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सामाजिक जिम्मेदारी - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

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सामाजिक जिम्मेदारी

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सामाजिक जिम्मेदारी
"बच्चों ,पिछले कुछ दशकों से लगातार कुओं के हालात गंभीर होते जा रहे हैं।देश में कुओं के जलस्तर में 61% कमी आ चुकी है।"
"क्या भारत भर में यही दशा है,चाचाजी?"
"2008 से 2017 के बीच पंजाब और उत्तर प्रदेश जहां से देश दुनिया को कृषि उत्पाद निर्यात होते हैं, वहां अकेले पंजाब में 84% कुओं में पानी तेजी से खाली होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 83% है। कमोबेश यही हालात मैदानी इलाकों में भी है। जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में भी क्रमशः 81% और 76% कुओं में पानी की कमी दिखाई दी। यमुना तट पर बसे हरियाणा और दिल्ली के 75 से 76% कुएं अपना पानी खो रहे हैं। दुर्भाग्य से पानी की गिरावट कई इलाकों में 20 से 40 मीटर और कुछ इलाकों में 10 से 20 मीटर नीचे जा चुकी है।"
"यह सचमुच गंभीर विषय है।हम भूमिगत जल के एक तिहाई पानी का उपयोग करते हैं, मगर पानी की वापसी कैसे हो, नहीं सोचते।"गरिमा ने कहा।
"इसके अलावा पहले खेती वर्षा पर निर्भर होती थी। वर्षा के अनुसार फसलों का चयन किया जाता था, लेकिन अब किसी भी स्थान पर, किसी भी फसल का उत्पादन पानी की उपलब्धता पर हम कर रहे हैं। जब से हरित क्रांति की बात उठी, कुओं ने तेजी से पानी खोया है।"
"ऐसे में हमारी प्राथमिकता कुओं को बचाने की होनी चाहिए। किसी क्षेत्र विशेष के कुएं अगर अपना पानी खोते हैं, तो संकट उसी क्षेत्र को होता है ,इसलिए उस क्षेत्र की जिम्मेदारी प्राथमिक स्तर पर यही होनी चाहिए कि पानी को कैसे बनाए रखा जाए।मगर यह हम कैसे सीखें?"सरल ने जानना चाहा।
"हमे आसपास हो रहे समाजोपयोगी उदाहरणों से सीखना होगा।उदाहरण के तौर पर 2014 में तमिलनाडु के वेल्लोर में 4828 गांव की 20,000 महिलाओं ने स्थानीय नदी के स्रोत में पानी को बढ़ाने के लिए कुओं के निर्माण के तौर -तरीके खोज निकाले। यह नदी 15 साल पहले मर चुकी थी। इन महिलाओं ने 4 साल में करीब 3500 छोटे-छोटे कुएं बनाएं और नदी की वापसी के सारे रास्ते सुनिश्चित किए। 20 फीट गहरे और 6 फीट चौड़े रिचार्ज बनाए गए, जिनमें वर्षा के पानी को एकत्रित किया जा सकता है।इस तरह इन महिलाओं के उद्यम से एक मृतप्राय नदी को पुनर्जीवन मिला और गावों को खुशहाली।"
"सच ही है,"पुरुषार्थ से सब संभव हो सकता है। हमें भी अपने गांव के सूखे कुओं की फ़िक्र करनी होगी।क्या ही अच्छा हो अगर हम भी एक स्वयसेवकों का समूह बनाएं और समाजोपयोगी कार्य करें।"पारुल ने सुझाया।
"चाचाजी ,आप हम सब का नेतृत्व करें।आप की इन नसीहतों का सभी लाभ उठाएं।"आकाश ने अनुरोध किया।
"सुझाव पर विचार करूंगा,आज के लिए ‌‌‌‌जय हिंद।"
"जय हिंद,चाचाजी।"
गीता परिहार
अयोध्या (फैजाबाद)

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