाँ अब राबिता नहीं !
फ़िर ख्वाब बन के आँख में पलते हो किसलिए
मणि बेन द्विवेदी
वाराणसी उत्तर प्रदेश

मुक्तक,<span>प्रेरक विचार</span>
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कविताअतुकांत कविता

नारी का अस्तित्व

  • Edited 3 years ago
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  • 601
  • 8 Mins Read

--स्त्री का अस्तित्व --

हाँ मैं एक नारी हूँ!! मेरा भी अस्तित्व है!
मैं प्रकृति की वो अनमोल वरदान हूँ,
जिसके ''अस्तित्व'' के बिना,कभी कोई ''अस्तित्व'' नहीं होता,
हाँ ये शाश्वत सत्य है....
तो फिर जो नारी सृष्टि
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नारी का अस्तित्व,<span>अतुकांत कविता</span>
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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

बढ़िया

Maniben Dwivedi3 years ago

जी सादर आभार

Maniben Dwivedi3 years ago

जी सादर आभार

कहानीसामाजिक, लघुकथा

लघुकाथा

  • Edited 3 years ago
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  • 133
  • 9 Mins Read

लघुकथा

स्वार्थ----
********
बृद्धाश्रम में बेटा निर्भय को देख माँ वसुंधरा की आँखे छलछला आयी!
''इतने दिन हो गए बेटा तुम्हे आज मेरी याद आयी'' ....माँ ने शिकायत भरे लहज़े में बेटे से कहा!
नहीं माँ ऐसा नहीं है'' तुम
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लघुकाथा ,<span>सामाजिक</span>, <span>लघुकथा</span>
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