Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
सुविचार - Kumar Sandeep (Sahitya Arpan)

सुविचारअनमोल विचारप्रेरक विचार

सुविचार

  • 85
  • 6 Min Read

१)
संकट के इस दौर को देखते हुए भी यदि आपके अंदर अपनों के प्रति बीती किसी बात को लेकर कड़वाहट है, इसका आशय यह हुआ कि आपके अंदर अहंकार की मात्रा सर्वाधिक है।

२)अपनों की ख़बर लेते रहें, दौर बेहद प्रतिकूल है इन दिनों बाद में इस बात का अफ़सोस न रहे की मैंने अपनों के साथ मन भर दुर्व्यवहार किया।

३)मैं ग़लत नहीं हूँ! ग़लती मुझसे नहीं हुई है! तो मैं क्षमा क्यों माँगूं? इस तरह की सोच को मन से बाहर निकालकर रिश्तों को संजोने का प्रयत्न कीजिए, रिश्ते ही विपरीत पल में सहारे की छड़ी साबित होते हैं।

४)थोड़ा समय अर्पित करने से रिश्ते टूटने से बच जाते हैं, तो यह हमारे लिए बेहतर साबित होगा।

५)क्षमा माँग लेने से टूटते हुए रिश्ते जुड़ जाते हैं तो क्षमा माँगना गुनाह नहीं बल्कि नेक कार्य है।

६)अहंकार, स्वार्थ, ईर्ष्या नामक शब्द को मन से डिलीट करके हम जीवन को ख़ुशनुमा बनाने के साथ-साथ रिश्तों को सदैव के लिए टूटने से बचा सकते हैं।

७)माँ-बाऊजी रिश्तों को टूटने से बचाने के लिए जितना त्याग, समर्पण करते हैं उसका आधा भी यदि संतान करें तो रिश्तों में कभी भी कड़वाहट उत्पन्न नहीं हो सकती है।

८)अपनी हरकतों की वजह से रिश्तों को इस मोड़ पर मत ले जाएं! जहाँ रिश्तों का अंत होता हुआ बेहद करीब से नज़र आता हो।

@कुमार संदीप

1620491172.jpg
user-image