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किसान (हाइकु) - Gita Parihar (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

किसान (हाइकु)

  • 152
  • 3 Min Read

हाइकु
शीर्षक: किसान
1.
मैं हूं किसान
जज़्बातों, हालातों से
हूं पशेमान
2.
बंजर धरा
पसरी महामारी
लुटी फसल
3.
सूखी फसलें
राजनीतिक चालें
कैसी तबाही !
4.
हूं फटेहाल
संघर्ष है अनंत
सर्वस्व स्वाहा
5.
खेती के कण
उनमें मेरी जान
उगाता अन्न
6.
मुसीबत से
नहीं मैं घबराता
भू मेरी माता
7.
मेहनत औ
अथक परिश्रम
पेट पालता
8.
उम्मीद बांध
पसीना बहाकर
पौध उगाता
9.
पसीना मेरा
खेतों में चमकता
उम्मीद बांधे
10.
दोहरी मार
मेघ नही बरसता
कर्ज दबाता

गीता परिहार
अयोध्या

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शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

behtarin

Gita Parihar3 years ago

धन्यवाद

प्रपोजल
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