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अभाव और मुश्किल ने सदैव बेहतर कल का निर्माण किया है - Kumar Sandeep (Sahitya Arpan)

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अभाव और मुश्किल ने सदैव बेहतर कल का निर्माण किया है

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आलेख के शीर्षक से ही ज्ञात हो गया होगा आपको कि इस आलेख को लिखने के पीछे मेरा क्या उद्देश्य है। जी हाँ, हम सभी जानते हैं अभाव व मुश्किलों ने हमेशा ही हमारे अंदर मौजूद हुनर, प्रतिभा को निखारने का प्रयास किया है। जो भी सफल लोग हैं उन सभी ने कहीं-न-कहीं कभी-न-कभी अपने जीवन में अभाव से, मुश्किलों से सामना किया है। सामना करने के पश्चात ही उन्होंने अपना नाम इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज किया है। इसलिए इस बात के लिए कतई चिंतित मत होइए कि मेरे जीवन में मुश्किलें अधिक हैं, मेरे पास धनाभाव है या अन्य चीजों का अभाव, प्रयत्न जारी रखिए, सत्य पथ पर कदम बढ़ाना निरंतर जारी रखिए जीवन के हर मोड़ पर जीत हासिल होगी।


जब मुश्किल आए जीवन में- जीवन आम लोगों का हो या खास लोगों का मुश्किलें हर किसी के हिस्से में आती ही हैं। इसलिए मुश्किलों से तनिक भी भयभीत मत होइए और हर हाल में हर परिस्थिति में मुश्किलों का स्वागत हाथ जोड़कर कीजिए। मुश्किल को भी इस बात का एहसास दिला दीजिए कि तुम्हारी औक़ात मेरे हौंसले से बड़ी नहीं है।

अच्छे लोगों का साथ छोड़िए मत- उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में अच्छे लोगों की भूमिका अहम होती है। इसलिए ऐसा कोई भी निर्णय मत लीजिए जीवन में कभी भी जिनसे अच्छे लोगों का साथ आपसे दूर हो जाए। अच्छे लोग जो सदैव ही हर मोड़ पर आपका साथ निभाते हैं उनसे रिश्ते तोड़िए मत बल्कि उनसे रिश्ते और मजबूत कीजिए।

होगा वही जो होगी उनकी मर्जी- ईश्वर की मर्जी के आगे हम सबकी एक नहीं चलती है। चाहे हम लाख प्रयत्न करें होना होगा वही जो ईश्वर की मर्जी होगी। इसलिए परिस्थिति अनुकूल हो या प्रतिकूल स्वयं के संग ईश्वर पर भी विश्वास रखें व सत्य पथ पर कदम बढ़ाते रहें, निश्चित ही ईश्वर निराश नहीं होने देंगे। हमारा साथ देंगे हर क्षण, हर पल।

कदम रुकने न पाए किसी भी क्षण- ज़िंदगी में समस्याएं न आएं, ऐसा संभव ही नहीं है। समस्याओं का आना-जाना जारी रहता है। और जो लोग समस्याओं को राह का पुष्प मानते हुए मंजिल की ओर आगे बढ़ते हैं, कदम रुकने नहीं देते हैं उन्हें निश्चित ही ज़िंदगी कदापि निराश नहीं करती है।

समस्याएं जीवन में आने से चिंतित होकर रुक जाना समझदारी का काम नहीं है, बल्कि समस्याओं का सामना हर परिस्थिति में डटकर करना समझदारी का काम है। इसलिए, आप जिस भी क्षेत्र में हों मुश्किल आपसे मिलने एक-न-दिन निश्चित ही आएगी। इसलिए तैयार रहिए हौंसला रुपी पुष्प रखकर मुश्किल का स्वागत करने के लिए। मुश्किल भी प्रसन्नता पूर्वक आपसे विदा लेते हुए अपने कक्ष की ओर वापस लौट जाएगी। और आप बेहतर कल का निर्माण करने में सफलता हासिल कर पाएंगे।

©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित

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Anujeet Iqbal

Anujeet Iqbal 3 years ago

सही बात कही संदीप

समीक्षा
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