कविताहाइकु
हाइकु
प्रेम का मोल
१.
प्रेम का मोल
लग न पाया कभी
है अनमोल।
२.
प्रेम बयार
भाये, बढ़ाए प्रेम
अपनापन।
३.
मोल प्रेम का
पहचान, बचा ले
ये सच्चे रिश्ते।
४.
हर पल हूं
प्रेम ऱंग दिवानी
जग न जानी
५.
आंखों का पानी
प्रेम की गहराई
लब ख़ामोश।
६.
फूल सा खिला
प्यार बिखरी भीने
की ये खुशबू।
७.
हो प्रेम लीन
खुशहाल जगत
कल्याणमयी।
८.
वृद्धावस्था
का न हो इंतजार
कर प्रभू से प्यार।
गीता परिहार
अयोध्या