कहानीहॉरर
वह कौन थी?
आज के अत्याधुनिक युग,21सदी में कोई भूत -प्रेत, तंत्र- मंत्र अथवा अदृश्य शक्तियों की बात करेगा,तो कोई यक़ीन नहीं करेगा,बल्कि सब यही कहेंंगें, सब कपोल- कल्पना और बकवास है।
लेकिन आज मैं आपबीती बताने जा रहा हूं। मेरा इस शहर में नया-नया तबादला हुआ था।कई दिनों से एक अच्छे घर की तलाश जारी थी।आज एक मित्र के कहने पर मैं एक पॉश इलाके में मकान देखने गया। वह मकान क्या था, समझ लो मेरे ख्वाबों की ताबीर थी। सामने पार्क था। खुला लॉन, पीछे किचन गार्डन, बड़े हवादार कमरे, फ्लोर ,सीलिंग ,कहने का अर्थ है, घर का सब कुछ एक ही नज़र में मुझे भा गया। मकान मुझे पसंद आ गया।यह
कहने के लिए मैं मकान मालिक के फ्लैट में गया।
यह ऊपर के हिस्से में था।
मैंने कहा," मकान मेरी जरूरत के मुताबिक बिल्कुल ठीक है, मुझे एडवांस बता दीजिए और बाकी सारी फॉर्मेलिटी हम कर लें तो मैं शीघ्र ही सामान लाकर शिफ्ट हो जाऊं।"मैं मान्या के बारे में सोच रहा था जो रोजाना मुझे दिन में तीन बार फोन करके पूछती रहती है कि मैं उसे लेने कब आऊंगा।
उन्होंने कहा,"ठीक है, मगर मैं आपसे कुछ बात बताना चाहता हूं,"मैं रुक गया मैंने उनकी ओर देखा, उन्होंने कहा," इस मकान में एक औरत ने पंखे से लटककर जान दे दी थी। उसके बाद यह काफी दिन तक बंद भी रहा। लोग यहां रहने से डरते हैं।" मैंने कहा दुनिया में लोग जीते- मरते ही हैं, मैं इन सब बातों को नहीं मानता। और रही बात डरने की तो इंसानों से तो मुझे डर लगता नहीं फिर भूत प्रेत से क्या डरना!"
उन्होंने कहा," ठीक है, यह बताना मेरा फर्ज था।"
मैं उनसे दूसरे दिन मिलने का टाइम लेकर सीढियों की और बड़ा, तभी मैंने मुड़कर उनसे कहा," हां, एक और बात वह जो मेड सर्वेंट थी, जिसे आज आपने भेजा था सफाई के लिए, उसे कहिएगा कि हफ्ते भर के बाद वह परमानेंटली हमारे यहां काम करने आ जाए।" अब चौंकने की बारी उनकी थी," मेड सर्वेंट! कौन सी मेड सर्वेंट! मैंने तो कोई मेड सर्वेंट नहीं भेजी।"
मैंने कहा," वह सांवली सी, सफेद साड़ी में एक 28 -29 साल की औरत जूड़ा बांधे, माथे पर काली लंबी बिंदी लगाए हुए....,"
उन्होंने कहा ,"यह हुलिया जो आप बता रहे हैं यह तो उसी औरत का है जिस ने पंखे से लटककर जान दे दी थी।"
गीता परिहार
अयोध्या
रहस्यमय लघुकथा..!
धन्यवाद, आपका
धन्यवाद