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अनोखी रामलीला - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

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अनोखी रामलीला

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अनोखी रामलीला
"बच्चो, आज हम बात करेंगे एक रामलीला कमेटी की जिसमें सभी कलाकार महिलाएं हैं।"
"वाह! महिला सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण या कि महिलाओं का ही वर्चस्व हो उसका उदाहरण?"मोहन ने हंसते हुए कहा।
" मोहन, वर्ष 1990 की बात है। शाहजहांपुर स्थित क्रृभको फैक्ट्री में होने वाली रामलीला में जब एक महिला सीता का किरदार निभाने उतरी, तो अधिकतर कलाकार मंच छोड़कर यह कहते हुए चले गए कि रामलीला मंचन में सिर्फ पुरुष ही अभिनय करते हैं। नाटक की परंपरा रही है कि नायक प्रख्यात वंश का प्रतापी पुरुष होना चाहिए।बस इस मिथक को तोड़ने का बीड़ा उठा लिया गया।"
"और कौन थे यह महापुरुष, जिन्होंने न जाने कब से चली आ रही इस परम्परा को चुनौती दी ?"ओजस ने जानना चाहा।
" इस मिथक को तोड़ा फैक्ट्री के उपाध्यक्ष श्री रवि चोपड़ा की पत्नी श्रीमती नीतू चोपड़ा ने।उनका कहना था कि एक महिला रोजाना कई चरित्र निभाती है। रामलीला में पुरुषों के पात्र निभाना कौन सी बड़ी बात है ?वे रामलीला में पुरुषों के चरित्र निभा कर बड़ा संदेश दे रही हैं कि किसी से कमतर नहीं है।नारी सर्वगुण संपन्न है।"
"महिलाओं को कभी भी रामलीला करते नहीं सुना।इसके पीछे रूढ़ियों, मिथकों, मान्यताओं और पवित्रता का हवाला देकर उन्हें भूमिका निभाने नहीं दी जाती रही होगी।"माधुरी ने सोच कर कहा।
" माधुरी,तुम सही दिशा में सोच रही हो,इस तरह श्रीमती नीतू चोपड़ा ने एक ऐसी रामलीला के नए दौर का मंचन किया जिसमें सभी चरित्र महिला कलाकार ही निभाती हैं।इस अपनी तरह की अनोखी
रामलीला का मंचन दशहरे पर होता है इसका अभ्यास 15 दिन पहले से शुरू हो जाता है।"
"चाचाजी,क्यों न हम भी इस बार अपनी कॉलोनी में ऐसा ही कुछ प्रारंभ करें ?"चंचल ने सुझाव दिया।
" क्यों नहीं,रंगमंच अभिव्यक्ति का माध्यम है।इसमें हिस्सेदारी से आत्मविश्वास बढ़ता है।और फिर बात करें रामायण की तो रामायण हमें आदर्श परिवार, आदर्श पति व पत्नी के चरित्र का परिचय  कराती है।इस तरह हममें सद्गुणों का संचार भी होगा।"
" यह नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम भी होगा।"नीलिमा ने ज़ोर देते हुए कहा।
"तब यह तय रहा की इस बार हम भी लड़कियों को लेकर किसी कथा का मंचन करेंगे,कौन अपना नाम देती हैं?"सभी लड़कियों ने एक साथ हाथ उठा लिए।
"बहुत खूब,शाबाश, ऐसे ही एकता बनाए रखो।एकता में शक्ति है।"
"और यहां तो शक्ति और वह भी नारी शक्ति है!"हंसते हुए सभी लड़के बोल उठे।

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

आदरणीय आपकी यह रचना प्रत्तियोगिता में ऐड नही हुई है।

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