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शरद पूर्णिमा की रात - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

शरद पूर्णिमा की रात

  • 159
  • 3 Min Read

शरद पूर्णिमा की रात

आश्चिन मास ,शुक्ल पक्ष कौमुदी व्रत की बात
रास पूनम की रात ,पुनर्योवन,ऊर्जादात्री रात

पायस भरे घट पर अमृत वर्षा की रात
उज्ज्वल धवल है इंदु मनोरम,शरद पूनम की रात

नभ आलोकित पीयूष छलकाती
शीतल किरणें,धवल चांदनी रात

मधुमय चाँद सजीला औ यमुना तीर
पावन कदम्ब तले महारास की रात

वृंदावन का निधिवन,मोहन रूप अनेक
हर गोपी संग सुखद यामिनी रात

शीतल प्रेम सुधा बरसाती
कोजागिरी लक्ष्मी पूजन की रात

आरोग्यदायनी , सुख करनी
चंद्र की षोडश कलाओं वाली रात।

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Swati Sourabh

Swati Sourabh 3 years ago

बहुत सुन्दर रचना

Gita Parihar3 years ago

बहुत, बहुत धन्यवाद

प्रपोजल
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माँ
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