कहानीसामाजिकसस्पेंस और थ्रिलरअन्य
भंडाफोड़
बात अधिक पुरानी नहीं है।मेरे एक मित्र के मशहूर ब्रांडेड घड़ियों के शोरूम में रात को शटर काटकर सारा शोरूम खाली कर लिया गया। यह करोड़ों की चोरी थी। पुलिस ने गहरी छानबीन की पर कोई सुराग नहीं मिला।
जांच एजेंसियों का भी सहयोग लिया गया और इन्हें अपनी याददाश्त पर जोर डालकर याद करने की कोशिश करने को कहा गया कि , क्या इन्हें किसी पर संदेह है या कोई नियमित रूप से इन के शोरूम में आता था और शोरूम में रखे सामान की कीमत के बारे में पूछताछ करता था। अथवा किसी तरह की जिज्ञासा रखता था।
इनके एक मित्र रोजाना शोरूम पर हाजरी लगाया करते थे मगर वह इनके शक के दायरे से बाहर थे जांच एजेंसियों ने उनको ही अपनी जांच के दायरे में रखकर काम शुरू किया और ताज्जुब की बात है कि वे आपराधिक गतिविधि से सम्बद्ध पाए गए। उनके दरोगा ,पुलिस ,स्थानीय नेता से घनिष्ठ नज़दीकियां निकल कर आईं। बढ़ती तफ्तीश से पता चला कि उस रात जब चौकीदार पहले पर था,एक ट्रक आकर रुका। सामान भरा और रवाना हो गया। चौकीदार को बांधकर गाड़ी में ही बैठा लिया गया था।
अमूमन रात को वहाँ हलचल रहती थी। इसलिए किसी को चोरी या डकैती का कोई संदेह नहीं हुआ।
इस वारदात का खुलासा भी कुछ अनोखे ढंग से हुआ।कुछ ही दिन बाद उन महाशय की साली की शादी थी।सभी ने देखा कि बारात में रिश्तेदारों के हाथों में बहुमूल्य घड़ियां हैं। यह सूचना मिलते ही सब को धर लिया गया।इस तरह से उस चोरी की वारदात का भंडाफोड़ हुआ।
मजेदार
शुक्रिया
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