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सीख - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

कहानीसामाजिकऐतिहासिकप्रेरणादायक

सीख

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  • 9 Min Read

सीख
 बच्चो,हमारी संस्कृति अत्यंत समृद्ध है।देखिए,हाल की उत्तर रामायण को दुर्दशा पर दिखता जा रहा था।तुम्हें याद है एक एपिसोड जो अत्यंत संदेशप्रद था।इसमें प्रकृति से प्रेम,सहअस्तित्व की भावना और प्रैक्टिकल लर्निंग कैसे की जाती है, इसके अनूठे उदाहरण देखने को मिले।
वह यह था कि सीताजी वन में बच्चों के साथ सूखी लकड़ियां चुनने जाती हैं।लव अज्ञानता वश जब हरे वृक्ष पर कुल्हाड़ी चला देते हैं ,तब सीताजी उन्हें शिक्षा देती हैं कि वृक्षों में भी जीवन है,उन्हें भी दर्द होता है।पीड़ा का उदाहरण देते हुए कहती हैं कि जब हम पर कोई आघात करता है,हमारे शरीर से रक्त निकलता है, , हमें पीड़ा होती है,ठीक उसी प्रकार पेड़ों से रस निकलता है, उन्हें भी पीड़ा होती है।उनके सह अस्तित्व पर बल देते हुए वे कहती हैं कि, बालक पेड़ से क्षमा याचना करें। इसी संदर्भ में एक और झलक देखें,लव और कुश,दोनों बालक प्रतिदिन जिस पेड़ के नीचे वंदन के लिए बैठते हैं, उस पेड़ की बांबी में एक सांप रहता है। ऋषि बाल्मीकि सशंकित हैं कि सांप बालकों को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए वे अपने शिष्य को भेजते हैं कि उस सांप से प्रार्थना करे कि वह कहीं अन्यत्र चला जाए। यह जानकर बच्चे कहते हैं कि, जितना हमें इस धरती पर रहने का अधिकार है, उतना ही उन्हें भी रहने का अधिकार है।ऐसी शिक्षा उन बच्चों को उनकी मां ने दी है।दोनों बातें गौर करनेवाली हैं, बाल्मीकि का सांप को प्रार्थना करना और माता का इतनी उत्तम शिक्षा देना!; दोनों अद्भुत हैं।
 तीसरी झलक रामायण से जो उस दिन सीखने योग्य है, वह प्रैक्टिकल शिक्षा का अनूठा उदाहरण है।
 
ऋषि बाल्मिकी संस्कृत के श्लोक की शिक्षा देने बच्चों को उन स्थानों पर ले जाते हैं, जिनका वर्णन श्लोक में है, जिससे बच्चों को उसका अर्थ सहज ही समझ में आ जाए।
  बच्चो,आप आप भाग्यशाली हैं कि आजकल की शिक्षा सर्वांगीण विकास पर अत्यधिक बल देती है।आज शिक्षा बाल केंद्रित है, मनोरंजक भी है। इसका भरपूर लाभ उठाएं!
गीता परिहार
अयोध्या

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Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

रामायण से शिक्षा के बहुत सुन्दर उदाहरण..!

Gita Parihar3 years ago

जी, आपका बहुत, बहुत धन्यवाद

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