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प्रेम का मोल - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

कविताहाइकु

प्रेम का मोल

  • 175
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हाइकु
प्रेम का मोल
१.
प्रेम का मोल
लग न पाया कभी
है अनमोल।
२.
प्रेम बयार
भाये, बढ़ाए प्रेम
अपनापन।
३.
मोल प्रेम का
पहचान, बचा ले
ये सच्चे रिश्ते।
४.
हर पल हूं
प्रेम ऱंग दिवानी
जग न जानी
५.
आंखों का पानी
प्रेम की गहराई
लब ख़ामोश।

६.
फूल सा खिला
प्यार बिखरी भीने
की ये खुशबू।

७.
हो प्रेम लीन
खुशहाल जगत
कल्याणमयी।

८.
वृद्धावस्था
का न हो इंतजार
कर प्रभू से प्यार।

गीता परिहार
अयोध्या

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