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क्रिसमस
हर त्यौहार को मनाने के मकसद लगभग समान होते हैं; प्रेम, सद्भावना, विश्वास और भाईचारा। ऐसे ही मकसद के साथ दुनिया में सर्वाधिक मनाया जाने वाला त्यौहार है, क्रिसमस।इस त्योहार को ईसाई समुदाय प्रति वर्ष 25 दिसम्बर के दिन मनाता है। इसे बड़ा दिन कहा जाता हैं।माना जाता है, इस दिन ईसा मसीहा का जन्म हुआ था, जो ईसाई समुदाय के आराध्य कहे जाते हैं।
क्रिसमस 25 दिसंबर से शुरू होकर 6 जनवरी तक मनाया जाता है। इस तरह यह त्योहार 12 दिनों तक मनाया जाता है।इस 12 दिनों के त्योहार को 'क्रिसमस टाइड' के नाम से जाना जाता हैं।इन दिनों सभी एक दूसरे को फूल, उपहार और कार्ड्स आदि देते हैं।साथ ही इन दिनों क्रिसमस के गीत गाये जाते हैं, सभी बाइबिल पढ़ते हैं, ध्यान करते हैं और उपवास भी करते हैं।
क्रिसमस के दिन सदाबहार वृक्ष को सजाया जाता है। यह परम्परा जर्मनी से शुरू हुई थी। जिसमे एक बीमार बच्चे को खुश करने के लिए उसके पिता ने सदाबहार वृक्ष को सुंदर तैयार करके उसे उपहार दिया था।
माना जाता है कि जब येशू का जन्म हुआ, तब सभी देवताओं ने सदाबहार वृक्ष को सजाया था, तब से इस वृक्ष को क्रिसमस ट्री का प्रतीक समझा जाने लगा और यह परंपरा प्रचलित हुई।
क्रिसमस में येशु के जन्म और जीवन संबंधी कहानियाँ पढ़ी और सुनाई जाती हैं, जिससे मनुष्य में शांति, दया, सदाचार और प्यार का भाव उत्पन्न हो।
इन दिनों सभी अपने घर और आसपास के सभी स्थानों को साफ़ करते हैं और सजाते हैं। विभिन्न व्यन्जन बनाते हैं।इन दिनों चर्च में प्रार्थना की जाती हैं,मोमबत्तियां जलाकर उत्साह मनाया जाता हैं।भारत में इस पर्व की दोहरी खुशी होती है, क्योंकि इसी दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न आदरणीय श्री अटल बिहारी वाजपेई का जन्म दिवस पड़ता है, और सुखद बात यह है कि महामना मदन मोहन मालवीय का भी आज जन्म दिवस है।