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भारतीय संगीत - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

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भारतीय संगीत

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"बच्चो, आज हम बात करेंगे भारतीय संगीत की। क्या आप जानते हैं इस संगीत का प्रारंभ वैदिक काल से भी पूर्व का है? और इस संगीत का मूल स्रोत वेदों को माना जाता है?"

"यह तो हमारे लिए एक आश्चर्य की जानकारी है!'योगेश ने विस्मित होकर कहा।

"हिंदु परंपरा मे ऐसा मानना है कि ब्रह्माजी ने नारद मुनि को संगीत वरदान में दिया था।"

"नारद जी को धारावाहिकों और फिल्मों में हमेशा केवल नारायण, नारायण कहते ही सुना है।"नमिता ने मुंह दबाकर हंसते हुए कहा।

" बच्चों,पंडित शारंगदेव कृत "संगीत रत्नाकर" ग्रंथ मे भारतीय संगीत की परिभाषा "गीतम, वादयम् तथा नृत्यं त्रयम संगीतमुच्यते" कहा गया है। गायन, वाद्य वादन एवम् नृत्य; तीनों कलाओं का समावेश संगीत शब्द में माना गया है। तीनो स्वतंत्र कला होते हुए भी एक दूसरे की पूरक है।"

"भारतीय संगीत कितने प्रकार का है, चाचा जी?"हिमेश ने उत्सुकता से पूछा।

"भारतीय संगीत के दो प्रकार प्रचलित है; प्रथम कर्नाटक संगीत, जो दक्षिण भारतीय राज्यों में प्रचलित है और दूसरा है हिन्दुस्तानी संगीत जो शेष भारत में लोकप्रिय है।"

" चाचा जी, हमारी धार्मिक एवं सामाजिक परंपराओं में जिस संगीत का प्रचलन देखने में आ रहा है। उससे क्या भिन्न था पहले का संगीत ?"धर्मेश ने पूछा।

"धर्मेश,संगीत भारतीय संस्कृति की आत्मा है।वैदिक काल में अध्यात्मिक संगीत को मार्गी तथा लोक संगीत को 'देशी' कहा जाता था।कालांतर में यही शास्त्रीय और लोक संगीत के रूप में दिखता है।"

"चाचा जी, पहले की शिक्षा में वैदिक मंत्रोच्चारण ,श्लोक इत्यादि भी तो लय के साथ गाए जाते थे?"पंखुड़ी ने पूछा।

"वैदिक काल में सामवेद के मंत्रों का उच्चारण उस समय के वैदिक सप्तक या सामगान के अनुसार सातों स्वरों के प्रयोग के साथ किया जाता था। गुरू-शिष्य परंपरा के अनुसार, शिष्य को गुरू से वेदों का ज्ञान मौखिक ही प्राप्त होता था।"

" चाचाजी, भारतीय संगीत के सात स्वर हैं ,यह मैं जानती हूं सा रे गा मा पा धा नी, सही है, ना चाचा जी?"श्यामली ने पूछा।

"बिल्कुल सही है,श्यामली, अब तुम में से कौन बताएगा कि संगीत के प्रकार कितने होते हैं?"

"है तो मुश्किल सवाल है, चाचाजी,इस तरह की जानकारी तो नहीं है आप ही बताइए !"ईशान ने कहा।

"बच्चो, संगीत के तीन प्रकार होते हैं शास्त्रीय संगीत, उप शास्त्रीय संगीत और सुगम संगीत।उपशास्त्रीय संगीत में ठुमरी, टप्पा, होरी, कजरी आदि आते हैं।

सुगम संगीत जनसाधारण में प्रचलित है जैसे ;भजन,ग़ज़ल, भारतीय फिल्म संगीत, भारतीय पाप संगीत, लोकसंगीत, चित्रपट संगीत।"

" बच्चो,कल हम इनके उदाहरणों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।"

"नमस्ते चाचा जी और आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।"

सभी बच्चों ने समवेत स्वर में कहा।

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