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Sahitya Arpan - Comrade Pandit
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Comrade Pandit

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दर्द हुँ सबको रास नही आता

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    कविता गजल 5th

    कवितागजल

    मेरे बाद

    • Edited 3 years ago
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    • 111
    • 3 Mins Read

    मेरे बिना यहां तन्हा घूमती रहोगी

    हर एक शै में मुझको ही ढूंढती रहोगी

    क्युं देर कर रही हो मेरे जनाज़े को तुम

    अब तो विदा करो कब तक चूमती रहोगी

    ये इश्क़ विश्क करने का वक्त भी सही है

    तुम कब तलक इधर उधर
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    मेरे बाद ,<span>गजल</span>
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    कवितागजल

    मेरी छत

    • Edited 3 years ago
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    • 188
    • 2 Mins Read

    बहुत खाली समान है मिरी छत पे
    अरे कितना अराम है मिरी छत पे

    सभी कोयल उडी नही अभी तलक
    लिहाज़ा कुछ शैतान है मिरी छत पे

    खुले में प्यार का इज़हार हो रहा
    ये कैसे मेहमान है मिरी छत पे

    यहां इक ओर भी दीवार नही
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    मेरी छत,<span>गजल</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    सुंदर

    Comrade Pandit3 years ago

    🥰🥰

    कवितागजल

    आखिरी मोड की तरफ

    • Edited 3 years ago
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    • 329
    • 2 Mins Read

    ग़ज़ल के कुछ अश'आर -

    अब उम्र के शालीन किस्से पढ रहा हूं दोस्तों
    मैं मौत की तरफ सही से बढ रहा हूं दोस्तो

    क्या उम्र पूरी हो गई या हिज्र का है ये असर
    सूखे हुए पत्तो के जैसे झड रहा हूं दोस्तों

    बारात आये
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    आखिरी मोड की तरफ,<span>गजल</span>
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    Poonam Bagadia

    Poonam Bagadia 3 years ago

    बहुत खूब नितिन जी..!? नितिन लास्ट लाइन में थोड़ा फेर बदल होना चाहिये ऐसा मुझे लगता हैं.... बाकी बहुत ही बेहतरीन लिखा आपने..!?

    Comrade Pandit3 years ago

    इनबॉक्स में सुझाव भेजे जी??

    कवितागजल

    तवायफ़

    • Edited 3 years ago
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    • 148
    • 1 Mins Read

    #तवायफ
    बेचते जिस्म यहां शाद व्यापारी होंगें
    देखना आज सभी ओर शिकारी होंगें
    ऐ मुसव्विर तु भी ये चित्र बना लें
    आज के ये बशर भगवान पे भारी होंगें
    ©®नितिन पंडित कॉमरेड

    तवायफ़,<span>गजल</span>
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    कवितागजल

    नशा है

    • Edited 3 years ago
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    • 130
    • 1 Mins Read

    निभा दो कभी, तो वफा है
    नही तो, नशा है नशा है

    करो बेवफा की सताइश
    नया सा नशा है नशा है

    हुआ मैं यूं बर्बाद, तो क्या
    इसी में नशा है नशा है

    लिखो ना ग़ज़ल एक तुम भी
    अलग सा नशा है नशा है...!!!

    Comrade Pandit

    नशा है,<span>गजल</span>
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    नेहा शर्मा

    नेहा शर्मा 3 years ago

    बहुत खूब ??

    कविताअन्य

    बेबसी

    • Edited 3 years ago
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    • 94
    • 1 Mins Read

    गरीब बाप बेटी को कार ना दे सका

    अमीर बाप बेटे को व्यवहार ना दे सका

    लक्ष्मी मिल गयी और क्या चाहिए दहेज में

    क्युं पति अपनी पत्नी को प्यार ना दे सका
    - नितिन पंडित कॉमरेड

    बेबसी ,<span>अन्य</span>
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    कवितागजल

    प्यार की बातें

    • Edited 3 years ago
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    • 174
    • 1 Mins Read

    एक ग़ज़ल केे कुछ शे'र ...

    तेरे छोटे मन में कैसे आती
    मैं तो बात बडी जो करता था

    अब आता है देर से अक्सर वो
    इंतज़ार हर घडी जो करता था

    छोड देता था स्कूटी की जगह
    अपनी कार खडी जो करता था

    नितिन पंडित

    प्यार की बातें,<span>गजल</span>
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    कवितागजल

    अनकहा दर्द

    • Edited 3 years ago
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    • 132
    • 2 Mins Read

    मिरे कमरे में दरवाजा नही लगता
    तुझे मेरा ये गम ज्यादा नही लगता

    रहोगे तुम हमेशा साथ मेरे ही
    मुझे पक्का तिरा वादा नही लगता

    सँवरती हो खिडकी पर आकर तुम अब
    मुझे तो नेक इरादा नही लगता

    कितना भी देखूं तक्सीन
    Read More

    अनकहा दर्द,<span>गजल</span>
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