सुविचारभक्तिमय विचारप्रेरक विचार
हे_हनुमानजी अब दुख नहीं देखा जा रहा है सबका। हे कृपानिधान अपनी कृपादृष्टि दिखाइये उनके ऊपर जो इन दिनों हर तरह से संकटों से घिर चुके हैं। हाँ प्रभु, उन तमाम ज़रुरतमंदों की ज़रुरतों की पूर्ति के साथ-साथ उनके आँखों से निकलने वाले आँसुओं की धार को रोक दीजिए जो दुख से तड़प रहे हैं बिलख रहे हैं।
--कुमार संदीप