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London is the capital city of England.
कविताअतुकांत कविता
वसंत का आगमन
ए वसंत ,
बड़ा ही मनमोहक, तेरा आगमन,
मन भाए तेरा अल्हड़पन,
चहुं दिशा हरियाली छाए,
हर्षाए वन -उपवन।
भरे मन में प्रेम की सौगात,
फूलों ने किए सोलह श्रृंगार,
तितलियां भी करें अठखेलियां,
मस्ती
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कविताअतुकांत कविता
स्त्री का अस्तित्व
ताउम्र निभाते रिश्तेदारियां,
अब थक गई हूं मैं,
मानों ऐसा लगता है,
अपना अस्तित्व भी,
खोते जा रही हूं मैं।
सबको खुश रखते रखते,
अपनी खुशी भूल,
जाती हूं मैं,
सबकी जरूरतें पूरी करते
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कहानीलघुकथा
आत्मग्लानि (लघुकथा)
मां………... और काव्या सुबक सुबक कर रोने लगी। रजनी ने बड़े ही विस्मित होकर पूछा 'काव्य क्या हुआ?' मां की ममता भरी आवाज सुन काव्या और जोर जोर से रोने लगी। रजनी ने काव्या की आसुओं को
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लेखआलेख
छठ महापर्व बिहार का अत्यंत लोकप्रिय लोक पर्व है। जो संपूर्ण बिहार और उत्तर पूर्वी राज्यों में मनाया जाता है। कार्तिक महीने के षष्ठी तिथि से इस महाअनुष्ठान की शुरुआत होती है। यह अनुष्ठान 4 दिनों
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लेखअन्य
लोकल ट्रेन का सफर
आयोजन - प्रतियोगिता
विषय-ट्रेन के लोकल डिब्बे का एक्सपीरिंस
विद्या - संस्मरण
ऐड ए टैग- संस्मरण
दिनांक-10/11/2020
बात उन दिनों की है जब मैं उड़ीसा के केंदुझरगढ़ नाम के एक जिले में रहती
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बढ़िया संस्मरण और वाकई यह सच्चाई है कि दुनिया में हर तरह के लोग हैं।
धन्यवाद,हां दी ये बिल्कुल सत्य है
कहानीलघुकथा
विकृत मानसिकता
"सब को थोड़े ही बेटा हो पाता है जो अच्छे कर्म करते हैं उन्हें ही औलाद का सुख मिलता है ये सब इसके पूर्वजन्म का पाप है।"जब सासू मां की ये आवाज दिशा की कानों में पड़ी तो अचानक ही उसकी आंखें
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कविताअतुकांत कविता
गुमनाम जिंदगी
एक अकेली लड़की,
जीवन के दू:ख , दर्द से पीड़ित,
तन्हाइयों में रोती सिसकती,
पूछती एक सवाल,
क्या किया ऐसा गुनाह,
जो गुमनाम गलियों में खो गई?
अकेलापन मुझे खाये जाता,
इन गलियों में बैठी,
तेरे
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कविताअतुकांत कविता
मेरी यह नवीनतम रचना कार्तिक मास की उस कपकपाती ठंड की है जब सारे लोग सूर्य के निकलने की प्रतिक्षा बड़ी ही बेसब्री से करते हैं।
लो आ गई धूप,
लो आ गई धूप।
कार्तिक मास में,
ओस से घिरी,
घने कुहासों के बीच,
दिखलाई
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