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देशहित - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

कहानीसामाजिकप्रेरणादायक

देशहित

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" बच्चो,नमस्ते,क्या आप सब तैयार हैं आज की चर्चा के लिए?"
"नमस्ते चाचाजी,हम सब बेसब्र हैं कि आज आपके पिटारे से क्या निकलेगा!"हंसते हुए हिमांशी ने कहा।
"ओह,ऐसा ! बच्चोो बात,करेंगे एक आदर्श गांव की जो मिसाल बन गया अन्य गांवों के लिए।"
"जरुर यह स्थान हमारे भारत में ही होगा, है न चा चाजी?"पारुल ने पूछा।
"बच्चों,जैसा कि मैं तुम्हें बता चुका हूं कि हम इस लॉक डाउन तक भारत के बारे में ही जानकारी हासिल करेंगे।निश्चित तौर पर यह स्थान भी भारत में ही है।"
"कहां है यह अनोखा गांव और क्या है इसकी विशेषता, चाचाजी ?"यतीन्द्र ने उत्सुकता जताई।
"यह स्थान है कानपुर ,जालौन का इटोरा अकबरपुर गांव जो ग्राम स्वावलंबन का प्रेरक उदाहरण बन कर सामने आया है। जानते हैं कैसे, ग्राम प्रधान की सोच और ग्रामीणों के सहयोग से।इस गांव का डंका देश दुनिया में बज रहा है।"
" देश और विदेश में भी, वह कैसे, चाचू ?"
"सबने सरीला, जाल्हूपुर हाईवे पर स्थित इस गांव की कारोबारी महत्ता वाली ग्राम समाज की बड़ी जमीन से अवैध कब्जे हटाकर पार्क, श्मशान भूमि और यात्री प्रतीक्षालय बना दिए। 9 दुकानें बनवाकर बेरोजगारों को मामूली किराए पर दीं।यात्री प्रतिक्षालय बनवाये, जिससे आने -जाने वाले वाहन रुकने लगे। इससे ग्रामीणों के रोज़गार की समस्या हल होने में सहायता मिली।"
"चाचाजी,बड़ी जमीन से अवैध कब्जे हटाने का काम तो बहुत जोखिम भरा काम है,वह कैसे हो सका।"उत्कर्ष ने चिंता जाहिर की।
"बच्चो,"जहां चाह वहां राह"और फिर यहां तो सबका साथ था, कहते हैं न,"एकता में शक्ति होती है।और तो और सबने गांव में मर रहे तालाब को जीवित कर नौका विहार का केंद्र बना दिया!यह भी आय का जरिया बन गया।यहां कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले को वृहद और व्यवस्थित कर उससे पंचायत की आय बढ़ाने में मदद हुई।"
"उन्नत सोच और आत्मविश्वास से असम्भव कुछ भी नहीं।"संकर्षण ने आशा जताई।
"बच्चो, यहां 50 फीसद से अधिक घरों में पाइप लाइन के जरिए जलापूर्ति है ।17,000 लीटर क्षमता के तीन सोलर वॉटर टैंक भी साफ पानी दे रहे हैं।
एक दर्जन प्राइमरी स्कूल , दो इंटर कॉलेज, 1 डिग्री कॉलेज आसपास के डेढ़ दर्जन गांवों को शिक्षा मुहैया करा रहे हैं। सोलह सौ परिवारों में तेरह सौ के पास पक्के मकान हैं।आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 400 ने पक्के मकान पानी पूरी के व्यापार करके बनाये हैं! 50 परिवार उज्जवला रसोई गैस ,शौचालय समेत पीएम आवास आदि सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।"
"चाचाजी, खेती के लिए क्या कुछ विशेष हुआ है ?"खुशबू ने पूछा।
"यहां 50 लोगों के पास ट्रैक्टर हैं। 20 के पास निजी नलकूप हैं , सेवा के बदले लोग यूजर चार्ज देते हैं।
पंचायत ऑन सोर्स रेवेन्यू के तहत हर साल एक लाख से अधिक आय अर्जित कर रहा है ।"
"चाचू, क्या यहां बैंक शाखा और एटीएम की सुविधा भी उपलब्ध है?"
" निसंदेह ! यह गांव स्वावलंबन का एक प्रेरक उदाहरण है।"
"चाचाजी,आपने यहां के ग्राम प्रधान का नाम नहीं बताया।"गोविंद ने कहा।
" ओह!हां,ये हैं एक युवा ग्राम प्रधान, अमित द्विवेदी,जिनकी सोच का यह परिणाम है।इन्हें पंचायत सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय पंचायती राज पुरस्कार से सम्मानित किया है,साथ ही ग्राम विकास के लिए ₹12,00000 भी दिए हैं। इन्हें समरसता पंचायत विकास के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।"
"चाचाजी,कितना गर्व होता है जब ऐसे निस्वार्थ भाव से कार्य करने वालों के बारे ने जानकारी होती है कि वे भारतीय हैं।",भारत ने सर उठा कर कहा।
"बिल्कुल सही ,आप भी तो बड़े होकर देशहित के काम करेंगे,अच्छा बच्चो,आज के लिए इतना ही,जय हिंद।"
"जय हिन्द,चाचाजी और धन्यवाद भी।"
गीता परिहार
अयोध्या (फैज़ाबाद)

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दादी की परी
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