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उत्तर प्रदेश - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

लेखआलेख

उत्तर प्रदेश

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21/12/2020/
विधा: आलेख
मेरा राज्य, मेरा गौरव
यूं तो हमारा दृढ़ विश्वास 'वसुधैव कुटुंबकम' में है। समस्त संसार ही हमारा है। फिर भी जब मैं उत्तर प्रदेश में पिछले 50 वर्षों से रह रही हूं, तो इस हिसाब से यह मेरा राज्य हुआ।जिस स्थान पर आप रहें, उस पर गर्व करें यह भी हमारा कर्तव्य बनता है ,तो आज मैं उत्तर प्रदेश राज्य के गरिमामई इतिहास को आपके समक्ष रखती हूं।

उत्तरप्रदेश का इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है।यह सबसे अधिक जनसंख्या वाला( 24 करोड़)सबसे बड़ा प्रदेश है।भारत के उत्तर में स्थित इस प्रदेश ने भारत को सर्वाधिक प्रधानमंत्री (8) और सर्वाधिक लोकसभा और राज्यसभा सदस्य भी दिए हैं।इसकी सीमाएं उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान जैसे उत्तरी व पश्चिमी राज्यों से लगती हैं।

हिन्दी साहित्य को उत्तर प्रदेश के गोस्वामी तुलसीदास, कबीरदास, सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, आचार्य राम चन्द्र शुक्ल, मुँशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रा नन्दन पन्त, मैथलीशरण गुप्त, सोहन लाल द्विवेदी, हरिवंशराय बच्चन, महादेवी वर्मा, राही मासूम रजा, हजारी प्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय जैसे महान कवि और लेखकों ने समृद्ध किया है।उर्दू साहित्य के फिराक़, जोश मलीहाबादी, अकबर इलाहाबादी, नज़ीर, वसीम बरेलवी,अनवर फर्रुखाबादी, चकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैं। यहां अवधी,ब्रज,हिंदी और उर्दू बोली जाती है।
उत्तर प्रदेश खनिज संपदा से भी मालामाल है।उन खनिजों के आधार पर विंध्य क्षेत्र के मिर्ज़ापुर में सीमेंट के कारखाने,बांदा और सोनभद्र में बॉक्साइट आधारित एल्यूमीनियम संयंत्र,सिंगरौली में कोयला,यूपी-दिल्ली-एनसीआर,लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग पनप रहे हैं।
विश्व-प्रसिद्ध हथकरघा से बुने वस्त्र और जरी-कढ़ाई और जरी-रेशम की साड़ियों के लिए वाराणसी प्रसिद्ध है, लखनऊ चिकनकारी का गढ़ है।चमड़े और चमड़े के उत्पाद के लिये आगरा और कानपुर अग्रणी हैं।मेरठ एशिया का सबसे बड़ा सोना बाजार और देश के खेल संबंधी वस्तुओं और संगीत वाद्ययंत्रों का सबसे बड़ा निर्यातक केंद्र है। बुलन्दशहर दुनिया भर में खुर्जा मिट्टी के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है। मथुरा भारत की छठी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी है।अलीगढ़ तालों के लिए, फिरोजाबाद की चूड़ियों, सहारनपुर काष्ठ शिल्प, पिलखुवा हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरों,रामपुर पैचवर्क, मुरादाबाद पीतल के बर्तनों ,औरंगाबाद टेराकोटा और मेरठ की कैंची के लिए जाने जाते हैं।

नृत्य की बात करें तो यहां का कथक नृत्य जिसे सूक्ष्म मुद्राओं के साथ ठुमरी गायन पर तबले और पखावज के साथ ताल मिलाते हुए किया जाता है, वह उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति में प्रमुख स्थान रखता है।

सम्राट अशोक द्वारा निर्मित चार सिंह युक्त स्तम्भ सारनाथ में स्थित हैं।बनारस घाट और हरिद्वार की गंगा आरती, अयोध्या का सावन झूला मेला और दीपावली, प्रयागराज का 12 वर्ष का कुंभ और 6 वर्ष के बाद अर्धकुंभ, मथुरा, वृंदावन, बरसाने की होली, बाराबंकी का देवा मेला यह सब मिलकर उत्तर प्रदेश की खासियत हैं। गीता परिहार
अयोध्या

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