कविताअतुकांत कविता
पापा!
हाँ पापा! आपसे पूछना चाहता हूँ एक सवाल
पापा बताइये न!
भूखे पेट ही क्यों हमें किसी-किसी दिन
सोना पड़ता है रातों में
हाँ, क्या हमने किया है कोई अपराध बड़ा?
पापा!
हाँ पापा! आपसे है एक और प्रश्न
पापा बताइये न!
आपकी आँखें तब क्यों नम हो जाती हैं
जब आपको जिद करता हूँ मैं
खिलौने,आइसक्रीम खरीदने के लिए।।
पापा!
हाँ पापा! जब-जब बारिश आती है
तब-तब बारिश की बूंदों के संग
आपकी आँखों से भी आँसू की धार बहती है
आखिर क्यों पापा, क्यों?
क्या आपको रोना बहुत अच्छा लगता है?
पापा!
हाँ पापा! आप मौन खड़े हैं
दीजिए न! जवाब आप
बेटे को कलेजे से लगाकर
पिता फिर से रोने लगे और
पिता ने बेटे से कहा
"देखना बेटा! एक दिन
सब ठीक हो जाएगा"।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित