कविताअतुकांत कविता
माँ!
शुक्रिया अदा करता हूँ हृदय से
ईश्वर का
ईश्वर स्वयं न आ सके हमारी मदद के लिए
इसलिए ईश्वर ने
आपको भेजा हमारी मदद के लिए
हम पुत्रों का ख़्याल रखने के लिए
हमारी ख़ुशियों की परवाह करने के लिए।।
माँ!
शुक्रिया अदा करता हूँ हृदय से
आपके मन का
जो हर पल हमारी ख़ुशियों को
पूर्ण करने के लिए
व्याकुल रहता है।।
माँ!
शुक्रिया अदा करता हूँ हृदय से
न केवल आपको अपितु
दुनिया की हर माँओं को
जिनका एकमात्र उद्देश्य रहता है
संतान की झोली में
ख़ुशियाँ भरना
संतान के इर्दगिर्द
संकटों को न भटकने देना।।
माँ!
शुक्रिया अदा करता हूँ हृदय से
व बारम्बार प्रणाम करता हूँ
आपको,दुनिया की हर माँओं को
जो बुनती हैं स्वेटर बड़े प्रेम से संतान के लिए
जो बुनती हैं उज्ज्वल भविष्य बच्चों के लिए
अपनी ख़्वाहिशों की आहुति देकर।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित