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चुनौती - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

कहानीसामाजिकप्रेरणादायक

चुनौती

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चुनौती
"वैष्णवी, विहान कोरोना अभी गया नहीं है।यह चुनौती का समय है। तुमने जो घर पर रहकर ही पढ़ाई की है,ऑनलाइन स्कूल के टाइम- टेबल मुताबिक ओर अपनी खुद की भी समय-सारनी के अनुसार जो पढ़ा था उसके मूल्यांकन का समय आ रहा है।इम्तेहान के नतीजे बताएंगे की इस दौरान क्या शिक्षा ली थी।"
"मॉम,पढ़ना- लिखना, खेलकूद और बाकी कामों के लिए आपके बताए समय मुताबिक ही हम चले थे।"
"याद करो,तुम लोगों को कहां पसंद था कि तुम्हें रोज- रोज कोई टोका- टोकी करे।"
"मॉम,हम केवल पढ़ना ही नहीं कुछ ऐसा करना चाहते हैं कि हमारा नाम दुनिया में हो।मगर क्या घर पर पढ़कर दुनिया में नाम कमा सकता है?"
" हां, बेशक, बच्चो, आज मैं तुम्हें कहानी नहीं, बल्कि हक़ीक़त बताती हूं उनकी जिन बच्चों ने यह कर दिखाया है।नैना जायसवाल नामकी बच्ची ने 8 साल की उम्र में दसवीं और 13 साल की उम्र में ग्रेजुएशन फाइनल कर लिया।"
"वह कैसे, मॉम ?"
"घर पर रहकर, अपने माता-पिता से ही सीख कर,और कैसे!उनके पिता श्रीअश्वनी जायसवाल का अपना स्कूल था, लेकिन बच्चों की अच्छी शिक्षा को ध्यान में रखते हुए 2008 में उसे बंद कर स्वयं बच्चों को प्रशिक्षित करना शुरू किया।इसके लिए उन्होंने" चेन मेथड ऑफ़ मेमोरी" मे लेसंस तैयार किए, इस तरीके से रटने की जरूरत नहीं होती। एक विषय में करीब 20 अध्याय होते जिन्हें वे चेन में बनाकर इन्हें देते और वे समझतीं।"
"मॉम यह सचमुच बहुत बड़ी बात है, मगर मैं तो दुनिया भर में नाम कमाना चाहता हूं ,वह कैसे होगा?"
" और मैं भी तो!"
"आगे सुनो बच्चो,नैना टेबल-टेनिस चैंपियन रहीं हैं,वे दोनों हाथों से लिख सकती हैं,पियानो बजा लेती हैं,गाना भी गाती हैं, हैदराबादी बिरियानी 25 मिनट में बना लेती हैं, रामायण के 108 श्लोक कंठस्थ करके गा चुकी हैं ,दुनिया भर के स्कूलों में मोटिवेशनल स्पीच के लिए जाती हैं।इस तरह दुनिया भर के लोग उन्हें जानते हैं।"
"यह तो सचमुच ताज्जुब की और बहुत गर्व की भी बात है!"
"मॉम,आप हम दोनों को कैसे इस तरह बना पाएंगी?"
"बच्चों ,यह भी भाई- बहन हैं अभी तो मैंने नैना के ही बारे में बताया, अब सुनो, उनके भाई के बारे में!
इनके भाई भी इनके ही रास्ते पर हैं।वह भी रटकर नहीं, समझ कर पढ़ने की बात कहते हैं। जब वे मात्र 2 साल के थे तो उन्होंने 300 प्रश्नों के जवाब न्यूज़ चैनल पर लाइव दिए, 5 साल की उम्र में 3000 प्रश्नों के उत्तर दिए, मीडिया ने उन्हें 'गूगल बॉय'की उपाधि दी। उन्होंने 13 साल में ग्रेजुएशन फाइनल किया। इस तरह 15 साल की उम्र में वे बी टेक करने के बाद इंजीनियर बन गए।"
"मॉम, ये कहां के रहने वाले हैं ?क्या हम इनसे मिल सकते हैं?"
बच्चों ,ये गुजरात के भुज के रहने वाले हैं। फिलहाल तो लॉकडउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है, जब परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी तब हम अवश्य मिलने का प्रयास करेंगे।"
"मॉम, अगर ये बच्चे अपने माता-पिता के प्रयासों और उनके मार्गदर्शन में मेहनत कर आज सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं कि हम भी आप के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से वह कर दिखाएंगे, जिसका हमने सपना देखा है।"
"यह हुई ना बात! तो चलो अपनी स्टडी टेबल और अपना सामान दुरुस्त करो, अपना टाइम- टेबल सामने डिस्प्ले करो, जिससे उसको फॉलो करने में तुम्हें कोई कठिनाई ना हो।"
"यस मॉम!"

गीता परिहार
अयोध्या

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शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

कहानी के बहाने अच्छी जानकारी

Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

बहुत अच्छी रचना..!

दादी की परी
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