कविताअतुकांत कविताभजन
हे माता रानी!
आपका आशीर्वाद, साथ बना रहे उनके ऊपर
जो करते हैं दिन-रात अथक श्रम
प्रतिकूल क्षण में, हर मौसम में।।
हे माँ दुर्गा!
अपनी कृपा बनाएं रखिएगा उनके ऊपर
जो तपती धूप में कपकपाती ठंड में भी
हमारी हिफ़ाज़त हेतु डटे रहते हैं सरहद पर।।
हे माँ जगदम्बे!
संतान की सलामती के लिए
तपती धूप में तन तपाते हैं जो पिता
उनके हिस्से में भी ख़ुशियाँ अर्पित कर देना
हाँ, माँ उनकी झोली में भी
सुकून भर देना।।
हे माँ कालरात्रि!
रात्रि में भी निद्रा त्यागकर
बच्चों को सुकून से सोने के लिए
जो माँ चिंतित रहती हैं
उन माँओं के आँचल में भी
सुकून के कुछ पल भर देना।।
हे माँ कात्यायनी!
जिनके मन मस्तिष्क में
नकारात्मक विचार अंतर्मन तक
समाया हुआ है, उन्हें भी सद्बुद्धि प्रदान कर
उनका जीवन सार्थक कर देना।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित