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अयोध्या (जो अब तक फैज़ाबाद कहलाता था)
फैज़ाबाद उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर था, जो अब अयोध्या कहलाता है।अयोध्या नगरी से इसकी दूरी लगभग 7 कि.मी.है।यह भगवान राम और ऋषि मुनियों की नगरी रहा है।
फैज़ाबाद शहर की स्थापना अवध के पहले नवाब सआदत अली खान ने 1730 में की थी। उन्होंने इसे अपनी राजधानी बनाया, लेकिन वे यहाँ बहुत कम समय व्यतीत कर पाए। तीसरे नवाब शुजाउद्दौला यहाँ रहते थे और उन्होंने नदी के तट पर 1764 में एक दुर्ग का निर्माण करवाया था।उनका और उनकी बेगम का मक़बरा इसी शहर में स्थित है। 1775 में अवध की राजधानी को लखनऊ ले जाया गया। 19वीं शताब्दी में फैज़ाबाद का पतन हो गया।
यह लखनऊ से लगभग 130 किलोमीटर पूर्व में घाघरा नदी (जिसे सरयू के नाम से जाना जाता है) के तट पर स्थित है। यहां अवध के नवाबों द्वारा निर्मित स्मारक बहू बेगम और गुलाब बारी का मकबरा दर्शनीय स्थल हैं।
फैज़ाबाद का इतिहास अत्यन्त गौरवपूर्ण एवं समृद्ध है।यह प्रभु श्रीराम की जन्म एवं कर्मस्थली है। मुगल आक्रमणकारियों ने अयोध्या का नाम बदलकर फ़ैजाबाद कर दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी सरकार ने इसका नाम दोबारा से बदलकर अयोध्या कर दिया है।
फैज़ाबाद मुख्यालय से 15 किमी॰ दक्षिण सुलतानपुर रोड रोड पर स्थित है भरतकुण्ड,जहां भरत श्रीराम की खड़ाऊँ लेकर चौदह वर्ष तक रहे थे।
फैज़ाबाद सड़क तथा रेल मार्ग द्वारा प्रयागराज, वाराणसी सुल्तानपुर जौनपुर और उत्तर भारत के अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। फैज़ाबाद की कुल आबादी लगभग तीन लाख है।
फैज़ाबाद का निकटतम हवाई अड्डा फैज़ाबाद से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविधालय, अयोध्या के समीप भी एक हवाई अड्डा है।
इस हवाई अड्डे का नाम श्रीरामलला अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।अभी यह हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने को प्रस्तावित हो गया है।
फैज़ाबाद में लगभग 15 प्रतिष्ठित कॉलेज हैं।अवध विश्वविद्यालय, नरेंद्र देव कृषि विश्व विद्यालय के अलावा मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी ,आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज , इंजीनियरिंग कॉलेज भी हैं। यहां लगभग 100 स्कूल हैं। उनमें 10 बेहतरीन स्कूल हैं। इनमें जे बी अकेडमी भारत में 969 व स्थान का और यूपी में 96 स्थान पर प्रतिष्ठित स्कूल है।यहां एक केंद्रीय विद्यालय और एक नवोदय विद्यालय भी है।अयोध्या धर्म अध्यात्म के साथ चिकित्सा की भी राजधानी के तौर पर विकसित हो रही है।अयोध्या में चलने वाले निशुल्क चिकित्सालय मरीजों को न केवल मुफ्त इलाज उपलब्ध करा रहे हैं बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मुहैया करवा रहे हैं। स्वयंसेवी संस्था कल्याणं करोति ने यहां निशुल्क नेत्र चिकित्सालय की स्थापना का लक्ष्य तय किया है।
फैज़ाबाद की मल्लिकाए ग़ज़ल बेगम अख्तर को कौन नहीं जानता? यहां बहुत मशहूर शायर भी हुए हैं जिनमें अजहर कादरी,अत्ता शाद,चकबस्त बृज नारायण, इमाम बख्श नासिख का नाम उल्लेखनीय है।राममनोहर लोहिया, कुंवर नारायण, राम प्रकाश द्विवेदी आदि की यह जन्मभूमि है। फैज़ाबाद , सरयू नदी के दक्षिणी तट के किनारे जलोढ़ मैदान के उपजाऊ हिस्से पर बसा हुआ है। यहाँ प्रमुख फ़सलें धान, गन्ना, गेहूँ और तिलहन हैं। अयोध्या के दक्षिण-पूर्व में स्थित टांडा शहर में निर्यात के लिए हथकरघा वस्त्र का निर्माण होता है। तथा अबेंडकर नगर जिले के राजेसुल्तानपुर से तम्बाकू सस्ती दरों पर प्राप्त हो जाता है, सोहावल के पास पनबिजली उत्पादन केंद्र है।
फैज़ाबाद शहर के उद्योगों में चीनी प्रसंस्करण और तिलहन की पेराई शामिल है।यह कृषि उत्पादों का व्यापारिक केंद्र भी है।
ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से भी यह स्थान काफ़ी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। कलकत्ता क़िला, नागेश्वर मंदिर, राम जन्मभूमि, सीता की रसोई, अयोध्या तीर्थ, गुरुद्वारा ब्रह्मकुण्ड और गुप्तार घाट , गुलाब बाड़ी ,तथा बहु बेगम का मकबरा , यहां के प्रमुख एवं प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से हैं। छावनी छेत्र से लगा हुआ गुप्तार घाट में अवस्थित श्री अनादि पंचमुखी महादेव मन्दिर नगरवासियों की आस्था का केन्द्र हैI
बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित रामलला के मंदिर का भव्य निर्माण भी शुरू हो चुका है।धन्नीपुर में 5 एकड़ में बनने वाली मस्जिद का स्वरूप इस्लामिक आर्किटेक्ट के आधार पर होने जा रहा है,यह मस्जिद एक चौकोर डिजाइन में होगी।इसमें गुंबद व मीनार नहीं होंगे।
गीता परिहार
अयोध्या
फैजाबाद के सम्बन्ध में अच्छी जानकारियां.
आपका हार्दिक आभार