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करवाचौथ - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

करवाचौथ

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  • 5 Min Read

जलधारा हिन्दी साहित्यिक संस्था
३/११/२०२०
स्वतन्त्र लेखन
कविता

स्त्री शक्ति स्वरूप है- करवाचौथ
है करवा चौथ स्त्री शक्ति की प्रतीति का पर्व
निहित इसमें है दांपत्य जीवन का उत्कर्ष
परिपूर्ण है प्रेम से उत्साह भरा उत्सर्ग
देता स्त्री शक्ति को समादृत करने का अवसर

कार्तिक मास का कृष्ण पक्ष
चतुर्थी मंगला करतीं निर्जल उपवास
सज संवर करतीं अन्न- जल का उत्सर्ग
हो कल्याण, पाएं दीर्घायु सहचर

वीरवती/करवा जूझ गई मकर से
बांधा उसे, अनुनय किया नर्क दें यमराज
विनती ठुकराने पर दिया यम को श्राप
पतिव्रता स्त्री रखती यम से भिड़ जाने की शक्ति

सत्यवान सावित्री की कथा नहीं अनजानी
पतिव्रता स्त्री के जुझारू पन को कहानी
तप बल का परिचय दिया यम से
रक्षा कर पति को जीवनदान दिया

प्रेम, समानता का अर्थ देता त्यौहार
नकारात्मकता से मुक्त होते युगल
पति करते पत्नी के महत्व का एहसास
स्त्री के बलिदान और त्याग का एहसास ।
गीता परिहार
अयोध्या

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